एरिक गारसेटी |एरिक गार्सेटी | Eric Garcetti
यह है अमेरिकी वैचारिक हथियारघर की सबसे बड़ी तोप। नाम है एरिक गारसेटी। उम्र 52 वर्ष
लास एंजेलिस का मेयर रहा है। लोमड़ी की तरह चालाक और चीते की तरह फुर्तीला।जो बाइडेन की नाक का बाल। कट्टर कम्युनिस्ट है।
आपने महाभारत युद्ध में सुना होगा कि अश्वत्थामा ने पांडवों पर ब्रह्मास्त्र चलाया था जिससे भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तरा के गर्भ की रक्षा किया था। यह भी अपने आप को यही समझता है।
ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यह व्यक्ति भारत में अमेरिका का राजदूत बनकर आ रहा है। वहीं से ललकारता हुआ आ रहा है कि 2024 में मोदी को उखाड़ फेंकूंगा। मोदी को जीतने नहीं दूंगा। इसके लिए जार्ज सोरोस ने 100 करोड़ डॉलर रख छोड़ा है कि किसी तरह मोदी को हटा दिया जाए।आपको शायद याद न हो कि पिछले दो सालों से भारत में कोई अमेरिकी राजदूत नहीं है। इसका कारण यह है कि जो बाइडेन को कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिल रहा था जो भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ने से रोक सके और मोदी को उखाड़ फेंके। अमेरिका में किसी देश में राजदूत नियुक्त करने की प्रक्रिया कुछ अलग ढंग की है। इसके लिए अमेरिकी सीनेट की संस्तुति लेना आवश्यक है। पिछले दो साल से जो बाइडेन बार-बार इसका नाम रख रहे थे पर सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत था।
रिपब्लिकन पार्टी का का कहना था कि एरिक गारसेटी का राजदूत बनना भारत अमेरिका के संबंधों को खतरा पहुंचाने जैसा होगा अंत में जार्ज सोरोस ने पैसे के बल पर दो रिपब्लिकन सदस्यों को सरकार की ओर मिलाकर बिल पास करा दिया। किसी भी दिन यह भारत में धमक सकता है।
अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रोटोकॉल ऐसा है कि भारत इंकार नहीं सकता। यह भारत आते ही विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास करेगा। भारत विरोधी एनजीओ और लुटियंस जोन के देशद्रोही मीडिया वालों को मिला कर काम करेगा।
भारत के लिए राहत की बात यह है कि देश को एस जयशंकर जैसा योग्य विदेश मंत्री मिला है।एस जयशंकर ने कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है। एरिक गारसेटी को मैं बड़े "प्यार' से
समझा दूंगा। अब यह तो जानते ही होंगे कि एस जयशंकर का प्यार कैसा होता है।न मालूम हो यूरोपीय संघ के देशों से पूछ सकते हैं।