शनिवार, 3 दिसंबर 2011

THE formation-of-muslim-league

BACKGROUND : After the defeat in the war of Independence . The muslims became the target of british victimization . To save the muslims From attrocities of Britishers , Sir Syed Ahmed Khan took the responsibilty of protecting rights of the muslims without formation of any political organization . After the death of Sir Syed Ahmed Khan in 1888 , the anti muslim activities of congress further increased . At last a Deligation consisting of 35 members , under the leadership of Sir Agha Khan met the Viceroy of India . Due to the positive answer of viceroy , a feeling of Confidence and unity was Created . The All India Muslim League was created out of this Convection .

INTRODUCTION : Muslims Leader met at Dhaka at Dec , 1906 on the occasion of annual meeting of Mohammadin education conference . The meeting took place at dhaka under the presidency of Nawab waquril muk , Sir Suleman [ the Nawab of Dhaka ] voted the resolution for establishing muslim organization to be called as All India Muslim League . Mulavi Ali Jahal Hakim , Ajmal Khan and Moulana Zafar Ali also supported the Resolution .

REASONS OF CREATION :

1 . Hindi and Urdu Conflict .
2 . Negative of Hindu Sectorian parties and Movement .
3 . Problem of Slaughtering cow .
4 . Claim of congress to the only reponsible properties .
5 . Success of Simla Deligation on Nob - 1906 .

AIMS AND OBJECTIVES :

1 . To Provide the Muslims of India feeling Loyalty to the British Government .
2 . To Provide the rise among the muslims of india any feeling of hostality towards other community without prejudice to other ojects of League .
3 . To Protect muslims and Rights and Interests .

HEAD OFFICE : Aligarh was at a central position in the Political , Educational and Economic Progress of Indian Muslims . So the Head Office of All India Muslim League was Also formed in Aligarh .

FIRST OFFICE HOLDER : In the Meeting of March 1908 , Sir Agha Khan was elected as President and Syed Hasan Bilgrani waas elected as a General secetory of Muslim League .

ACHIEVEMENTS OF MUSLIM LEAGUE :

1 . Representative of Muslims of Sub-continent .
2 . Answer to COngress Propaganda .
3 . Approval of Seperate Election .
4 . Formation of Aligarh Muslim University .

पृष्ठभूमि: स्वतंत्रता के युद्ध में हार के बाद. मुसलमान ब्रिटिश ज़ुल्म का लक्ष्य बन गया. अंग्रेजों के attrocities से मुसलमान बचाने के लिए, सर सैयद अहमद खान किसी भी राजनीतिक संगठन के गठन के बिना मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के responsibilty लिया. 1888 में सर सैयद अहमद खान की मौत के बाद कांग्रेस के विरोधी मुस्लिम गतिविधियों को आगे बढ़ा. पर पिछले 35 सदस्यों से मिलकर भारार्पण सर आगा खान के नेतृत्व में भारत के वायसराय से मुलाकात की. वाइसराय के सकारात्मक जवाब है, आत्मविश्वास और एकता की एक भावना के कारण बनाया गया था. ऑल इंडिया मुस्लिम लीग इस संवहन का बनाया गया था.
परिचय: मुसलमान नेता दिसम्बर, 1906 में ढाका में Mohammadin शिक्षा सम्मेलन की वार्षिक बैठक के अवसर पर मिले. बैठक में नवाब waquril MUK, सर [ढाका के नवाब] ढाका में सुलेमान के राष्ट्रपति पद के तहत जगह ले ली ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के रूप में बुलाया जा मुस्लिम संगठन की स्थापना के लिए संकल्प मतदान. Mulavi अली Jahal हाकिम अजमल खान और मौलाना जफर अली भी संकल्प का समर्थन किया.
सृष्टि के कारण:
1. हिंदी और उर्दू संघर्ष.2. हिंदू Sectorian पार्टियों और आंदोलन के नकारात्मक.3. गाय कत्लेआम की समस्या.4. कांग्रेस के केवल जिम्मेदार गुणों के लिए दावा.5. शिमला भारार्पण नोब पर सफलता - 1906.
लक्ष्य और उद्देश्य:
1. भारत महसूस कर ब्रिटिश सरकार के प्रति वफादारी के मुसलमानों प्रदान करें.2. लीग के दूसरे ojects पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना अन्य समुदाय की ओर hostality के किसी भी भावना भारत के मुसलमानों के बीच वृद्धि प्रदान करने के लिए.3. मुसलमान और अधिकार और शौक को सुरक्षित रखें.
प्रधान कार्यालय: अलीगढ भारतीय मुसलमानों की राजनीतिक, शैक्षिक और आर्थिक प्रगति में एक केंद्रीय स्थान पर था. तो ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के प्रधान कार्यालय इसके अलावा अलीगढ़ में गठन किया गया था.
पहला कार्यालय धारक: मार्च 1908 की बैठक में, सर आगा खान ने राष्ट्रपति और सैयद हसन Bilgrani WAAS के रूप में चुना गया और मुस्लिम लीग के एक जनरल secetory के रूप में चुना है.
मुस्लिम लीग की उपलब्धियों:
1. उप - महाद्वीप के मुसलमानों के प्रतिनिधि.2. कांग्रेस के प्रचार के लिए उत्तर.3. पृथक निर्वाचन की स्वीकृति.4. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का गठन.

LUCKNOW PACT (1916)

पृष्ठभूमि: कायदे - ए - आज़म 1913 में मुस्लिम लीग में शामिल हो गए हैं कि उसके बाद वह हिन्दू मुस्लिम एकता, समझ और सहयोग के लिए 1915 में काम शुरू कर दिया, कांग्रेस और मुस्लिम लीग की वार्षिक बैठक के साथ बॉम्बे (mumbia) में आयोजित की गई,helf अपने प्रयासों और फिर दोनों पार्टियों की दूसरी बैठक की वजह से एक साथ थे लखनऊ, जहां दोनों पार्टियों जो उप महाद्वीप के इतिहास में लखनऊ संधि कहा जाता है के बीच एक प्रश्न के लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.


मुख्य विशेषताऐं:

1. पृथक निर्वाचन कांग्रेस द्वारा स्वीकार किए गए.
2. कांग्रेस उन प्रांत है, जहां वे मौजूद donot में पृथक निर्वाचन को लागू करने पर सहमत हुए (पंजाब, सी.पी.)
3. एक विशेष commity billaffecting नहीं किसी भी counsil के साथ रवाना किया जाना चाहिए अगर समुदाय की 3 / 4 प्रतिनिधित्व इसका विरोध किया.
4. मुसलमानों और हिंदुओं प्रांतों में महत्व है, जहां वे अल्पसंख्यकों का गठन किया गया.

उपलब्धियां:

1. पृथक निर्वाचन की पूरी तरह से अनुमोदन.
2. मुस्लिम अधिकारों और ब्याज की सुरक्षा.
3. मुस्लिम लीग की अलग स्थिति है.
4. कायदे - ए - आजम की प्रसिद्धि बढ़ाएँ.
5. हिंदू मुस्लिम एकता पहली और अंतिम समय.

निष्कर्ष: लखनऊ संधि भारत के राजनीतिक क्षितिज पर baccon प्रकाश साबित हुई. यदि सहयोग के इस भावना समझ का माहौल किया है और सहयोग उत्पन्न लेकिन हिन्दू ईमानदारी से इन सिद्धांतों को छड़ी नहीं था के बजाय यह haterd और राजनीतिक जीवन में किए गए असहयोग misstrust. यह उप - महाद्वीप के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर, इस समझौते कांग्रेस मुसलमान और मुस्लिम लीग के कारण सभी अधिकारों को संरक्षण दिया की वजह से किया गया था.


BACKGROUND : Quaid-e-Azam joined muslim league in 1913 after that he started to work for hindu muslim unity, understanding and for co-operation, In 1915, the annual meeting of congress and muslim league were held together at bombay (mumbia), because of his efforts and again second meeting of both parties were helf together at Lucknow, where a written agreement were signed betweeen two parties which in history of sub-continent is called Lucknow Pact.


SALIENT FEATURES :

1. Seperate electorate were accepted by congress.
2. The congress agreed to enforce seperate electorate in those province, where they donot exist (Punjab, CP)
3. No billaffecting a particular commity should be proceeded with any counsil if 3/4 representation of community opposed it.
4. Muslims and Hindus were to have the weightage in the provinces where they formed minorities.

ACHIEVEMENTS :

1. Completely approval of seperate electorate.
2. Security of muslim rights and interest.
3. Muslim league's seperate status.
4. Increase the fame of Quaid-e-Azam.
5. Hindu muslim unity first and Last time.

CONCLUSION : Lucknow pact proved to be the baccon light on the political horizon of india. If this sense of co-operation have been carried out the atmosphere of understanding and co-operation generated but hindu did not honestly stick to these principles instead of it misstrust haterd and non-cooperation carried into political life. It was important milestone in the history of sub-continent, due to this agreement congress gave protection to all due rights of muslims and muslim league.

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