सोमवार, 30 नवंबर 2015

ગુજરાતી બાલગીત 1

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टीकमगढ़ शहर के बीचो-बीच स्थित किला महेंद्र सागर तालाब स्थित कालेज का मनोरम दृश्य टीकमगढ़ तालाब का एक मनमोहक नजारा



special thanks to : http://bebkoof.blogspot.in/2013/11/blog-post.html

टीकमगढ़  जिले में बुंदेला राजाओ की जागीरें और रियासतें रही है . टीकमगढ़ का नाम भगवान कृष्ण के एक नाम " टीकम " के नाम पर पड़ा . जिला मुख्यालय के नाम पर, टीकमगढ़ है. शहर के मूल नाम टेहरी था. 1783 CE ओरछा  विक्रमजीत (1776-1817 CE के शासक) में ओरछा  से अपनी राजधानी टेहरी में स्थानांतरित कर दिया है . आज भी शहर में पुराणी टेहरी नाम से मोहल्ला है , जहाँ पर किला बना  हुआ है .
शहर की सभी सीमाओं पर इस तरह के भव्य द्वार बने है .
टीकमगढ़ के राजा के द्वारा रम की बोतलों से 'बोतल हॉउस ' बनवाया गया .
                                                  इस जिले के अंतर्गत क्षेत्र ओरछा  के सामंती राज्य के भारतीय संघ के साथ अपने विलय तक हिस्सा था ! ओरछा  राज्य रुद्र प्रताप द्वारा 1501 में स्थापित किया गया था. विलय के बाद, यह 1948 में विंध्य प्रदेश के आठ जिलों में से एक बन गया. 1 नवंबर को राज्यों के पुनर्गठन के बाद, 1956 यह नए नक्काशीदार मध्य प्रदेश राज्य के एक जिले में बन गया !
टीकमगढ़ शहर आज भी एक बड़े गांव की तरह है , शहरी सुविधायें कम ही है. हाँ शहर में मंदिरों की तादाद बहुत ज्यादा है . छोटे-बड़े मंदिर जगह-जगह है . पुरे जिले में आपको बड़े-बड़े तालाब और किले आसानी से देखने मिलेंगे . चूँकि पथरीला क्षेत्र होने की वजह से यहाँ पानी की कमी रहती है , जिसे पूरा करने के लिए तत्कालीन राजाओं ने बड़े-बड़े तालाब खुदवाये . इन तालाबों की वजह से न केवल भूमिगत जलस्तर बढ़ा बल्कि लोगो के लिए मत्स्य पालन के रूप में एक रोजगार भी मिला . इन तालाबो की प्राकतिक सुंदरता भी देखते ही बनती है . मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा तालाब टीकमगढ़ जिले में ही है .लगभग 832  तालाब .
टीकमगढ़ तालाब का एक मनमोहक नजारा
                                    हाल ही में टीकमगढ़ नगर पालिका द्वारा शहर में स्थित महेंद्र सागर तालाब के किनारे ' शान- ए- टीकमगढ़ पार्क ' बनवाया है , जो बड़ा ही सुन्दर है . इस पार्क में जिले की लगभग सभी  महान शख्शियतों को मूर्तियां लगायी गयी है . इसके अलावा शहर के मुख्या चौराहे अस्प्ताल चौराहे के दोनों तरफ बुंदेलखंड के प्रसिद्द लोकनृत्य " राई " करते हुए नर्तकियों एवं वादको की सुन्दर जीवंत प्रतिमाएं लगवायी गयी है . शहर की सीमाओं पर चारो और भव्य द्वार बने है .   बुंदेलखंड पठार क्षेत्र के कारण यहाँ की जमीने पथरीली है . औद्योगिक क्षेत्र लगभग न के बराबर है , लेकिन पत्थरो एवं रेत
का उत्खनन बड़ी मात्रा में चलता है .
 
इस साल अप्रैल में लोगो ने टीकमगढ़ की पहली ट्रैन का अभूतपूर्व स्वागत किया
अपनी तरह का एक अनोखा हनुमान मंदिर



टीकमगढ़ शहर के बीचो-बीच स्थित किला

महेंद्र सागर तालाब स्थित कालेज का मनोरम दृश्य



टीकमगढ़ जिले के तालाबो के मध्य भी खूबसूरत इमारतें बनी हुयी है .

















 
कुण्डेश्वर महादेव मंदिर


कुंडेश्‍वर- टीकमगढ़ से 5 किमी. दक्षिण में जमड़ार नदी के किनारे यह गांव बसा है। गांव कुंडदेव महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि मंदिर के शिवलिंग की उत्पत्ति एक कुंड से हुई थी। गांव के दक्षिण में बारीघर नामक एक खूबसूरत पिकनिक स्थल और आकर्षक ऊषा वाटर फॉल है। विनोबा संस्थान और पुरातत्व संग्रहालय भी यहां देखा जा सकता है।
बड़े महादेव :- ग्राम जेवर, टीकमगढ़  में यह प्राचीन मंदिर बीच बस्ती में स्थित है, जिसमें शंकरजी की केवल एक पिंडी थी। उस पिंडी के आस-पास कई पिंडियां भूमि से स्वयं प्रकट हो गयीं, जो प्रति वर्ष बढ़ती जाती हैं। संप्रति तीन पिंडियां बहुत बड़ी हैं, तीन मझोली हैं और दो निकल रही हैं। यह स्थान रानीपुर रोड स्टेशन से ४ मील दक्षिण में है।
बगाज माता मंदिर वकपुरा सुन्दरपुर - टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से बुडेरा मार्ग पर वकपुरा नामक एक गांव स्थित है। इसी गांव के पास हरी भरी पहाडि़यों के बीच विद्या की देवी सरस्वती जी का मंदिर है। जिसे बगाज माता के नाम से जाना जाता है। यह करीब 1100 वर्ष प्राचीन है। देवी मंदिर गांव से करीब 2 कि0मी0 दूर पहाडि़यों के बीच है। माना जाता है कि आज से करीब 500 वर्ष पूर्व वकपुरा गांव के लोगों ने इस पवित्र स्थल की पहचान कर यहां आना जाना शुरु किया।
अहार जी - बल्देवगढ़ तहसील का यह गांव जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर टीकमगढ़-छतरपुर रोड पर स्थित है। यह गांव जैन तीर्थ का प्रमुख केन्द्र कहा जाता है। अनेक प्राचीन जैन मंदिर यहां बने हैं, जिनमें शांतिनाथ मंदिर प्रमुख है। इस मंदिर में शांतिनाथ की 20 फीट की प्रतिमा स्थापित है। एक बांध के साथ चंदेल काल का जलकुंड यहां देखा जा सकता है। इसके अलावा श्री वर्द्धमान मंदिर, श्री भेरू मंदिर, श्री चन्द्रप्रभु मंदिर, श्री पार्श्‍वनाथ मंदिर, श्री महावीर मंदिर, बाहुबली मंदिर और पंच पहाड़ी मंदिर यहां के अन्य लोकप्रिय मंदिर हैं। बाहुबली मंदिर में भगवान बाहुबली की 15 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है।
पपौरा जी - टीकमगढ़ से ५ किलोमीटर दूर सागर टीकमगढ़ मार्ग पर पपौरा जी जैन तीर्थ है ,जो कि बहुत प्राचीन है और यहाँ १०८ जैन मंदिर हैं जो कि सभी प्रकार के आकार मैं बने हुए जैसे रथ आकार और कमल आकार यहाँ कई सुन्दर भोंयरे है |
बंधा जी - एक बार एक संवत् 1890 में कलाकार मूर्तियों को बेचने के लिए 'बम्होरी जा रहा था. अचानक बैलगाड़ी बम्होरी के पास एक पीपल का पेड़ के पेड़ के पास रुक गई और उसने अनपे सभी प्रयासों को बेकार पाया और गाड़ी को आगे नहीं ले जा पाया पर जब कलाकार ने फैसला किया कि वह में मूर्ति स्थापित 'बंधा जी क्षेत्र' में स्थापित करेगा और उसकी गाड़ी बंधा जी की ओर बढ़ शुरू कर दिया यह मूर्ति अब भी बंधा जी के विशाल मंदिर में स्थापित है!
गढ़ कुडार का प्रसिद्द किला जो वृन्दावन लाल वर्मा के उपन्यासों से लेकर आज भी लोक साहित्य और किंवदंतियों में शान से जिन्दा है .
अछरू माता- टीकमगढ़-निवाड़ी रोड पर स्थित यह गांव पृथ्वीपुर तहसील में है। एक पहाड़ी पर बसे इस गांव में माता अछरू का चर्चित मंदिर है। मंदिर एक कुंड के लिए भी प्रसिद्ध है जो सदैव जल से भरा रहता है। हर साल नवरात्रि के अवसर पर ग्राम पंचायत की देखरेख में मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से लोग आकर शिरकत करते हैं। यह स्थान ग्राम पृथ्वीपुरा, टीकमगढ़ में है। यहां मूर्ति नहीं है, एक कुंड के आकार का गड्ढा है। यहां चैत्र-नवरात्र में प्राचीनकाल से मेला लगता आ रहा है।
आज भी सीना तने हुए बल्देवगढ़ का अभेद्य किला
बल्देवगढ़ - यह नगर टीकमगढ़-छतरपुर रोड़ पर टीकमगढ़ से 26 किमी. दूर स्थित है। खूबसूरत ग्वाल सागर कुंड के ऊपर बना पत्थर का विशाल किला यहां का मुख्य आकर्षण है। एक पुरानी और विशाल तोप  आज भी किले में देखी जा सकती है। विन्ध्य वासिनी देवी मंदिर बलदेवगढ़ का लोकप्रिय मंदिर है। चैत के महीने में सात दिन तक चलने वाले विन्ध्यवासिनी मेला यहां लगता है। यहां पान के पत्तों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है।
जतारा- टीकमगढ़ से 40 किमी. दूर टीकमगढ़-मऊरानीपुर रोड पर यह नगर स्थित है। नगर की मदन सागर झील काफी खूबसूरत है। इस लंबी-चौड़ी झील पर दो बांध बने हैं। इन बांधों को चन्देल सरदार मदन वर्मन ने 1129-67 ई. के आसपास बनवाया था। जतारा में अनेक मुस्लिम इमारतों को भी देखा जा सकता है।
माँ गिद्धवाहिनी मंदिर गढ़कुडार- यह निवाड़ी तहसील का लोकप्रिय गांव है। यह प्रथम स्थल है जिसे बुन्देलों ने खांगरों से हासिल किया था। 1539 तक यह स्थान राज्य की राजधानी था। इस गांव में एक छोटी पहाड़ी के ऊपर महाराज बीरसिंह देव द्वारा बनवाया गया किला देखा जा सकता है। देवी महा माया ग्रिद्ध वासिनी मंदिर भी यहीं स्थित है। मंदिर में सिंह सागर नाम का विशाल कुंड है। हर सोमवार को यहां बाजार लगता है।

मडखेड़ा का सूर्यमंदिर
मडखेरा- सूर्य मंदिर के लिए विख्यात मडखेरा टीकमगढ़ से 20 किमी. उत्तर पश्चिमी हिस्से में स्थित है। मंदिर का प्रवेशद्वार पूर्व दिशा की ओर है तथा इसमें भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित है। इसके निकट ही एक पहाड़ी पर बना विन्ध्य वासिनी देवी का मंदिर भी देखा जा सकता है।

रामराजा सरकार मंदिर , ओरछा
ओरछा में बेतवा नदी , पृष्ठ भूमि में स्थानीय राजाओं की छतरियां ( यही पर सॉफ्टड्रिंक  स्लाइस की कैटरिना कैफ ने शूटिंग की थी )
ओरछा- बेतवा नदी तट पर बसा   यह गांव उत्तर प्रदेश के झाँसी से 15 किमी. की दूरी पर है। काफी लंबे समय तक राज्य की राजधानी रहे ओरछा की स्थापना महाराजा रूद्र प्रताप ने 1531 ई. में की थी। ओरछा को हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक केन्द्र माना जाता है। राजा राम मंदिर, जहांगीर महल, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, फूलबाग, शीशमहल, कंचन घाट, चन्द्रशेखर आजाद मैमोरियल, हरदौल की समाधि, बड़ी छतरी, राय प्रवीन महल और केशव भवन ओरछा के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ देशी के साथ ही विदेशी पर्यटक भी बहुतायत तौर से आते है .
ओरछा की बड़ी रोचक और प्रसिद्द कथाएं है , इनके बारे में अलग से पोस्ट लिखूंगा . 

हजरत इलहान शाह बाबा रहमत उल्लाह अलैह नजरबाग - हिन्दू मुस्लिम श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र हजरत इलहान शाह बाबा रहमत उल्लाह अलैह सन् 1802 में टीकमगढ़ में तशरीफ लाये और नजरबाग में अपना मुकाम बना लिया। वह बाबा साहब के पास जो श्रद्धालु जाते बाबा साहब की दुआओं से उनकी मनोकामएं पूर्ण होती।
हजरत अब्दाल शाह बाबा रहमत उल्लाह अलैह जतारा - हजरत ख्वाजा रुकुनुद्दीन चिश्ती रहमत उल्लाह अलैह सन् 1200 में जतारा तशरीफ लाये ओर नगर के किनारे से बहने वाली नहर के पास एक जगह अपना मकाम बनाया। जतारा नगर के रहने वाले शेख परिवार के एक हजरत, ख्वाजा की खिदमत किया करते थे। कई वर्षों के बाद शेख साहब ने ख्वाजा साहब से मुराद मांगी की उन्हें भी अपनी दुआओं से नवाज दिया जाए।
हजरत दाता इलाहीशाह बाबा रहमत उल्लाह अलैह बड़ी मजार टीकमगढ़ - हजरत दाता इलाहीशाह बाबा रहमत उल्लाह अलैह एक ऐसे बली थे जिनके दर पर सदैव समाज के हर वर्ग के लोग अपनी मन्नतें लेकर आते और बाबा साहब की दुआओं से उनकी मनोकामनायें कबूल होती। आज भी यह एक ऐसा स्थान है जहां हिन्दू-मुस्लिम व सभी धर्मो के लोग अपनी मनोकामनायें लेकर श्रृद्धापूर्वक जाते और उनकी मनोकामनायें पूर्ण होती। पिछले 68 वर्षों से बाबा साहब की दरगाह पर 4-5 व 6 अप्रैल को उर्स का आयोजन किया जाता है।

टीकमगढ़ मध्य प्रदेश के सभी बड़े शहरो से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है . सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ललितपुर 55  कि मी ० है .अब टीकमगढ़ भी ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन से जुड़ गया है .  हालाँकि पर्यटक झाँसी से आना ज्यादा पसंद करते है , ताकि वहाँ से ओरछा , गढ़कुंडार जैसे नजदीकी स्थानो का भ्रमण कर सके . रहने -रुकने के लिए ओरछा में कई होटल और रिसार्ट है .   मित्रो आज की इस पोस्ट में इतना ही लेकिन जिन बातों को मैंने संक्षेप में समेत दिया ...उन सब की रोचक कहानिया है , जो समयाभाव के कारण फिर कभी आगामी पोस्टों में लिखूंगा .
तब तक जय जय ......

kalkate wali ruth gayi kyon song by rafi.

hye Suno Suno Miss Chatterjee mere dil ka matter ji
kalkatte wali ruth gayi kyu bat nahi ye better ji
b e t t e r better b e t t e r better
Suno Suno Miss Chatterjee mere dil ka matter ji
kalkatte wali ruth gayi kyu bat nahi ye better ji
b e t t e r better b e t t e r better

banthan ke you kaha chali ho fifty ki raftar se 
dil wala koi kud na jaye chalti motor car se
are banthan ke you kaha chali ho fifty ki raftar se 
dil wala koi kud na jaye chalti motor car se
chalte chalte padhti jao dil ka open letter ji
l e t t e r letter l e t t e r letter
Suno Suno Miss Chatterjee mere dil ka matter ji
kalkatte wali ruth gayi kyu bat nahi ye better ji
b e t t e r better b e t t e r better

fad de apne dil ka letter kisko phul banata hai 
fad de apne dil ka letter kisko phul banata hai
hamse karke pyar ka vada bahar dav lagata hai 
tuhi kehde kaise nibhega hum dono ka matter ji
m a t t e r matter m a t t e r matter
Suno Suno Miss Chatterjee mere dil ka matter ji
kalkatte wali ruth gayi kyu bat nahi ye better ji
b e t t e r better b e t t e r better

jhansa dekhe naa ja mujhko des mera hai jhansi
lekar tera lal dupatta le lunga mai fansi
jhansa dekhe naa ja mujhko des mera hai jhansi
lekar tera lal dupatta le lunga mai fansi
hoye hoye marte marte likh jaunga government ko letter ji
l e t t e r letter l e t t e r letter
Suno Suno Miss Chatterjee mere dil ka matter ji
kalkatte wali ruth gayi kyu bat nahi ye better ji
b e t t e r better b e t t e r better

शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

घर बैठे कीजिए आधार कार्ड की गलतियों को दूर |

घर बैठे कीजिए आधार कार्ड की गलतियों को दूर |


घर बैठे कीजिए आधार कार्ड की गलतियों को दूर
   वोटर आईकार्ड की ही तरह पहचान पत्र का दस्तावेज माने जाने वाले आधार कार्ड को बनवाने के लिए अब प्रक्रिया को और भी आसान कर दिया गया है। अब जगह जगह कैंप लगाकर ऑनलाइन फॉर्म भरकर इसे बनाया जाता है। इन सब के बावजूद काफी सारी गलतियां हो ही जाती हैं। लेकिन इसके बन जाने के बाद भी इसे सुधारा जा सकता है। ऐसा न समझें कि वोटर आईकार्ड की ही तरह इसमें सुधार काफी मुश्किल होता है, आधार कार्ड में सुधार करना बेहद आसान है।
आधार कार्ड में हुईं गलतियों को घर बैठे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आसानी से सुधारा जा सकता है। इसके लिए आपको सिर्फ 4 स्टेप अपनाने होंगे और आपका काम बेहद आसानी से हो जाएगा। हम अपनी खबर में आपको उन स्टेप के बारे में बताएंगे जिनके जरिए आप अपने आधार कार्ड (Aadhaar card) की छोटी बड़ी हर गलती को चुटकियों में सुधार सकते हैं। जानिए क्या हैं वो चार कदम जो आपके बेहद काम के हैं।

स्टेप 1
http://uidai.gov.in वेबसाइट पर जाएं और आपका आधार ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद 'अपडेट योर आधार' पर क्लिक कर दें। यहां आप देख सकते है कि कौन सी जानकारी ठीक करनी है। गलती को सुधारने के 
बाद 'सब्मिट योर अपडेट करेक्शन' पर क्लिक कर दें।

स्टेप 2
'एंटर योर आधार नंबर' में अपना आधार नंबर डालें।  फिर TeXt verfication में स्पेशल कैरेक्टर डालें। जो मोबाइल नंबर दिया होगा उस पर OTP(One Time Password) का मैसेज आएगा उसे बॉक्स में डाल दें। ऐसा करने से वेबसाइट पर लॉग इन हो जाएंगें।

स्टेप 3
डेटा अपडेट के बाद प्रोसेस्ड पर क्लिक करें। सभी संबधित दस्तावेज अपलोड कर दें। उसके बाद Confirm पर क्लिक कर दें। इसके बाद एजिस और कार्विस में से किसी पर क्लिक कर सब्मिट कर दें। जैसे ही सारी जानकारी अपडेट हो जाएगी तो अपडेशन का मैसेज आपके मोबाइल पर आ जाएगा जिसमें URN नंबर होगा।

स्टेप 4
सबसे आखिर में आधार नंबर और URN नंबर डालें और लॉग ऑट कर दें। फिर डेटा अपडेट के ऑप्शन पर जाएं और अपना आधार नंबर और URN नंबर डाल चेक कर लें। कुछ देर में अपडेशन का मैसेज आपके मोबाइल पर आ जाएगा।

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