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बुधवार, 8 मई 2013

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†कोंकण रेलवे भारतीय रेल के एक अनुषांगिक इकाई के रूप में परंतु स्वायत्त रूप से परिचालित होनेवाली रेल व्यवस्था है जिसका मुख्यालय नवी मुंबई के बेलापुर में रखा गया है। यह सीधे रेलवे बोर्ड एवं केंद्रीय रेलमंत्री के निगरानी में काम करता है।
यद्यपि कौटिल्य के जीवन-चरित के संबंध में प्रामाणिक तथ्यों का अभाव है, परन्तु जो तथ्य मिले हैं, उनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि कौटिल्य का जन्म ईसा के चार वर्ष पूर्व हुआ। उसके जन्मस्थान के संबंध में मतभेद पाया जाता है। कुछ विद्वानों के अनुसार कौटिल्य का जन्म पंजाब के चणक क्षेत्र में हुआ था, जबकि कुछ विद्वान मानते हैं कि उसका जन्म दक्षिण भारत में हुआ था। कई विद्वानों का यह मत है कि वह कांचीपुरम का रहने वाला द्रविण ब्राह्मण था। वह जीविकोपार्जन की खोज में उत्तर भारत आया था। कुछ विद्वानों के मतानुसार केरल भी उसका जन्म स्थान बताया जाता है। इस संबंध में उसके द्वारा चरणी नदी का उल्लेख इस बात के प्रमाण के रूप में दिया जाता है। कुछ संदर्भों में यह उल्लेख मिलता है कि केरल निवासी विष्णुगुप्त तीर्थाटन के लिए वाराणसी आया था, जहाँ उसकी पुत्री खो गयी। वह फिर केरल वापस नहीं लौटा और मगध में आकर बस गया। इस प्रकार के विचार रखने वाले विद्वान उसे केरल के कुतुल्लूर नामपुत्री वंश का वंशज मानते हैं। कई विद्वानों ने उसे मगध का ही मूल निवासी माना है। कुछ बौद्ध साहित्यों ने उसे तक्षशिक्षा का निवासी बताया है। कौटिल्य के जन्मस्थान के संबंध में अत्यधिक मतभेद रहने के कारण निश्चित रूप से यह कहना कि उसका जन्म स्थान कहाँ था, कठिन है, परंतु कई संदर्भों के आधार पर तक्षशिला को उसका जन्म स्थान मानना ठीक होगा। वी. के. सुब्रमण्यम ने कहा है कि कई संदर्भों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि अलेक्जेंडर को अपने आक्रमण के अभियान में युवा कौटिल्य से भेंट हुई थी। चूँकि अलेक्जेंडर का आक्रमण अधिकतर तक्षशिला क्षेत्र में हुआ था, इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि कौटिल्य का जन्म स्थान तक्षशिला क्षेत्र में ही रहा होगा।2 कौटिल्य के पिता का नाम चणक था। वह एक गरीब ब्राह्मण था और किसी तरह अपना गुजर-बसर करता था। अतः स्पष्ट है कि कौटिल्य का बचपन गरीबी और दिक्कतों में गुजरा होगा। कौटिल्य की शिक्षा-दीक्षा के संबंध में कहीं कुछ विशेष जिक्र नहीं मिलता है, परन्तु उसकी बुद्धि का प्रखरता और उसकी विद्वता उसके विचारों से परिलक्षित होती है। वह कुरूप होते हुए भी शारीरिक रूप से बलिष्ठ था। उसकी पुस्तक 'अर्शशास्त्र' के अवलोकन से उसकी प्रतिभा, उसके बहुआयामी व्यक्तित्व और दूरदर्शिता का पूर्ण आभास होता है।
कई गलतियां विशेष रूप से सर्विस से संबंधित हैं. सर्विंग खिलाड़ी की गलती होगी अगर संपर्क के समय शटलकॉक उसकी कमर से ऊपर हो (उसकी निचली पसली के पास), या संघात के वक़्त उसके रैकेट का सिर अधोमुखी न हो. यह विशेष नियम 2006 में संशोधित हुआ: पहले, सर्वर के रैकेट को इस हद तक अधोमुखी होना होता था कि रैकेट के सिर को उस हाथ से नीचे रहना जरूरी था जिससे रैकेट को पकड़ा गया है; और अब, समस्तर के नीचे कोई भी कोण स्वीकार्य है.
कोलकाता वायुसेवा के माध्यम से बंगलोर, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई सहित सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
पेरू दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में स्थित एक देश है। राजधानी लीमा है।
यह एक आरी या धारीदार फूल पत्तियों या ज्यामितीय ढंग से सजाए गए डिजाइन होते हैं। इन्हें क्षैतिज आरे या टेड़े मेड़े तरीके से बताया जाता है, जिससे एक भाग को दूसरे भाग से अलग किया जा सके। कभी-कभी बूटियों को इस तरह से सजाया जाता है कि वे पट्टी का रुप ले लें। भिन्न-भिन्न जगहों पर अलग-अलग तरीके के बेल बनाए जाते हैं।
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई १९४५ में ब्रिटेन ने भारत संबन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा भारत की संविधान सभा के निर्माण के लिए एक कैबिनेट मिशन भारत भेजा जिसमें ३ मंत्री थे। १५ अगस्त, १९४७ को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य ९ दिसम्बर १९४७ से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। इस संविधान सभा ने २ वर्ष, ११ माह, १८ दिन मे कुल १६६ दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। भारत के संविधान के निर्माण में डॉ भीमराव अंबेदकर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसलिए उन्होंने संविधान का निर्माता कहा जाता है. sanju
झ़ीदि (इसरायल)
नाल्को - http://www.nalco.com सेल - http://www.sail.co.in/plants_rourkela.asp
फ्लोरिडा के अंतर्राज्यीय, राज्य राजमार्गों और अमेरिकी राजमार्ग फ्लोरिडा के यातायात विभाग द्वारा संचालित हैं. फ्लोरिडा के अंतर्राज्यीय राजमार्ग प्रणाली में 1,473 मील (2,371 किमी) राजमार्ग शामिल है और राज्य में 9,934 मील (15,987 किमी) गैर-अंतर्राज्यीय राजमार्ग हैं, जैसे फ्लोरिडा राज्य राजमार्ग और अमेरिकी राजमार्ग.
यहां बौद्ध धर्म से संबंधित प्राचीन ग्रंथों का सुंदर संग्रह है। यहां का भवन भी काफी सुंदर है। इस भवन की दीवारों पर बुद्ध तथा संबंधित अन्‍य महत्‍वपूर्ण घटनाओं का प्रशंसनीय चित्र है। यह भवन आम लोगों और पर्यटकों के लिए 'लोसार पर्व' के दौरान खोला जाता है। लोसार एक प्रमुख नृत्‍य त्‍योहार है।
रसखान कहते हैं कि (अगले जन्म में) मैं यदि मनुष्य हूँ तो मैं गोकुल के ग्वालों और गायों के बीच रहना चाहूँगा। यदि मैं बेबस पशु हूँ तो मै नन्द की गायों के साथ चरना चाहूँगा। अगर मैं पत्थर हूँ तो उसी पहाड़ का जिसे कृष्ण ने इन्द्र के कारण अपनी उँगली पर उठाया था। यदि मैं पक्षी हूँ तो मैं यमुना के तट पर किसी कदम्ब वृक्ष पर बसेरा करूँ।
गुप्त राजवंश का राजा।
मिडा डी ला ब्लासी (1845-1918) तथा जीन ब्रूनहेज (1869-1930) ने मानव भूगोल की रचना की। भूगोल की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन में आज सैकड़ों भूगोलवेत्ता संसार के विभिन्न भागों में लगे हुए हैं।
बाबू राजेन्द्र प्रसाद के पूर्वज मूलरूप से अमोढ़ा (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे। यह एक कायस्थ परिवार था। कुछ कायस्थ परिवार इस स्थान को छोड़ कर बलिया जा बसे थे। कुछ परिवारों को बलिया भी रास नहीं आया, वे वहां से बिहार के जिला सारन के एक गांव जीरादेई में आ बसे थे। इन परिवारों में कुछ शिक्षित लोग भी थे। इन्हीं परिवारों में राजेन्द्र प्रसाद के पूर्वजों का भी परिवार भी था। जीरादेई के पास ही एक छोटी सी रियासत थी—हथुआ। चूंकि राजेन्द्र बाबू के दादा पढ़े-लिखे थे, अतः उन्हें हथुआ रियासत की दीवानी मिल गई पच्चीस तीस सालों तक वे उस रियासत के दीवान रहे। उन्होंने स्वयं भी कुछ जमीन खरीद ली थी। राजेन्द्र बाबू के पिता श्री महादेव सहाय इस जमींदारी की देखभाल करते थे। राजेन्द्र प्रसाद जी के चाचा श्री जगदेव सहाय भी घर पर ही रहकर जमींदारी का काम देखते थे। जगदेव सहाय जी की अपनी कोई संतान नहीं थी। अपने पांच भाई-बहनों में वे सबसे छोटे थे, इसलिए पूरे परिवार में सबके प्यारे थे।
उत्तर खोरसान एक प्रांत हैं उत्तरपुर्व ईरान मैं । इस्का राजधानी बोज्नूर्द हैं ।
छठी ई. तक इज़रायल पर रोम और उसके पश्चात् पूर्वी रोमी साम्राज्य बीज़ोंतीन का प्रभुत्व कायम रहा। खलीफ़ा अबूबक्र और खलीफ़ा उमर के समय अरब और रोमी(Bizantine) सेनाओं में टक्कर हुई। सन् 636 ई. में खलीफ़ा उमर की सेनाओं ने रोम की सेनाओं को पूरी तरह पराजित करके फ़िलिस्तीन पर, जिसमें इज़रायल और यहूदा शामिल थे, अपना कब्जा कर लिया। खलीफ़ा उमर जब यहूदी पैगंबर दाऊद के प्रार्थनास्थल पर बने यहूदियों के प्राचीन मंदिर में गए तब उस स्थान को उन्होंने कूड़ा कर्कट और गंदगी से भरा हुआ पाया। उमर और उनके साथियों ने स्वयं अपने हाथों से उस स्थान को साफ किया और उसे यहूदियों के सपुर्द कर दिया।
वाराणसी विमानक्षेत्र यहां का निकटतम प्रमुख हवाई-अड्डा है। दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता और पटना आदि शहरों से यहां के लिए नियमित उड़ानें हैं। इसके अतिरिक्त लखनऊ और गोरखपुर भी वायुयान से आकर यहाँ आया जा सकता है।
सबसे उपयुक्त: अक्तूबर से मार्च
कई क्षेत्रों में, विभिन्न स्तर में प्रत्येक की किसी विशिष्ट पर अपनी पकड़ होती है. उदाहरण के लिए, शिक्षा के मामले में समुदायों की स्वायत्तता में ना तो अनिवार्य पहलू के बारे में निर्णय शामिल है और ना ही योग्यता बांटने के लिए न्यूनतम अर्हता को स्थापित करने की अनुमति है, जो संघीय मामला ही है.[३७] सरकार के प्रत्येक स्तर को उसकी शक्तियों से संबंधित वैज्ञानिक अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में शामिल किया जा सकता है.[४०][४०] क्षेत्रों और समुदाय सरकारों की संधि करने की शक्तियां विश्व के सभी संघों की संघीय इकाइयों की तुलना में सबसे अधिक विस्तृत हैं.[४१][४२][४३]
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===अबू आज़मी को सबक 9 नवम्बर 2009 को समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी को सबक दि गई, और MNS के विधायक द्वारा उन्हें हिन्दिमे में शपत लेने से रोका गया.और यह सही किय इस घटना के परिणामस्वरूप महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष ने इस मार पीट में शामिल MNS के 4 MLA को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया.जो बिल्कुल गलत था मुंबई और नागपुर में विधान सभा बैठक के दौरान उनके प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई.[२१] निलंबित विधायक थे राम कदम, रमेश वान्जले, शिशिर शिंदे और वसंत गीते.[२२][२३]
शेरशाह ने सम्राट बनने से पूर्व विभिन्‍न स्थानों पर अपनी सुविधा और फायदे को ध्यान में रखकर विश्‍वासघात किया था । पूरनमल को एक सम्राट की हैसियत से आश्‍वासन देकर खुले मैदान में हराने में सक्षम होते हुए भी उलेमा की राय का बहाना बनाकर जो विश्‍वासघात किया वह उसके यश को सदा के लिए कलंकित करता रहेगा । फलतः बिना किसी हानि के राजपूतों का नाश हुआ और मिलसा, रायसीन तथा चंदेरी पर शेरशाह का अधिकार हो गया ।
The Santiago Metro has five operating lines. Two subway lines (Line 4 and 4A) and an extension of Line 2 were inaugurated during late 2005 and 2006. The system is under expansion, and extensions are going to be built on Lines 1 and 5 throughout 2009.
जबकि महानगर फ्रांस 547,030 वर्ग किलोमीटर की दूरी को कवर (211,209 वर्ग मील), [39] यूरोपीय संघ और सदस्यों को स्पेन से भी बड़ा थोड़ा के बीच सबसे बड़ा क्षेत्र वाले. फ्रांस परिदृश्य के उत्तर दक्षिण में और आल्प्स की पर्वत श्रृंखलाओं के लिए पश्चिम में तटीय मैदानों से विभिन्न प्रकार, पूर्व के पास, पुंजक दक्षिण में केन्द्रीय-मध्य और दक्षिण में Pyrénées-पश्चिम. 4,807 मीटर (समुद्र के ऊपर 15,771 फीट) स्तर, यूरोप में सबसे अधिक समय, Mont Blanc, आल्प्स में फ्रांस और इटली के बीच सीमा पर स्थित है. [40] मेट्रोपोलिटन फ्रांस है भी ऐसे लोयर, के रूप में व्यापक नदी प्रणाली है GARONNE, Seine और रोन,. जो आल्प्स और प्रवाह से भूमध्य सागर में पुंजक केन्द्रीय CAMARGUE, फ्रांस में सबसे कम अंक (2 m/6.56 फुट नीचे समुद्र तल) में विभाजित [40] Corsica भूमध्य बंद है तट.
मराठा साम्राज्य के प्रमुख प्रधान।
(4) अधिकारविधि : जिस विधि से कर्मजन्य फल का भोक्ता कर्ता को माना जाता हो उसे अधिकारविधि कहते हैं। उदाहरणार्थ "यजेत स्वर्ग काम:" यहाँ जो यागकर्ता है वही स्वर्गफल का भोक्ता है।
इन सभी महीनों में, रमजान का महीना, सबसे आदरणीय माना जाता है। मुस्लिम लोगों को इस महीने में पूर्ण सादगी से रहना होता है दिन के समय।
किसी भी प्रकार के आर्थिक कार्य-कलापों से उन्मुक्त, पूर्ण नागरिकों को,एक भू-खण्ड दे दिया जाता था जिसकी खेतीबारी का काम हेलोट्स किया करते थे. जैसे-जैसे समय गुजरता गया जमीन का एक बड़ा हिस्सा बड़े जमींदारों के हाथों में संक्रेंदित होता गया, लेकिन पूर्ण नागरिकों की संख्या कम होती गई. 5वीं सदी ईसापूर्व के आरंभ में नागरिकों की संख्या 10,000 थी लेकिन अरस्तू के समय (384–322 ईसापूर्व) में यह घटकर 1000 से भी कम हो गई, और आगे चलकर 244 ईसापूर्व में एगिस IV के राज्यारोहण के समय यह घटकर 700 हो गई. नए कानून बनाकर इस स्थिति से निपटने की कोशिशें की गई. जो अविवाहित ही रह गए अथवा जिन्होंने देर से विवाह किया उनपर अब दंड भी लगाए गए. हालांकि, इस कानूनों के लागू किए जाने में काफी देर हो चुकी थी और चली आ रही प्रकृति का पलटने में अप्रभावी थे.
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ये चार एषणाएँ भी चार पुरुषार्थोकी रूपांतर ही हैं और चारों आश्रमों के धर्म कर्म से उचित रीति से पूरी होती हैं।
राजा परीक्षित दिग्विजय करते हुये वहीं पर से गुजर रहे थे। उन्होंने मुकुटधारी शूद्र को हाथ में डण्डा लिये एक गाय और एक बैल को बुरी तरह पीटते देखा। वह बैल अत्यन्त सुन्दर था, उसका श्वेत रंग था और केवल एक पैर था। गाय भी कामधेनु के समान सुन्दर थी। दोनों ही भयभीत हो कर काँप रहे थे। महाराज परीक्षित अपने धनुषवाण को चढ़ाकर मेघ के समान गम्भीर वाणी में ललकारे - "रे दुष्ट! पापी! नराधम! तू कौन है? इन निरीह गाय तथा बैल क्यों सता रहा है? तू महान अपराधी है। तेरे अपराध का उचित दण्ड तेरा वध ही है।" उनके इन वचनों को सुन कर कलियुग भय से काँपने लगा।
1835 तक भारत की दंड-न्याय व्यवस्था हिंदू, मुस्लिम व ब्रिटिश संहिताओं का एक ऐसा घालमेल हो गया था, जिसके नियमों व प्रक्रियाओं में कोई समरूपता नहीं थी। एक ही अपराध के लिये अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दंड का प्राविधान लागू था। किसी अपराधी को कौन सा दंड मिलेगा, यह इस बात पर निर्भर था कि उसका मुकदमा कोलकाता में चल रहा था कि मुंबई में। इसी कमी को दूर करने के लिए मैकाले भारत के एक सार्वभौम दंड-संहिता निर्मित करना आवश्यक मानता था।
महात्मा गाँधी और गाँधीवाद से यशपाल के तात्कालिक मोहभंग का कारण भले ही 12 फ़रवरी सन् 22 को, चौरा-चौरी काण्ड के बाद महात्मा गाँधी द्वारा आंदोलन के स्थगन की घोषणा रहा हो, लेकिन इसकी शुरुआत और पहले हो चुकी थी। यशपाल और उनके क्रांतिकारी साथियों का सशस्त्र क्रांति का जो एजेंडा था, गाँधी का अहिंसा का सिद्धांत उसके विरोध में जाता था। महात्मा गाँधी द्वारा धर्म और राजनीति का घाल-मेल उन्हें कहीं बुनियादी रूप से ग़लत लगता था। मैट्रिक के बाद लाहौर आने पर यशपाल नेशनल कॉलेज में भगतसिंह, सुखदेव और भगवतीचरण बोहरा के संपर्क में आए। नौजवान भारत सभा की गतिविधियों में उनकी व्यापक और सक्रिय हिस्सेदारी वस्तुतः गाँधी और गाँधीवाद से उनके मोहभंग की एक अनिवार्य परिणाम थी। नौजवान भारत सभा के मुख्य सूत्राधार भगवतीचरण और भगत सिंह थे।
स्ट्राइकर बल्लेबाज की प्राथमिकता होती है गेंद को विकेट पर टकराने से रोकना. और दूसरी प्राथमिकता होती है बल्ले से गेंद को हिट कर के रन (runs) बनाना ताकि इससे पहले कि क्षेत्ररक्षण पक्ष की ओर से गेंद वापस आए, उसे और उसके सहयोगी को रन बनाने का समय मिल जाए. एक रन रजिस्टर करने के लिए, दोनों धावकों को अपने बल्ले से या शरीर के किसी भाग से क्रीज के पीछे की भूमि को छुना होता है.(बल्लेबाज दोड़ते समय बल्ला लिए होते हैं)प्रत्येक रन स्कोर में जुड़ जाता है.
भारत सरकार भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्री मंडल के पास होता है। इसके निर्वहन रक्षा मंत्रालय से किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना, और अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि।
जिमी डोनल वेल्स एक अमेरिकी इंटरनेट उद्यमी और विकिपीडिया के संस्थापक और प्रमोटर है.
वास्तविक GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि की गणना करने से अर्थशास्त्रियों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि मुद्रा की क्रय क्षमता में परिवर्तन से अप्रभावित रहते हुए, उत्पादन कम हुआ है या बढा है.
स्पार्टा आधुनिक लोकप्रिय संस्कृति को भी प्रमुखता से प्रस्तुत करता है (देखें लोकप्रिय संस्कृति में, स्पार्टा), विशेष रूप से थर्मोपाईलें का युद्ध (देखें, लोकप्रिय संस्कृति में थर्मोपाईलें का युद्ध).
उनके शब्दों में- ‘‘समदर्शिता घुमक्कड़ का एकमात्र दृष्टिकोण है और आत्मीयता उसके हरेक बर्ताव का सार।’’ यही कारण था कि सारे संसार को अपना घर समझने वाले राहुल सन् १९१० में घर छोड़ने के पश्चात पुन: सन् १९४३ में ही अपने ननिहाल पन्दहा पहुँचे। वस्तुत: बचपन में अपने घुमक्कड़ी स्वभाव के कारण पिताजी से मिली डाँट के पश्चात् उन्होंने प्रण लिया था कि वे अपनी उम्र के पचासवें वर्ष में ही घर में कदम रखेंगे। चूँकि उनका पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा ननिहाल में ही हुआ था सो ननिहाल के प्रति ज्यादा स्नेह स्वाभाविक था। बहरहाल जब वे पन्दहा पहुँचे तो कोई उन्हें पहचान न सका पर अन्तत: लोहार नामक एक वृद्ध व्यक्ति ने उन्हें पहचाना और स्नेहासक्ति रूधे कण्ठ से ‘कुलवन्ती के पूत केदार’ कहकर राहुल को अपनी बाँहों में भर लिया। अपनी जन्मभूमि पर एक बुजुर्ग की परिचित आवाज ने राहुल को भावविभोर कर दिया। उन्होंने अपनी डायरी में इसका उल्लेख भी किया है- ‘‘लाहौर नाना ने जब यह कहा कि ‘अरे ई जब भागत जाय त भगइया गिरत जाय’ तब मेरे सामने अपना बचपन नाचने लगा। उन दिनों गाँव के बच्चे छोटी पतली धोती भगई पहना करते थे। गाँववासी बड़े बुजुर्गों का यह भाव देखकर मुझे महसूस होने लगा कि तुलसी बाबा ने यह झूठ कहा है कि- "तुलसी तहाँ न जाइये, जहाँ जन्म को ठाँव, भाव भगति को मरम न जाने धरे पाछिलो नाँव।।’’
निम्नलिखित तुलना में और अधिक संतुलित रवैया सुझाया गया है, हालांकि ये भी विवाद के विषय हैं:
प्राचीन काल से ही क्षत्रिय शक्तिशाली विद्वान तथा ज्ञानी होते थे ।ब्राह्मण लोगोँ की बात का लोग अन्धाधुन अनुकरण करने लगे । यज्ञोपवीत संस्कार तथा अन्य कर्मकांडों के कारण लोगों में धर्म के प्रति अंधविशअवास फैलने लगा तथा विश्व का सबसे वैज्ञानिक धर्म हिन्दू धर्म भी कुरीतियों का पालक बन गया । गौतम बुद्ध, महावीर आदि महापुरुषों ने प्राचीनकाल में तथा स्वामी विवेकानन्द, राजा राममोहन राय जैसे लोगों ने आधुनिक काल में इन कुरीतियों को दूर करने का प्रयत्न किया।
अभ्युदय-१, पृ. ४३;
इस घोषणा से हर मुसलमान ईश्वर की एकेश्वरवादिता और मुहम्मद साहब के रसूल होने के अपने विश्वास की गवाही देता है। यह इस्लाम का सबसे प्रमुख सिद्धांत है। हर मुसलमान के लिये अनिवार्य है कि वह इसे स्वीकारे। एक गैर-मुस्लिम को इस्लाम स्वीकार करने के लिये केवल इसे स्वीकार कर लेना पर्याप्त है।
बुधवार व्रत के दिन क्या करें इस दिन भगवान को सफेद फूल तथा हरे रंग की वस्तुएँ चढ़ाएँ। यथाशक्ति ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान दें। व्रती एक समय ही भोजन करे। किसी भी रूप में व्रतकथा को बीच में छोड़कर, प्रसाद ग्रहण किए बिना कहीं नहीं जाना चाहिए।
युद्धरत आम आदमी
(4) पश्चिमी काल (1200 ई. से 1500 ई. तथा उसके बाद का उन्नत आधुनिक काल)।
इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना के विषय में शिवपुराण में यह कथा वर्णित है-
इसी समय वे स्वामी शिवानन्द जी से प्रभावित हुए और उनसे संन्यास की दीक्षा ले ली। अब उनका नाम स्वामी चिन्मयानन्द हो गया। वे अपने गुरु से मार्ग - दर्शन पुस्तकालय की एक - एक पुस्तक लेकर अध्ययन करने लगे। दिन भर पढ़ने के लिए पर्याप्त समय रहता। उन दिनों आश्रम में बिजली नहीं थी। इसलिए रात के समय पढ़ने की सुविधा नही थी। स्वामी जी उस समय दिन भर पढ़े हुए विषयों का चिन्तन करते थे। कुछ दिनों बाद उनका अध्ययन गहन हो गया और वे बड़े गम्भीर चिन्तन में व्यस्त रहने लगे।
यह् भाषा बोत्सवाना मे बोली जाती है।
सरोजिनी नगर बाजार एक बडी सरोजिनी नगर सरकारी आवासीय कालोनी हेतु स्थानीय बाजार बनाया गया था। यह कालोनी सरकारी आवासीय कालोनी है, जो कि भारत की केन्द्र सरकार के कनिष्ठ अधिकारी वर्ग हेतु सन १९५० में बनाई गई थी। १९६० पर्यन्त यह क्षेत्र विनय नगरके नाम से जाना जाता था। फिर बाद में विनय नगर के च्हार भाग कर दिए गए थे, उत्तर में लक्ष्मीबाई नगर, दक्षिण में किदवई नगर - पश्चिम, पूर्व में सरोजिनी नगर व पश्चिम में नेताजी नगर। यह नाम प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी श्रीमती सरोजिनी नायडू के नाम पर दिया गया था।
2000 में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी नगेन शर्मा की हत्या
वार्रन हास्टिंग्स (6 दिसंबर 1732 - 22 अगस्त 1818) भारत के प्रथम गवर्नर जनरल थे। इनका कार्यकाल 1773 से 1785 तक था। इन्हें 1787 में भ्रष्टाचार के महाभियोग में हटाया गया था। बाद में १७९५ में दोषमुक्त किया गया।
27 मार्च - हेमन्त जोशी
दिल्ली के महाद्वीपीय जलवायु में ग्रीष्म ऋतु एवं शीत ऋतु के तापमान में बहुत अंतर होता है। ग्रीष्म ऋतु लंबी, अत्यधिक गर्म अप्रैल से मध्य-अक्तूबर तक चलती हैं। इस बीच में मानसून सहित वर्षा ऋतु भी आती है। ये गर्मी काफ़ी घातक भी हो सकती है, जिसने भूतकाल में कई जानें ली हैं। मार्च के आरंभ से ही वायु की दिशा में परिवर्तन होने लगता है। ये उत्तर-पश्चिम से हट कर दक्षिण-पश्चिम दिशा में चलने लगती हैं। ये अपने साथ राजस्थान की गर्म लहर और धूल भी लेती चलती हैं। ये गर्मी का मुख्य अंग हैं। इन्हें ही लू कहते हैं। अप्रैल से जून के महीने अत्यधिक गर्म होते हैं, जिनमें उच्च ऑक्सीकरण क्षमता होती है। जून के अंत तक नमी में वृद्धि होती है जो पूर्व मॉनसून वर्षा लाती हैं। इसके बाद जुळाई से यहां मॉनसून की हवाएं चलती हैं, जो अच्छी वर्षा लाती हैं। अक्तूबर-नवंबर में शिशिर काल रहता है, जो हल्की ठंड के संग आनंद दायक होता है। नवंबर से शीत ऋतु का आरंभ होता है, जो फरवरी के आरंभ तक चलता है। शीतकाल में घना कोहरा भी पड़ता है, एवं शीतलहर चलती है, जो कि फिर वही तेज गर्मी की भांति घातक होती है। [१३] यहां के तापमान में अत्यधिक अंतर आता है जो −०.६ °से. (३०.९ °फ़ै.) से लेकर ४८ ° से. (११८ °फा) तक जाता है।[१४] वार्षिक औसत तापमान २५°से. (७७ °फ़ै.); मासिक औसत तापमान १३°से. से लेकर ३२°से (५६°फ़ै. से लेकर ९०°फ़ै.) तक होता है।[१५] औसत वार्षिक वर्षा लगभग ७१४ मि.मी. (२८.१ इंच) होती है, जिसमें से अधिकतम मानसून द्वारा जुलाई-अगस्त में होती है। [५] दिल्ली में मानसून के आगमन की औसत तिथि २९ जून होती है।[१६]
कई बार भूकम्पों की एक श्रृंख्ला भूकंप तूफ़ान (earthquake storm) के रूप में उत्पन्न होती है, जहाँ भूकंप समूह में दोष उत्पन्न करता है, प्रत्येक झटके में पूर्व झटके के तनाव का पुनर्वितरण होता है. ये बाद के झटके (aftershock) के समान है लेकिन दोष का अनुगामी भाग है, ये तूफ़ान कई वर्षों की अवधि में उत्पन्न होते हैं, और कई बाद में आने वाले भूकंप उतने ही क्षतिकारक होते हैं जितने कि पहले वाले. इस प्रकार का प्रतिरूप तुर्की में २० वीं सदी में देखा गया जहाँ लगभग एक दर्जन भूकम्पों के क्रम ने उत्तर Anatolian दोष (North Anatolian Fault) पर प्रहार किया, इसे मध्य पूर्व में भूकंप के बड़े गुच्छों के रूप में माना जाता है.[५]
5. वही
लचलान मक्कुँरी 'न्यू-साउथ वेल्स के एक गवर्नर', अनंतर अपने इंग्लैंड के प्रेषणों में इस शब्द का प्रयोग करते थे और 12 दिसम्बर 1817 को इसे औपचारिक रूप से नगरीय कार्यालयों में प्रयोग के लिए स्वीकार्य बनाने की संस्तुति की.[१८]1824 में, नौ सेना विभाग सहमत हुआ की अब यह महाद्वीप सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलिया नाम से जाना जाना चाहिए.
• सत्यजित राय
इसॅी फ़ीसद करग़ीज़सत्ता नी मुस्लमान हैं -- इन में से अक्सरीयत हनफ़ी फिका से मुनसलिक है जो यहां सत्रहवीं सदी में राइज हुआ। शहरों से बाहर बाहर इस्लामी रवायात मुक़ामी तर्क क़बायली रवायात और अक़ाऐद से मिली हुई हैं। बक़ीया करग़ीज़सत्ता नी ज़्यादा तर रूसी या ीओ-करानी तक़लीदी कुंआ स के ईसाई हैं। सोवीत दूर में यहां सरकारी लामज़हबीत (दहर युति) आइद थी और करग़ीज़सतान का आईन अब भी हुकूमत में दीन की मदाखलत को ममनूअ क़रार देता है। ताहम आज़ादी के बाद इस्लाम मुआशरती और सयासी सतहों पर बतदरीज एहमीयत हासिल कर रहा है। इस के बावजूद यक्का कुछ सयासी और मुआशरती गिरोह अब भी सोवीत दूर की दहर युति के हामी हैं।
श्रीगुप्त के बाद उसका पुत्र घटोत्कच गद्दी पर बैठा ।
ॐ यशसा माद्यावापृथिवी, यशसेन्द्रा बृहस्पती । यशो भगश्च मा विदद्, यशो मा प्रतिपद्यताम् । - पार०गृ०सू० २.६.२१, मा०गृ०सू० १.९.२७
इन चार मठों के अतिरिक्त भी भारत में कई अन्य जगह शंकराचार्य पद लगाने वाले मठ मिलते हैं। यह इस प्रकार हुआ कि कुछ शंकराचार्यों के शिष्यों ने अपने मठ स्थापित कर लिये एवं अपने नाम के आगे भी शंकराचार्य उपाधि लगाने लगे। परन्तु असली शंकराचार्य उपरोक्त चारों मठों पर आसीन को ही माना जाता है।
श्रीधरः श्रीकरः श्रेयः श्रीमाण-ल्लोकत्रयाश्रयः ।।(६५)
Nowy Wiśnicz
हिन्द महासागर के उत्तरी भाग मे स्थित इस द्वीप राष्ट्र की भूमि केन्द्रीय पहाड़ों तथा तटीय मैदानों से मिलकर बनी है। वार्षिक वर्षा २५०० से ५००० मि.मी. तक होती है। वार्षिक तापमान का औसत मैदानी इलाकों में २७ डिग्री सेल्सियस तथा नुवर एलिय (ऊंचाई - १८०० मीटर) के इलाके में १५ डिग्री सेल्सियस रहता है। इस देश का विस्तार ६-१० गिग्री उत्तरी अक्षांश के मध्य होने, तथा चारो ओर समुद्र से घिरे होने की वजह से यह एक उष्ण कटिबंधीय जलवायु क्षेत्र है। यहां की औसत सापेक्षिक आर्द्रता दिन में ७०% से लेकर रात के समय में ९०% तक हो जाती है।
खालिस्तान को कनाडा और ग्रेटब्रिटेन के सिख समुदाय से अब भी व्यापक सहायता मिल रही है.
दूसरे दृष्टिकोण के अनुसार हिन्दू धर्म का मूल कदाचित सिन्धु सरस्वती परम्परा (जिसका स्रोत मेहरगढ़ की ६५०० ईपू संस्कृति में मिलता है) से भी पहले की भारतीय परम्परा में है।
यहाँ के मुख्य खनिज पदार्थ कोयला, लिग्नाइट, लोहा, ताँबा, मैंगनीज, सीसा, जस्ता, क्रोम तथा एमरी हैं; किंतु लिग्नाइट, लोहा तथा क्रोम का अत्यधिक उत्पादन होता है।
दूर तक का ऑस्ट्रेलिया का बड़ा भाग मरुस्थल है या अर्धशुष्क भूमि है जिसे सामन्यता पिछड़ा क्षेत्र कहा जाता है.ऑस्ट्रेलिया एक समतल महाद्वीप है, जिसकी मिट्टी सबसे पुरानी और कम उर्वरक है और सबसे सूखा आवासीय महाद्वीप है.सिर्फ महाद्वीप के दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी किनारे की जलवायु समशीतोष्ण है.जनसँख्या का घनत्व 2.8 निवासी प्रति स्क्वायर किलोमीटर है, जो दुनिया के सबसे निचलो में से एक है, हालाँकि जनसँख्या का एक बड़ा भाग दक्षिणी-पूर्वी तट रेख के समशीतोष्ण हिस्से में रहती है.उष्णदेशीय जलवायु के साथ देश के उत्तरी भाग के भू-प्रदेश में वर्षा प्रचुरवन, जंगलीभूमि, घासभूमि, वायुशिफ, दलदल और मरुस्थल सम्मिलित है. महत्वपूर्णता से जलवायु महासागरीय बहावो से प्रभावित होती है, जिसमे भारतीय महासागर द्रिधुव और अल नीनो दक्षिणी दोलन, जो सामयिक सूखे के साथ सहसम्बंधित है और मौसमी उष्णदेशीय निम्न चाप व्यवस्था जो उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में चक्रवात का निर्माण करती है. [४८]
द्वारका भारत के पश्चिम में समुन्द्र के किनारे पर बसी है। आज से हजारों वर्ष पूर्व भगवान कॄष्ण ने इसे बसाया था। कृष्ण मथुरा में उत्पन्न हुए, गोकुल में पले, पर राज उन्होने द्वारका में ही किया। यहीं बैठकर उन्होने सारे देश की बागडोर अपने हाथ में संभाली। पांड़वों को सहारा दिया। धर्म की जीत कराई और, शिशुपाल और दुर्योधन जैसे अधर्मी राजाओं को मिटाया। द्वारका उस जमाने में राजधानी बन गई थीं। बड़े-बड़े राजा यहां आते थे और बहुत-से मामले में भगवान कृष्ण की सलाह लेते थे।
सिंधी एक भाषा का प्रकार है। जो भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रुप से गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका संबंध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। सिंधी भाषा नस्तालिक यानि अरबी लिपी में लिखी जाती है। यानि दायें से बायें लिखि जाती है। जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं।
तपो न तप्तं वयमेव तप्ताः ।
सभी आदर्श जादूई वर्ग पैन-मैजिक वर्ग होते हैं।
पश्चिमी नागपुर में रामदास पीठ के निकट दीक्षाभूमि स्थित है। इसी स्थान पर 14 अक्टूबर 1956 को भारत रत्‍न डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। तब से यह स्थान बौद्ध तीर्थस्थल के तौर पर जाना जाता है। इस स्थान पर एक मेमोरियल भी बना हुआ है। सांची के स्तूप जैसी एक शानदार इमारत का यहां निर्माण किया गया है जिसे बनवाने में 6 करोड़ रूपये खर्च हुए थे। इस इमारत के प्रत्येक खंड में एक साथ 5000 भिक्षु ठहर सकते हैं।
कार्बनडाइऑक्साइड प्रकाश-संश्लेषण का एक मुख्य अवयव तथा कच्चा पदार्थ है। वायुमंडल में कार्बनडाइऑक्साइड गैस श्वसन, दहन, किण्वन, विघटन आदि क्रियाओं के द्वारा मुक्त होती है। वायु में इसकी मात्रा 0.0३ % से 0.0४ % होती है। स्थलीय पौधे इसे सीधे ही वायु से ग्रहण कर लेते हैं। इन पौधों की पत्तियों में छोटे छिद्र होते हैं जिन्हे पर्णरन्ध्र कहते हैं। कार्बनडाइऑक्साइड इन्हीं पर्णरन्ध्रों से पौधे की पत्तियों में प्रवेश करती है। जलमग्न पौधे जल में घुली कार्बनडाइऑक्साइड को अपनी शारीरिक सतह से विसरण द्वारा ग्रहण करते हैं। जल में कार्बनडाइऑक्साइड का स्रोत जलीय जन्तु हैं, जिनके श्वसन में यह गैस उत्पन्न होती है। जल के भीतर चट्टानों में उपस्थित कार्बोनेट तथा बाइकार्बोनेट के विघटन से भी कार्बनडाइऑक्साइड उत्पन्न होती है जिसको जलीय पौधे प्रकाश-संश्लेषण में ग्रहण करते हैं। प्रकाश-संश्लेषण में ग्लूकोज (C6H12O6) नामक कार्बोहाइड्रेट का निर्माण होता है। इसमें कार्बन (C) तथा ऑक्सीजन (C) तत्व के परमाणु कार्बनडाइऑक्साइड (CO2) से ही प्राप्त होते हैं।
2. पूर्ण बहुमत – सदन के 50% से अधिक सदस्यॉ का बहुमत [खाली सीटे भी गिनी जाती है] लोकसभा मे 273, राज्यसभा मे 123 सदस्यॉ का समर्थन . इसका राजनैतिक मह्त्व है न कि वैधानिक महत्व
जर्मनी में कुल सोलह राज्य हैं । इनको ४९३ ज़िलों में बाँटा गया है ।
‘मनुस्मृति’ भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसकी गणना विश्व के ऐसे ग्रन्थों में की जाती है, जिनसे मानव ने वैयक्तिक आचरण और समाज रचना के लिए प्रेरणा प्राप्त की है। इसमें प्रश्न केवल धार्मिक आस्था या विश्वास का नहीं है। मानव जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति, किसी भी प्रकार आपसी सहयोग तथा सुरुचिपूर्ण ढंग से हो सके, यह अपेक्षा और आकांक्षा प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति में होती है। विदेशों में इस विषय पर पर्याप्त खोज हुई है, तुलनात्मक अध्ययन हुआ है, और समालोचनाएँ भी हुई हैं। हिन्दु समाज में तो इसका स्थान वेदत्रयी के उपरांत हैं। मनुस्मृति के बहुत से संस्करण उपलब्ध हैं। कालान्तर में बहुत से प्रक्षेप भी स्वाभाविक हैं। साधारण व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं है कि वह बाद में सम्मिलित हुए अंशों की पहचान कर सके। कोई अधिकारी विद्वान ही तुलनात्मक अध्ययन के उपरान्त ऐसा कर सकता है।
एम. एस.ऑफ़िस 2003 हिंदी, माइक्रोसॉफ़्ट की ऑफ़िस श्रृंखला में नवीनतम संस्करण था जिसे १६ फ़रवरी २००४ को नई दिल्ली में लांच किया गया। कंप्यूटर के क्षेत्र में अब तक हिंदी का प्रयोग फ़ॉन्ट स्तर पर ही किया जाता था और इसका उपयोग भी शब्दसंसाधन तक ही सीमित था,लेकिन ऑफ़िस हिंदी के आगमन से हिंदी सच्चे अर्थों में कंप्यूटर के क्षेत्र में विश्‍व की अन्य विकसित भाषाओं के समकक्ष आ गई। वस्तुत: माइक्रोसॉफ़्ट ने इसके साथ पहली बार हिंदी को ऑपरेटिंग सिस्टम में समाहित किया,जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर संबंधी सभी अनुप्रयोगों में हिंदी का प्रयोग सहजता और सरलता से किया जा सकता है। कंप्यूटर में अंग्रेज़ी के व्यापक उपयोग के कारण आम लोगों में यह धारणा बन गई थी कि अंग्रेज़ी ही कंप्यूटर की मूल भाषा है। लेकिन इसके आ जाने से हिन्दी कंप्यूटिंग के क्षेत्र में कुछ विशेष सुविधाओं का प्रवेश हो गया। जैसे किसी भी सॉफ़्टवेयर पर फ़ाइल का नाम हिन्दी में रखा जा सकता था, अकारादि क्रम से शब्दों की अनुक्रमणिका बनाई जा सकती थी और इस कारण हिंदी में कोश निर्माण भी किया जा सकता था।
2008 में इस राज्य में रहने वाले 186,102 सेवानिवृत्त सैन्य थे.[४७]
काठमाण्डु · जनकपुरधाम · वाराह क्षेत्र
१९५६ – बी.एस. मर्ढेकर – 'सौंदर्य आणि साहित्य'
1788 से बाद ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति का प्राथमिक आधार एंग्लो सेल्टिक रहा है, यद्यपि देश के प्राकृतिक वातावरण और स्वदेशी से संस्कृतियों से कई ऑस्ट्रेलियाई विशेषताएँ बाहर निकली.20वीं सदी के मध्य से ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति, अमेरिका प्रख्यात संस्कृति(विशेषकर टेलिविज़न और सिनेमा), ऑस्ट्रेलिया के एशियाई पड़ोसी और बड़े पैमाने पर अंग्रेजी भाषा न बोले जाने वाले देशो के अप्रवासियों से प्रभावित रही है.
गाँधी जी शुरू से फलाहार (frutarian),[२८] करते थे लेकिन अपने चिकित्सक की सलाह से बकरी का दूध पीना शुरू किया था.वे कभी भी दुग्ध -उत्पाद का सेवन नही करते थे क्योंकि पहले उनका मानना था की दूध मनुष्य का प्राकृतिक आहार नहीं होता और उन्हें गाय के चीत्कार सेघृणा (cow blowing),[२९] थी और सबसे महत्वपूर्ण कारण था शपथ जो उन्होंने अपनी स्वर्गीय माँ से किया था
नाशिक में स्थित कीर्ति कला मंदिर में कृष्णा जयंती महोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर में हर वर्ष प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता है।
वर्ष २००७-०८ के लिए रु २६ करोड़ के साथ मायावती भारत में सभी नेताओं में से सबसे ज्यादा आयकर देने वाली भारतीय रही है।.[३]
माउंट आबू से १५ किमी.दूर गुरु शिखर अरावली पर्वत शृंखला की सबसे ऊँची चोटी है। पर्वत की चोटी पर बने इस मंदिर की शांति दिल को छू लेती है। मंदिर की भवन सफेद रंग का है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार दत्तात्रेय को समर्पित है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर पीतल की घंटी है जो माउंट आबू को देख रहे संतरी का आभास कराती है। गुरु शिखर से नीचे का दृश्य बहुत ही सुंदर दिखाई पड़ता है।
यह भाषा बाली, इंडोनेशिया में बोली जाती हैं
गायत्री शांतिकुञ्ज की ओर से]
बोइंग 747-400 बोइंग 747-400s एक तीन एक नया इंटीरियर के साथ वर्ग के विन्यास में विन्यस्त कर रहे हैं. प्रथम श्रेणी के लिए 180 डिग्री झुका के साथ एक फ्लैट बिस्तर सीट, सुविधाएँ. बिजनेस क्लास भी प्रीमियम सीटों गयी झुकना और cushioning के साथ. अर्थव्यवस्था वर्ग 32-34 इंच सीट पिच सुविधाएँ.
व्यासजी ने पुराणों तथा महाभारत की रचना करने के पश्चात् ब्रह्मसूत्रों की रचना भी यहाँ की थी। वाल्मीकि की ही तरह व्यास भी संस्कृत कवियों के लिये उपजीव्य हैं। महाभारत में उपाख्यानों का अनुसरण कर अनेक संस्कृत कवियों ने काव्य, नाटक आदि की सृष्टि की है। महाभारत के संबंध में स्वयं व्यासजी की ही उक्ति अधिक सटीक है- इस ग्रंथ में जो कुछ है, वह अन्यत्र है, पंरतु जो इसमें नहीं है, वह अन्यत्र कहीं भी नहीं है।
हरियाणा-124001
इसी प्रकार लेटते-लेटते या साष्टांग दण्डवत्‌ करते-करते परिक्रमा करते हैं जो एक सप्ताह से लेकर दो सप्ताह में पूरी हो पाती है। यहाँ गोरोचन, धर्मरोचन, पापमोचन और ऋणमोचन- ये चार कुण्ड हैं तथा भरतपुर नरेश की बनवाई हुई छतिरयां तथा अन्य सुंदर इमारतें हैं।
भाषाविदों के अनुसार हिन्दी के चार प्रमुख रूप या शैलियाँ हैं :
भगवान महावीर का संदेश प्राणी मात्र के कल्याण के लिए ( - प्रो. महावीर सरन जैन) भगवान महावीर का संदेश प्राणी मात्र के कल्याण के लिए है। उन्होंने मनुय-मनुष्य के बीच भेदभाव की सभी दीवारों को ध्वस्त किया। उन्होंने जन्मना वर्ण व्यवस्था का विरोध किया। इस विश्व में न कोई प्राणी बड़ा है और न कोई छोटा। उन्होंने गुण-कर्म के आधार पर मनुष्य के महत्व का प्रतिपादन किया। ऊँच-नीच, उन्नत-अवनत, छोटे-बड़े सभी अपने कर्मों से बनते हैं। जातिवाद अतात्विक है।
हालांकि, विनिर्देशन के अंतिम रूप की घोषणा करने वाली प्रेस विज्ञप्ति में इस तकनीक को केवल "DVD" संदर्भित किया गया है, जहां इन अक्षरों के पूर्ण रूप का (यदि कोई है भी तो) कोई जिक्र नहीं किया गया है.[६]
सुकेतु नाम का एक अत्यंत बलवान यक्ष था। उसकी कोई भी सन्तान नहीं थी। अतः सन्तान प्राप्ति के उद्देश्य से उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे सन्तान होने का वरदान दे दिया और उस वर के परिणामस्वरूप ताड़का का जन्म हुआ। सुकेतु ने ब्रह्मा जी से ताड़का के अत्यंत बली होने का वर भी ले लिया और ब्रह्मा जी ने उसके शरीर में हजार हाथियों का बल दे दिया।
गवर्नर-जनरल पांच वर्ष के कार्यकाल के लिये होता था। उसे पहले भी हटाया जा सकता था। इस काल के पूर्ण होने पर, एक अस्थायी गवर्नर-जनरल बनाया जाता था. जब तक कि नया गवर्नर-जनरल पदभार ग्रहण ना कर ले। अस्थायी गवर्नर-जनरल को प्रायः प्रान्तीय गवर्नरों में से चुना जाता था।
इस स्टेशन पर आने वाली गाड़ियों की सूची:-
ऋंगवेरपुर रामायणकाल में गंगा के तट पर स्थित एक स्थान का नाम है।
नवंबर २००५,में राष्ट्रीय जनता दल की बिहार में पंद्रह साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेकने में सफल हुए और मुख्यमंत्री के रूप में उनकी ताजपोशी हुई।
प्रत्येक अर्हट के लिए निम्नलिखित ब्यौरे नीचे दिए गए हैं:
यहां से सबसे निकटतम हवाई अड्डा बैंगलोर है जो देश-विदेश के प्रमुख हवाई अड्डों से जुड़ा है।
श्री पी. आर. ओझा
भगवान विश्वकर्मा जी की जन्म तिथि माघ मास त्रयोदशी शुक्ल पक्ष दिन रविवार का ही साक्षत रुप से सुर्य की ज्योति है। ब्राहाण हेली को यजो से प्रसन हो कर माघ मास मे साक्षात रुप मे भगवान विश्वकर्मा ने दर्शन दिये। श्री विश्वकर्मा जी का वर्णन मदरहने वृध्द वशीष्ट पुराण मे भी है।
भाषाविद और इतिहासकार ऋग्वेद संहिता को पूरी दुनिया कि सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक मानते हैं ।
मंदिर का गर्भगृह चतुरंग है तथा ऊँचे अधिस्थान पर टिका हुआ है। उत्तर प पर हाथी, घोड़े, आदमी और विविध दृश्य मिथुन सहित अंकित है। यहाँ वेदीवंघ पर जंघा है, जिसपर दो पंक्तियों में मूर्तियाँ हैं। यहाँ देवता, अप्सराएँ, व्याल और मिथुन- युग्म अंकन सुंदरता के साथ किया गया है।
53 वर्ष की उम्र में लू राज्य में एक शहर के वे शासनकर्ता तथा बाद में वे मंत्री पद पर नियुक्त हुए. मंत्री होने के नाते इन्होंने दंड के बदले मनुष्य के चरित्र सुधार पर बल दिया. कन्फ्यूशियस ने अपने शिष्यों को सत्य, प्रेम और न्याय का संदेश दिया. वे सदाचार पर अधिक बल देते थे. वे लोगों को विनयी, परोपकारी, गुणी और चरित्रवान बनने की प्रेरणा देते थें. वे बड़ों एंव पुर्वजों को आदर-सम्मान करने के लिए कहते थें. वे कहते थे कि दुसरो के साथ वैसा वर्ताव न करो जैसा तुम स्वंय अपने साथ नहीं करना चाहते हो.
प्रत्येक आवरण में एक या अधिक उपावरण होते हैं, जिनमें फिर परमाणू आवरण होते हैं। उदा. प्रथम (K) आवरण की एक उपावरण "1s" होती है; द्वितीय (L) आवरण में दो उपावरण "2s" और "2p" होते हैं; तृतीय उपावरण में "3s", "3p", और "3d" होते हैं; और ऐसे ही आगे भी।[१] विभिन्न संभव उपावरण इस सारणी में दिये गए हैं:
भारत मे मराठी मुख्यतः महारष्ट्र में बोली जाती है। इसके अतिरिक्त यह गोआ, कर्णाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिल नाडु, और छत्तीसगढ़ में बोली जाती है। केन्द्र शासित प्रदेशों में यह दमन और दीव, और दादर और नागर हवेली में बोली जाती है।
यह कला प्राचिन भारत मे प्रत्येक राजपुत्र को उनके गुरुओ द्वारा सिखायी जाती थी।इसमे गदा युद्ध,धनुष बाण संधान,तलवार चलाना,भाला चलाना,मल्ल युद्ध और भी कई तरह के औजारो से लडना सिखाया जाता था।
वायुयान इतने वेग से चलते रहते हैं कि उनको तोप से मार गिराना कठिन ही होता था, परंतु अमरीकी वैज्ञानिकों ने राडार और वायुयानघातक तोपों का ऐसा संबंध जोड़ा कि तोप अपने आप वायुयान पर सधी रहती थी। सन् 1944 के उड़न बमों पर विजय इसी से मिली, क्योंकि ये राडारयुक्त तोपें लगभग 70 प्रतिशत ऐसे बमों को मार गिराती थीं।
सितारा देवी भारत की प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना हैं। इनका जन्म १९२० के दशक की एक दीपावली की पूर्वसंध्या पर कलकत्ता हुआ था। इनका मूल नाम धनलक्ष्मी और घर में धन्नो था। इनको बचपन में मां-बाप के लाड-दुलार से वंचित होना पड़ा था। मुंह टेढ़ा होने के कारण भयभीत मां-बाप ने उसे एक दाई को सौंप दिया जिसने आठ साल की उम्र तक उसका पालन-पोषण किया। इसके बाद ही सितारा देवी अपने मां बाप को देख पाईं। उस समय की परम्परा के अनुसार सितारा देवी का विवाह आठ वर्ष की उम्र में हो गया। उनके ससुराल वाले चाहते थे कि वह घरबार संभालें लेकिन वह स्कूल में पढना चाहती थीं।[१] स्कूल जाने के लिए जिद पकड लेने पर उनका विवाह टूट गया और उन्हें कामछगढ हाई स्कूल में दाखिल कराया गया। वहां उन्होंने मौके पर ही नृत्य का उत्कृष्ट प्रदर्शन करके सत्यवान और सावित्री की पौराणिक कहानी पर आधारित एक नृत्य नाटिका में भूमिका प्राप्त करने के साथ ही अपने साथी कलाकारों को नृत्य सिखाने का उत्तरदायित्व भी प्राप्त कर लिया।
हिंग्लिश इंग्लैण्ड में बोली जाने वाली अंग्रेजी को भी प्रभावित कर रही है। भारतीय अप्रवासियों तथा उनके ऑफ्सप्रिंग्स के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले शब्द तथा ऍक्सप्रैशन इंग्लैण्ड की बोलचाल की अंग्रेजी में अपनाये गये हैं।[३]
बीजरहित या बीजविहीन होना कुछ फलों की एक महत्वपूर्ण व्यवसायिक विशेषता है। केले और अन्ननास की व्यवसायिक किस्में बीजरहित फलों के उदाहरण हैं। निम्बू-वंशी कुछ फलों की किस्में (विशेषकर नाभि संतरे), सत्सुमास, चीनी संतरे, चकोतरे, और तरबूज़ का बीजरहित होना इनकी कीमत बढ़ा देता है। कुछ प्रजातियों में, बीजविहीनता पार्थेनोकार्पी का परिणाम होती है, जहां फल बिना निषेचन प्रक्रिया के ही गठित होता है। पार्थेनोकर्पिक फल वह फल होते हैं जो बिना परागण के भी गठित हो सकते हैं। अधिकांश बीजरहित खट्टे फलों को परागण प्रेरणा की आवश्यकता होती है, जबकि केले और अन्ननास को बिल्कुल नहीं।
होटल माउंट व्यू
दिसंबर महिने मे अभिजात संगीत मैफली का कार्यक्रम पुणे मे होता है जिसे सवाई गंधर्व संगीत महोत्सव कह कर संबोधित किया जाता है। तीन रातो तक चलने वाला इस उत्सव मे सुप्रसिध्द हिंदुस्तानी व कर्नाटक संगीतज्ञ भाग लेते है। शास्त्रीय संगीत प्रेमियो के लिए उत्सव एक पर्व के समान होता है।
अभी हाल में जीएम फसलों से जुड़े तमाम विरोधों को देखते हुए हाल में सरकार ने बायोटेक्नोलॉजी रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल पर तेजी से कार्य करने का निर्णय लिया है। भारत में बीटी खाद्यान्न पर उठी बहस को लेकर पर्यावरण मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि वह फिलहाल बीटी बैंगन की खेती को रोके रखेगी। बिल में जन स्वास्थ्य से जुड़े इस संबंध में एक तीन सदस्यीय स्वायत्त बायोटेक्नोलॉजी रेगुलेटरी अथॉरिटी की सिफारिश की गई है। इसके अतिरिक्त यह अथॉरिटी जीएम राइस और जीएम टमाटर आदि के प्रयोगों और उत्पादन संबंधी परीक्षणों पर भी नजर रखेगी। यानी इस अथॉरिटी के पास जीएम फसलों के व्यवसाय से जुड़े सभी उद्यमियों को अपने पास बुलाने का और समूचे जीएम व्यवसाय क्षेत्र पर नजर रखने का विशेषाधिकार होगा।
उर्दू साहित्य में नवजागृति के वास्तविक चिह्न 1857 के विद्रोह के बाद ही से मिलते हैं। इसके ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक कारण स्पष्ट हैं। इन कारणों से जो नई चेतना उत्पन्न हुई उसी ने नए कवियों और साहित्यकारों को नई स्थिति के अनुकूल लिखने का अवसर दिया। इसमें सबसे पहला नाम सर सैयद (1817-1897 ई.) का लिया जा सकता है। उन्हीं के नेतृत्व में हाली, (1887-1914 ई.) आज़ाद (1833-1910 ई.) नज़ीर अहमद (1834-1912 ई.) और शिबली (1857-1914 ई.) ने उर्दू गद्य और पद्य में महान् रचनाएँ कीं और अंग्रेज साहित्य से प्रेरणा लेकर अपने साहित्य को समय के अनुकूल बनाया। मौलाना मुहम्मद हुसैन आज़ाद नई उर्दू कविता के निर्माता थे। वे दिल्ली कालेज में अपने विद्यार्थी जीवन में यूरोपीय विद्वानों और साहित्य से प्रभावित हो चुके थे। लाहौर में उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सहयोग से "अंजुमने पंजाब" की स्थापना की और 1867 ई. में उसकी एक सभा में व्याख्यान देते हुए उन्होंने उर्दू कविता की त्रुटियों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि कविता को मानव जीवन और प्रकृति के सभी अंगों पर प्रकाश डालना चाहिए जो दुर्भाग्यवश अभी तक उर्दू कविता में नहीं हो सका। हमें अब पुरानी लकीर पीटने के बजाए नए वातावरण की समस्याओं को चिंतन और काव्य का विषय बनाना चाहिए। इन्हीं विचारों के फलस्वरूप उर्दू कविता में नई शायरी का निर्माण हुआ और बाद के अधिकतर महान् कवि इसी से प्रभावित हुए। बहुत से छापेखाने खुल गए थे, पत्र-पत्रिकाएँ निकल रही थीं, नए पुराने का संघर्ष चल रहा था, इसलिए इन लोगों को अपने नए विचार प्रकट करने और उन्हें फैलाने में बड़ी सुविधा हुई। इसी युग में "सरशार", "शरर" और मिर्ज़ा रुसवा का नाम भी लिया जा सकता है, जिन्होंने उपन्यास साहित्य में बहूमूल्य वृद्धि की। इस युग को हर प्रकार से आलोचना का युग कहा जा सकता है; जो कुछ लिखा जा रहा था उसको इतिहास अपनी कसौटी पर परख रहा था। इन महान् लेखकों ने आलोचना, निबंध, उपन्यास, जीवनी, कविता के रूप में जो कुछ लिखा है वही आज के नए साहित्य का आधार है। इस युग की महानता यह है कि साहित्यकार ही नवचेतना के अग्रदूत और नेता बन गए थे। राजनीतिक दृष्टि से ये लोग क्रांतिकारी नहीं थे, किंतु इन्हीं की विचारधारा के बाद के लेखकों को प्रेरणा दी।
सिटाडेल मिस्र के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इसका निर्माण सला अल-दिन ने 12वीं शताब्दी में करवाया था। इसका संबंध 19वीं शताब्दी के नेता मोहम्मद अली से भी जोड़ा जाता है जिन्होंने मिस्र को मैमीलुक से मुक्त कराया था। इनके बारे में प्रचलित कहानियों के अनुसार मोहम्मद अली ने 740 मेमीलुक को भोज पर आमंत्रित किया और एक संकरी सुरंग में उन्हें कैद कर लिया। सिर्फ एक मेमीलुक उनकी कैद से भागने में सफल रहा। सिटाडेल परिसर के मुख्य आकर्षण हैं: अल-गोहारा महल, मोहम्मद अली मस्जिद, पुलिस संग्रहालय, सुल्ताल अल-नसीर मस्जिद, सेना संग्रहालय, कैरिज म्यूजियम, सुलेमन पाशा मस्जिद और बाब अल-अजाब। समय: सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक
ॐ त्वं नो अग्ने वरुणस्य विद्वान्, देवस्य हेडो अव यासिसीष्ठाः । यजिष्ठो वह्नितमः शोशुचानो, विश्वा द्वेषा सि प्र मुमुग्ध्यस्मत् स्वाहा । इदमग्नीवरुणाभ्यां इदं न मम॥ -२१.३ ॐ स त्वं नो अग्नेऽवमो भवोती, नेदिष्ठो अस्या ऽ उषसो व्युष्टौ । अव यक्ष्व नो वरुण रराणो, वीहि मृडीक सुहवो न ऽ एधि स्वाहा । इदमग्नीवरुणाभ्यां इदं न मम॥ -२१.४ ॐ अयाश्चाग्नेऽस्य, नभिशस्तिपाश्च, सत्यमित्वमयाऽ असि । अया नो यज्ञं वहास्यया, नो धेहि भेषज स्वाहा । इदमग्नये अयसे इदं न मम । -का०श्रौ०सू० २५.१.११ ॐ ये ते शतं वरुण ये सहस्रं, यज्ञियाः पाशा वितता महान्तः, तेभिनोर्ऽअद्य सवितोत विष्णुः, विश्वे मुञ्चन्तु मरुतः स्वकार्ः स्वाहा । इदं वरुणायसवित्रे विष्णवे विश्वेभ्यो देवेभ्यो मरुद्भ्यः स्वकेर्भ्यश्च इदं न मम । -का०श्रौ० सू० २५.१.११ ॐ उदुत्तमं वरुण पाशमस्मदवाधमं, विमध्यम श्रथाय । अथा वयमादित्य व्रते तवानागसो, अदितये स्याम स्वाहा । इदं वरुणायादित्यायादितये च इदं न मम । -१२.१२
अर्मावीर आर्मेनिया का एक समुदाय है। यह अर्मावीर मर्ज़ (प्रांत) में आता है। इसकी स्थापना 1930 में हुई थी। यहां की जनसंख्या 26,387 है।
तृतीय समिति- जनगणना ।
• बिमल राय
शनि मण्डल से एक लाख योजन ऊपर सप्तर्षि मण्डल है।
यह नई दिल्ली का एक मुख्य मार्ग है, जो कि दक्षिणी दिल्ली में आता है। यह सफदरजंग का मकबरा से आरम्भ होकर कुतुब मीनार तक जाती है। यह मार्ग श्रीऔरोबिन्दो घोष के नाम पर आधारित है, जिनका श्री औरोबिन्दो आश्रम इस मार्ग पर ही स्थित है।
पाणिनी की अष्टाध्यायी- यह पाँचवीं सदी पूर्व संस्कृत व्याकरण का अपूर्व ग्रन्थ है ।
गिया --- गयायायी --- जायेगाअवे --- आया
दूसरा चरण 25 मार्च 1948
पाश्चात्य रॉक संगीत यहाँ प्रायः घरों एवं भोजनालयों में, गैर-शहरी इलाक़ों में भी सुनाई दे जाता है । हिन्दी संगीत ने भी लोगों में अपनी जगह बनाई है । विशुद्ध नेपाली रॉक संगीत, तथा पाश्चात्य संगीत पर नेपाली काव्य भी काफ़ी प्रचलित हैं । फुटबॉल एवं क्रिकेट यहाँ के सबसे लोकप्रिय खेल हैं ।
लियोनेल रोबिंसन के अनुसार आधुनिक अर्थशास्त्र की परिभाषा इस प्रकार है,"वह विज्ञान जो मानव स्वभाव का वैकल्पिक उपयोगों वाले सीमित साधनों और उनके प्रयोग के मध्य अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन करता है।" दुर्लभता का अर्थ है कि उपलब्ध संसाधन सभी मांगों और जरुरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं। दुर्लभता और संसाधनों के वैकल्पिक उपयोगों के कारण ही अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता है। अतएव यह विषय प्रेरकों और संसाधनों के प्रभाव में विकल्प का अध्ययन करता है।
मानवता के ज्योतिर्मय सूर्य जगद्गुरु शंकराचार्य: एक संन्यासी बालक, जिसकी आयु मात्र ७ वर्ष थी, गुरुगृह के नियमानुसार एक ब्राह्मण के घर •िाक्षा माँगने पहुँचा। उस ब्राह्मण के घर में •िाक्षा देने के लिए अन्न का दाना तक न था। ब्राह्मण पत्नी ने उस बालक के हाथ पर एक आँवला रखा और रोते हुए अपनी विपन्नता का वर्णन किया। उसकी ऐसी अवस्था देखकर उस प्रेम-दया मूर्ति बालक का हृदय द्रवित हो उठा। वह अत्यंत आर्त स्वर में माँ लक्ष्मी का स्तोत्र रचकर उस परम करुणामयी से निर्धन ब्राह्मण की विपदा हरने की प्रार्थना करने लगा। उसकी प्रार्थना पर प्रसन्न होकर माँ महालक्ष्मी ने उस परम निर्धन ब्राह्मण के घर में सोने के आँवलों की वर्षा कर दी। जगत् जननी महालक्ष्मी को प्रसन्न कर उस ब्राह्मण परिवार की दरिद्रता दूर करने वाला, दक्षिण के कालाड़ी ग्राम में जन्मा वह बालक था- ‘शंकर’, जी आगे चलकर ‘जगद्गुरु शंकराचार्य’ के नाम से विख्यात हुआ। इस महाज्ञानी शक्तिपुंज बालक के रूप में स्वयं •ागवान शंकर ही इस धरती पर अवतीर्ण हुए थे। इनके पिता शिवगुरु नामपुद्रि के यहाँ विवाह के कई वर्षों बाद तक जब कोई संतान नहीं हुई, तब उन्होंने अपनी पत्नी विशिष्टादेवी के साथ पुत्र प्राप्ति की कामना से दीर्घकाल तक चंद्रमौली •ागवान शंकर की कठोर आराधना की। आखिर प्रसन्न होकर •ागवान शंकर ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और कहा- ‘वर माँगो।’ शिवगुरु ने अपने इष्टप्र•ाु से एक दीर्घायु सर्वज्ञ पुत्र माँगा। •ागवान शंकर ने कहा- ‘वत्स, दीर्घायु पुत्र सर्वज्ञ नहीं होगा और सर्वज्ञ पुत्र दीर्घायु नहीं होगा। बोलो तुम कैसा पुत्र चाहते हो?’ तब धर्मप्राण शास्त्रसेवी शिवगुरु ने सर्वज्ञ पुत्र की याचना की। औढरदानी •ागवान शिव ने पुन: कहा- ‘वत्स तुम्हें सर्वज्ञ पुत्र की प्राप्ति होगी। मैं स्वयं पुत्र रूप में तुम्हारे यहाँ अवतीर्ण होऊँगा।’
यह सम्भव है कि आप स्वयं को स्वस्थ समझते हों, क्योंकि आपका शारीरिक रचनातन्त्र ठीक ढंग से कार्य करता है, फिर भी आप विकृति की अवस्था में हो सकते हैं अगर आप असन्तुष्ट हों, शीघ्र क्रोधित हो जाते हों, चिड़चिड़ापन या बेचैनी महसूस करते हों, गहरी नींद न ले पाते हों, आसानी से फारिग न हो पाते हों, उबासियाँ बहुत आती हों, या लगातार हिचकियाँ आती हो, इत्यादि।
जेबेल अली मुक्त क्षेत्र की सफलता ने शहर को इस मॉडल की नकल कर नए मुक्त क्षेत्र के समूहों के विकास की अनुमति दी जिसमे दुबई इंटरनेट सिटी, दुबई मीडिया सिटी और दुबई मैरीटाइम सिटी भी शामिल है . बुर्ज अल अरब , दुनिया के सबसे बड़ा प्रथक होटल के निर्माण और साथ ही नये आवासीय गतिविधियों के निर्माण को पर्यटन के लिए दुबई के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया . 2002 के बाद से निजी संपत्ति के विकास में वृद्धि ने दुबई के क्षितिज [२६] का विशाल परियोजनाओं, द पाल्म आइलैंड, द वर्ल्ड आइलैंड और द बुर्ज खलीफा के साथ पुनः निर्माण किया . हाल ही के मजबूत आर्थिक विकास ने उच्च मुद्रास्फीति को भी बढ़ावा मिला (11.2% ,2007 में जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के खिलाफ मापा गया) जिसका एक कारण वाणिज्यिक और आवासीय किराए का दोहरीकरण भी माना जाता है .[२७]
1991 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है।
८ से २४ अगस्त, २००८ के बीच चीन में आयोजित २००८ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में चीन सर्वाधिक स्वर्ण जीतकर पदक तालिका में प्रथम स्थान पर रहा।
Below is a list of major sports teams in California:
केंद्रीय हिंदी संस्थान भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक उच्चतर शैक्षिक एवं शोध संस्थान है। संविधान के अनुच्छेद 351 में निहित दिशा-निर्देशों के अनुरूप हिंदी को अपनी विविध भूमिकाएं निभाने मे समर्थ और सक्रिय बनाने के उद्देश्य से और विविध शैक्षिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक स्तरों पर सुनियोजित अनुसंधान द्वारा शिक्षण-प्रशिक्षण, भाषाविश्लेषण, भाषा का तुलनात्मक अध्ययन तथा शिक्षण सामग्री निर्माण आदि को विकसित करने के लिए सन् १९६१ में भारत सरकार के तत्कालीन शिक्षा एवं समाज कल्याण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में में की गई।
अणुशक्ति नगर दक्षिण मुंबई का एक क्षेत्र है।
७, मेघोली विमानस्थल Meghuli Airport, भरतपुर
19वीं शती ईसवी के अंत में तथा 20वीं शती के आरंभ में अंग्रेज बलोचिस्तान में अपने साथ केवल नई शासनविधि ही नहीं ले गए प्रत्युत उन्होंने पर्वतों, रेगिस्तानों तथा घाटियों की भूमि में एक नई सभ्यता की नींव डाली। इनकी विद्याओं तथा कलाओं के प्रदर्शन से बलोच साहित्य का स्वरूप भी प्रभावित हुआ। बलोच कवियों ने कल्पना के नए रूप अपनाए। जैसूर ने ऐसी कविताएँ लिखीं जिनमें नए शब्द तथा नई योजना थी। आजाद जमालदीनी ने अंग्रेजों की शक्ति में जाति तथा देश की अवनति समझी। मुहम्मद हुसेन उनका ने मोटरों तथा कारों के पहियों के नीचे दरिद्रों की इच्छाओं का खून होते देखा। जवाँ साल ने अधार्मिक विचारों के प्रकाशन की रोक थाम के लिए प्रशंसात्मक तथा व्यावहारिक कविताएँ प्रस्तुत कीं। रहम अली बज्लाज़ भी अंग्रेजों के बलोचिस्तान में आगमन से भविष्य में होने वाले प्रभाव से अपरिचित न रह सके और उनकी शैली तथा भाषा में विशेष परिवर्तन हो गया। अब ऐसी कविताएँ की जाने लगी जिनमें बलोचों को उनके बीते गौरव का स्मरण दिलाया गया, स्वतंत्रता देवी की प्रशंसा में गीत कहे गए और जनसाधारण को स्वातंत्र्य युद्ध के लिए तैयार किया गया। निरंतर युद्ध के अनंतर सन् 1947 ई. में जब स्वतंत्रता मिली पाकिस्तान की दूसरी प्रांतीय भाषाओं के समान बलोच भाषा की भी उन्नति हुई। रेडियो पाकिस्तान क्वेटा के स्थापित होने से बलोची कवियों तथा गद्य लेखकों का उत्साह बढ़ा और नए लेखकों का एक पूरा मंडल मैदान में आ उतरा।
दैम्लेर का देहांत 1900 में हुआ और उसी वर्ष क अंत में माय्बैक ने एक इंजन डिजाईन किया जिसका नाम था ,Daimler-मर्सिडीज,उसे स्थापित किया गया एक विशेष मॉडल में जो एमिल Jellinek (Emil Jellinek) द्वारा बनाया गया था .यह उत्पादन काफ़ी चोटी संख्या में जेल्लिनेक ने की थी अपने देश क बाज़ार क लिए .दो साल बाद , 1902 में ,एक नई मॉडल DMG ऑटोमोबाइल का उत्पादन किया गया जिसका नाम मर्सिडीज रखा गया माय्बैक इंजन के ऊपर जो 35 HP उत्पन्न करती थी . शीघ्र ही माय्बैक ने DMG छोड़ दी और अपना ख़ुद का एक व्यपार शुरू किया .Daimler ब्रांड नाम का अधिकार अन्य निर्माताओं को बेच दिया गया .
बांग्ला देश की जलवायु उष्णकटिबंधीय जलवायु है, यहाँ अक्तूबर से मार्चतक जाड़े का मौसम होता है। मार्च से जून तक उमस भरी गर्मी होती है और मार्च से जून तक मानसून के मौसम की बारिश होती है। बांग्लादेश को प्राय: हर साल चक्र्वातीय तूफान का सामन करना पड़ता है। मिट्टी का अपरदन और वनों की अंधाधुंध कटाई यहाँ की कुछ बड़ी समस्याएँ हैं। ढाका यहाँ का सबसे बड़ा शहर है, अन्य बड़े शहरों में चिटागांग, राजशाही, और खुलना हैं. चिटागांग के दक्षिण में स्थित काक्स बाजार विश्व के सबसे लंबी बीच में से एक है।
सोन नदी जिले में पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। इसकी सहायक नदी रिहन्द जो छत्तीसगढ़ एवं मध्य प्रदेश के पठार से निकलती है सोन में जिले के केन्द्र में मिल जाती है। रिहन्द नदी पर बना गोवन्दि वल्लभ पंत सागर आंशिक रूप से जिले में तथा आंशिक रूप से मध्य प्रदेश में आता है।
इस बीच, इस्लाम ही मालदीव का शासकीय धर्म है. अन्य सभी धर्मों का खुला अनुशीलन मना है और ऐसी प्रक्रिया कानून के तहत मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी हैं. संशोधित संविधान के लेख दो के अनुसार, यह कहा गया है कि गणतंत्र "इस्लाम के सिद्धांतों पर आधारित है." अनुच्छेद नौ कहता है कि "एक गैर मुस्लिम मालदीव का नागरिक नहीं बन सकता"; नम्बर दस कहता हैं, इस्लाम के किसी भी सिद्धांत के विपरीत, मालदीव में कोई कानून लागू नहीं किया जा सकता है." लेख उन्नीस कहता है कि "नागरिकों को भाग लेने की या ऐसी कोई भी गतिविधि करने की स्वतंत्रता है जो स्पष्ट रूप से शरीयत या कानून द्वारा निषिद्ध नहीं है."
गाजियाबाद में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज और प्रबंधन संस्थान एक बडी़ संख्या मे स्थित हैं। यहाँ कुछ दंत चिकित्सा महाविद्यालय और भौतिक चिकित्सा संस्थान भी हैं। गाजियाबाद में मुख्य विद्यालयों (स्कूलों) और महाविद्यालयों (कॉलेजों) की सूची इस प्रकार हैं:
दो तरीके हैं:-
विवाह घोषणा के बाद, सस्वर मङ्गलाष्टक मन्त्र बोलें जाएँ । इन मन्त्रों में सभी श्रेष्ठ शक्तियों से मङ्गलमय वातावरण, मङ्गलमय भविष्य के निमार्ण की प्रार्थना की जाती है । पाठ के समय सभी लोग भावनापूर्वक वर-वधू के लिए मङ्गल कामना करते रहें । एक स्वयं सेवक उनके ऊपर पुष्पों की वर्षा करता रहे ।
वैदिक साहित्य के विशाल एवं जटिल होने पर कर्मकाण्ड से सम्बद्ध सिद्धान्तों को एक नवीन रूप दिया गया। कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ-प्रतिपादन करने वाले छोटे-छोटे वाक्यों में सब महत्त्वपूर्ण विधि-विधान प्रकट किये जाने लगे। इन सारगर्भित वाक्यों को सूत्र कहा जाता था। कर्मकाण्ड-सम्बन्धी सूत्र-साहित्य को चार भागों में बाँटा गया-
अशोक के शिलालेख
कंबोडिया की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से वस्त्र उद्योग, पर्यटन एवं निर्माण उद्योग पर आधारित है। २००७ में यहाँ केवल अंकोरवाट मंदिर आनेवाले विदेशी पर्यटकों की संख्या ४० लाख से भी ज्यादा थी। सन २००७ में कंबोडिया के समुद्र तटीय क्षेत्रों में तेल एवं गैस के विशाल भंडार की खोज हुई, जिसका व्यापारिक उत्पादन सन २०११ से होने की उम्मीद है जिससे इस देश की अर्थव्यवस्था में काफी परिवर्तन होने की अपेक्षा की जा रही है।
बांग्लादेश को छः उपक्षेत्रों में बांटा गया है जिनका नाम उन राज्यों की राजधानियों के नाम पर रखा गया है।
उत्तरप्रदेश- 842002
इसके अनुसार प्रत्येक शाखा के दो भाग बताये गये हैं।
हिंदी भाषा के उज्ज्वल स्वरूप का भान कराने के लिए यह आवश्यक है कि उसकी गुणवत्ता, क्षमता, शिल्प-कौशल और सौंदर्य का सही-सही आकलन किया जाए। यदि ऐसा किया जा सके तो सहज ही सब की समझ में यह आ जाएगा कि -
अंगुल के बाद की इकाइयों का विवरण इस प्रकार है --
बैंकॉक थाइलैंड की राजधानी है। यहां ऐसी अनेक चीजें जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध हैं मरीन पार्क और सफारी। मरीन पार्क में प्रशिक्षित डॉल्फिन अपने करतब दिखाती हैं। यह कार्यक्रम बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी खूब लुभाता है। सफारी वर्ल्‍ड विश्‍व का सबसे बड़ा खुला चिड़ियाघर (प्राणीउद्यान) है। यहां एशिया और अफ्रीका के लगभग सभी वन्य जीवों को देखा जा सकता है। यहां की यात्रा थकावट भरी लेकिन रोमांचक होती है। रास्ते में खानपान का इंतजाम भी है।
महात्मा गांधी राजनीतिक जीव थे. उनकी आध्यात्मिक चेतना सुबह-शाम की आरती और पूजा-पाठ तक सीमित थी. जबकि उनकी धर्मिक-चेतना उनके राजनीतिक कार्यक्रमों के अनुकूल और समन्वयात्मक थी. उसमें आलोचना-समीक्षा भाव के लिए कोई स्थान नहीं था. धर्म-दर्शन के मामले में यूं तो विनोबा भी समर्पण और स्वीकार्य-भाव रखते थे. मगर उन्हें जब भी अवसर मिला धर्म-ग्रंथों की व्याख्या उन्होंने लीक से हटकर की. चाहे वह ‘गीता प्रवचन’ हों या संत तुकाराम के अभंगों पर लिखी गई पुस्तक ‘संतप्रसाद’. इससे उसमें पर्याप्त मौलिकता और सहजता है. यह कार्य वही कर सकता था जो किसी के भी बौद्धिक प्रभामंडल से मुक्त हो. एक बात यह भी महात्मा गांधी के सान्न्ध्यि में आने से पहले ही विनोबा आध्यात्मिक ऊंचाई प्राप्त कर चुके थे. आश्रम में आनने के बाद भी वे अध्ययन-चिंतन के लिए नियमित समय निकालते थे. विनोबा से पहली ही मुलाकात में प्रभावित होने पर गांधी जी ने सहज-मन से कहा था—
अकबर के दरबार में जैन भी थे, यह बदायूँनी और अबुल फजल दोनों ही कहते हैं। दो प्रमुख जैन मुनि हीर विजयजी तथा उनके शिष्य विजयसेन सूरी उसके दरबार में आए। ये दोनों श्वेबांतर जैन थे। इनमें हीर विजयजी सूरी को तो 1584 ई. में अकबर का फ़रमान प्राप्त हुआ किपर्युषण पर्व में जीव हिंसा न हो।
इस्लाम की आलोचनाइस्लामोफोबिया
कुमारगुप्त द्वितीय- पुरुगुप्त का उत्तराधिकारी कुमारगुप्त द्वितीय हुआ । सारनाथ लेख में इसका समय ४४५ ई. अंकित है ।
यंग इन्डिया भारत मे प्रकाशित होने वाला एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है।
अशोक ने अहिंसा, शान्ति तथा लोक कल्याणकारी नीतियों के विश्‍वविख्यात तथा अतुलनीय सम्राट हैं । एच. जी. वेल्स के अनुसार अशोक का चरित्र “इतिहास के स्तम्भों को भरने वाले राजाओं, सम्राटों, धर्माधिकारियों, सन्त-महात्माओं आदि के बीच प्रकाशमान है और आकाश में प्रायः एकाकी तारा की तरह चमकता है ।"
एशियाटिक सोसायटी (The Asiatic Society) की स्थापना १५ जनवरी, सन् १७८४ को विलियम जोंस ने कोलकाता स्थित फोर्ट विलियम में की थी। इसका उद्देश्य प्राच्य-अध्ययन कबढ़ावा देना था।
(अ) न् के लिये
यात्रा वृतांत
खजुराहो में एकमात्र सूर्य मंदिर है जिसका नाम चन्द्रगुप्त है। चन्द्रगुप्त मंदिर एक ही चबूतरे पर स्थित चौथा मंदिर है। इसका निर्माण भी विद्याधर के काल में हुआ था। इसमें भगवान सूर्य की सात फुट ऊंची प्रतिमा कवच धारण किए हुए स्थित है। इसमें भगवान सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार हैं। मंदिर की अन्य विशेषता यह है कि इसमें एक मूर्तिकार को काम करते हुए कुर्सी पर बैठा दिखाया गया है। इसके अलावा एक ग्यारह सिर वाली विष्णु की मूर्ति दक्षिण की दीवार पर स्थापित है।
द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशो की थल-जल-वायु सेनाए इस युद्ध मे सम्मलित थी। इस युद्ध में विश्व दो भागो मे बटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध मे लगभग ६ करोड़ लोगो की जान गई, तथा यह मानव इतिहास का सवसे ज्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रो की जीत हुई। द्वितीय विश्व युद्ध की शुरवात सितम्बर १९३९ मैं हुई जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब अमरीका , फ्रांस और इंग्लैंड ने जर्मनी पर हमला बोला ।
श्री महावीर अग्रवाल
जिले का मुख्यालय इम्फाल है ।
यह कत्थई रंग का पीले तथा धूमिल रंग के छोटे-छोटे बिन्दुओं से युक्त होता है। इसका उपयोग खरल बनाने में होता है।
भारत के निर्यातों में कृषि उत्पाद, चाय, कपड़ा, बहुमूल्य रत्न व आभूषण, साफ़्टवेयर सेवायें, इंजीनियरिंग सामान, रसायन तथा चमड़ा उत्पाद प्रमुख हैं जबकि उसके आयातों में कच्चा तेल, मशीनरी, बहुमूल्य रत्न, उर्वरक (फ़र्टिलाइज़र) तथा रसायन प्रमुख हैं। वर्ष २००४ के लिये भारत के कुल निर्यात $६९१८ करोड़ डालर के थे जबकि उसके आयात $८९३३ करोड डालर के थे।
१९७५ में, राजतंत्र के अंत के उपरांत, कांग्रेस को १९७७ के आम चुनावों में बहुमत प्राप्त हुआ । अस्थिरता के एक दौर के बाद, १९७९ में, सिक्किम संग्राम परिषद पार्टी के नेता नर बहादुर भंडारी के नेतृत्व में एक लोकप्रिय मंत्री परिषद का गठन हुआ । इस के बाद, १९८४ और १९८९ के आम चुनावों में भी भंडारी ही विजयी रहे । १९९४ में सिक्किम डॅमोक्रैटिक फ़्रंट के पवन कुमार चामलिंग राज्य के मुख्यमंत्री बने। १९९९ और २००४ के चुनावों में भी विजय प्राप्त कर, यह पार्टी अभी तक सिक्किम में राज कर रही है ।[७][१५]
कहानी संग्रह- लिली, चतुरी चमार, सुकुल की बीवी, सखी, देवी।
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय महान चिंतक और संगठक थे। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानव दर्शन जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी।
मिस्र का इतिहास  · प्राचीन मिस्र  · हख़ामनी मिस्र  · टॉलेमिक मिस्र  · रोमन मिस्र  · अरबी मिस्र  · उस्मानी मिस्र  · आधुनिक मिस्र  · Architecture · Art · Burial customs · Chronology · Cuisine · Dynasties · Geography · History · Mathematics · Medicine · Religion · Pharaohs · People · Language · Sites · Technology · Writing
तिरु एक दक्षिण भारतीय आदरसूचक आद्याक्षर है (जैसे कि - तिरुचिरापल्ली,तिरुपति,तिरुवल्लुवर) जिसका हिन्दी समानान्तर है श्री (जैसे - श्रीमान, श्रीकाकुलम्, श्रीनगर, श्रीविष्णु इत्यादि) । अनन्त भगवान अनन्त के लिए है तथा संस्कृत शब्द पुरम् का अर्थ है घर, वासस्थान ।
तुलु, तमिल, तेलुगु, कन्नड, मलयालम
Infinity tower 2
दक्षिण में यह मार्ग कुतुब मीनार तक जाता है, जहाँ से एक मार्ग महरौली गाँव को जाता है, व एक अंधेरिया मोङ होकर गुङगाँव को जाता है।
2.12.2 योजक प्रत्‍यय के रूप में 'घरवाला', 'टोपीवाला' (टोपी बेचने वाला), दिलवाला, दूधवाला आदि एक शब्द के समान ही लिखे जाएँगे।
यह संस्कृतभाषा के प्राचीनतम इतिहास ग्रंथ है, इसे आमतौर पर वैदिक युग में लगभग १४०० इसवी ईसा पूर्व के समय का माना जाता है। विद्वानों ने इसकी तिथी निरधारित करने के लिये इसमें वर्णित सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहणों के बारे में अध्ययन किया है और इसे ३१ वीं सदी इसा पूर्व का मानते हैं, लेकिन मतभेद अभी भी जारी है।
ये परमाणु बम एवं हाइड्रोजन बम से भी अधिक भयानक सिद्ध हुए हैं। ये ऐसे अस्त्र हैं जिन्हें छोड़ने पर किसी प्रकार का धमाका नहीं होता है। जीवाणु अस्त्र में रोग फैलानेवाले जीवाणु होते हैं और जिस युद्ध में ये इस्तेमाल किए जाते हैं वह बहुत बीभत्स एवं संहारक होता है। प्रथम विश्वयुद्ध में युद्धभूमि में 51,259 अमरीकी सैनिक मरे थे, पर उसके बाद जीवाणुओं से फैली बीमारी से मरनेवालों की संख्या 51,447 थी। प्राचीन काल में लोग रोगी के शव को दुश्मनों के घेरे में डाल देते थे ताकि उनकी मृत्यु जीवाणुओं के माध्यम से होने लगे।
विभिन्न धर्मग्रंथों में संस्कारों के क्रम में थोडा-बहुत अन्तर है, लेकिन प्रचलित संस्कारों के क्रम में गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राशन, चूडाकर्म, विद्यारंभ, कर्णवेध, यज्ञोपवीत, वेदारम्भ, केशान्त, समावर्तन, विवाह तथा अन्त्येष्टि ही मान्य है।
न्यूनतम स्तर पर कई आधुनिक प्रचालन प्रणालियाँ संचिकाओं को केवल एक-आयामी बाइटों की शृंखला ही मानती हैं। अधिक उच्च स्तर पर, जब संचिका की सामग्री को भी मद्देनज़र रखा जा रहा हो, तो ये द्विलवीय अंक पूर्णाक, अक्षर, छवि पिक्सेल, ध्वनि या किसी और चीज़ का प्रतिनिधित्व करते हुए माने जा सकते हैं। यह संचिका का इस्तेमाल करने वाले कार्यक्रम पर निर्भर है कि वह किस प्रकार संचिका का अर्थ निकालता है और जानकारी के आंतरिक जमाव को कैसे समझता है, ताकि प्रयोक्ता को और अधिक मायने रखने वाली शैली में इसी जानकारी को प्रस्तुत कर सके (जैसे कि लेख, छवियाँ, ध्वनियाँ या चलनीय अनुप्रयोग कार्यक्रम के तौर पर)।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर और गाँव ब्रह्मगिरि नामक पहाड़ी की तलझटी में स्थित है। इस गिरि‍ को शिव का साक्षात रूप माना जाता है। इसी पर्वत पर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गमस्थल है। कहा जाता है-
अशोक मौर्य सम्राट बिन्दुसार तथा रानी धर्मा का पुत्र था । कहा जाता है कि धर्मा एक ब्राह्मण की बेटी थी । एक दिन उसको स्वप्न आया कि उसका बेटा एक बहुत बड़ा सम्राट बनेगा । उसके बाद उसे राजा बिन्दुसार ने अपनी रानी बना लिया । चुँकि धर्मा कोई क्षत्रिय कुल से नहीं थी अतः उसको कोई विशेष स्थान राजकुल में प्राप्त नहीं था । अशोक के कई भाई (सौतेले)-बहने थी । बचपन में उनमें कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती थी । अशोक के बारे में कहा जाता है कि वो बचपन से सैन्य गतिविधियों में प्रवीण था । दो हज़ार वर्षों के पश्चात्, अशोक का प्रभाव एशिया मुख्यतः भारतीय उपमहाद्वीप में देखा जा सकता है। अशोक काल में उकेरा गया प्रतीतात्मक चिह्न, जिसे हम 'अशोक चिह्न' के नाम से भी जानते हैं, आज भारत का राष्ट्रीय चिह्न है। बौद्ध धर्म के इतिहास में गौतम बुद्ध के पश्चात् अशोक का ही स्थान आता है। The Ashoka chakra was built by Ashoka during his reign. Chakra is a Sanskrit word which also means cycle or self repeating process. The process it signifies is the cycle of time as how the world changes with time. The horse means accuracy and speed while the bull means hardwork.
उन्होंने इसके लिए एक व्रत के बाहर एक बड़ा बहुभुज चित्रित किया, और व्रत के भीतर एक छोटा बहुभुज चित्रित किया.
साँचा:सितंबर कैलंडर२०११ 13 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 256वॉ (लीप वर्ष मे 257 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 109 दिन बाकी है।
समय आने पर अम्बा के गर्भ से जन्मांध धृतराष्ट्र, अम्बालिका के गर्भ से पाण्डु रोग से ग्रसित पाण्डु तथा दासी के गर्भ से धर्मात्मा विदुर का जन्म हुआ।
सुश्रूषणपरा स्वच्छा, मधुर-प्रियभाषिणी । प्रतिजाने भविष्यामि, सततं सुखदायिनी॥५॥ सेवा, स्वच्छता तथा प्रियभाषण का अभ्यास बनाये रखूँगी । ईर्ष्या, कुढ़न आदि दोषों से बचूँगी और सदा प्रसन्नता देने वाली बनकर रहूँगी ।
कम्प्यूटर और हिन्दी wiki पर लिखने के उपाय का विवरण है कड़ी
रामायण की एक पात्र, प्रातः स्मरणीय पंचकन्या में से एक। ये गौतम ऋषि की पत्नी थी। देवराज इंद्र ने गौतम ऋषि का वेष बनाकर उनके साथ संभोग किया। इंद्र द्वारा छल पूर्वक किए गए शीलहरण की सज़ा अहिल्या को भी भुगतनी पड़ी। ऋषि ने उसे शिला बन जाने का शाप दे दिया। इससे मुक्ति का उपाय राम का चरण स्पर्श था। त्रेता युग में अवतार लेकर जब राम ऋषि विश्वामित्र के साथ जनकपुरी पहुँचे तो वहाँ उन्होंने गौतम ऋषि का आश्रम भी देखा। वहीं राम के चरण स्पर्श से अहिल्या शाप मुक्त होकर पुनः मानवी बन गइ।
अर्थात भाषा का प्रयोक्ता कोई समाज हो जिसमें बोलचाल तथा लेखन आदि में उस भाषा का प्रयोग होता हो। जीवंत भाषा में निरंतर विकास होता रहता है। विश्व में बोली जाने वाली सभी भाषाओं और बोलियों में जीवंतता मिलती है। हाँ, संस्कृत, लैटिन, पालि, प्राकृत, अपभ्रंश जैसी पुरानी या क्लासिकी भाषाएँ आज सामान्य प्रयोग में नहीं हैं, इसीलिए उनमें जीवंतता नहीं मानी जा सकती।
नातुरिस्त्रोस्के संग्रहालय
बांग्लादेश का ध्वज बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज है।
जापान के अधिक प्रमुख तकनीकी योगदान के कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में, मशीनरी, भूकंप इंजीनियरिंग, औद्योगिक रोबोटिक्स, प्रकाशिकी, रसायन, अर्धचालक और धातुओं पाए जाते हैं. जापान रोबोटिक्स उत्पादन और उपयोग करते हैं, आधे से अधिक रखने (402200 742500 के) दुनिया के औद्योगिक रोबोटों के विनिर्माण के लिए इस्तेमाल किया [98] यह भी QRIO, ASIMO और AIBO का उत्पादन किया. दुनिया में ले जाता है. जापान दुनिया के मोटर वाहन का सबसे बड़ा उत्पादक है 99] [और चार दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल पन्द्रह निर्माताओं के लिए घर और आज के रूप में सात दुनिया के बीस सबसे बड़ी अर्धचालक बिक्री नेताओं की.
महर्लोक से बीस करोड़ योजन ऊपर जनलोक है।
वॉल्ट डिजनी कॉन्सर्ट हॉल
बारीसाल डिविजन के शहर:
यहाँ से सबसे नजदीकी नागरिक हवाई अड्डा 146 कि.मी. दूर राजधानी पटना में स्थित है। लोकनायक जयप्रकाश हवाई क्षेत्र पटना (IATA कोड- PAT) से अंतर्देशीय तथा सीमित अन्तर्राष्ट्रीय उड़ाने उपलब्ध है। इंडियन, किंगफिशर, जेट एयर, स्पाइस जेट तथा इंडिगो की उडानें दिल्ली, कोलकाता और राँची के लिए उपलब्ध हैं।
लेखन, पहली बार शाही मकबरों में पाए गए मदों के लिए लेबल और टैग पर राजशाही से सम्बंधित रूप में पाया गया. यह मुख्य रूप से लेखकों का कार्य था, जो पर आंख संस्था या हाउस ऑफ़ लाइफ से बाहर कार्य करते थे. बाद वाले में शामिल थे कार्यालय, पुस्तकालय (हाउस ऑफ़ बुक्स कहा जाता था), प्रयोगशालाएं और वेधशालाएं.[११७] प्राचीन मिस्र के साहित्य के सर्वाधिक ज्ञात खंड, जैसे पिरामिड और ताबूत ग्रंथ, शास्त्रीय मिस्र भाषा में लिखे गए हैं, जो 1300 ईसा पूर्व तक लेखन की भाषा बनी रही. बाद में मिस्र भाषा को नवीन साम्राज्य के बाद से बोला गया और यह रामेसिद प्रशासनिक दस्तावेजों, प्रणय गीतों और कहानियों में और साथ ही बोलचाल की भाषा और कॉप्टिक ग्रंथों में प्रस्तुत होती है. इस अवधि के दौरान, लेखन की परंपरा कब्र आत्मकथा में विकसित हो चुकी थी, जैसे हर्खुफ़ और वेनी की. सेबायत (निर्देश) के रूप में जानी जाने वाली शैली को मशहूर रईसों के उपदेश और मार्गदर्शन को प्रसारित करने के लिए विकसित किया गया था; इपुवेर पपिरुस, प्राकृतिक आपदा और सामाजिक क्रांति का वर्णन करती विलाप की एक कविता, एक प्रसिद्ध उदाहरण है.
नए नवेले देश ने अपनी सीमाओं का पश्विम की ओर विस्तार करने के लिए स्थानीय इंडियन लोगों पर युद्धचक्र आरंभ किया जो उन्नीसवीं सदी के अंत तक चला, और स्थानीय अमेरिकीयों को अपनी भूमियों से हाथ धोना पड़ा। १८१२ में ब्रिटेन के साथ हुए युद्ध के कारण, जो बरबरी का रहा, अमेरिकी राष्ट्रवाद को प्रबलता मिली। १८४६ में ब्रिटेन के साथ हुई ओरेगॉन संधि के कारण अमेरिका को वर्तमान अमेरिकी उत्तरपश्चिम पर नियंत्रण मिला। १८४८ में मेक्सिको में अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण कैलिफोर्निया और वर्तमान अमेरिकी दक्षिणपश्चिम का अमेरिका में विलय हो गया। १८४८-१८४९ के कैलिफोर्निया स्वर्ण दौड़ (कैलिफोर्निया गोल्ड रश) के कारण यह विस्तार पश्चिम की ओर जारी रहा। लगभग आधी सदी के दौरान ही ४ करोड़ भैंसो को उनकी चमड़ी और माँस, और रेलमार्ग के विस्तार के लिए मार डाला गया। ये पशु, जो स्थानीय इंडियन लोगों के लिए आर्थिक संसाधन और संस्कृति का महत्वपूर्ण भाग थे, इनका मारा जाना इन इंडियन लोगों के लिए बहुत आघातकारी सिद्ध हुआ।
(१) दिल्ली तोपरा- यह स्तम्भ लेख प्रारंभ में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में पाया गया था । यह मध्य युगीन सुल्तान फिरोजशाह तुगलक द्वारा दिल्ली लाया गया । इस पर अशोक के सातों अभिलेख उत्कीर्ण हैं ।
ত্বং হি দুর্গা দশপ্রহরণধারিণী
अरे दुष्ट कलिकाल तू, देता दुःख महान।
इन निष्कर्षों की पुष्टि प्रमुख औद्योगिक देशों (scientific societies and academies of science) [४] की सभी राष्ट्रीय वैज्ञानिक अकादमियों सहित कम से कम 30 वैज्ञानिक समितियों और विज्ञान अकादमियों ने की है।[५][६][७] जहाँ एक ओर कुछ निजी वैज्ञानिकों (individual scientists) ने आईपीसीसी की कुछ खोजों के प्रति असहमति व्यक्त की है,[८] वहीं दूसरी ओर जलवायु परिवर्तन पर कार्य कर रहे अधिकांश वैज्ञानिकों ने आईपीसीसी के प्रमुख निष्कर्षों पर सहमति जताई है।[९][१०]
भाषा परामर्श समितियों की अनुशंसाएँ प्रवर परिषद के समक्ष प्रस्तुत की जाती हैं। प्रवर परिषद में कम से कम सात और अधिक से अधिक ग्यारह ऐसे सदस्य होते हैं, जिनकी ख्याति और विश्वसनीयता उच्चकोटि की होती है। पहली प्रवर परिषद का गठन भारतीय ज्ञानपीठ के न्यास-मंडल द्वारा किया गया था। इसके बाद इन सदस्यों की नियुक्ति परिषद की संस्तुति पर होती है। प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 3 वर्ष को होता है पर उसको दो बार और बढ़ाया जा सकता है। प्रवर परिषद भाषा परामर्श समितियों की संस्तुतियों का तुलनात्मक मूल्यांकन करती है। प्रवर परिषद के गहन चिंतन और पर्यालोचन के बाद ही पुरस्कार के लिए किसी साहित्यकार का अंतिम चयन होता है। भारतीय ज्ञानपीठ के न्यास मंडल का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होता।[७]
भाषा :
यदि है तो आपके फोन में डिस्पले एवं इनपुट का समर्थन मौजूद है, इणटरफेस भाषा का हो भी सकता है और नहीं भी।
८ त्रिसरेणु = १ लिक्षा; ३ लिक्षा = १ राजसर्षप;
किसी प्रजाति की संरक्षण स्थिति इस संभावना की द्योतक है कि वह प्रजाति वर्तमान में या निकट भविष्य में विलोपन से बची रहेगी। किसी प्रजाति के संरक्षण स्थिति के आकलन के लिए कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है: न केवल के उस प्रजाति के शेष सदस्यों की संख्या, अपितु उसकी जनसंख्या में एक खास अवधि के दौरान समग्र वृद्धि या कमी, प्रजनन सफलता की दर, ज्ञात जोखिम आदि।
डिफेंस कालोनी दिल्ली के दक्षिणी दिल्ली जिला का एक उप मंडल है। यह एक आवासीय कालोनी है।
फॉरेन्हाइट तापमान मापने का एक पैमाना है ।
ऑटोमोबाइल उपयोग की लागत ,जिसमें शामिल है लागत :वाहन प्राप्त करना,मरम्मत (repair), रखरखाव (maintenance), ईंधन (fuel), मूल्यह्रास (depreciation), पार्किंग शुल्क (parking fee), टायर (tire)बदलने, करों (tax)और बीमा (insurance)प्राप्त करने की ,[३२]और इन सब को नापा गया है विकल्प की लागत के खिलाफ ,और हमे जो फायदा हुआ है जितना हमने सोचा था और जितना हमे मिला - वाहन के इस्तेमाल में .लाभों में शामिल है -परिवहन की मांग , गतिशीलता, स्वतंत्रता और सुविधा.[३३]
'ब्लॉक' प्रकार के विपरीत स्ट्रीम सिफर, कुंजी पदार्थों की एक लम्बी धारा को बनते हैं, इसे प्लेन टेक्स्ट के साथ, बिट बिट कर के या केरेक्टर केरेक्टर करके जोड़ा जाता है, कुछ एक-समय पैड (one-time pad)की तरह.एक स्ट्रीम सिफर में, आउट पुट स्ट्रीम एक छुपी हुई आन्तरिक अवस्था के आधार पर निर्मित होती है, जो सिफर के काम करने से बदल जाती है.यह आंतरिक अवस्था प्राम्भ में गुप्त कुंजी पदार्थ का उपयोग करते हुए स्थापित हो जाती है.आर सी ४ (RC4) व्यापक रूप से प्रयोग में आने वाला सिफर है , देखें श्रेणी: स्ट्रीम सिफर.[१०] ब्लॉक सिफर्स का उपयोग स्ट्रीम सिफर्स के रूप में किया जा सकता है; देखें ब्लॉक सिफर मोड ऑफ़ ऑपरेशन (Block cipher modes of operation).
19 जनवरी 2009 को, भारतीय राज्य के झारखंड पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था जिससे यह एक नवीनतम राज्य बना जहाँ इस तरह की आपात स्थिति लागू हुआ था.
83. राजस्थान का यह रेगिस्तानी शहर इसके आकर्षणों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें दुर्ग, मंदिर, और कैमल फेस्टिवल शामिल हैं। ऊँटों के देश के रूप में प्रचलित बीकानेर नें औद्योगिक क्षेत्र में भी एक छाप बनाई है।
(१) ज्ञानप्रधान,
पहले-पहले बोलचाल के लिए दिल्ली के सामान्य मुसलमान जो भाषा व्यवहार में लाते थे वह हिंदी ही थी। चौदहवीं सदी में मुहम्मद तुगलक जब अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरि ले गया तब वहाँ जानेवाले पछाँह के मुसलमान अपनी सामान्य बोलचाल की भाषा भी अपने साथ लेते गए। प्राय: पंद्रहवीं शताब्दी में बीजापुर, गोलकुंडा आदि मुसलमानी राज्यों में साहित्य के स्तर पर इस भाषा की प्रतिष्ठा हुई। उस समय उत्तरभारत के मुसलमानी राज्य में साहित्यिक भाषा फारसी थी। दक्षिणभारत में तेलुगू आदि द्रविड़ भाषाभाषियों के बीच उत्तर भारत की इस आर्य भाषा को फारसी लिपि में लिखा जाता था। इस दखिनी भाषा को उर्दू के विद्वान्‌ उर्दू कहते हैं। शुरू में दखिनी बोलचाल की खड़ी बोली के बहुत निकट थी। इसमें हिंदी और संस्कृत के शब्दों का बहुल प्रयोग होता था। छंद भी अधिकतर हिंदी के ही होते थे। पर सोलहवीं सदी से सूफियों और बीजापुर, गोलकुंडा आदि राज्यों के दरबारियों द्वारा दखिनी में अरबी फारसी का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ने लगा। फिर भी अठारहवीं शताब्दी के आरंभ तक इसका रूप प्रधानतया हिंदी या भारतीय ही रहा।
भाषा पर हरिऔध जी का अद्भुत अधिकार प्राप्त था। एक ओर जहाँ उन्होंने संस्कृत-गर्भित उच्च साहित्यिक भाषा में कविता लिखी वहाँ दूसरी ओर उन्होंने सरल तथा मुहावरेदार व्यावहारिक भाषा को भी सफलतापूर्वक अपनाया। उनके चौपदों की भाषा इसी प्रकार की है। एक उदाहरण लीजिए- नहीं मिलते आँखों वाले,पड़ा अंधेरे से है पाला। कलेजा किसने कब थामा, देख छिलते दिल का छाला।।
शान्ति एवं सौहार्द्र, किसी व्यक्ति के विकास एवं उन्नति तथा सामाजिक आकांक्षाओं और एक शक्तिशाली एवं सम्पन्न राष्ट्र के निर्माण के लिए आवश्यक पूर्वापेक्षाएं हैं । इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए यह परिकल्पना की गई है कि गृह मंत्रालय निम्नलिखित प्रयास करेगा :
(1) आदर्श भोजपुरी,
नालन्दा और काशी के पूर्व उज्जयिनी ने शैक्षणिक महत्ता प्राप्त कर ली थी। इसी कारण बलराम-कृष्ण को अपने मित्र सुदामा के साथ उज्जयिनी के सान्दीपनि आश्रम में विद्याध्ययन के लिये आना पत्रडा।
ला मार्टिनियर लखनऊ
९।
- १ जनवरी, १८३६ : नॉर्थ-वेस्टर्न प्रोविंसेज़
इस सम्मान के लिये प्रत्याशियों के नाम सीएसआईआर की प्रशासी बॉडी के सदस्य, राष्ट्रीय महत्त्व के विश्वविद्यालयों या संस्थानों के अध्यक्षों, विभिन्न संकायों के डीन या पूर्व भटनागर पुरस्कार धारकों द्वारा नामांकित किये जा सकते हैं।
प्रारंभिक आर्य परिवार पितृसत्तात्मक था, यद्यपि आदित्य (अदिति से उत्पन्न), दैत्य (दिति से उत्पन्न) आदि शब्दों में मातृसत्ता की ध्वनि वर्तमान है। दंपती की कल्पना में पति पत्नी का गृहस्थी के ऊपर समान अधिकार पाया जाता है। परिवार में पुत्रजन्म की कामना की जाती थी। दायित्व के कारण कन्या का जन्म परिवार को गंभीर बना देता था, किंतु उसकी उपेक्षा नहीं की जाती थी। घोषा, लोपामुद्रा, अपाला, विश्ववारा आदि स्त्रियां मंत्रद्रष्टा ऋषिपद को प्राप्त हुई थीं। विवाह प्राय: युवावस्था में होता था। पति पत्नी को परस्पर निर्वाचन का अधिकार था। विवाह धार्मिक कृत्यों के साथ संपन्न होता था, जो परवर्ती ब्रााहृ विवाह से मिलता जुलता था।
भक्ति से तात्पर्य: रामानुज के अनुसार भक्ति का अर्थ पूजा-पाठ या किर्तन-भजन नहीं बल्कि ध्यान करना या ईश्वर की प्रार्थना करना है। सामाजिक परिप्रेक्ष्य से रामानुजाचार्य ने भक्ति को जाति एवं वर्ग से पृथक तथा सभी के लिए संभव माना है।
कहैं पद्माकर त्यौं गजक गिजा है सजी
रंग भरयौ मुस्कात लला निकस्यौ कल कुंज ते सुखदाई। मैं तबहीं निकसी घर ते तनि नैन बिसाल की चोट चलाई। घूमि गिरी रसखानि तब हरिनी जिमी बान लगैं गिर जाई। टूट गयौ घर को सब बंधन छुटियो आरज लाज बडाई।।
ब्रिटिश भारत के विभाजन उपरांत १९४७ में पंजाब राज्य को भारत और पाकिस्तान में दो भागों में भांट दिया गया था। इसके साथ ही राज्य की पुरानी राजधानी लाहौर पाकिस्तान के भाग में चली गयी थी। अब भारतीय पंजाब को एक नयी राजधानी की आवश्यकता पड़ी। पूर्व स्थित शहरों को राजधाणी में बदलने में आने वाली बहुत सी कठिनाइयों के फलस्वरूप एक नये योजनाबद्ध राजधानी शहर की स्थापना का निश्चय किया गया।
खेल ने 18 वीं शताब्दी में प्रमुख विकास किया और यह इंग्लैंड का राष्ट्रीय खेल बन गया. शर्त नें उस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साथ ही अमीर समर्थकों ने अपनी XI खिलाड़ियों की टीम तैयार की. लंदन में १७०७ में क्रिकेट बहुत प्रसिद्ध था, और फिन्सबरी में आर्टिलरी ग्राउंड (Artillery Ground) के मैच में बहुत बड़ी भीड़ इकठ्ठी होती थी. खेल के सिंगल विकेट (single wicket) रूप ने बहुत बड़ी संख्या में भरी भीड़ को आकर्षित किया.गेंदबाजी १७६० के आस पास शुरू हुई जब गेंदबाज ने गेंद को बल्लेबाज की ओर रोल या स्कीम करने के बजाय उसे पिच करना शुरू कर दिया. बाउंस होती हुई गेंद का सामना करने के लिए बल्ले के डिजाइन में क्रन्तिकारी परिवर्तन आया, पुराने हॉकी के आकार के बल्ले को आधुनिक सीधे बल्ले से प्रतिस्थापित करना अनिवार्य था.१७६० में हैम्ब्लडन कप (Hambledon Club)की स्थापना की गई, अगले २० सालों तक जब तक एम सी सी (MCC)की स्थापना हुई और १७८७ में [[लॉर्ड का पुराना मैदान |लॉर्ड्स के पुराने ग्राउंड ]] (Lord's Old Ground)की शुरुआत हुई, तब तक हैम्ब्लडन खेल का सबसे बड़ा क्लब था और इसका केन्द्र बिन्दु भी था.एमसीसी जल्दी ही खेल का प्रिमिअर क्लब बन गया और क्रिकेट के नियमों (Laws of Cricket)का संरक्षक बन गया. 18 वीं सदी के उत्तरार्द्ध भाग में नए नियम बनाये गए जिसमें तीन स्टम्प का विकेट और लेग बिफोर विकेट शामिल था.
छत्तीसगढ़ मॆं कई जातियां और जनजातियां होतीं हैं। वहां की जातियाँ इस प्रकार से हैं।
जलालाबाद में कुछ ही भिक्षु थे, लेकिन कई स्तूप और मठ थे। वह यहां से खायबर दर्रा होते हुए तत्कालीन गांधार राजधानी पेशावर पहुंचा। इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म पतन पर था। इसने कई स्तूपों की यात्रा की, जिनमें कनिष्क स्तूप प्रमुख था। वर्तमान में यह सब तोड़ा जा चुका है, परन्तु सन 1908 में ह्वेन त्सांग के विवरण द्वारा इसे खोजा गया था। पेशावर से वह पूर्वोत्तर में स्वात घाटी होते हुए उद्यान पहुंचा, जहां उसे 1400 मठ मिले, जिनमें पहले 18000 भिक्षु रहते थे। शेष भिक्षु महायन थे। फिर उत्तर चलने पर बुनेर घाटी पहुंचा। फिर इसने सिंधु नदी पार की, हुंद पर, और तक्षशिला, एक महायन बौद्ध राज्य, जो कश्मीर के अधीन था। यहां से वह कश्मीर पहुंचा। यहीं एक बुद्धिमान प्रज्ञावान बौद्ध भिक्षु के साथ दो वर्ष व्यतीत किये। इसी काल में चौथी बौद्ध सम्मेलन हुआ, कुशान राजा कनिष्क की देख रेख में। सन 633 में त्सांग ने कश्मीर से दक्षिण की ओर चिनाभुक्ति जिसे वर्तमान में फिरोजपुर कहते हैं, को पेअस्थान किया। वहां भिक्षु विनीतप्रभा के साथ एक वर्ष तक अध्ययन किया। सन 634 में पूर्व मं जालंधर पहुंचा। इससे पूर्व उसने कुल्लू घाटी में हिनायन के मठ भी भ्रमण किये। फिर वहां से दक्षिण में बैरत, मेरठ और मथुरा की यात्रा की, यमुना के तीरे चलते-चलते। मथुरा में 2000 भिक्षु मिले, और हिन्दू बहुल क्षेत्र होने के बाद भी, दोनों ही बौद्ध शाखाएं वहां थीं। उसने श्रुघ्न नदी तक यात्रा की, और फिर पूर्ववत मतिपुर के लिये नदी पार की। यह सन 635 की बात है। फिर गंगा नदी पार करके दक्षिण में संकस्य (कपित्थ) पहुंचा, जहां कहते हैं, कि गौतम बुद्ध स्वर्ग से अवतरित हुए थे। वहां से उत्तरी भारत के महा साम्राट हर्षवर्धन की राजधानी कान्यकुब्ज (वर्तमान कन्नौज) पहुंचा। यहां सन 636 में उसने सौ मठ और 10,000 भिक्षु देखे (महायन और हिनायन, दोनों ही)। वह सम्राट की बौद्ध धर्म की संरक्षण और पालन से अतीव प्रभावित हुआ। उसने यहां थेरवड़ा लेखों का अध्ययन किया। फिर पूर्व की ओर अयोध्या और साकेत का रुख किया। यहां यौगिक शिक्षा का गृहस्थान था। फिर वह दक्षिणवत कौशाम्बी पहुंचा। यहां उसे बुद्ध की स्थानीय छवि की प्रति मिली। फिर वह उत्तर में श्रावस्ती पहुंचा। और अंततः प्रसिद्ध कपिलवस्तु पहुंचा। यह लिम्बिनी से पूर्व अंतिम पड़ाव था। लुम्बिनी, बुद्ध के जन्मस्थान पहुंचा, वहीं उसने अशोक का स्तंभ भी देखा। सन 637 में वह लुम्बिनी से कुशीनगर रवाना हुआ, जहां बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था। फिर वह दक्षिणवत सारनाथ पहुंचा, जहां बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन किया था। यहां उसे 1500 भिक्षु मिले। फिर पूर्ववत वह वाराणसी और फिर वैशाली और फिर पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) पहुंचा। और वहां से बोध गया पहुंचा। यहां से दो भिक्षुओं सहित वह नालंदा गया,जहां उसने अगले दो वर्ष व्यतीत किये। त्सांग ने यहां तर्कशास्त्र, व्याकरण, संस्कृत और बौद्ध योगशास्त्र सीखा। यहां से वह दक्खिन की ओर चला और आंध्रदेश में अमरावती और नागर्जुनकोंडा के प्रसिद्ध विहार भ्रमण किये। फिर वह कांची, जो कि पल्लव वंश की शाही राजधानी थी, पहुंचा। यह बौद्ध धर्म का शक्ति केन्द्र था।
(विज्ञापन की कापी कहेगी............राजेश काँलेज का हीरा है।..............अब और कुछ कहा नहीं जा रहा है, परन्तु यह सुझाया जा रहा है कि बाईक महाविद्यालय में लोकप्रियता बढाती है।)
(१) रूपनाथ- यह मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में है ।
राष्ट्रीय शर्करा संस्था (अंग्रेजी: National Sugar Institute) भारत सरकार का शर्करा से संबन्धित अनुसंधान का संस्थान है। यह उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित है।
हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।
लखनऊ के दादुपुर गाँव मे उत्खनन मे प्राप्त १८०० ईसा पूर्व का लोहे के बाण का भाग
1458–1550  Alcácer Ceguer (El Qsar es Seghir)
नारदजी के कथनानुसार राजा द्वारा अपने बाँधवों तथा दासों सहित व्रत करने से आकाश से पुष्पवर्षा हुई और उस राजा का पिता गरुड़ पर चढ़कर विष्णुलोक को गया। राजा इंद्रसेन भी एकादशी के व्रत के प्रभाव से निष्कंटक राज्य करके अंत में अपने पुत्र को सिंहासन पर बैठाकर स्वर्गलोक को गया। हे युधिष्ठिर! यह इंदिरा एकादशी के व्रत का माहात्म्य मैंने तुमसे कहा।
[[Image:|40px|This page is protected.]]
यह अज्ञात है कि ठीक कब या क्यों दिसम्बर 25 मसीह के जन्म के साथ जुड़ गया.नया साक्ष्य भी निश्चित तिथि नहीं देता है.[१८]सेक्स्तुस जूलियस अफ्रिकानुस (Sextus Julius Africanus) ने अपनी किताब च्रोनोग्रफिई, एक संदर्भ पुस्तक (reference book) ईसाईयों के लिए 221 ई. में लिखी गई, में यह विचार लोकप्रिय किया है कि मसीह 25 दिसंबर को जन्मे थे.[१५] यह तिथि अवतार (Incarnation) (मार्च 25) की पारंपरिक तिथि के नौ महीने के बाद की है, जिसे अब दावत की घोषणा (Feast of the Annunciation) के रूप में मनाया जाता है.मार्च 25 को वसंत विषुव (vernal equinox) की तारीख माना गया था और पुराने ईसाई भी मानते हैं की इस तारीख को मसीह को क्रूस पर चढ़ाया (crucified) गया था.ईसाई विचार है कि मसीह की जिस साल क्रूस पर मृत्यु हो गई थी उसी तिथि पर वो फ़िर से गर्भित हुए थे जो एक यहूदी विश्वास के साथ अनुरूप है कि एक नबी कई साल का जीवित रहे थे.[१९]
रोग विज्ञानी के द्वारा दिए गए उतक निदान प्रचुरोद्भवन करने वाली कोशिका के प्रकार को बताते हैं. साथ ही गाँठ की उतक वैज्ञानिक श्रेणी, आनुवंशिक असामान्यताओं, और अन्य लक्षणों को भी स्पष्ट करते हैं.
एको नैकः सवः कः किं यत.तत.पदमनुत्तमम ।
हिन्दी की गिनती, संस्कृत की गिनती से अपभ्रंश होकर पैदा हुई है। उदाहरण के लिये हिन्दी का साठ संस्कृत के 'षष्ठि' से उत्पन्न है; 'अस्सी' संस्कृत के 'असीति' से। इसी प्रकार देख सकते हैं कि हिन्दी की गिनती के सभी शब्द संस्कृत से व्युत्पन्न हैं।
वीर सावरकर ने सन् 1937 में अपने प्रथम अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिंदू ही इस देश के राष्ट्रीय हैं और आज भी अंग्रेजों को भगाकर अपने देश की स्वतंत्रता उसी प्रकार प्राप्त कर सकते हैं, जिस प्रकार भूतकाल में उनके पूर्वजों ने शकों, ग्रीकों, हूणों, मुगलों, तुर्कों और पठानों को परास्त करके की थी। उन्होंने घोषणा की कि हिमालय से कन्याकुमारी और अटक से क़टक तक रहनेवाले वह सभी धर्म, संप्रदाय, प्रांत एवं क्षेत्र के लोग जो भारत भूमि को पुण्यभूमि तथा पितृभूमि मानते हैं, खानपान, मतमतांतर, रीतिरिवाज और भाषाओं की भिन्नता के बाद भी एक ही राष्ट्र के अंग हैं क्योंकि उनकी संस्कृति, परंपरा, इतिहास और मित्र और शत्रु भी एक हैं - उनमें कोई विदेशीयता की भावना नहीं है।
ब्लेकिङे | दालाना | गॉतलान्द | यैव्लेबॉर्य | हल्लान्द | येम्तलान्द | योनशोपिंग | कल्मार | क्रूनुबैर्य | नॉरबॉत्तेन | स्कॉने | स्टॉकहोम | सोदरमानलान्द | उप्साला | वैर्मलान्द | वेस्तरबॉत्तेन | वेस्तरनॉरलान्द | वेस्तमानलान्द | वेस्त्रा योतालान्द | ओरेब्रो | ओस्तरयोतलान्द
१२. द्रौपदी का अपमान करना।
आदिदेवो महादेवो देवेशो देवभ्ड़िद गुरुः ।।(५२)
एक बल्लेबाज बिना आउट हुए भी मैदान को छोड़ सकता है.अगर उसे चोट लग जाए या वह घायल हो जाए तो वह अस्थायी रूप से जा सकता है, उसे अगले बल्लेबाज के द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है.इसे रिटायर्ड हर्ट (retired hurt) या रिटायर्ड बीमार (retired ill)के रूप में दर्ज किया जाता है.रिटायर्ड बल्लेबाज नॉट आउट होता है, और बाद में फ़िर से आ सकता है.एक अछूता बल्लेबाज, रिटायर हो सकता है उसे रिटायर आउट (retired out)कहा जाता है; जिसका श्रेय किसी भी खिलाड़ी को नहीं जाता है.बल्लेबाज नो बॉलपर बोल्ड, केच, लेग बिफोर विकेट , स्टंप्डया हिट विकेट आउट हो सकता है. वो वाइड बॉलपर बोल्ड, केच, लेग बिफोर विकेट , या बॉल को दो बार हिट करने पर आउट हो सकता है. इनमें से कुछ प्रकार के आउट गेंदबाज के द्वारा बिना गेंद डाले ही हो सकते हैं. नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज भी रन आउट (run out by the bowler)हो सकता है यदि वह गेंदबाज के द्वारा गेंद डालने से पहले क्रीज को छोड़ दे और एक बल्लेबाज क्षेत्ररक्षण बाधित करने पर या रिटायर आउट होने पर किसी भी समय आउट हो सकता है.समय समाप्त , बिना डिलीवरी के होने वाली बर्खास्तगी है.आउट होने के किसी भी तरीके में, केवल एक ही बल्लेबाज एक गेंद पर आउट हो सकता है.
दिव्यादान के अनुसार बिन्दुसार के शासनकाल में तक्षशिला में दो विद्रोह हुए थे, जिनका दमन करने के लिए पहली बार अशोक को, दूसरी बार सुसीम को भेजा
बिन्दुसार (२९८ ई. पू. से २७३ ई. पू.)- यह चन्द्रगुप्त मौर्य का पुत्र व उत्तराधिकारी था जिसे वायु पुराण में मद्रसार और जैन साहित्य में सिंहसेन कहा गया है । यूनानी लेखक ने इन्हें अभिलोचेट्‍स कहा है । यह २९८ ई. पू. मगध साम्राज्य के सिंहासन पर बैठा । जैन ग्रन्थों के अनुसार बिन्दुसार की माता दुर्धरा थी । थेरवाद परम्परा के अनुसार वह ब्राह्मण धर्म का अनुयायी था ।
औली जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम जनवरी-मार्च का है। इस समय यहां पर बर्फ पडती है। यह समय स्की करने के लिए बिल्कुल आदर्श है।
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर को पल्लवों ने बनवाया था। बाद में इसका पुर्ननिर्माण चोल और विजयनगर के राजाओं ने करवाया। 11 खंड़ों का यह मंदिर दक्षिण भारत के सबसे ऊंचे मंदिरों में एक है। मंदिर में बहुत आकर्षक मूर्तियां देखी जा सकती हैं। साथ ही यहां का 1000 पिलर का मंडपम भी खासा लोकप्रिय है।
किंतु लिखित सविधान मे संविधान सर्वोपरि होता है न कि संसद
बिल को पारित कर सकती है या 14 दिन के लिये रोक सकती है किंतु उस के बाद यह बिल दोनॉ
वित्तीय मामलों में राज्य सभा धन विधेयक केवल लोक सभा में पुर:स्थापित किया जा सकता है। इसके उस सभा द्वारा पारित किए जाने के उपरान्त इसे राज्य सभा को उसकी सहमति अथवा सिफारिश के लिए पारेषित किया जाता है। ऐसे विधेयक के संबंध में राज्य सभा की शक्ति सीमित है। राज्य सभा को ऐसे विधेयक की प्राप्ति से चौदह दिन के भीतर उसे लोक सभा को लौटाना पड़ता है। यदि यह उस अवधि के भीतर लोक सभा को नहीं लौटाया जाता है तो विधेयक को उक्त अवधि की समाप्ति पर दोनों सदनों द्वारा उस रूप में पारित किया गया समझा जाएगा जिसमें इसे लोक सभा द्वारा पारित किया गया था। राज्य सभा धन विधेयक में संशोधन भी नहीं कर सकती; यह केवल संशोधनों की सिफारिश कर सकती है और लोक सभा, राज्य सभा की सभी या किन्हीं सिफारिशों को स्वीकार अथवा अस्वीकार कर सकेगी।
चतुर्मूर्ति.श्चतुर्बाहु.श्चतुर्व्यूह.श्चतुर्गतिः ।
शुष्क ऋतु •आर्द्र ऋतु
तुलसीदास भक्ति प्रबंध का नया उत्कर्ष
यरूशलम इसरायल की राजधानी है पर अन्य महत्वपूर्ण शहरों में तेल अवीव का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है । यहाँ की प्रमुख भाषा इब्रानी (हिब्रू) है, जो दाहिने से बाँए लिखी जाती है, और यहाँ के निवासियों को इसरायली कहा जाता है ।
स्की करने के लिए व्यस्कों से 475 रू. और बच्चों से 250 रू. शुल्क लिया जाता है। स्की सीखाने के लिए 125-175 रू., दस्तानों के लिए 175 रू., और चश्मे के लिए 100 रू. शुल्क लिया जाता है। 7 दिन तक स्की सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से 4,710 रू. और विदेशी पर्यटकों से 5,890 रू. शुल्क लिया जाता है। 14 दिन तक स्की सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से 9,440 रू. और विदेशी पर्यटकों से 11,800 रू. शुल्क लिया जाता है।
आज के युग ने मशीनी सभ्यता के चरम विकास से सम्भावित विनाश के जिस राक्षस को उत्पन्न कर लिया है वह किसी यंत्र से नहीं, अपितु 'अहिंसा-मंत्र' से ही नष्ट हो सकता है। भगवान महावीर ने प्राणी मात्र के कल्याण के लिए आत्मतुल्यता एवं अनेकांतवाद की लेखनी से अहिंसा, सत्य एवं अपरिग्रह के पृष्ठों पर स्याद्वाद की स्याही से धर्म-आचरण का जो प्रतिमान एवं कीर्तिमान प्रस्थापित किया है वह सर्वोदय का कारक बने- मेरी यही मंगल कामना है।( - प्रो. महावीर सरन जैन)
यह किला मेरठ के बरनावा में स्थित है। महाभारत से संबंध रखने वाले इस किले में अनेक प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं। कहा जाता है कि यह किला पांडवों ने बनवाया था। दुर्योधन ने पांडवों को उनकी मां सहित यहां जिन्दा जलाने का षडयंत्र रचा था लेकिन वे एक भूतिगत रास्ते से बच निकले थे।
अंडमान एवं निकोबार: भूपिंदर सिंहचंडीगढ: एस एफ रोड्रिग्सदादरा नागर हवेली: आर के वर्मादिल्ली: तेजेन्द्र खन्नादमन एवं दीव: अरुण माथुरलक्षद्वीप: बी वी सेल्वाराजपांडिचेरी: मुकुट मीथी
साँचा:मध्य प्रदेश
पाँचवीं और छठी सदी में ब्रिटेन के द्वीपों पर उत्तर की ओर से एंगल और सेक्सन क़बीलों ने हमला किया था और उन्होंने केल्टिक भाषाएँ बोलने वाले स्थानीय लोगों को स्कॉटलैंड, आयरलैंड और वेल्स की ओर धकेल दिया था।
साँचा:Wikipedia-Books
अमरनाथ हिन्दुओ का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह कश्मीर राज्य के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में १३५ सहस्त्रमीटर दूर समुद्रतल से १३,६०० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस गुफा की लंबाई (भीतर की ओर गहराई) १९ मीटर और चौड़ाई १६ मीटर है। गुफा ११ मीटर ऊँची है।[१] अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।[२]
पेनाइन के पूर्व नार्थंबरलैंड तथा डरहम की कोयले की खदानें हैं। यहाँ दो प्रकार की खदानें पाई जाती हैं : (1) प्रकट (छिछली) खदानें तथा (2) (अप्रकट (गहरी) खदानें। प्रथम प्रकार की खदानें दक्षिण में टाइन नदी के मुहाने से उत्तर में कॉक्वेट नदी के मुहाने तक पेनाइन तथा समुद्रतट के बीच फैली हुई हैं। अप्रकट खदानें दक्षिण की ओर चूने के पत्थर के नीचे मिलती हैं। टीज़ नदी के निचले भाग में नमक की भी खदानें हैं। उसके दक्षिण लोहा प्राप्त होता है।
कोरिया, कोरियाई इतिहास के गोरियो काल से लिया गया है जो वापस गोगुरियो के प्राचीन राज्य को निर्दिष्ट करता है. मध्य पूर्व के व्यापारी इसे कौली (चीनी उच्चारण से) बुलाते थे, जिसकी वर्तनी बाद में Corea और Korea हो गई. अंग्रेजी संदर्भों में अब सामान्यतः, उत्तर और दक्षिण कोरिया, दोनों के द्वारा कोरिया प्रयोग किया जाता है. जर्मनिक भाषाओं में एक K का अक्सर इस्तेमाल किया जाता है, जबकि रोमन भाषाओं में एक C पसंद करते हैं.
गौतम · जैमिनी · कनाद · कपिल · मार्कण्डेय · पतंजलि · वाल्मीकि · व्यास
नगर में अनुशासन बनाये रखने के लिए तथा अपराधों पर नियन्त्रण रखने हेतु पुलिस व्यवस्था थी जिसे रक्षित कहा जाता था ।
1989 में सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा के ज़रिए हिंदुत्व का झंडा बुलंद करके भाजपा को सत्ता तक पहुँचाने का रास्ता बनाने वाले लालकृष्ण आडवाणी के योगदान का ज़िक्र किए बिना राजनाथ सिंह ने कहा, "आडवाणी जी का योगदान अतुलनीय है और हम चाहते थे कि आगे भी उनका मार्गदर्शन जारी रहे इसलिए संविधान में संशोधन करके संसदीय बोर्ड में चेयरमैन का पद बनाया गया है."
गर्भाशय-ग्रीवा के कैंसर की प्रारंभिक अवस्था पूरी तरह अलाक्षणिक हो सकती है.[१][८]योनि रक्त-स्राव, संपर्क रक्त-स्राव या (असाधारण तौर पर) योनि पुंज, संघातकता की उपस्थिति का संकेत दे सकता है. साथ ही, संभोग और योनि-स्राव के दौरान मामूली दर्द गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का लक्षण है. उन्नत बीमारी में रोग-व्याप्ति, उदर, फेफड़े या और कहीं भी हो सकती है.
1990 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है।
अन्दरोत पर पयर्टकों को जाने की अनुमति नही है
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच एक नीले रंग के चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है जिसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।[१][२] इसको १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था।[३] इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ है, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात २:३ का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ अरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थित स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है।
हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आपने अनेक पुरस्कार भी अर्जित किए, जिनमें प्रमुख हैं- नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में 'यूथ अवार्ड', अंतर्धारा समाचार व फीचर सेवा, दिल्ली द्वारा 'लेखक रत्न' पुरस्कार आदि।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्राचीन बिहार के मुख्य जनपद मगध, अंग, वैशाली और मिथिला भारतीय ंस्कृति और सभ्यता की विशिष्ट आधारशिला हैं ।
मुंबई में ही बंबई उच्च न्यायालय स्थित है, जिसके अधिकार-क्षेत्र में महाराष्ट्र, गोआ राज्य एवं दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नागर हवेली के केंद्र शासित प्रदेश भी आते हैं। मुंबई में दो निम्न न्यायालय भी हैं, स्मॉल कॉज़ेज़ कोर्ट –नागरिक मामलों हेतु, व विशेष टाडा (टेररिस्ट एण्ड डिस्रप्टिव एक्टिविटीज़) न्यायालय –जहां आतंकवादियों व फैलाने वालों व विध्वंसक प्रवृत्ति व गतिविधियों में पहड़े गए लोगों पर मुकदमें चलाए जाते हैं।
श्रव्य काव्य के भी दो भेद होते हैं - प्रबन्ध काव्य तथा मुक्तक काव्य ।
The city's main parks are:
कंबोडिया की उपजाऊ मिट्टी और मौसमी जलवायु में चावल प्रचुर परिमाण में होता है। अब भी विस्तृत भूक्षेत्र श्रमिकों के अभाव में कृषिविहीन पड़े हैं। यहाँ की अन्य प्रमुख फसलें तुबाकू, कहवा, नील और रबर हैं। पशुपालन का व्यवसाय विकासोन्मुख है। पर्याप्त जनसंख्या मछली पकड़कर अपनी जीविका अर्जित करती है। चावल और मछली कंबोडिया की प्रमुख निर्यात की वस्तुएँ हैं। इस देश का एक विस्तृत भाग बहुमूल्य वनों से आच्छादित है। मीकांग और टोनलेसाप के संगम पर स्थित प्नॉम पेन कंबोडिया की राजधानी है। बड़े-बड़े जलयान इस नगर तक आते हैं। यह नगर कंबोडिया की विभिन्न भागों से सड़कों द्वारा जुड़ा है।
चिकन टिक्का एक पंजाबी व्यंजन है।
डा. एनी बेसेन्ट की मान्यता थी कि बिना राजनैतिक स्वतंत्रता के इन सभी कठिनाइयों का समाधान सम्भव नहीं है।
नाम की उत्पत्ति == == शहर और गोरखपुर जिले के एक प्रसिद्ध तपस्वी तप संत | के नाम हैं, Gorakshanath, योगी Matsyendranath के प्रमुख शिष्य. साथ में, Matsyendranath और Gorakshanath नाथ संतों की सम्प्रदाय लाइन की स्थापना की. गोरखनाथ मंदिर कहा जाता है कि स्थान है जहाँ Gorakshanath हठ योग का अभ्यास करने के लिए आत्म नियंत्रण के विकास पर खड़े हो जाओ.
प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक, रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के लैक्चरर, रीडर तथा प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में सन १९६४ से २००१ तक कार्य किया तथा हिन्दी के अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार-विकास के क्षेत्रों में भारत एवं विश्व स्तर पर योगदान दिया है। सेवा निवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार, आगरा, पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग, विश्वविद्यालय, जबलपुर .पूर्व अधिष्ठाता, कला संकाय, विश्वविद्यालय, जबलपुर,पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर (हिन्दी), बुकारेस्त विश्वविद्यालय, बुकारेस्त, रोमानिया देश विदेश के अनेक सम्मानों से सम्मानित प्रो. जैन ने मौलिक ग्रंथ, शोध निबंध, समीक्षा, भूमिका तथा लेख सभी कुछ लिखा है। विभिन्न विषयों पर आपकी पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
महाभारत के सभा पर्व के अन्तर्गत कुल १० उपपर्व और ८१ अध्याय हैं।
साक्षरता - ८२%
কোটি কোটি কণ্ঠ কলকলনিনাদ করালে
४५ - पैंतालीस
इटली में अनेक बोलियाँ बोली जाती हैं जिनमें से कुछ तो साहित्यिक इतालवी से बहुत भिन्न प्रतीत होती हैं। इन बोलियों में परस्पर इतना भेद है कि उत्तरी इटली के लोंबार्द प्रांत का निवासी दक्षिणी इटली के कालाब्रिया की बोली शायद ही समझ सकेगा या रोम में रहनेवाला केवल साहित्यिक इतालवी जानने वाला विदेशी रोमानो बोली (रोम के त्राएतेवेरे मुहल्ले की बोली) को शायद ही समझ सकेगा। इतालवी बोलियों के नाम इतालवी प्रांतों की सीमाओं से थोड़े बहुत मिलते हैं। स्विट्ज़रलैंड से मिले हुए उत्तरी इटली के कुछ भागों में लादीन वर्ग की बोलियाँ बोली जाती हैं-जो रोमांस बोलियाँ हैं; स्विट्ज़रलैंड में भी लादीनी बोली जाती है। वेनत्सियन बोलियाँ इटली के उत्तरी पश्चिमी भाग में बोली जाती हैं, वेनिस नगर इसका प्रतिनिधि केंद्र कहा जा सकता है। पीमौते, लिगूरिया, लोंबार्दिया तथा एमीलिया प्रांतों में इन्हीं नामों की बोलियाँ बोली जाती हैं जो कुछ-कुछ फ्रांसीसी बोलियों से मिलती हैं। लातीनी के अंत्य स्वर का इनमें लोप हो जाता है-उदाहरणार्थ फात्तों (तोस्कानो), फेत्त (पीमोतेसे) ओत्तो, ओत (आठ)। तोस्काना प्रांत में तोस्काना वर्ग की बोलियाँ बोली जाती हैं। साहित्यिक इतालवी का आधार तोस्काना प्रांत की, विशेषकर फ्लोरेंस की बोली (फियोरेंतीबो) रही है। यह लातीनी केअधिक समीप कही जा सकती है। कंठ्य का महाप्राण उच्चारण इसकी प्रमुख विशेषता है-यथा कासा, कहासा (घर)। उत्तरी और दक्षिणी बोलियों के क्षेत्रों के बीच में होने के कारण भी इसमें दोनों वर्गों की विशेषताएँ कुछ-कुछ समन्वित हो गईं। उत्तरी कोर्सिका की बोली तोस्कानो से मिलती है। लान्सियो (रोम केंद्र), ऊंबिया (पेरूज्या केंद्र) तथा मार्के की बोलियों को एक वर्ग में रखा जा सकता है और दक्षिण की बोलियों में अब्रूज्जी, कांपानिया (नेपल्स प्रधान केंद्र), कालाब्रिया, पूल्या और सिसिली की बोलियाँ प्रमुख हैं-इनकी सबसे प्रमुख विशेषता लातीनी के संयुक्त व्यंजन ण्ड के स्थान पर न्न, म्ब के स्थान पर म्म, ल्ल के स्थान ड्ड का हो जाना सार्देन्या की बोलियाँ इतालवी से भिन्न हैं।
मालदीव को पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता देने का समझौता महामहिम सुल्तान की ओर से इब्राहीम नासिर रंनाबंदेय्री किलेगेफां, प्रधान मंत्री और महारानी साहिबा की ओर से सर माइकल वॉकर ब्रिटिश एलची मालदीव द्वीप के अभिनिहित ने हस्ताक्षरित किया. यह समारोह 26 जुलाई 1965 को कोलंबो में ब्रिटिश उच्चायुक्त के निवास पर आयोजित किया गया. 1965 में ब्रिटेन से आजादी के बाद, सल्तनत, राजा मुहम्मद फरीद दीदी के तहत अगले तीन साल तक चलती रही. 11 नवम्बर 1968 को राजशाही समाप्त कर दी गयी और इब्राहीम नासिर के राष्ट्रपति पद के तहत एक गणतंत्र से बदल दी गयी, हालांकि यह एक प्रसाधक बदलाव था इससे सरकार के ढांचे में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं आया. देश का अधिकारी का नाम मालदीव द्वीप समूह से बदल कर मालदीवज रख दिया गया. 1970 के दशक के आरंभ तक पर्यटन द्वीपसमूह पर विकसित होना शुरू हो गया.
किताबें
अक्षांश - 23o 40' - 25o18' उत्तर
2. पूर्ण बहुमत – सदन के 50% से अधिक सदस्यॉ का बहुमत [खाली सीटे भी गिनी जाती है] लोकसभा मे 273, राज्यसभा मे 123 सदस्यॉ का समर्थन . इसका राजनैतिक मह्त्व है न कि वैधानिक महत्व
580 ई० के आसपास पांड्य शाशक, जो मंदिर निर्माण में निपुण निकले, सत्ता के प्रमुख हो गए और अगले 150 सालों तक राज संभाला । कांचीपुरम् उनका प्रमुख केंद्र रहा । द्रविड़ स्थापत्य इस समय अपने चरम पर था ।
इसके पश्चात् सन् 1147 ई. से लेकर सन् 1204 तक ईसाइयों ने धर्मयुद्धों (क्रूसेडों) द्वारा इज़रायल पर कब्जा करना चाहा किंतु उन्हें सफलता नीं मिली। सन् 1212 ई. में ईसाई महंतों ने 50 हजार किशोरवयस्क बालक और बालिकाओं की एक सेना तैयार करके पाँचवें धर्मयुद्ध की घोषणा की। इनमें से अधिकांश बच्चे भूमध्यसागर में डूबकर समाप्त हो गए। इसके बाद इस पवित्र भूमि पर आधिपत्य करके लिए ईसाइयों ने चार असफल धर्मयुद्ध और किए।
वास्तव में कल्हण एक विलक्षण महाकवि था। उसकी "सरस्वती' रागद्वेष से अलेप रहकर "भूतार्थचित्रण' के साथ ही साथ "रम्यनिर्माण' में भी निपुण थी; तभी तो बीते हुए काल को "प्रत्यक्ष' बनाने में उसे सरस सफलता मिली है। "दुष्ट वैदुष्य' से बचने का उसने सुरुचिपूर्ण प्रयत्न किया है और "कविकर्म' के सहज गौरव को प्रणाम करते हुए उसने अपनी प्रतिभा का सचेत उपयोग किया है। इतिहास और काव्य के संगम पर उसने अपने "प्रबंध' को शांत रस का "मूर्धाभिषेक' दिया है और अपने पाठाकों को राजतरंगिणी की अमंद रसधारा का आस्वादन करने को आमंत्रित किया है।
इज़राइल 65
गाजियाबाद में बडी़ संख्या मे निजी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र हैं जो आसपास के गाँवों और कस्बों जैसे पिलखुवा, हापुड़, डासना आदि के निवासियों को भी स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करते हैं।
२) भारतीयों का आधुनिक विज्ञान के आधार पर स्वयं को तुक्ष मानना, और साथ ही साथ सदैव ही दूसरों के बताये मार्गों को श्रेष्ठ मानते हुए उनके ही मार्गों पर कटिबद्ध होकर निरन्तर चलते रहना।
श्री बिनायक आचार्य को बारहवां मुख्य मंत्री बनाया गया। यह सरकार केवल १२३ दिनों में फिर गिरी। मध्यावधि चुनावों में बीजु पटनायक, जनता पार्टी से १४७ में से ११० सीटों से विजयी हुए, व श्री. नीलमणि राउतराय मुख्य मंत्री बने। यह सरकार १९८० तक चली।
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आनन्दकानने ह्यास्मिञ्जङ्गमस्तुलसीतरुः।कवितामञ्जरी भाति रामभ्रमरभूषिता॥
ऋषि वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं। अपने आश्रम से हस्तिनापुर की समस्त गतिविधियों की सूचना उन तक तो पहुंचती थी। वे उन घटनाओं पर अपना परामर्श भी देते थे। जब-जब अंतर्द्वंद्व और संकट की स्थिति आती थी, माता सत्यवती उनसे विचार-विमर्श के लिए कभी आश्रम पहुंचती, तो कभी हस्तिनापुर के राजभवन में आमंत्रित करती थी। प्रत्येक द्वापर युग में विष्णु व्यास के रूप में अवतरित होकर वेदों के विभाग प्रस्तुत करते हैं। पहले द्वापर में स्वयं ब्रह्मा वेदव्यास हुए, दूसरे में प्रजापति, तीसरे द्वापर में शुक्राचार्य , चौथे में बृहस्पति वेदव्यास हुए। इसी प्रकार सूर्य, मृत्यु, इन्द्र, धनजंय, कृष्ण द्वैपायन अश्वत्थामा आदि अट्ठाईस वेदव्यास हुए। इस प्रकार अट्ठाईस बार वेदों का विभाजन किया गया। उन्होने ही अट्ठारह पुराणों की भी रचना की।
२६वीं शताब्दी ईसा पूर्व
कई उष्णकटिबंधीय चक्रवात उस समय विकसित होते हैं जब वातावरण में एक कमजोर उथल-पुथल के साथ वातावरण की स्थिति अनुकूल होती है .दूसरे तब बनते हैं जब अन्य प्रकार के चक्रवात उष्णकटिबंधीय विशेषताओं को प्राप्त कर लेते हैं.उष्णकटिबंधीय प्रणालियाँ तब बहती हवाओं के साथ शोभमंडल में चली जाती है ; यदि स्थिति अनुकूल हो तो, उष्णकटिबंध अशांत हो जाता है और फिर वहां एक केंद्र विकसित हो जाता है . वर्णक्रम के दूसरे छोर पर, अगर प्रणाली के आस पास की स्थितियां बिगड़ जाती हैं या उष्णकटिबंधीय चक्रवात भूम बिछल बनते हैं, तो प्रणाली कमज़ोर हो जाती है और अंततः नष्ट हो जाती है .एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात अत्तिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात तब बन जाता है जब वह उच्च अक्षांश की ओर बढता है अगर इसकी उर्जा का मूल संक्षेपण द्वारा जारी की गई हो तो वह गर्मी से बदल कर हवा राशीयों के बीच वातावरण में बदल जाता है; [१०] एक क्रियाशील दृष्टि से कहा जा सकता है कि, एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात अपने अतिरिक्त संक्रमण के दौरान अंत: उष्णकटिबंधीय नहीं बनता .[४१]
1471–1662  Tangier
करेल हव्लीचेक (1821-1856) पत्रकार, राजनीतिज्ञ और व्यंग्य कवि थे। चेक नाटक साहित्य और अभिनय कला का आरंभ योसेफ कयेतम तिल (1808-1856) से होता है। महान् चेक कवि करेल हिनेक माखा (1820-1836) भी इस काल के तरुण रचयिता थे। उनकी विख्यात कृति रोमांटिक कविता "मई" है। माखा अंग्रेजी तथा रूसी पुश्किन आदि कवियों से कला तथा भाषा में पूर्णतया प्रभावित हैं। अन्य कवि करेल यरोमीर एर्बोन (1811-1870) फुटकर लोकगीतों तथा गाथाओं के संग्रहकर्ता थे। इस पीढ़ी के प्रमुख कवि यन नेरुद (1834-1891) थे, जिनकी कविताएँ तथा आलोचनात्मक निबंध आज तक पढ़े जाते हैं और मान्य हैं। विख्यात लेखिका श्रीमती बाजेना नेम्त्सोवा (1820-1862) की सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक "दादी" है, जो चेक साहित्य की सर्वाधिक लोकप्रिय रचना है। इस उपन्यास की केंद्रीय पात्री दादी सभी सद्गुणों की मूर्त रूप है जो बुद्धिमत्ता और देशभक्ति से ओतप्रोत है।
उस समय भगत सिंह करीब १२ वर्ष के थे जब जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था। इसकी सूचना मिलते ही भगत सिंह अपने स्कूल से १२ मील पैदल चलकर जलियांवाला बाग पहुंच गए। इस उम्र में भगत सिंह अपने चाचाओं की क्रांतिकारी किताबे पढ़ कर सोचते थे कि इनका रास्ता सही है कि नहीं ? गांधीजी के असहयोग आन्दोलन छिड़ने के बाद वे गांधीजी के तरीकों और हिंसक आन्दोलन में से अपने लिए रास्ता चुनने लगे । गांधीजी के असहयोग आन्दोलन को रद्द कर देने कि वजह से उनमे एक रोश् ने जन्म लिया और अंततः उन्होंने 'इंकलाब और देश कि स्वतन्त्रता के लिए हिंसा' को अपनाना अनुचित नहीं समझा । उन्होंने कई जुलूसों में भाग लेना शुरु किया तथा कई क्रांतिकारी दलों के सदस्य बने । बाद मे वो अपने दल के प्रमुख क्रान्तिकारियो के प्रतिनिधि बने। उनके दल मे प्रमुख क्रन्तिकारियो मे आजाद, सुखदेव, राजगुरु इत्यदि थे।
हर्सीं (फारसी: هرسين ) ईरान का शहर है। यह शहर बाखतरान प्रांत में आता है इस जिले की जनसंख्या 51,636 (गणना वर्ष २००६ अनुसार) है
समोआ में क्रिकेट का एक रूप जो किलिक्ति (Kilikiti) कहलाता है , खेला जाता है इसमें हॉकी स्टिक (hockey stick) के आकर के बल्ले का उपयोग किया जाता है. मूल अंग्रेज़ी क्रिकेट में १७६० में हॉकी स्टिक के आकर के बल्ले को आधुनिक सीधे बल्ले से प्रतिस्थापित कर दिया गया, जब गेंदबाजों ने इसे घुमाने के बजाय पिच करना शुरू कर दिया. एस्टोनिया में टीमें आइस क्रिकेट (Ice Cricket)टूर्नामेंट के लिए सर्दियों में इकठ्ठी होती हैं. खेल में कठोर सर्दी में गर्मी वाले सभी नियमों का पालन करना होता है. अन्यथा सभी नियम छह-एक-पक्ष के सामान होते हैं.
अन्थ्रोपोगेनिक कारन जो की जंगलों को प्रभावित कर सकते हैं उनमे शामिल है शामिल प्रवेश (logging), मानव का कारण जंगल आग (forest fire)s, अम्ल वर्षा, और शुरू की प्रजातियों में अन्य बातों के बीच में.वहां पर कई उर कारन है जो की जंगलों मैं कई बदलाव कर सकते हैं जैसे की जंगल की आग (forest fires), कीड़े, रोगों, मौसम, प्रजातियों के बीच प्रतिस्पर्धा, आदि 1997 में, विश्व संसाधन संस्थान है कि दुनिया की मूल जंगलों के केवल 20% कोई रूकावट वन के बड़े अक्षुण्ण tracts में बने रहे दर्ज की गई है [४]. इन अक्षुण्ण वनों के 75% से अधिक तीन देशों में झूठ है -- उदीच्य वन (Boreal forest)s रूस और कनाडा और ब्राजील के rainforest की.इस जानकारी पर 2006 में अक्षुण्ण जंगलों नवीनतम उपलब्ध उपग्रह इमेजरी का उपयोग कर नवीनीकृत किया गया था.
आर्यों की सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहते हैं। पहले दृष्टिकोण के अनुसार लगभग १७०० ईसा पूर्व में आर्य अफ़्ग़ानिस्तान, कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में बस गये। तभी से वो लोग (उनके विद्वान ऋषि) अपने देवताओं को प्रसन्न करने के लिये वैदिक संस्कृत में मन्त्र रचने लगे। पहले चार वेद रचे गये, जिनमें ऋग्वेद प्रथम था। उसके बाद उपनिषद जैसे ग्रन्थ आये। हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया। बौद्ध और धर्मों के अलग हो जाने के बाद वैदिक धर्म मे काफ़ी परिवर्तन आया। नये देवता और नये दर्शन उभरे। इस तरह आधुनिक हिन्दू धर्म का जन्म हुआ।
संतोषपुर, कोलकाता कोलकाता का एक क्षेत्र है। यह कोलकाता नगर निगम के अधीन आता है।
श्री जितेन्द्र जितांशु
आयरिश विकिपीडिया विकिपीडिया का आयरिश भाषा का संस्करण है। यह अक्टूबर २००३ में आरंभ किया गया था। २७ मई, २००९ तक इस विकिपीडिया पर लेखों की संख्या ८,२५०+ है और यह विकिपीडिया का ९१वां सबसे बड़ा संस्करण है।
याँत्रिक वाहन - सन् 1909 में इंग्लैंड के युद्धकार्यालय (वार आफिस) ने 7,500 रुपए का पारितोषिक ऐसे ट्रैक्टर (गाड़ी) के लिए घोषित किया जो आठ टन के बोझ को लेकर 200 मील बिना ईंधन या उपस्नेहक (ल्युब्रिकेटिंग आयल) लिए चल सके। तभी से तोपवाहक याँत्रिक गाड़ियों का जन्म हुआ। अब ऐसी गाड़ियाँ उपलब्ध हैं जो बिना सड़क के ही खेत आदि में सुगमता से चल सकती हैं। इनके पहियों पर श्रृंखलाओं का पट्टा चढ़ा रहता है। इसके कारण ये गाड़ियाँ ऊबड़-खाबड़ भूमि पर चल सकती हैं। इन गाड़ियों का वेग 30-35 मील प्रतिघंटा होता है, परंतु श्रृंखला पट्टा लगभग डेढ़ हजार मील के बाद खराब हो जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध में चार अथवा छह पहियों के तोप ट्रैक्टर बने, जिनमें साधारण मोटरकारों की तरह, परंतु विशेष भारी, हवा भरे रबर के पहिए रहते थे। इनमें लगभग 100 अश्व सामर्थ्य के इंजन रहते थे और इनपर नौ दस टन भार तक की तोपें लद सकती थीं।
1904 में, रूस-जापान युद्ध ने रूस को कोरिया के लिए लड़ाई से बाहर धकेल दिया. मंचूरिया में 1909 में, आन जंग-गियोन ने, कोरिया के रेसिडेंट जनरल, इतो हिरोबुमी की, कोरिया को कब्जे में जाने को मजबूर करने में उनकी भूमिका के लिए, ह्त्या कर दी.
प्रथम विश्व युद्ध में हार के बाद जर्मनी को वेर्सल्लिएस की संधि पर जबरन हस्ताखर करना पड़ा । इस संधि के कारण उसे अपने कब्जे की बहुत सारी जमीन छोडनी पड़ी ; किसी दूसरे देश पर आक्रमण नही करने की शर्त माननी पड़ी ; अपनी सेना को सीमित करना पड़ा और उसपे प्रथम विश्व युद्ध मैं हुए नुकसान की भरपाई के रूप मैं दूसरे देशओं को भुकतान करना पड़ा ।
माइकल जोसफ जैक्सन (२९ अगस्त, १९५८ - २५ जून, २००९), लोकप्रिय अमरीकी पॉप गायक थे, जिन्हें किंग ऑफ पॉप भी कहा जाता है। माइकल, जैक्सन दंपति की सातवीं संतान थे, जिन्होंने मात्र ग्यारह वर्ष की आयु में ही व्यवसायिक रूप से गायकी आरंभ कर दी थी। उस समय वे जैक्सन-५ समूह के सदस्य हुआ करते थे। १९७१ में उन्होंने अपना व्यक्तिगत कैरियर प्रारंभ किया, हालांकि उस समय भी वे ग्रुप के सदस्य थे। जैक्सन ने गायकी की दुनिया में शीघ्र ही सिक्का जमा लिया और किंग ऑफ पॉप के नाम से प्रसिद्ध हो गए। उनके सबसे अधिक बिक्री वाले अल्बमों में, ऑफ द वाल (१९७९), बैड (१९८७), डैंजरस (१९९१) और हिस्ट्री (१९९५) प्रमुख हैं। हालांकि १९८२ में जारी थ्रिलर उनका अब तक के सबसे अधिक बिकने वाला अल्बम माना जाता है।
माल्टी विकिपीडिया विकिपीडिया का माल्टी भाषा का संस्करण है। यह १० सितंबर २००४ में आरंभ किया गया था। २७ मई, २००९ तक इस विकिपीडिया पर लेखों की संख्या २,३८५+ है और यह विकिपीडिया का १४४वां सबसे बड़ा संस्करण है।
सुप्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी ने भी अपने ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण में होलिकोत्सव का वर्णन किया है। भारत के अनेक मुस्लिम कवियों ने अपनी रचनाओं में इस बात का उल्लेख किया है कि होलिकोत्सव केवल हिंदू ही नहीं मुसलमान भी मनाते हैं। सबसे प्रामाणिक इतिहास की तस्वीरें हैं मुगल काल की और इस काल में होली के किस्से उत्सुकता जगाने वाले हैं। अकबर का जोधाबाई के साथ तथा जहाँगीर का नूरजहाँ के साथ होली खेलने का वर्णन मिलता है। अलवर संग्रहालय के एक चित्र में जहाँगीर को होली खेलते हुए दिखाया गया है।[५]शाहजहाँ के समय तक होली खेलने का मुग़लिया अंदाज़ ही बदल गया था। इतिहास में वर्णन है कि शाहजहाँ के ज़माने में होली को ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी (रंगों की बौछार) कहा जाता था।[६] अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र के बारे में प्रसिद्ध है कि होली पर उनके मंत्री उन्हें रंग लगाने जाया करते थे।[७] मध्ययुगीन हिन्दी साहित्य में दर्शित कृष्ण की लीलाओं में भी होली का विस्तृत वर्णन मिलता है।
है (6) मीठे वन दलदल - प्राकृतिक वनों> 30% शामियाना कवर के साथ, जिसमें कए पतियों के पेड हैं लेकिन जिसमें मिटटी पानी से भरी हुई है
६. ब्रह्मगिरि- यह मैसूर के चिबल दुर्ग में स्थित है ।
पिधान नया और मोटे रबर का होना चाहिए। केवल विश्वसनीय दूकानों से इसे लेना चाहिए। पिधान को प्रयोग करते समय उसमें कोई शुक्राणुनाशक वस्तु (जेली) भर देनी चाहिए। जिन पिधानों में आगे एक छोटी थैली सी बनी होती है, वे अधिक उपयुक्त होते हैं। स्खलन के पश्चात् वीर्य उस थेली में भर जाता है। थैली न होने से वीर्य पीछे को जाकर पिधान और शिश्न के बीच से निकलकर योनि में पहुँच सकता है।
उपन्यास- अप्सरा, अलका, प्रभावती, निरुपमा, कुल्ली भाट, बिल्लेसुर बकरिहा।
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यह दावा भी किया गया है कि एक त्रिभुज के भुजाओं की लम्बाई से क्षेत्रफल की गणना करने के लिए हीरोन का सूत्र आर्किमिडीज़ के द्वारा ही दिया गया.[c] हालांकि, इस सूत्र के लिए पहले भरोसेमंद सन्दर्भ पहली शताब्दी ई. में एलेगज़ेनड्रिया के हीरोन के द्वारा दिए गए. [४९]
विठ्ठल भाई पटेल ने अपनी वसीयत में अपनी करोडों की संपत्ती सुभाषबाबू के नाम कर दी। मगर उनके निधन के पश्चात, उनके भाई सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस वसीयत को स्वीकार नहीं किया और उसपर अदालत में मुकदमा चलाया। यह मुकदमा जितकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वह संपत्ती, गाँधीजी के हरिजन सेवा कार्य को भेट दे दी।
अगर वे कानून के एक सवाल पर विचार करें या सार्वजनिक महत्व का विषय उत्पन्न हो जाए तो वह उच्चतम न्यायालय के सलाहकार की राय की मांग सकते हैं.वह उनकी राय को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं.
विज्ञान में इनका योगदान भौतिक शास्त्र और संगणन शास्त्र पर हुआ है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धि (en:Artificial Intelligence) की सीमा पर शोध किया है और वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि संगणक बुद्धि कभी भी नहीं मानव बुद्धि की सीमा पर पहुंच सकती है। [८] उनके अनुसार भौतिक सिद्धान्तों का एकीकरण - जो पिछले कुछ दशकों में विज्ञान का प्रमुख लक्ष्य रहा है - असफल रहेगा। पार्थव और आध्यात्मिक में निरन्तर द्वन्द्व बना रहेगा। आजकल वह अपने यमल परोक्षक के समाधान के कारण समाचार पत्रों में बहुत चर्चित रहे हैं।[९]
डा.संगीता गौड़ ने संगीत, स्वर्गीय महादेव गोविंदराव देशपांडे, स्वर्गीय भाई जी विनयचंद्र मुदग्ल, श्रीमती कृष्णा (डीन संगीत संकाय) और प.सुखदेव चतुर्वेदी से सीखा। एम.फिल.-ब्रज संगीत पर शोध। डाक्टरेट दिल्ली विश्वविद्यालय से - "हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और बदलते सौंदर्यबोध" पर किया । [१]शास्त्रीय संगीत के साथ हवेली संगीत , ठुमरी ,चैती, होरी, सुफियाना संगीत में भी महारथ। देश भर में संगीत संगीत समारोहों मै हिस्सेदारी। विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक संगठनों को के साथ काम किया है। [२]
यद्यपि विशेष मौसम घटनाओं को ग्लोबल वार्मिंग के साथ जोड़ना मुश्किल है , फिर भी विश्व के तापमान में वृद्धि से व्यापक परिवर्तन (changes)सहित बर्फ पीछे हटना (glacial retreat), आर्कटिक shrinkage (Arctic shrinkage), और दुनिया भर में समुद्र के स्तर वृद्धि (sea level rise) हो सकती है .अवक्षेपण (precipitation)की मात्र में परिवर्तन बाढ़ और सूखे (drought)को जनम दे सकता है . चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति एवं त्रीवता में भी परिवर्तन हो सकते (extreme weather) है।अन्य प्रभावों में कृषि पैदावार में कमी , अलावा व्यापार के नए मार्गों [७४] का जुड़ना , छोटी गर्मियां , streamflow (streamflow) , प्रजातियों का ख़तम (extinctions)होना और रोगों के वेक्टर (disease vectors)में वृद्धि शामिल हैं
यद्यपि हिम तेन्दुए के नाम में "तेन्दुआ" है लेकिन यह एक छोटे तेन्दुए के समान दिखता है, और इनमें आपसी सम्बन्ध नहीं है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, एक व्यक्ति क़ानूनी रूप से मर चुका है अगर मृत्यु प्रमाणपत्र या एक वक्तव्य की मौत व्यवसायी चिकित्सा लाइसेंस प्राप्त है विभिन्न कानूनी परिणाम मौत का पालन करें, कानूनी शब्दावली में जो व्यक्ति से हटाने सहित पेर्सोन्हूद कहा जाता है .
इस कांड की कुछ उपयोगी तथा जानने योग्य बातें ये हैं-
गुप्त साम्राज्य का ५५० ई. में पतन हो गया । गुप्त वंश के पतन के बाद भारतीय राजनीति में विकेन्द्रीकरण एवं अनिश्‍चितता का माहौल उत्पन्‍न हो गया । अनेक स्थानीय सामन्तों एवं शासकों ने साम्राज्य के विस्तृत क्षेत्रों में अलग-अलग छोते-छोटे राजवंशों की स्थापना कर ली । इसमें एक था- उत्तर गुप्त राजवंश । इस राजवंश ने करीब दो शताब्दियों तक शासन किया । इस वंश के लेखों में चक्रवर्ती गुप्त राजाओं का उल्लेख नहीं है ।
जो सदियों से जीवित है,
जिले का मुख्यालय गुलबर्ग है ।
जनता पार्टी के घटक दलों का 1980 में विखण्डन हो गया। भारतीय जनसंघ पार्टी के घटक दलों ने इसे अनुचित करार करते हुए इस दल को भारतीय जनता पार्टी के रूप में स्थापित किया जिससे भारतीय राजनीति का नए इतिहास का सूत्रपात हुआ।स्वंय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष ने दोहरी सदस्यता का मामला उठाया। अटलजी और अडवानी जी सहित सभी ने एक स्वर में कहा कि हम अपनी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संध को नहीं छोड़ सकते। भारतीय जनसंघ ने अलग होने का निर्णय लिया।
श्रीगुप्त के बाद उसका पुत्र घटोत्कच गद्दी पर बैठा ।
कलियुग के अन्त में इक्कीसवीं बार विष्णु यश नामक ब्राह्मण के घर भगवान का कल्कि अवतार होगा।
१९८९ में बर्लिन की दीवार के गिरने के बाद संगठन का पूर्व की तरफ बाल्कन हिस्सों में विस्तार हुआ और वारसा संधि से जुड़े हुए अनेक देश १९९९ और २००४ में इस गठबंधन में शामिल हुए। १ अप्रैल २००९ को अल्बानिया और क्रोएशिया के प्रवेश के साथ गठबंधन की सदस्य संख्या बढ़कर २८ हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका में ११ सितंबर, २००१ के आतंकवादी हमलों के बाद नाटो नई चुनौतियों का सामना करने के लिए नए सिरे से कर रहा है, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में सैनिकों की और इराक में प्रशिक्षकों की तैनाती की गई है।
कार्बनिक रसायन रसायन विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है, दूसरी प्रमुख शाखा है - अकार्बनिक रसायन । कार्बनिक रसायन का सम्बन्ध मुख्यतः कार्बन और हाइड्रोजन के अणुओं वाले रासायनिक यौगिकों के संरचना, गुणधर्म, रासायनिक अभिक्रियाओं एवं उनके निर्माण (संश्लेषण या सिन्थेसिस एवं अन्य प्रक्रिया द्वारा) आदि के वैज्ञानिक अध्ययन से है। कार्बनिक यौगिकों में कार्बन और हाइड्रोजन के अतिरिक्त अन्य अणु भी हो सकते हैं, जैसे- नाइट्रोजन (नत्रजन), ऑक्सीजन, हैलोजन, फॉस्फोरस, सिलिकॉन, गंधक (सल्फर) आदि।
प्राचीनकाल में सतयुग के समय में महिष्मति नाम की एक नगरी में इंद्रसेन नाम का एक प्रतापी राजा धर्मपूर्वक अपनी प्रजा का पालन करते हुए शासन करता था। वह राजा पुत्र, पौत्र और धन आदि से संपन्न और विष्णु का परम भक्त था। एक दिन जब राजा सुखपूर्वक अपनी सभा में बैठा था तो आकाश मार्ग से महर्षि नारद उतरकर उसकी सभा में आए। राजा उन्हें देखते ही हाथ जोड़कर खड़ा हो गया और विधिपूर्वक आसन व अर्घ्य दिया।
किसी भी देश में बहुत कम ऐसे स्‍थान होते हैं, जिन्‍होंने इतिहास को बदल कर रख दिया हो। केप टाउन में स्थित केप ऑफ गुड होप एक ऐसा ही स्‍थान है। 1488 ई. में पुर्तगालियों ने इसी स्‍थान से अफ्रीका महादेश में कदम रखा था। इसके बाद से ही अफ्रीका का इतिहास बदल गया। यह अटलांटिक महासागर के पास स्थित है। केप टाउन आने वाले पर्यटक इस स्‍थान पर घूमने जरुर आते हैं।
गोवा की खूबसूरती केवल यहां के सागर तटों तक ही सीमित नहीं है। यहां सेंट फ्रांसिस, ऑफ असीसी, होली स्पिरिट, पिलर सेमिनरी, सालीगांव, रकोल सेमिनरी आदि यहां के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चर्च है। इसके अतिरिक्त सेंट काजरन चर्च, सेंट आगस्टीन टावर, ननरी ऑफ सेंट मोनिका तथा सेंट एरक्स चर्च भी प्रसिद्ध है। गोवा के पवित्र मंदिर जिनसे श्री कामाक्षी, सप्तकेटेश्‍वर, श्री शांतादुर्ग, महालसा नारायणी, परनेम का भगवती मंदिर और महालक्ष्मी आदि दर्शनीय है।
बारीसाल उपक्षेत्र का एक जिला।
भोजपुरी भाषाई परिवार के स्तर पर एक आर्य भाषा है और मुख्य रुप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, ट्रिनिदाद, फीजी और टोबैगो आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना आंकडो़ के अनुसार भारत मे लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व मे भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग 5 करोड़ है।
(१) यह वामपंथी एवं दक्षिणपंथी विचारधाराओं की समन्वयात्मक कृति है. जिस प्रकार तुलसीदास ने 'रामचरितमानस' में शैव एवं वैष्णव मत के समन्वय से तत्कालीन वर्ग-विभाजन को पाटने की कोशिश करी थी, उसी प्रकार नरेन्द्र कोहली ने वर्तमान काल की प्रमुख विलोम विचारधाराओं : वामपंथी एवं दक्षिणपंथी विचारधाराओं के समन्वय का प्रयास इस कृति में किया है.
हरिवंश में उपमा, रूपक, समासोक्ति, अतिशयोक्ति, व्यतिरेक, यमक और अनुप्रास ही प्राय: मिलते हैं। ये सभी अलंकार पौराणिक कवि के द्वारा प्रयासपूर्वक लाए गए नहीं प्रतीत होते।
भगवान महावीर का संदेश प्राणी मात्र के कल्याण के लिए ( - प्रो. महावीर सरन जैन) भगवान महावीर का संदेश प्राणी मात्र के कल्याण के लिए है। उन्होंने मनुय-मनुष्य के बीच भेदभाव की सभी दीवारों को ध्वस्त किया। उन्होंने जन्मना वर्ण व्यवस्था का विरोध किया। इस विश्व में न कोई प्राणी बड़ा है और न कोई छोटा। उन्होंने गुण-कर्म के आधार पर मनुष्य के महत्व का प्रतिपादन किया। ऊँच-नीच, उन्नत-अवनत, छोटे-बड़े सभी अपने कर्मों से बनते हैं। जातिवाद अतात्विक है।
दूसरे शब्दों में, सर्वेक्षण की विधि त्रिभुज की रचना है। ऊपर तो त्रिभुज की एक ही रचना का उल्लेख किया गया है, जिसमें त्रिभुज की तीनों भुजाओं की लंबाइयाँ ज्ञात है। त्रिभुज की अन्य रचना विधियाँ भी सर्वेक्षण में प्रयुक्त होती हैं।
स्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। यात्रा साहित्य भी इसके अन्तर्गत आता है। संस्मरण को साहित्यिक निबन्ध की एक प्रवृत्ति भी माना जा सकता है। ऐसी रचनाओं को 'संस्मरणात्मक निबंध' कहा जा सकता है। व्यापक रूप से संस्मरण आत्मचरित के अन्तर्गत लिया जा सकता है। किन्तु संस्मरण और आत्मचरित के दृष्टिकोण में मौलिक अन्तर है। आत्मचरित के लेखक का मुख्य उद्देश्य अपनी जीवनकथा का वर्णन करना होता है। इसमें कथा का प्रमुख पात्र स्वयं लेखक होता है। संस्मरण लेखक का दृष्टिकोण भिन्न रहता है। संस्मरण में लेखक जो कुछ स्वयं देखता है और स्वयं अनुभव करता है उसी का चित्रण करता है। लेखक की स्वयं की अनुभूतियाँ तथा संवेदनायें संस्मरण में अन्तर्निहित रहती हैं। इस दृष्टि से संस्मरण का लेखक निबन्धकार के अधिक निकट है। वह अपने चारों ओर के जीवन का वर्णन करता है। इतिहासकार के समान वह केवल यथातथ्य विवरण प्रस्तुत नहीं करता है। पाश्चात्य साहित्य में साहित्यकारों के अतिरिक्त अनेक राजनेताओं तथा सेनानायकों ने भी अपने संस्मरण लिखे हैं, जिनका साहित्यिक महत्त्व स्वीकारा गया है।
CH2O, यह एक कार्बोहाइड्रेट्स की इकाई अणु है। केल्विन व बैनसन ने रेडियो आइसोटोपिक तकनीक का प्रयोग कर बताया कि प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया में पहला स्थाई यौगिक एक ३ कार्बन वाला 3-फोस्फोग्लिसेरिक अम्ल (पीजीए) बनता है। क्लोरोल्ला एवं सिनडेसमस नामक शैवालों में रेडियो एक्टिव C14O2 की उपस्थिति में कुछ समय के लिए प्रकाश-संश्लेषण कराया गया तथा इनमें भी पहला स्थाई द्रव्य फोस्फोग्लिसेरिक अम्ल बना। यह फोस्फोग्लिसेरिक अम्ल बाद में ग्लूकोज बनाता है। इस प्रकार केल्विन तथा उसके सहकर्मियों के कार्यों से यह सिद्ध हो गया कि प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया में CO2 ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाती है। उन्होंने इस प्रयोग में कार्बन के समस्थानिक (C14) का प्रयोग किया। क्लोरोफिल में राइबुलोज-1,5 विसफास्फेट उपस्थित रहता है। अब वायुमण्डलीय CO2 पत्ती के स्टोमेटा द्वारा प्रवेश कर अन्दर पहुँचती है तथा तुरन्त ही (४/१0000000 सेकेण्ड में) राइबुलोज-1,5 विसफास्फेट के साथ मिलकर एक अस्थाई यौगिक का निर्माण कती है। इस प्रकार बना अस्थाई यौगिक जो ५-कार्बन सुगर है शीघ्र ही फास्फोग्लाइसेरिक एसिड (PGA) के २ अणुओं में टूट जाता है। अब यहां पर NADPH2 द्वारा हाइड्रोजन मुक्त किये जाने पर पीजीए को पीजीएएल (phosphoglyceric aldehyde) में परिवर्तित कर देता है। इस क्रिया में ऊर्जा एटीपी से प्राप्त होती है। इस प्रकार CO2 से कार्बोहाइड्रेट्स निर्माण हो जाते हैं।
वशिष्ठ जी के इस प्रकार कहने पर विश्वामित्र ने बलात् उस गौ को पकड़ लेने का आदेश दे दिया और उसके सैनिक उस गौ को डण्डे से मार मार कर हाँकने लगे। कामधेनु गौ क्रोधित होकर उन सैनिकों से अपना बन्धन छुड़ा लिया और वशिष्ठ जी के पास आकर विलाप करने लगी। वशिष्ठ जी बोले कि हे कामधेनु! यह राजा मेरा अतिथि है इसलिये मैं इसको शाप भी नहीं दे सकता और इसके पास विशाल सेना होने के कारण इससे युद्ध में भी विजय प्राप्त नहीं कर सकता। मैं स्वयं को विवश अनुभव कर रहा हूँ। उनके इन वचनों को सुन कर कामधेनु ने कहा कि हे ब्रह्मर्षि! एक ब्राह्मण के बल के सामने क्षत्रिय का बल कभी श्रेष्ठ नहीं हो सकता। आप मुझे आज्ञा दीजिये, मैं एक क्षण में इस क्षत्रिय राजा को उसकी विशाल सेनासहित नष्ट कर दूँगी। और कोई उपाय न देख कर वशिष्ठ जी ने कामधेनु को अनुमति दे दी।
श्री उदित आयतन, शेखपुरा, पटना
१९९२ में परमपावन दलाई लामा ने यह घोषणा की कि जब तिब्बत स्वतंत्र हो जाएगा तो उसके बाद सबसे पहला लक्ष्य होगा कि एक अंतरिम सरकार की स्थापना करना जिसकी पहली प्राथमिकता यह होगी तिब्बत के लोकतांत्रिसंविधान के प्रारूप तैयार करने और उसे स्वीकार करने के लिए एक संविधान सभा का चुनाव करना। इसके बाद तिब्बती लोग अपनी सरकार का चुनाव करेंगे और परमपावन दलाई लामा अपनी सभी राजनीतिक शक्तियां नवनिर्वाचित अंतरिम राष्ट्रपति को सौंप देंगे। वर्ष २००१ में परमपावन दलाई लामा के परामर्श पर तिब्बती संसद ने निर्वासित तिब्बती संविधान में संशोधन किया और तिब्बत के कार्यकारी प्रमुख के प्रत्यक्ष निर्वाचन का प्रावधान किया। निर्वाचित कार्यकारी प्रमुख अपने कैबिनेट के सहयोगियों का नामांकन करता है और उनकी नियुक्ति के लिए संसद से स्वीकृति लेता है। पहले प्रत्यक्ष निर्वाचित कार्यकारी प्रमुख ने सितम्बर २००१ में कार्यभार ग्रहण किया।
सेंट पीटर्सबर्ग नोवा नदीके तट पर स्थित रूस का एक प्रसिद्ध नगर है। यह रूसी साम्राज्य की पूर्व राजधानी थी। सोवियत संघ के समय में इसका नाम बदलकर लेनिनग्राद कर दिया गया था जिसे सोवियतसंघ के पतन के बाद पुन: बदलकर देंट पीटर्सबर्ग कर दिया गया है।
काली व पीली, मीटर-युक्त टैसी सेवा पूरे शहर में उपलब्ध है। मुंबई के उपनगरीय क्षेत्रों में ऑटोरिक्शा उपलब्ध हैं, जो सी एन जी चालित हैं, व भाड़े पर चलते हैं। ये तिपहिया सवारी जाने आने का उपयुक्त साधन हैं। ये भाड़े के यातायात का सबसे सस्ता जरिया हैं, व इनमें तीन सवारियां बैठ सकतीं हैं।
यह पत्थर पीले, काले, सफेद, लाल तथा अनके रंगों में पाया जाता है। यह अपारदर्शी होता है।
लि नाड्डी
कत्थक उत्तर प्रदेश का एक परिष्कृत शास्त्रीय नृत्य है जो कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कत्थक नाम 'कथा' शब्द से बना है, इस नृत्य में नर्तक किसी कहानी या संवाद को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करता है। कत्थक नृत्य का प्रारम्भ ६-७वीं शताब्दी में उत्तर भारत में हुआ था। प्राचीन समय में यह एक धार्मिक नृत्य हुआ करता था जिसमें नर्तक महाकाव्य गाते थे और अभिनय करते थे। १३ वी शताब्दी तक आते-आते कत्थक सौन्दर्यपरक हो गया तथा नृत्य में सूक्ष्म अभिनय एवं मुद्राओं पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा। कत्थक में सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए नृत्य किया जाता है। कत्थक नृत्य के प्रमुख कलाकार पन्डित बिरजू महाराज हैं। फरी नृत्य, जांघिया नृत्य, पंवरिया नृत्य, कहरवा, जोगिरा, निर्गुन, कजरी, सोहर, चइता गायन उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृतियां हैं । लोकरंग सांस्कृतिक समिति इन संस्कृतियों संवर्द्धन, संरक्षण के लिए कार्यरत है।
डांस इंडिया डांस और डांस बांग्ला डांस जैसे ज़ी टीवी के डांस शो में मिथुन ग्रैंड जज हैं.यह उनकी परिकल्पना है. डांस पर रूचि रखने वालो के लिए यह एक सुनहर मौक़ा है . .
हवाई जहाज से जाने वाले पर्यटकों के लिए इंडियन की सेवाएं उपलब्ध हैं। चोई, कोलकाता से ये पकड़ी जा सकती हैं। समुद्री जहाज से भी यहां आया जाता है। चोई से तीन जहाज यहां आते हैं, दूरी करीब 1190 किलोमीटर है। कोलकाता से पोर्ट ब्लेयर की दूरी 1255 किलोमीटर और विजयवाड़ा से 1200 किलोमीटर है। विशाखापटनम से भी राजधानी पोर्ट ब्लेयर के लिए जहाज जाता है।
निर्देशांक: 11°1′6″N 76°58′29″E / 11.01833, 76.97472 कोयंबतूर या कोयंबटूर तमिलनाडू प्रान्त का एक शहर है। कर्नाटक और तमिलनाडू की सीमा पर बसा शहर मुख्य रूप से एक औद्योगिक नगरी है। शहर रेल और सड़क और वायु मार्ग से अच्छी तरह पूरे भारत से जुड़ा है।
मैसूर का पठार का विस्तार कर्नाटक के पूर्वी व मध्यवर्ती भाग, दक्षिणी-पश्चिमी आन्ध्र प्रदेश व पश्चिमी तमिलनाडु राज्यों में पाया जाता है। इस पठार की मूल चट्टानें बहुत ही कठोर और पुरानी हैं जिनमें प्राचीन जीवाशेषों का पूर्ण अभाव पाया जाता है। ये मुख्यतः आग्नेय अथवा रवेदार हैं जिनमें ग्रेनाइट, नीस, बेसाल्ट बलुआ-पत्थर व क्वार्टजाइट मुख्य हैं। इस पटार की चट्टानें खनिज पदार्थों की दृष्टि से काफी धनी हैं। खनिज पदार्थों के अतिरिक्त यहां भवन निर्माण एवं सड़क निर्माण हेतु बैसाल्ट व ग्रेनाइट पत्थर भी पाया जाता है।
बैंकाक दक्षिण पूर्वी एशियाई देश थाईलैंड की राजधानी है। बैंकॉक थाइलैंड की राजधानी है। यहां ऐसी अनेक चीजें जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध हैं मरीन पार्क और सफारी। मरीन पार्क में प्रशिक्षित डॉल्फिन्स अपने करतब दिखाती हैं। यह कार्यक्रम बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी खूब लुभाता है। सफारी वर्ल्‍ड विश्‍व का सबसे बड़ा खुला चिड़ियाघर है। यहां एशिया और अफ्रीका के लगभग सभी वन्य जीवों को देखा जा सकता है। यहां की यात्रा थकावट भरी लेकिन रोमांचक होती है। रास्ते में खानपान का इंतजाम भी है।
बुनियादी कीमतों और अंतिम कीमतों के बीच का अंतर (जिसका उपयोग व्यय की गणना में किया जाता है) कुल कर और सब्सिडियां हैं जिन्हें सरकार ने उत्पादन पर लागू किया है या भुगतान किया है. तो आयात और उत्पादन पर सब्सिडी रहित कर को जोड़ने से GDP (सकल घरेलू उत्पाद) कारक लागत पर GDP(I) में बदल जाता है.
यह तालिका अरूणाचल प्रदेश के राज्य सकल घरेलू उत्पाद का रुझान बाजार मूल्यों पर सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान पर आधारित है। लाखों रुपयों में ।
हवासू जल प्रपात, एरिजोना
भारत के मुख्य शहर है - दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, बंगलोर ( बेंगलुरु ) | ये भी देंखे - भारत के शहर
भारत के विस्तार के साथ ही इसके मौसम में भी बहुत भिन्नता है | दक्षिण में जहाँ तटीय और गर्म वातावरण रहता है वहीं उत्तर में कडी सर्दी, पूर्व में जहाँ अधिक बरसात है वहीं पश्चिम में रेगिस्तान की शुष्कता | भारत में वर्षा मुख्यतया वरशा की हवाओं से होती है |
अर्थो अनर्थो महाकोशो महाभोगो महाधनः ।।(४६)
पंरपरा के अनुसार राज्यपाल राष्ट्रपति को भेजी जाने वाली पाक्षिक रिपोर्ट के सम्बन्ध मे निर्णय ले सकता है कुछ राज्यों के राज्यपालों को विशेष उत्तरदायित्वों का निर्वाह करना होता है विशेष उत्तरदायित्व का अर्थ है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद से सलाह तो ले किंतु इसे मानने हेतु वह बाध्य ना हो और ना ही उसे सलाह लेने की जरूरत पडती हो
प्रथम पंचवर्षीय योजना 1951 में शुरू की गयी, और इसके बाद 1965 तक दो और पंचवर्षीय योजनायें बनाई गयीं, 1965 के बाद पाकिस्तान से युद्ध के कारण संघर्ष योजना बनाने का काम मे व्यवधान पड़ा। दो साल के लगातार सूखे, मुद्रा का अवमूल्यन, कीमतों में सामान्य वृद्धि और संसाधनों के क्षरण के कारण योजना प्रक्रिया बाधित हुई और 1966 और 1969 के बीच तीन वार्षिक योजनाओं के बाद, चौथी पंचवर्षीय योजना को 1969 में शुरू किया गया।
भारत की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पीछे के भाग में स्थित मुगल उद्यान अपने किस्म का अकेला ऐसा उद्यान है, जहां विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है। यहां विविध प्रकार के फूलों और फलों के पेड़ों का संग्रह है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने इस उद्यान को जन साधारण के दर्शन हेतु खुलवाया था। इस उद्यान को देखने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। २३ जनवरी,०९ को यहां ९५,५३७ दर्शक आए थे[१]। इसकी अभिकल्पना ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिग के आदेश पर की थी। १३ एकड़ में फैले इस उद्यान में ब्रिटिश शैली के संग-संग औपचारिक मुगल शैली का मिश्रण दिखाई देता है।[२] यह उद्यान चार भागों में बंटा हुआ है, और चारों एक दूसरे से भिन्न एवं अनुपम हैं। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन और सकरुलर गार्डन, आदि। बटरफ्लाई गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं। यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है। मुगल उद्यान में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। इनके लिये एक अलग भाग बना हुआ है, जिसे औषधि उद्यान कहते हैं। मुगल उद्यान वसंत ऋतु में एक माह के लिये पर्यटकों के लिए खुलता है।
संक्षेप में, 19वीं शताब्दी से पूर्व यूरोपीय भाषाओं का जो अध्ययन किया गया, वह भाषावैज्ञानिक की अपेक्षा तार्किक अधिक, रूपात्मक (Formal) की अपेक्षा संकल्पनात्मक अधिक और वर्णनात्मक की अपेक्षा विध्यात्मा (Prescriptive) अधिक था।
[[[Wikipedia:Citation needed|This section does not cite any references or sources. Please help improve this article by adding citations to reliable sources. Unverifiable material may be challenged and removed. (February 2009)]]] आमतौर पर मोबाइल फोन बैटरी से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जिसको एक USB पोर्ट द्वारा, पोर्टेबल बैटरी से, बिजली की मुख्य तार से या गाडी में एक अनुकूलक का उपयोग करके सिगरेट लाइटर गर्तिका से (अक्सर बैटरी चार्जर या दीवार मस्सा बुलाया जाता है) या एक सौर पैनल से या एक डाईनमो से (जो फोन को लगाने के लिए एक USB पोर्ट का उपयोग कर सकता है) पुनर्भरण किया जा सकता है.
ऐसा पाया गया है कि ध्यान से बहुत से मेडिकल एवं मनोवैज्ञानिक लाभ होते हैं।
पारिस्थितिक तंत्र एक प्राकृतिक इकाई है जिसमें एक क्षेत्र के सभी पौधे, जानवर और अणुजीव (जैविक कारक)शामिल हैं जोकि पर्यावरण के सभी भौतिक (अजैव) कारकों के साथ काम करते हैं. परितंत्र अन्योन्याश्रित अवयवों की एक इकाई है जो एक ही आवास को बांटते हैं.पारितंत्र आमतौर अनेक खाद्य जाल बनाते हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर इन जीवों के अन्योन्याश्रय को दिखाते हैं. [१]
इसके अतिरिक्त "दक्षिणी कामरूप की गाथा" पर आधारित हिन्दी टी वी धारावाहिक तथा उक्त उपन्यास पर असमिया में निर्मित फिल्म "अदाज्य" को राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय ज्यूरी पुरस्कार प्राप्त।
गया, पटना, नालन्‍दा, राजगीर, वाराणसी तथा कलकत्ता से बोध गया के लिए बसें चलती है।
यह उत्तरी इंग्लैंड में जन्मा और खेला गया है और एकल 'ग्रेट ब्रिटेन' टीम ने रग्बी लीग विश्व कप में हिस्सा लिया लेकिन यह 2008 में बदल जाएगा जब इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड अलग राष्ट्रों के रूप में प्रतिस्पर्धा करेंगे.[२१४]
(1) जयमंगला प्रणेता का नाम यथार्थत: यशोधर है जिन्होंने वीसलदेव (1243-61) के राज्यकाल में इसका निर्माण किया।
सिंह, ठाकुर, शर्मा, तिवारी, मिश्रा, खान, पठान, कुरैशी, शेख, स्मिथ, वर्गीस, जोशी, सिसोदिया, वाजपेयी, गाँधी, राठौर, पाटिल, पटेल, झाला, गुप्ता, अग्रवाल, जैन, शाह, चौहान, परमार, विजयवर्गीय, राजपूत, मेंडल, यादव, कर्णिक, गौड़, राय, दीक्षित, भट्टाचार्य, बनर्जी, चटर्जी, उपाध्याय, डिसूजा, अंसारी, कुशवाह, पोरवाल, भोंसले, सोलंकी, देशमुख, आपटे, प्रधान, जादौन, जायसवाल, गौतम, भटनागर, श्रीवास्तव, निगम, सक्सेना, चौपड़ा, कपूर, कुलकर्णी, चिटनीस, वाघेला, सिंघल, पिल्लई, स्वामी, नायर, सिंघम, गोस्वामी, रेड्डी, नायडू, दास, कश्यप, पुराणिक, दासगुप्ता, नायी ठाकुर, सेन, वर्मा, चौधरी, कोहली, दुबे, चावला, पांडे, महाजन, बोहरा, काटजू, आहूजा, नागर, भाटिया, चतुर्वेदी, चड्डा, गिल, सहगल, टुटेजा, माखिजा, नागौरी, जैदी, टेगोर, भारद्वाज, महार, कहार, सुर्यवंशी, शेखावत, राणा, कुमार, धनगर, डांगे, डांगी, अहमद, सुतार, विश्वकर्मा, पाठक, नाथ, पंडित, आर्य, खन्ना, माहेश्वरी, साहू, झा, मजूमदार आदि।
बोरोबुदुर और प्रमबनन मन्दिर यहां स्थित हैं।
दौड़ में मिलखा सिंह ने सरलता से अपने प्रतिद्वन्द्वियों को ध्वस्त कर दिया, और आसानी से जीत गए। अधिकांशतः मुस्लिम दर्शक इतने प्रभावित हुए कि पूरी तरह बुर्कानशीन औरतों ने भी इस महान धावक को गुज़रते देखने के लिए अपने नक़ाब उतार लिए थे, तभी से उन्हें फ़्लाइंग सिख की उपाधि मिली।
एक अनुमान के अनुसार बंगलोर में 51% से ज़्यादा लोग भारत के विभिन्न हिस्सों से आ कर बसे हैं ।
भारत में इसे फ़ारसी कहा जाता है । इसका मूल नाम पारसी है पर अरब लोग, जिन्होंने फ़ारस पर सातवीं सदी के अंत तक अधिकार कर लिया था, की वर्णमाला में प का शब्द नहीं होता है । इस कारण से वे इसे फ़ारसी कहते थे और यही नाम भारत में भी प्रयुक्त होता है । यूनानी लोग फार्स को पर्सिया (पुरानी ग्रीक में पर्सिस, Πέρσις) कहते थे । जिसके कारण यहाँ की भाषा पर्सियन (Persian) कहलाई । यही नाम अंग्रेज़ी सहित अन्य यूरोपीय भाषाओं में प्रयुक्त होता है ।
गुजरात का इतिहास ईसवी पूर्व लगभग २,००० वर्ष पुराना है। यह भी माना जाता है कि भगवान कृष्‍ण मथुरा छोड़कर सौराष्‍ट्र के पश्चिमी तट पर जा बसे, जो द्वारिका यानी प्रवेशद्वार कहलाया। बाद के वर्षो में मौर्य गुप्‍त, प्रतिहार तथा अन्‍य अनेक राजवंशों ने इस प्रदेश पर राज किया। चालुक्‍य (सोलंकी) राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्ध का युग था। महमूद गजनवी की लूटपाट के बावजूद चालुक्‍य राजाओं ने यहां के लोगों की समृद्धि और भलाई का पूरा ध्‍यान रखा। इस गौरवपूर्ण काल के पश्‍चात गुजरात को मुसलमानों, मराठों और ब्रिटिश शासन के दौरान बुरे दिन देखने पड़े।
मोती का अर्थ है मुक्ता।
एस. टी. डी (STD) कोड - 05282
बम्बई सेना (बांबे आर्मी) की २९ रेजिमेण्ट में से ३ रेजिमेण्ट ने विद्रोह किया और मद्रास सेना की किसी रेजिमेण्ट ने विद्रोह नही किया यद्यपि ५२ रेजिमेण्ट के कुछ सैनिकों ने बंगाल में काम कर्ने से मना कर दिया।[२१] कुछ क्षेत्रों को छोड कर अधिकतर दक्षिण भारत शान्त रहा। अधिकतर राज्यों ने इस विद्रोह मे भाग नही लिया क्योंकी इस क्षेत्र का अधिकतर भाग निज़ाम और मैसूर रजवाडे द्वारा शासित था और वो ब्रितानी शासन के अन्तर्गत नहीं आते थे।
वैज्ञानिक दृष्टि से पान एक महत्वपूर्ण वनस्पति है। पान दक्षिण भारत और उत्तर पूर्वी भारत में खुली जगह उगाया जाता है, क्योंकि पान के लिए अधिक नमी व कम धूप की आवश्यकता होती है। उत्तर और पूर्वी प्रांतों में पान विशेष प्रकार की संरक्षणशालाओं में उगाया जाता है। इन्हें भीट या बरोज कहते हैं। पान की विभिन्न किस्मों को वैज्ञानिक आधार पर पांच प्रमुख प्रजातियों बंगला, मगही,[१] सांची, देशावरी, कपूरी और मीठी पत्ती के नाम से जाना जाता है। यह वर्गीकरण पत्तों की संरचना तथा रासायनिक गुणों के आधार पर किया गया है। रासायनिक गुणों में वाष्पशील तेल का मुख्य योगदान रहता है। ये सेहत के लिये भी लाभकारी है। खाना खाने के बाद पान का सेवन पाचन में सहायक होता है।[२]
इस साल आयपीएल (IPL) की पहली नीलामी के दौरान मुंबई इंडियंस ने कोलकाता नाईट राइडर्स के साथ एक टाई-ब्रेकर के बाद वेस्ट इंडीज के ऑल राउंडर केरोन पोलार्ड को USD 750,000 में खरीदा.
एयर इंडिया एक्सप्रेस 12 पट्टे (7 एटीआर 42-320, 4 Bombardier CRJ-700ER और 1 Beechcraft 1900D विमानों का एक बेड़ा है
पीडीऍफ फाइल को पढ़ने के लिये हमें पीडीऍफ रीडर सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। अडॉबी रीडर एक ऐसा ही सॉफ्टवेयर है। लेकिन यह काफी बड़े आकार का है तथा स्टार्ट होने में काफी समय लेता है और धीमा चलता है (खासकर पुराने पीसी पर)।
यूनाइटेड किंगडम का कुल क्षेत्रफल लगभग२४५,०००-वर्ग-कि.मी. (९४,६०० वर्ग मील) है जिसमें ग्रेट ब्रिटेन के द्वीप, आयरलैंड (उत्तरी आयरलैंड) द्वीप के पूर्वोत्तर का एक छटा हिस्सा और छोटे द्वीप शामिल हैं.[८२] उत्तर अटलांटिक महासागर और उत्तर सागर के बीच पड़ता है, फ्रांस के उत्तर पश्चिमी तट के ३५-किलोमीटर (२२ मील) के भीतर, जहाँ से यह इंग्लिश चैनल के द्वारा अलग होता है.[८२] ग्रेट ब्रिटेन अक्षांश 49° और 59° उत्तर के बीच (शेटलैंड द्वीप 61° उत्तर तक पहुँचता है), और देशांतर 8° पूर्व से 2° पश्चिम में पड़ता है. लन्दन के पास, रॉयल ग्रीनविच वेधशाला, प्रमुख पराकाष्ठा का परिभाषित निशान है.जब सीधे उत्तर -दक्षिण मापा गया, ग्रेट ब्रिटेन लंबाई में १,१००-किलोमीटर (७०० मील) लंबा है और व्यापकतम पर ५००-किलोमीटर (३०० मील) कम एक अंश है, दो अंक के बीच सबसे सबसे अधिक दूरी १,३५०-किलोमीटर (८४० मील) है भूमि की समाप्ति और कॉर्नवॉल (पेंज़ैन्स के नज़दीक) और कैथनेस में जॉन ओ' ग्रोअट्स (थुर्सो के नज़दीक) के बीच.उत्तरी आयरलैंड, आयरलैंड के साथ ३६०-किलोमीटर (२२४ मील) सीमा भूमि बाँटता है.[८२]
समाज में नारी की भूमिका अक्सर घर के काम काज को करने की और समुदायों की नि: स्वार्थ सेवा करने का काम होता है[२] महिलाओं और महिलाओं के मुद्दों समाचारों में केवल ७-१४% ही दिखाई देते हैं[२] अधिकांश भारतीय परिवारों में, महिलाओं को उनके नाम पर संपत्ति नहीं मिलती है , और उन्हें पैतृक संपत्ति का एक हिस्सा भी नहीं मिलता है.[१७] कानून को लागू करने मे कमजोरी के कारण , महिल्लाएं आज भी ज़मीन के छोटे से टुकड़े और बहुत कम धन मे प्राप्त होता है[१८] कई परिवारों में, विशेष रूप से ग्रामीण लोगों मे, लड़कियों और महिलाओं को परिवार के भीतर पोषण भेदभाव का सामना करना पड़ता है और इसी वजह से उनमें खून की कमी की शिकायत रहती है साथ- साथ वो कुपोषित भी होती हैं[१७]
स्टेडियम पहाड़ी पर और ऊपर, वाया साक्रा (via sacra) और थियेटर से भी परे, स्थित है. मूलतः इसका निर्माण पांचवी सदी ईसा पूर्व किया गया था, लेकिन बाद वाली सदियों में इसमें परिवर्तन किया गया. आखिरी बार बड़ा परिवर्तन दूसरी सदी ईसवी में हेरोडस एटिकस (Herodus Atticus) के संरक्षण में हुआ, जब पत्थर का आसन और (मेहराब युक्त) प्रवेश-द्वार का निर्माण किया गया. यहां 6500 दर्शक बैठ सकते थे और इसका ट्रैक 177 मीटर लंबा तथा 25.5 मीटर चौड़ा था.[२६]
युद्धास्त्र के रूप में नाना प्रकार के जीवाणु प्रयोग में लाए जाते हैं और प्रत्येक प्रकार के जीवाणु अलग-अलग प्रकार के संक्रामक रोग फैलाते हैं। रोग फैलानेवाले जीवाणुओं के लिए जिन विभिन्न साधनों का उपयोग संभव है उनमें से कुछ साधनों के नाम निम्नलिखित हैं :
For instance, in theory, both the People's Republic of China and the Republic of China considered themselves sovereign governments over the whole territory of mainland China and Taiwan. Though some foreign governments recognize the Republic of China as the valid state, most now recognize the People's Republic of China. However, de facto, the People's Republic of China exercises sovereign power over mainland China but not Taiwan, while the Republic of China exercises its effective administration only over Taiwan and some outlying islands but not mainland China. Since ambassadors are only exchanged between sovereign high parties, the countries recognizing the People's Republic often entertain de facto but not de jure diplomatic relationships with Taiwan by maintaining 'offices of representation', such as the American Institute in Taiwan, rather than embassies there.
मैं एक समय ब्रह्मलोक से यमलोक को गया, वहाँ श्रद्धापूर्वक यमराज से पूजित होकर मैंने धर्मशील और सत्यवान धर्मराज की प्रशंसा की। उसी यमराज की सभा में महान ज्ञानी और धर्मात्मा तुम्हारे पिता को एकादशी का व्रत भंग होने के कारण देखा। उन्होंने संदेशा दिया सो मैं तुम्हें कहता हूँ। उन्होंने कहा कि पूर्व जन्म में ‍कोई विघ्न हो जाने के कारण मैं यमराज के निकट रह रहा हूँ, सो हे पुत्र यदि तुम आश्विन कृष्णा इंदिरा एकादशी का व्रत मेरे निमित्त करो तो मुझे स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है।
730-foot lake freighter Edward L Ryerson Welland
The Revolution was predicated by a number of pieces of legislation originating from the British Parliament that, for Americans, were illegitimate acts of a government that had no right to pass laws on Englishmen in the Americas who did not have elected representation in that government. क्रांति ब्रिटिश कि अमेरिकियों के लिए, संसद से होने वाले विधान के टुकड़े की एक संख्या से predicated था एक सरकार है कि कोई है जो कि अमेरिका सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं निर्वाचित किया था पर अंग्रेजों का अधिकार कानून पारित किया था नाजायज काम करता था. For the British, policy makers saw these laws as necessary to rein in colonial subjects who, in the name of economic development that was designed to benefit the home nation, had been allowed near-autonomy for too long. अंग्रेजों के लिए, नीति निर्माताओं के लिए आवश्यक के रूप में औपनिवेशिक विषयों जो आर्थिक विकास है कि घर राष्ट्र लाभ डिजाइन किया गया था के नाम पर भी लंबे समय के लिए लगभग स्वायत्तता की अनुमति दी गई थी पर लगाम लगाने इन कानूनों को देखा.
किसी निश्चित क्षेत्र अथवा कक्षा के ताप, आर्द्रता, वायु की गति तथा वायुमंडल के स्तर के स्वतंत्र अथवा एक साथ की नियंत्रण क्रिया को वातानुकूलन (Air-conditoning) कहा जाता है।
भारत में सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या अमेरिका के पश्चात दूसरे नम्बर पर है । लघु पैमाने का उद्योग क्षेत्र , जोकि प्रसार श्शील भारतीय उद्योग की रीड की हड्डी है, के अन्तर्गत लगभग ९५% औद्योगिक इकाईयां आती है । विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन का ४०% और निर्यात का ३६% ३२ लाख पंजीकृत लघु उद्योग इकाईयों में लगभग एक करोड ८० लाख लोगों को सीधे रोजगार प्रदान करता है।
वैज्ञानिकों ने जलवायु के कंप्यूटर मॉडल (computer models) सहित ग्‍लोबल वार्मिंग का अध्‍ययन किया है।ये मोडल्स द्रव गतिशीलता के भौतिक सिद्धांतों , विकरणशील हस्तांतरण (radiative transfer) , और अन्य प्रक्रियाओं पर आधारित हैं , कटी जगाहाओं पर सरलीकरण किया गया है क्यूंकि कंप्यूटर की अपनी सीमाएं होती हैं और जल्यायु प्रणाली बहुत ही जटिल (complexity)है सरे आधुनिक जलवायु मॉडल अपने में एक वतावार्नेय मॉडल लिए होते हैं और यह समुद्र के मॉडल और भूमि तथा समुद्र पर बर्फ के मॉडल के साथ जुदा होता है कुछ मॉडलों में रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं के उपचार भी शम्मिल होते हैं [६५] यह मॉडल पता लगाते हैं कि ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव अगर जोड़ा जाए तो एक गर्म जलवायु प्राप्त होती है [६६] फिर भी , जब ये धारणा इस्तेमाल की जाती है तो भी जलवायु संवेदनशीलता (climate sensitivity) का बहुत बड़ा रोल रहता है
Dawlat al-Imārāt al-‘Arabīyah al-Muttaḥidah
Niger is divided into 7 departments and one capital district. The departments are subdivided into 36 arrondissements and further subdivided into 129 communes. The departments and capital district are:
महिला आरक्षण विधेयक 9 मार्च 2010 को 186 सदस्यों के बहुमत से राज्य सभा में पारित हुआ, इसके खिलाफ सिर्फ एक वोट पड़ा. अब यह लोक सभा में जायेगा और अगर यह वहां पारित हो गया तो इसे लागू किया जाएगा.
13वीं शती की पुर्तगाली नीति कविता पर प्रोवेंसाली का बहुत प्रभाव था। इसलिए कविता को भाषा में अनेक प्रोवेंसाली शब्द प्रयुक्त हुए, किंतु बोलचाल की भाषा में अपेक्षाकृत कम प्रोवेंसाली शब्द मिलते हैं। पुर्तगाली शब्दावली को सबसे अधिक समृद्ध किया स्पेनी और फ्रांसीसी भाषाओं ने। स्पेनी का प्रभाव उनकी भौगोलिक समीपता तथा साहित्यिक समृद्धि, विशेषकर नाट्य साहित्य, के कारण पड़ा। पुर्तगाल पर स्पेन का आधिपत्य (1580-1640) रहना भी प्रभाव का एक कारण है। फ्रांसीसी का प्रभाव में तो पड़ा ही, क्योंकि 11वीं शती में पुर्तगाल के प्रथम राजवंश का प्रतिष्ठाता काउंट ऑव पुर्तगाल बरगंडी का हेनरी था। उसके बाद 18वीं शती से 20वीं शती के आरंभ तक फ्रांसीसी संस्कृति के प्रवेश के कारण फ्रांसीसी भाषा ने पुर्तगाली को प्रभावित किया। आधुनिक युग में यूरोप की अन्य भाषाओं के समान अंग्रेजी का प्रभाव पुर्तगाली पर भी देखा जा सकता है। अमरीकी सभ्यता ने यांत्रिक क्षेत्र में जो प्रगति की, उसका प्रभाव पुर्तगाली भाषा पर भी लक्षित हो रहा है।
भारतीय समाज बहुधर्मिक, बहुभाषी तथा मिश्र-सांस्कृतिक है। पारंपरिक भारतीय पारिवारिक मूल्यों को काफी आदर की दृष्टि से देखा जाता है।
१९२६ में दिल्ली के अंदर दो प्रथम श्रेणी मैजिस्ट्रेट तथा एक द्वितीय श्रेणी अवैतनिक मैजिस्ट्रेट कार्यरत थे। १९५१ से १९६१ के बीच संघ शासित प्रदेश दिल्ली के फौजदारी न्यायालयोंं की तुलनात्मक पद संख्या कुछ इस प्रक्रार थीः-
3050, बी-4, अरुणा आसफ अली मार्ग, वसंत कुंज
4. संविधान की सर्वोच्चता, विधि का शासन तीनॉ अंगो का संतुलन बना रहे
5047 पूर्वांचल एक्सप्रेस -- गोरखपुर -- हावड़ा
भारत (और आधुनिक पाकिस्तानी क्षेत्र) की सिन्धु घाटी सभ्यता में हिन्दू धर्म के कई निशान मिलते हैं। इनमें एक अज्ञात मातृदेवी की मूर्तियाँ, शिव पशुपति जैसे देवता की मुद्राएँ, लिंग, पीपल की पूजा, इत्यादि प्रमुख हैं। इतिहासकारों के एक दृष्टिकोण के अनुसार इस सभ्यता के अन्त के दौरान मध्य एशिया से एक अन्य जाति का आगमन हुआ, जो स्वयं को आर्य कहते थे, और संस्कृत नाम की एक हिन्द यूरोपीय भाषा बोलते थे। एक अन्य दृष्टिकोण के अनुसार सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग स्वयं ही आर्य थे और उनका मूलस्थान भारत ही था। आर्यों की सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहते हैं। पहले दृष्टिकोण के अनुसार लगभग १७०० ईसा पूर्व में आर्य अफ़्ग़ानिस्तान, कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में बस गये। तभी से वो लोग (उनके विद्वान ऋषि) अपने देवताओं को प्रसन्न करने के लिये वैदिक संस्कृत में मन्त्र रचने लगे। पहले चार वेद रचे गये, जिनमें ऋग्वेद प्रथम था। उसके बाद उपनिषद जैसे ग्रन्थ आये। बौद्ध और जैन धर्मों के अलग हो जाने के बाद वैदिक धर्म मे काफ़ी परिवर्तन आया। नये देवता और नये दर्शन उभरे। इस तरह आधुनिक हिन्दू धर्म का जन्म हुआ। दूसरे दृष्टिकोण के अनुसार हिन्दू धर्म का मूल कदाचित सिन्धु सरस्वती परम्परा (जिसका स्रोत मेहरगढ की ६५०० ईपू संस्कृति में मिलता है) से भी पहले की भारतीय परम्परा में है। निरुक्त
वियना (जर्मन में वीन) ऑस्ट्रिया की राजधानी एवं उनके नौ प्रांतों में से एक है। वियना ऑस्ट्रिया का सबसे प्रमुख नगर है जिसकी आबादी १.७ मिलियन है। [१] यदि इसमें मेट्रोपॉलिटिन क्षेत्र मिला दिया जाए तो आबादी २.३ मिलियन हो जाती है।, यह ऑस्ट्रिया का सबसे बडा शहर एवं यहां की सांस्कृतिक, आर्थिक एवं राजनैतिक गतिविधियों का केन्द्र है। यह यूरोपीय संघ में स्थित दसवां सबसे बडा (आबादी के अनुसार) शहर भी है और रहन सहन के स्तर को देखते हुए तीसरा सबसे अच्छा शहर है। वियना में वैश्विक महत्व की संस्थाएं स्थित हैं जिनमें संयुक्त राष्ट्र संघ, ओपेक की संस्थाएं सबसे महत्वपूर्ण हैं। डेन्यूब के किनारे स्थित वियना इंटरनेशनल सेंटर विश्व की बहुत से प्रमुख संस्थाओं के दफ्तरों का एकीकृत स्थान है। वियना शहर ऑस्ट्रिया के बिल्कुल पूर्व में स्थित है एवं चेक गणराज्य, स्लोवाकिया एवं हंगरी से इसकी सीमाएं मिलती हैं। सन २००१ में वियना के सिटी सेंटर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल के रूप में मान्यता दी गयी। [२] और दुनिया के १२७ शहरों के एक अध्यन में इसे रहन सहन के स्तर के अनुसार दुनिया में वैंकूवर के साथ साथ पहला स्थान दिया गया।[३]
(3) ऊतकों में संवर्धन माध्यम (culture medium) की अधिक मात्रा में उपस्थित, अर्थात् मधुमेह (diabetes) में शर्करा का होना आदि।
जनगणना के नवीनतम आँकड़े वर्ष २००१ की जनगणना के हैं। [६] १९९१–२००१ के दशक के दौरान भारत की जनसंख्या वृद्धि दर कम होकर २.१४% से १.९३% हो गई है।[७][८] दशकीय जनगणना के अनुसार सर्वाधिक वृद्धि दर ६४.५३% नागालैंड में दर्ज की गई। इसके बाद हैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (४७.०२%), चंडीगढ़ (४०.२८) और सिक्किम (३३.०६)। केरल की वृद्धि दर सबसे कम ९.४३% रही।[९]
विज्ञान का युद्ध किसी व्यक्ति को तानाशाही , शुद्ध और सरलता की ओर ले जाता है। अहिंसा का विज्ञान अकेले ही किसी व्यक्ति को शुद्ध लोकतंत्र के मार्ग की ओर ले जा सकता है।प्रेम पर आधारित शक्ति सजा के डर से उत्पन्न शक्ति से हजार गुणा अधिक और स्थायी होती है। यह कहना निन्दा करने जैसा होगा कि कि अहिंसा का अभ्यास केवल व्यक्तिगत तौर पर किया जा सकता है और व्यक्तिवादिता वाले देश इसका कभी भी अभ्यास नहीं कर सकते हैं। शुद्ध अराजकता का निकटतम दृष्टिकोण अहिंसा पर आधारित लोकतंत्र होगा;;;;;;संपूर्ण अहिंसा के आधार पर संगठित और चलने वाला कोई समाज शुद्ध अराजकता
Navarathi Mandapam inside Padmanabhapuram Palace
उच्च शिक्षा में, अनुसंधान और विश्वविद्यालयों के सामाजिक सेवा गतिविधियाँ शामिल हैं, और शिखा के दायरे में शामिल हैं दोनों पूर्वस्नातक (undergraduate) स्तर (जिसे कभी कभी तृतीयक (tertiary education) शिक्षा कहते हैं) और स्नातक (graduate) (या स्नातकोत्तर) स्तर निर्दिष्ट (जिसे कभी कभी स्नातक पाठशाला (graduate school) कहते हैं) उस देश में उच्च शिक्षा में आम तौर पर एक डिग्री स्तर के या स्थापना डिग्री (foundation degree) योग्यता की दिशा में काम शामिल है ज़्यादातर विकसित देशों में जनसंख्या का एक अधिकतम अनुपात (५०% तक) अपने जीवन के किसी न किसी समय पर उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं इसी कारणवश उच्च शिक्षा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं (economies) के लिये एक महत्वपूर्ण उद्योग और प्रशिक्षित कर्मियों के स्रोत के रूप में अर्थव्यवस्थाओं के लिये आवश्यक है
उत्तराखण्ड बहुत से जाने-माने दिनी और बोर्डिंग विद्यालयों का घर भी है जैसे दून विद्यालय (देहरादून) सेण्ट जोसफ़ कॉलेज, (नैनीताल), वेल्हम गर्ल्स स्कूल (देहरादून), वेलहम ब्यॉज स्कूल (देहरादून), सेण्ट थॉमस कॉलेज (देहरादून), सेण्ट जोसफ़ अकादमी (देहरादून), वुडस्टॉक स्कूल (मसूरी), बिरला विद्या निकेतन (नैनीताल), भोवाली के निकट सैनिक स्कूल घोड़ाखाल, राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (देहरादून), द एशियन स्कूल (देहरादून), द हेरिटैज स्कूल (देहरादून), जी डी बिरला मैमोरियल स्कूल (रानीखेत), सेलाकुइ वर्ल्ड स्कूल (देहरादून), वेदारंभ मॉण्टेसरी स्कूल (देहरादून), और शेरवुड कॉलेज (नैनीताल)। बहुत से विदुषकों ने इन विद्यालयों से शिक्षा ग्रहण की जिनमें बहुत से भूतपूर्व प्रधानमन्त्री और अभिनेता इत्यादि भी हैं।
यवनों को मध्य देश से निकालकर सिन्धु के किनारे तक खदेङ दिया और पुष्यमित्र के हाथों सेनापति एवं राजा के रुप में उन्हें पराजित होना पङा। यह पुष्यमित्र के काल की सबसे महत्वपूर्ण घटना थी।
हिन्दी मे ईमेल लिख्नना आज कल बहुत ही असान हो गया है । एक बार आपके कम्प्यूटर में आईट्रांस चालू हो जाता है फिर आप किसी भी साधारण ईमेल सॉफ्टवेयर से हिन्दी में ईमेल लिख सकते हैं । जैसे माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक, जीमेल, याहू इत्यादि ।
जैसे
(४) उर्दू - हिन्दी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजाय फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं,और फ़ारसी-अरबी के शब्द अधिक। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।
तृतीय सूत्र - तृतीय अधिकरण में विधि वाक्य ही प्रमाण है। यहाँ प्रतिज्ञा मात्र की गई है। वे दो प्रकार कही हैं - "चोदनैव लक्षणं यस्य, चोदना लक्षणमेव यस्य" अर्थात् यहाँ प्रत्यक्ष आदि प्रमाण धर्म से प्रमाण नहीं होते, किंतु विधिवाक्य ही धर्म में प्रमाण माना गया है।
एक लोक गाथानुसार चारणों की प्रथम कुलदेवी हिंगलाज थी,जिसका निवास स्थान पाकिस्तान के बलुचिस्थान प्रान्त में था। हिंगलाज नाम के अतिरिक्त हिंगलाज देवी का चरित्र या इसका इतिहास अभी तक अप्राप्य है। हिंगलाज देवी से सम्बन्धित छंद गीत चिरजाए अवश्य मिलती है। प्रसिद्ध है कि सातो द्वीपों में सब शक्तियां रात्रि में रास रचाती है और प्रात:काल सब शक्तियां भगवती हिंगलाज के गिर में आ जाती है-
कदा निलिंपनिर्झरी निकुजकोटरे वसन्‌ विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमंजलिं वहन्‌ ।
मुख्य उल्लेख :महाभारत की विस्तृत कथा
मरुवाणी संघ (राजस्थानी वेबसाइट)
उर्दू अधिकांशतः नस्तालीक़ लिपि में लिखी जाती है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का एक रूप है । उर्दू दाएँ से बाएँ लिखी जाती है । भारत में उर्दू देवनागरी में भी लिखी जाती है । इस सारिणी में नस्त'अलिक लिपि और उसका उच्चारण दिया गया है ।
कैटेल निर्मित टैचिस्टोकोप में विभिन्न संख्या में छपे स्पष्ट बिंदुओं के कार्ड थोड़ी देर में उजागर कर छिपा लिए जाते हैं और देखनेवालों से ठीक संख्या पूछी जाती है। न्यूनतम संख्या ध्यान के लिए अधिक स्पष्ट सिद्ध होती हैं क्योंकि 4 की संख्या ऐसी थी जिसे शत प्रतिशत लोगों ने ठीक बताया। अददों का कम होना ध्यान की स्पष्टता की एक शर्त है।
श्रेणीःइस्लाम
1.देश मे या विशिष्ट राज्य में राष्ट्रीय आपातकाल स्थिति घोषित किया जाए.
३+१/२ - साढे (सार्ध) तीन
Tom Paine 's best-seller pamphlet Common Sense appeared in January 1776, after the Revolution had started. टॉम Paine सबसे अच्छा है विक्रेता पुस्तिका सामान्य ज्ञान 1776 जनवरी में दिखाई दिया, उसके बाद क्रांति शुरू की थी. It was widely distributed and loaned, and often read aloud in taverns, contributing significantly to spreading the ideas of republicanism and liberalism, bolstering enthusiasm for separation from Britain, and encouraging recruitment for the Continental Army. यह व्यापक रूप से वितरित किया गया और उधार है, और अक्सर taverns में जोर से पढ़ने के लिए, महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए गणतंत्रवाद और उदारवाद के विचारों के प्रसार, ब्रिटेन से अलग होने के लिए उत्साह को सशक्त, और महाद्वीपीय सेना के लिए भर्ती प्रोत्साहित. Paine provided a new and widely accepted argument for independence, by advocating a complete break with history. Common Sense is oriented to the future in a way that compels the reader to make an immediate choice. Paine भावना प्रदान के लिए एक नई और व्यापक रूप से स्वीकार किए जाते हैं तर्क के साथ तोड़ने के द्वारा पूरी की वकालत एक, स्वतंत्रता के इतिहास. आम चुनाव तत्काल एक बनाने के लिए पाठक है उन्मुख के लिए भविष्य में एक तरीका है कि मजबूर. It offered a solution for Americans disgusted and alarmed at the threat of tyranny. [ 9 ] यह निराश अमेरिकियों के लिए एक समाधान की पेशकश की और अत्याचार के खतरे पर चिंतित है. [9]
यह् भाषा केन्या मे बोली जाती है।
वेद व्यास के विद्वान शिष्य
स्पर्श : हिन्दी में (प्रकार्यात्मक स्तर पर महत्त्वपूर्ण) १६ स्पर्श व्यंजन स्वनिम के रूप में प्रयोग किये जाते हैं।
उज्जैन: महाकाल की महिमा अपार
ओडिशा का धुंधला भूत कलिंग पर अशोक महान की चढ़ाई बताता है। अशोक मगध का शक्तिशाली सम्राट था। दस लाख से अधिक लोग मारे गये, पंद्रह लाख से अधिक बंदी हुए, और इतने ही लोग युद्ध के बाद में मृत्यु को प्राप्त हुए। इस महान हत्या काण्ड ने अशोक को ऐसा विचलित किया, कि उसने भविष्य में कदापि कोई युद्ध ना करने का निर्णय लिया। उसने अहिंसा की राह पर चलना आरम्भ किया, एवं बौद्ध धर्म अपनाया। बौद्ध धर्म उसके राज्य में बहुत फैला, और राज्य भर में फैल गया।
हिन्दी हज़ारों की संख्या में हैं और अनेकानेक लोग हर रोज़ इस विधा में लेखन शुरु कर रहे हैं। फिलहाल जाल पर समस्त चिट्ठाकारों की कोई प्रामाणिक व समग्र सूची उपलब्ध नहीं है परंतु चिट्ठा जगत, हिन्दी ब्लॉग निर्देशिका अत्याधुनिक हिन्दी ब्लॉग निर्देशिका] और हिन्दी ब्लॉग निर्देशिका जैसे जालस्थलों पर आंशिक सूची देखी जा सकती है।
गाँधी ने भगवद गीता की व्याख्या गुजराती में भी की है.महादेव देसाई ने गुजराती पाण्डुलिपि का अतिरिक्त भूमिका तथा विवरण के साथ अंग्रेजी में अनुवाद किया है गाँधी के द्वारा लिखे गए प्राक्कथन के साथ इसका प्रकाशन १९४६ में हुआ था .[३४][३५]
यह जोधपुर से ५ कि.मी. दूर है। इस सुंदर झील का निर्माण ईसवीं सन् 1159 में हुआ था। झील के किनारे खड़ा भव्य ग्रीष्मकालीन महल खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है। भ्रमण करने के लिए यह एक रमणीय स्थल है।
इंटरफेरॉन वायरस संक्रमित कोशीकाओं द्वारा उत्पादित वे प्रोटीन, जो अन्य स्वस्थ कोशीकाओं को वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं, इंटरफेरॉन कल्हलाते हैं।
वाराणसी क्षेत्र के विस्तार के अनेक पौराणिक उद्धरण उपलब्ध हैं।[३९] कृत्यकल्पतरु में दिये तीर्थ-विवेचन व अन्य प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार[४०]:
चन्द्रगुप्त प्रथम- यह घटोत्कच का उत्तराधिकारी था, जो ३२० ई. में शासक बना ।
२५ नवम्बर की घटनाएँ
सैन्य व्यवस्था- सैन्य व्यवस्था छः समितियों में विभक्‍त सैन्य विभाग द्वारा निर्दिष्ट थी । प्रत्येक समिति में पाँच सैन्य विशेषज्ञ होते थे ।
क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय (अतीत) में कार्य संपन्न होने का बोध हो वह भूतकाल कहलाता है। जैसे -
३-नाट्य संस्था के निदेशक का साक्षात्कार ।
सृष्टि तत्त्व, ज्योतिष, नित्यकृत्य, कल्पसूत्र, वर्णभेद, जातिभेद और युगधर्म आदि विषयों का वर्णन किया गया है।
स्लोवाक विकिपीडिया (Slovenská Wikipédia) विकिपीडिया का स्लोवाक भाषा का संस्करण है। यह अक्टूबर २००३ में आरंभ किया गया था, लेकिन २००४ की गर्मियों में ही यह सक्रिय हो पाया था। सितंबर २००५ में इसने १५,००० लेखों का आँकड़ा पार कर लिया था और अगस्त २००६ तक ५०,००० लेखों का और अगस्त २००८ तक १,००,००० लेकों का। स्लोवाक विकिपीडिया पर २५ मई, २००९ तक लेखों की संख्या १,०७,०००+ है। स्लोवाक विकिपीडिया, स्लाविक-भाषा के विकिपीडियाओं के सबसे बड़े संकरणों में से है।
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टाइम्स समूह का वर्तमान प्रबंधन भारतीय पत्रकारिता के दृष्टिकोण को बदलने में सहायक रहा है. जैसा कि दुनिया में सब जगह होता है भारत में, एक समाचार पत्र के संपादक को पारंपरिक रूप से सबसे उल्लेखनीय पद माना जाता है. बाजार में किसी भी अन्य ब्रांड की तरह अखबार की प्रबंधन निति को ध्यान में रखते हुए, टाइम्स ऑफ इंडिया ने हालांकि, 1990 के दशक के शुरू में इसे बदल डाला.
वहां पर बालक गोबिंदराय को देखकर राजा फतेहचंद की पत्नी ने प्यार से उसे अपने पास बुलाया। गोबिंदराय जाकर उनकी गोद में बैठ गए। राजा फतेहचंद की पत्नी को ऐसा लगा कि उनकी पुत्र प्राप्ति की कामना पूरी हो गई है। वे बालक गोबिन्द राय को खूब दुलार करके अपने महल में लौट आई।
चीनी भाषा (汉语/漢語, पिनयिन: Hànyǔ; 华语/華語, Huáyǔ; या 中文 हुआ-यू, Zhōngwén श़ोंग-वॅन) चीन देश की मुख्य और राजभाषा है। ये चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में आती है और असल में कई भाषाओं और बोलियों का समूह है। मानकीकृत चीनी असल में मन्दारिन भाषा है । इसमें एकाक्षरी शब्द या शब्द भाग ही होते हैं, और ये चित्र-लिपि में लिखी जाती है: परम्परागत चीनी लिपि और सरलीकृत चीनी लिपि।
कांचीपुरम तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई का एक क्षेत्र है। यहां चेन्नई उपनगरीय रेलवे-दक्षिण लाइन का एक स्टेशन है।
प्रदूषण से पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए दुनिया भर के कई देशों ने कानून को विनियमित करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रदूषण के साथ ही प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए कानून बनाये हैं i .
यूरोप मुख्यतः शीतोष्ण जलवायु क्षेत्रों में से है। यूरोप की जलवायु गल्फ स्ट्रीम नामक इस समुद्री गर्म जलधारा के प्रभाव के कारण विश्व भर में एक ही अक्षांश पर स्थित अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम विषम है।[१] गल्फ स्ट्रीम यूरोप की जलवायु गर्म और नम बनाता है। गल्फ स्ट्रीम न केवल यूरोप के सागर तट को तुलनात्मक रूप से गर्म रखता है बल्कि अटलांटिक महासागर से महाद्वीप की ओर चलने वाली प्रचलित पश्चिमी हवाओं को भी गर्म करता है, इसलिए नेपल्स का साल भर का औसत तापमान १६° सेल्सियस (६०.८°F) है, जबकि लगभग उसी ऊँचाई पर स्थित न्यूयॉर्क सिटी का औसत तापमान केवल १२° सेल्सियस ( में ५३.६°F) ही रहता है।
उस वक़्त पश्चिम बंगाल में उद्योगों के सर्वाधिक केन्द्रीकरण की दलील देते हुए बिधान चन्द्र रॉय ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इस बात के लिए राज़ी कर लिया कि पहले संस्थान की स्थापना पश्चिम बंगाल में ही हो। इस प्रकार पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कि स्थापना मई १९५० में "Eastern Higher Technical Institute" के नाम से हुई। .[३] आरम्भ में संस्थान कोलकाता के पूर्वी एस्प्लेनेड में स्थित था और सितमबर १९५० में अपने स्थायी कैम्पस कोलकाता से १२० किमी दक्षिण पूर्व में हिजली, खड़गपुर में विस्थापित किया गया। जब अगस्त १९५१ में पहला सत्र आरम्भ हुआ, तब संस्थान में २२४ छात्र और १० विभागों में ४२ शिक्षक थे। सारी कक्षाएं, प्रयोगशालाएं और प्रशासनिक कार्यालय ऐतिहासिक हिजली कारावास शिविर (अभी शहीद भवन के नाम से जाना जाने वाला) में स्थित थे जहाँ कि अंग्रेजी शासन काल में राजनितिक क्रांतिकारिओं को बंदी बना कर रखा जाता था और प्राण दंड दिया जाता था। इस कार्यालय के भवन में ही द्वितीय विश्व युद्ध के वक़्त U.S. 20th Air Force का मुख्यालय भी था।
रवांडा अफ्रीका महादेश का एक देश है। राजधानी : किगाली
विटामिन इ, खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां, अन्य टिशू। यह शरीर को ओक्सिजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ओक्सिजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) कहा जाता है। विटामिन इ, सेल के अस्तित्व बनाय रखने के लिये, उनके बाहरी कवच या सेल मेमब्रेन को बनाय रखता है। विटामिन इ, शरीर के फैटी एसिड को भी संतुलन में रखता है।
सन 646 में सम्राट के निवेदन पर, त्सांग ने अपनी पुस्तक महान तांग वंश में पश्चिम की यात्रा ]]" (大唐西域記), पूर्ण की। यह मध्य एशिया और भारत के मध्यकालीन इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जाती है। इसका फ्रेंच में 1857 में अनुवाद स्टैनिस्लैस जूलियन द्वारा किया गया था। भिक्षु हुइलि द्वारा त्सांग की जीवनी भी लिखी गयी। .[२][३]
संसदीय राजभाषा समिति का गठन । तब से अब तक समिति ने अपनी रिपोर्ट के 8 भाग प्रस्तुत किए हैं जिनमें से प्रथम 7 पर राष्ट्रपति के आदेश जारी हो गए हैं । आठवें खण्ड में की गई संस्तुतियों पर मंत्रालयों व राज्य सरकारों की टिप्पणी प्राप्त की जा रही है ।
मारुत (संस्कृत: मरुत्) का अर्थ हवा है। नंदन का अर्थ बेटा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान अर्थात मारुत-नंदन हवा का बेटा है।
तमिल द्रविड़ भाषा परिवार और भारत की सबसे प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। इस भाषा का इतिहास कम से कम ३००० वर्ष पुराना माना जाता है। प्राचीन तमिल से लेकर आधुनिक तमिल में उत्कृष्ट साहित्य की रचना हुयी है। तमिल साहित्य कम से कम पिछ्ले दो हज़ार वर्षों से अस्तित्व में है। जो सबसे आरंभिक शिलालेख पाए गए है वे तीसरी शताब्दी ईसापूर्व के आसपास के हैं। तमिल साहित्य का आरंभिक काल, संगम साहित्य, ३०० ईपू - ३०० ईस्वीं का है।
हुगली (बांग्ला - হুগলী) भारत की एक नदी है ।
सन 2005 में , बहुत विवादों के बीच, करासे सरकार ने एकता आयोग बनाने का एक प्रस्ताव रखा जिसके अन्तर्गत सन 2000 के तख्तापलट के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के साथ इसके उत्तरदायी लोगों के लिए माफी की सिफारिश की गयी थी। इस प्रस्ताव का सेना और विशेष रूप से सेना के कमांडर फ्रैंक बैनीमारामा ने पुरजोर विरोध किया। फ्रैंक बैनीमारामा ने आलोचकों के साथ सहमति जताई कि वर्तमान सरकार के समर्थकों जिन्होने तख्तापलट में एक निर्णायक भूमिका निभाई को क्षमा दान देना अनुचित है। उन्होने सरकार पर अपने हमले मई से जुलाई तक लगातार जारी रखे जिसके कारण उनके संबंध सरकार से जो पहले से तनावपूर्ण थे और तनावपूर्ण हो गये। नवम्बर 2006 के अंत और दिसम्बर , 2006 के शुरू में , तख्तापलट फ़ीजी d' état के लिये बैनीमारामा मुख्य रूप से उत्तरदायी था। बैनीमारामा ने अपनी मांगों की सूची करासे सरकार को सोंप दी जिसके बाद करासे सरकार संसद में एक विधेयक लेकर आयी जिसमे 2000 में तख्तापलट के प्रयास मे शामिल लोगों को क्षमादान देने की पेशकश की गयी थी। उस ने करासे को 4 दिसम्बर तक इन माँगों को स्वीकार करने या अपने पद से इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दे दिया। करासे ने मागों को स्वीकार करने या इस्तीफा देने से साफ् इनकार कर दिया। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति रातु जोसेफा इलोइलो, जिन्होने बैनीमारामा से मुलाकात के बाद संसद भंग करने के एक कानूनी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये।
हिन्दू धर्म में कई देवता हैं, जिनको अंग्रेज़ी मे ग़लत रूप से "gods" कहा जाता है। ये देवता कौन हैं, इस बारे में तीन मत हो सकते हैं :
इन प्रभागों को आगे १४ जिलों मे बाँटा गया है।
श्रीमती पट्टम्माल का मधुर और अभिमानरहित स्वभाव इस बात को छिपाता है कि आपने कर्णाटक संगीत में कई क्रांतिकारी परिवर्तन लाए। उदाहरणतया, आप पहली ब्राह्मिण स्त्री हैं जिन्होंने इस संगीत का (मंच पर तथा रेडिओ पर) सार्वजनिक कार्यक्रम पेश किया। (१९३० में ब्रह्मिण स्रियों द्वारा मंच या रेडिओ पर गायन समाज में स्वीकृत नहीं था।) सिवाय इसके, श्रीमती पट्टम्माल पहली स्त्री हैं जिन्होंने मंच पर रागम-तानम-पल्लवि गाया। रागम-तानम-पल्लवि कर्णाटक संगीत का सबसे कठिन अंश माना जाता है, आपके पूर्व यह केवल पुरुषों की कला मानी जाती थी। इसी कारण आपको “पल्लवि पट्टम्माल” की उपाधि प्राप्त हुई।
सोवियत संघ के साथ भारत के बूस्टर तकनीक के क्षेत्र में सहयोग का अमरीका द्वारा परमाणु अप्रसार नीति की आड़ में काफी प्रतिरोध किया गया। 1992 में भारतीय संस्था इसरो और सोवियत संस्था ग्लावकास्मोस पर प्रतिबंध की धमकी दी गयी। इन धमकियों की वजह से सोवियत संघ ने इस सहयोग से अपना हाथ पीछे खींच लिया[तथ्य वांछित]। सोवियत संघ क्रायोजेनिक लिक्वीड राकेट इंजन तो भारत को देने के लिये तैयार था लेकिन इसके निर्माण से जुड़ी तकनीक देने को तैयार नही हुआ जो भारत सोवियत संघ से खरीदना चाहता था।
श्रेणी:कंपनी
साँचा:Pharmacology
देशों की तुलनात्मक रैंकिंग में दोनों दृष्टिकोणों के बीच अंतर हो सकता है.
सरस्वती नदी
यह प्रभाग आन्तरिक सुरक्षा के मुद्दों, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय प्रसंविदा, द्विपक्षीय संधियों के बारे में नीति निर्धारण और इनसे संबंधित मामलों का कार्य देखता है।
उसने धर्ममहामात्र नाम के पदवाले अधिकारियों की नियुक्ति की जिनका काम आम जनता में धम्म का प्रचार करना था । उसने विदेशों में भी अपने प्रचारक दल भेजे । पड़ोसी देशों के अलावा मिस्र, सीरिया, मकदूनिया (यूनान) साइरीन तथा एपाइरस में भी उसने धर्म प्रचारकों को भेजा । हंलांकि अशोक ने खुद बौद्ध धर्म अपना लिया था पर उसने अन्य सम्प्रदायों के प्रति भी आदर का भाव रखा तथा उनके विरूद्ध किसी कार्यवाही की उल्लेख नहीं मिलता है । मौर्य काल मे शान विस्त्रथ थ
कुकरैल फारेस्ट एक पिकनिक स्थल है। यहां घड़ियालों और कछुओं का एक अभयारण्य है। यह लखनऊ के इंदिरा नगर के निकट, रिंग मार्ग पर स्थित है। बनारसी बाग वास्तव में एक चिड़ियाघर है, जिसका मूल नाम प्रिंस ऑफ वेल्स वन्य-प्राणी उद्यान है। स्थानीय लोग इस चिड़ियाघर को बनारसी बाग कहते हैं। यहां के हरे भरे वातावरण में जानवरों की कुछ प्रजातियों को छोटे पिंजरों में रखा गया है। यह देश के अच्छे वन्य प्राणी उद्यानों में से एक है। इस उद्यान में एक संग्रहालय भी है।
तुळु
हिंदिओं में बू रहेगी जब तलक ईमान की।
२. श्रुति और स्मृति:महान संगीतज्ञ पण्डित लालमणि मिश्र, ओमप्रकाश चौरसिया, सं०. मधुकली प्रकाशन भोपाल अगस्त 1999.
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व्यवहार विषयक नियमों की खोज ही मनोविज्ञान का मुख्य ध्येय था। सैद्धांतिक स्तर पर विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए गए। मनोविज्ञान के क्षेत्र में सन् 1912 ई के आसपास संरचनावाद, क्रियावाद, व्यवहारवाद, गेस्टाल्टवाद तथा मनोविश्लेषण आदि मुख्य मुख्य शाखाओं का विकास हुआ। इन सभी वादों के प्रवर्तक इस विषय में एकमत थे कि मनुष्य के व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन ही मनोविज्ञान का उद्देश्य है। उनमें परस्पर मतभेद का विषय था कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने का सबसे अच्छा ढंग कौन सा है। सरंचनावाद के अनुयायियों का मत था कि व्यवहार की व्याख्या के लिये उन शारीरिक संरचनाओं को समझना आवश्यक है जिनके द्वारा व्यवहार संभव होता है। क्रियावाद के माननेवालों का कहना था कि शारीरिक संरचना के स्थान पर प्रेक्षण योग्य तथा दृश्यमान व्यवहार पर अधिक जोर होना चाहिए। इसी आधार पर बाद में वाटसन ने व्यवहारवाद की स्थापना की। गेस्टाल्टवादियों ने प्रत्यक्षीकरण को व्यवहारविषयक समस्याओं का मूल आधार माना। व्यवहार में सुसंगठित रूप से व्यवस्था प्राप्त करने की प्रवृत्ति मुख्य है, ऐसा उनका मत था। फ्रायड ने मनोविश्लेषणवाद की स्थापना द्वारा यह बताने का प्रयास किया कि हमारे व्यवहार के अधिकांश कारण अचेतन प्रक्रियाओं द्वारा निर्धारित होते हैं। आधुनिक मनोविज्ञान में इन सभी "वादों" का अब एकमात्र ऐतिहासिक महत्व रह गया है। इनके स्थान पर मनोविज्ञान में अध्ययन की सुविधा के लिये विभिन्न शाखाओं का विभाजन हो गया है।
देखिये हिन्दी व्याकरण
बड़े भाई के लिये चौदह वर्षों तक पत्नी से अलग रहना वैराग्य का आदर्श उदाहरण है।
भगवान ने मुनि से कहा-तुमने जो अनन्तसूत्रका तिरस्कार किया है, यह सब उसी का फल है। इसके प्रायश्चित हेतु तुम चौदह वर्ष तक निरंतर अनन्त-व्रत का पालन करो। इस व्रत का अनुष्ठान पूरा हो जाने पर तुम्हारी नष्ट हुई सम्पत्ति तुम्हें पुन:प्राप्त हो जाएगी और तुम पूर्ववत् सुखी-समृद्ध हो जाओगे। कौण्डिन्यमुनिने इस आज्ञा को सहर्ष स्वीकार कर लिया। भगवान ने आगे कहा-जीव अपने पूर्ववत् दुष्कर्मोका फल ही दुर्गति के रूप में भोगता है।मनुष्य जन्म-जन्मांतर के पातकों के कारण अनेक कष्ट पाता है। अनन्त-व्रत के सविधि पालन से पाप नष्ट होते हैं तथा सुख-शांति प्राप्त होती है। कौण्डिन्यमुनि ने चौदह वर्ष तक अनन्त-व्रत का नियमपूर्वक पालन करके खोई हुई समृद्धि को पुन:प्राप्त कर लिया।
हनुमान बालकपन से हीक्
अभिषेक बच्चन ( ५ फ़रवरी १९७६) को महाराष्ट्र के मुंबई में जन्मे, एक पुरस्कार विजेता भारतीय अभिनेता (actor) हैं. वह भारतीय अभिनेता अमिताभ बच्चन और जया बच्चन के बेटे हैं. उनकी पत्नी पूर्व मिस वर्ल्ड (Miss World) एवं अभिनेत्री ऐश्वर्या राय हैं.
अन्य उद्योग धंधों में पशुपालन पर आश्रित चमड़े का उद्योग, बिजली की वस्तुओं का निर्माण और कांच उद्योग मुख्य हैं।
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है।
पूर्व भाग के प्रक्रिया पाद में पहले कर्तव्य का उपदेश नैमिषा आख्यान हिरण्यगर्भ की उत्पत्ति और लोकरचना इत्यादि विषय वर्णित है, द्वितीयभाग में कल्प तथा मन्वन्तर का वर्णन है, तत्पश्चात लोकज्ञान मानुषी-सृष्टि-कथन रुद्रसृष्टि-वर्णन महादेव विभूति ऋषि सर्ग अग्निविजय कालसदभाव-वर्णन प्रियवत वंश का वर्णन पृथ्वी का दैर्घ्य और विस्तार भारतवर्ष का वर्णन फ़िर अन्य वर्षों का वर्णन जम्बू आदि सात द्वीपों का परिचय नीचे के लोकों पातालों का वर्णन भूर्भुव: आदि ऊपर के लोकों का वर्णन ग्रहों की गति का विश्लेषण आदित्यव्यूह का कथन देवग्रहानुकीर्तन भगवान शिव के नीलकण्ठ नाम पडने का कथन महादेवजी का वैभव अमावस्या का वर्णन युगत्वनिरूपण यज्ञप्रवर्त्तन अन्तिम दो युगों का कार्य युग के अनुसार प्रजा का लक्षण ऋषिप्रवर वर्णन वेदव्यसन वर्णन स्वायम्भुव मनवन्तर का निरूपण शेषमनवन्तर का कथन पृथ्वीदोहन चाक्षुषु और वर्तमान मनवन्तर के सर्ग का वर्णन है। मध्यभाग के सप्तऋषियों का वर्णन प्रजापति वंश का निरूपण उससे देवता आदि की उत्पत्ति इसके बाद विजय अभिलाषा और मरुद्गणों की उत्पत्ति का कथन है। कश्यप की संतानों का वर्णन ऋषिवंश निरूपण पितृकल्प का कथन श्राद्धकल्प का कथन वैवस्त मनु की उत्पत्ति उनकी सृष्टि मनुपुत्रों का वंश गान्धर्व निरूपण इक्ष्वाकु वंश का वर्णन रजिका अद्भुत चरित्र ययातिचरित यदुवंशनिरूपण कार्तवीर्यार्जुन चरित परशुरामचरित वृष्णिवंश का वर्णन सगर की उत्पत्ति भार्गव का चरित्र कार्तवीर्यार्जुन समबन्धी कथा, भार्गव और्व की कथा शुक्राचार्यकृत इन्द्र का पवित्र स्तोत्र देवासुर संग्राम की कथा विष्णुमाहात्म्य बलिवंश निरूपण कलियुग में होने वाले राजाओं का चरित्र आदि लिखे गये है, इसके बाद उत्तरभाग के चौथे उपसंहारपाद में वैवस्त मनवन्तर की कथा ज्यों की त्यों लिखी गयी है,जो कथा पहले संक्षेप में कही गयी है उसका यहां विस्तार से निरूपण किया गया है। भविष्य में होने वाले मनुओं की कथा भी कही गयी है, विपरीत कर्मों से प्राप्त होने वाले नरकों का विवरण भी लिखा गया है। इसके बाद शिवधाम का वर्णन है, और सत्व आदि गुणों के सम्बन्ध से जीवों की त्रिविधि गति का निरूपण किया गया है। इसके बाद अन्वय तथा व्यातिरेकद्रिष्टि से अनिर्देश्य एवं अतर्क्य परब्रह्म परमात्मा के स्वरूप का प्रतिपादन किया गया है।
विण्डोज़ का शाब्दिक अर्थ होता है खिड़कियाँ। विण्डोज़ एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। विण्डोज़ का उपयोग लगभग सभी व्यक्तिगत कम्प्यूटरों में होता है। इसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने किया है।
इस काल में सम्राट् स्वयं राज्य करने लगे ओर तोक्यो राजधानी बना। यहाँ की बोली सर्वमान्य भाषा मानी जाने लगी। यूरोप के साथ संपर्क स्थापित हुआ तथा यूरोप के अनेक शब्द चीनी लिपि में अनुदित होकर जनसाधारण में प्रचलित होने लगे। चीनी लिपियों के अत्यधिक प्रयोग में आ जाने के कारण एक ही उच्चारणवाले अनेक शब्द बन गए। यूरोप के साहित्य के अनुवाद से भाषा में नई शैलियों का विकास हुआ। 1887 से बोलचाल की भाषा में साहित्य शीघ्रता के साथ लोकप्रिय होता गया। ज्ञान विज्ञान की पुस्तकें अब तक की लेखन शैली में ऊपर से नीचे की ओर लिखी जाने के बदले बाईं से दाईं ओर लिखी जाने लगीं। यह प्रवृत्ति आजकल और भी बढ़ रही है और द्वितीय महायुद्ध के बाद सरकारी आज्ञापत्र भी बाईं से दाईं ओर लिखे जाते हैं।
2- गद्य काव्य - इसमें किसी कथा का वर्णन गद्य में किया जाता है, जैसे रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि। गद्य में काव्य रचना करने के लिए कवि को छंद शास्त्र के नियमों से स्वच्छंदता प्राप्त होती है।
मुबारक अली खान बंगाल के नवाब थे।
(४) मानव जाति के प्रति प्रेम प्रकट करनेवाली विभिन्न सेवाएँ (जैसे, बाढ़, अकाल और भूकंप से पीड़ित लोगों की सहायता, जातीय कारणों से पीड़ित लोगों की रक्षा, युद्धकालीन शरणार्थियों का प्रबंध, कुंभ मेला व्यवस्था आदि)।
अमजद अली के बाद वाजिद अली शाह आए, वे कवि, गायक, कला के कद्रदान और लखनऊ से मोहब्बत करने वाले थे। उनके बारे में यह लिखा गया है, "वे केवल अनपी निजी इंद्रियों को सुखी करने में तल्लीन हैं। उनका सार्वजनिक मामलों में कोई रुझान नहीं है और उच्च पद के कर्तव्यों और ज़िम्मेदारियों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। वे कवल गायकों, हिजड़ों और औरतों के बीच ही रहते हैं, बचपन से ही ऐसे रहे हैं और अंत तक भी ऐसे ही रहने की आशंका है।" [१]
चन्द्रशेखर आजाद पार्क के अंदर स्थित यह लाइब्रेरी शहर की सबसे प्राचीन लाइब्रेरी है।
यह किला यूरोपियन की प्राचीनतम स्मारकों में एक है। इसे 1503 में पुर्तगालियों ने बनवाया था। डच ने 1661 में इस किले पर अधिकार कर लिया और त्रावनकोर के राज्य को 1789 में बेच दिया था।
राजा तेजो ने राजधानी को हान्सिओंग स्थानांतरित किया (पूर्व में हान्यांग; आधुनिक सिओल) और ग्योंगबोक्गुंग महल का निर्माण किया. 1394 में उसने देश के आधिकारिक धर्म के रूप में कन्फ्यूशियनवाद को अपनाया जिसके परिणामस्वरूप बौद्धों की शक्ति और धन का काफी ह्रास हुआ. प्रचलित दर्शन नव कन्फ्यूशीवाद था.
(ई) मिश्रित भेषज अनुसंधन योजना (कंपोज़िट ड्रग रिसर्च स्कीम) इस योजना के अंतर्गत कुछ आधुनिक प्रयोग में आई नवीन औषधियों का अध्ययन प्राथमिक रूस से किया जा रहा है। विभिन्न दृष्टिकोणों को लेकर अर्थात्‌ नैदानिक, क्रियाशीलता संबंधी, रासायनिक तथा संघटनात्मक अध्ययन इसके क्षेत्र में सम्मिलित किए गए हैं।
झारखंड में 24 जिले हैं जो इस प्रकार हैं:-
जहॉ p प्रोटॉन , e इलेक्ट्रॉन , n न्यूट्रॉन , और ve इलेक्ट्रॉन न्यूट्रीनो है।
संसदीय लोकतंत्र के मह्त्वपूर्ण सिद्धांत 1.
जीवनीव्यक्तिगत जीवन • अभिनेता • अभिनेत्री • खिलाड़ी • लेखक • वैज्ञानिक • संगीतकार • अन्वेषक • आविष्कारक
लेखन की गलती: 'ऑ' तथा 'ऍ' ये दोनों आगत ध्वनियाँ कही जाती हैं जो कि हिन्दी में विदेशी भाषाओं विशेषकर अंग्रेजी से आयी हैं। इनका उपयोग अंग्रेजी की दो विशिष्ट ध्वनियों के लिये होता है। 'ऑ' की ध्वनि 'ओ' तथा 'औ' के लगभग बीच की है, उदाहरण: बॉस (Boss), हॉट (Hot) आदि।
3. शरद सत्र नवम्बर दिसम्बर के मध्य होता है सबसे कम समयावधि का सत्र होता है
डब्ल्यूटीओ में १५३ सदस्य हैं। चीन इसमें २००१ में शामिल हुआ था। डब्ल्यूटीओ की सबसे बड़ी संस्था मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (मिनिस्ट्रयल कॉन्फ्रेंस) है। यह प्रत्येक दो वर्ष में अन्य कार्यो के साथ संस्था के महासचिव और मुख्य प्रबंधकर्ता का चुनाव करती है। साथ ही वह सामान्य परिषद (जनरल काउंसिल) का काम भी देखती है। सामान्य परिषद विभिन्न देशों के राजनयिकों से मिलकर बनती है जो प्रतिदिन के कामों को देखता है। डब्लयूटीओ का मुख्यालय जेनेवा, स्विट्जरलैंड में है। इसके वर्तमान महानिदेशक पॉस्कल लामी हैं। अब तक इसकी छह मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस हो चुकी हैं।
संस्कृत साहित्य की परम्परा में उन ग्रन्थों को भाष्य (शाब्दिक अर्थ - व्याख्या के योग्य), कहते हैं जो दूसरे ग्रन्थों के अर्थ की वृहद व्याख्या या टीका प्रस्तुत करते हैं। भारतीय दार्शनिक परंपरा में किसी भी नये दर्शन को या किसी दर्शन के नये स्वरूप को जड़ जमाने के लिए जिन तीन ग्रन्थों पर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करना पड़ता था (अर्थात् भाष्य लिखकर) उनमें भगवद्गीता भी एक है (अन्य दो हैं- उपनिषद् तथा ब्रह्मसूत्र)। [१] भगवद्गीता पर लिखे गये प्रमुख भाष्य निम्नानुसार हैं-
भारत में अन्य बिजनेस स्कूलों के विपरीत, आइएसबी अपने छात्रों के लिए एक रोलिंग प्लेसमेंट सत्र आयोजित करता है. आईएसबी स्नातकों को परिसर में नियुक्तियों के माध्यम से भारतीय और साथ ही साथ विदेशी दोनों पोस्टिंग मिली है. पिछले नियोक्ताओं में गूगल, मैक्किंज़े एंड कंपनी, गोल्डमैन सैक्स, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, माइक्रोसॉफ्ट, ड्यूश बैंक, एचडीएफसी बैंक, ब्रिटिश पेट्रोलियम, पेप्सीको, एक्सेंचर, एटी कीरनी, ओलिवर वाईमैन, यस बैंक, अल्वारेज़ और मार्सल, आर्सेलर मित्तल, डीएलएफ लिमिटेड, जिन्नोव, कॉग्निजेंट टेक्नॉलजी सॉल्यूशंस, आर्थर डी. लिटल, इन्फोसिस, विप्रो, डायमंड प्रबंधन और कंसल्टेंट्स टैक्नोलॉजी, लुफ्थांसा, फाइजर, भारती, रिलायंस एडीएजी, कैपजेमिनी, एजएस एसोसिएट्स, हेविट, पार्थेनन समूह, नोवार्टिस, जेएलएलऐएम, आदित्य बिड़ला समूह, अल्घनिम इंडस्ट्रीज, दस्सौल्ट सिस्टम्स, यूनिवर्सल परामर्श, प्राइसवाटरहाउस कूपर्स, एनआईआईटी, आईसीआईसीआई, जेनसर टेक्नोलॉजी, केपीएमजी, अर्नस्ट एंड यंग, फ्लैगस्टोन रे, कोका कोला, वैल्यू पार्टनर्स, सिटीग्रुप, देलोइत्ते (Deloitte), आईटीसी, और अमेज़न के बीच में कई अन्य शामिल हैं.
ऑल इंडिया रेडियो के आरंभिक कुछ स्टेशनों में से लखनऊ केन्द्र एक है। यहां मीडियम वेव पर प्रसारण करते हैं। इसके अलावा यहां एफ एम प्रसारण भी २००० से आरंभ हुआ था। शहर में निम्न रेडियो स्टेशन चल रहे हैं:.[३५] -
परती परिकथा एक उपन्यास है जिसके रचायिता फणीश्वर नाथ रेणु हैं ।
उत्तर भारतीय स्थानेश्वर (वर्तमान हरियाणा में) के सम्राट हर्षवर्धन ने उत्कल पर आक्रमण कर, छिलका झील तक अधिकरण किया। बौद्ध धर्म बढ़्ने लगा।
चाँदनी है, चिक है चिरागन की माला हैं।
(१) धौली- यह उड़ीसा के पुरी जिला में है ।
एक संसदीय सरकार में ये पंरपराए ऐसी प्रथाएँ मानी जाती है जो सरकार के सभी अंगों पर वैधानिक रूप
*राष्ट्रीय राजधानी सेंटो डोमिंगो नामक शहर है जो डिस्ट्रिटो नैशनल में स्थित है।
इस नदी का भी पुराणों में बहुत उल्लेख है। पौराणिक युग में यह विश्वास था कि वाराणसी क्षेत्र की सीमा गोमती से बरना तक थी। इस जिले में पहुंचने के पहले गोमती का पाट सई के मिलने से बढ़ जाती है। नदी जिले के उत्तर में सुल्तानीपुर से घुसती है और वहां से २२ मील तक अर्थात कैथी में गंगा से संगम होने तक यह जिले की उत्तरी सरहद बनाती है। नदी का बहाव टेढ़ा-मेढ़ा है और इसके किनारे कहीं और कहीं ढालुएं हैं।
जब आज़ाद हिन्द फौज पिछे हट रही थी, तब जापानी सेना ने नेताजी के भाग जाने की व्यवस्था की। परंतु नेताजी ने झाँसी की रानी रेजिमेंट की लडकियों के साथ सैकडो मिल चलते जाना पसंद किया। इस प्रकार नेताजी ने सच्चे नेतृत्व का एक आदर्श ही बनाकर रखा।
कुछ लोगों के अनुसार भूटान संस्कृत के भू-उत्थान से बना शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है ऊंची भूमि। कुछ के अनुसार यह भोत-अन्त (यानि तिब्बत का अन्त) का बिगड़ा रूप है। यहां के निवासी भूटान को द्रुक-युल (ड्रैगन का देश) तथा इसके निवासियों को द्रुपका कहते हैं। इसके अलावा भी भूटान के कई नाम रहे हैं पूर्व में।
2. जैमिनीय ब्राह्मण - ब्राह्मण ग्रंथ वेद का ही अंग है। यह पंचविंश-ब्राह्मण से पूर्व का ग्रंथ है। यह संपूर्ण अप्राप्य है। कुछ अंशमात्र प्रकाशित हुए हैं। इसके दो स्वरूप हमारे देखने में आते हैं--'जैमिनीय आर्षेय ब्राह्मण' जिसे बर्नेल ने 1878 में तथा 'जैमिनीय उपनिषद्-ब्राह्मण' जिसे 1921 में एचo एंटल ने प्रकाशित करवाया। आर्षेय ब्राह्मण का डच भाषा में भी अनुवाद हुआ है जिसे कैंलेंड ने छपवाया है। इस ब्राह्मणग्रंथ के नवम अध्याय को 'केनोपनिषद्' कहते हैं। इसका दूसरा नाम 'ब्राह्मणोपनिषद्' भी है।
आधुनिक कोशरचना के विविध प्रकारों की संक्षिप्त चर्चा यहाँ अनावश्यक न होगी । वर्तमान युग ने कोशविद्या को अत्यंत व्यापक परिवेश में विकसित किया । सामान्य रूप से उसकी दो मोटी-मोटी विधाएँ कही जा सकती हैं - (१) शब्दकोश और (२) ज्ञानकोश । शब्दकोश के स्वरूप का बहुमुखी प्रवाह निरंतर प्रौढ़ता की ओर बढ़ता लक्षित होता रहा है । आज की कोशविद्या का विकसित स्वरूप भाषा विज्ञान, व्याकरणशास्त्र, साहित्य, अर्थविज्ञान, शब्दप्रयोगीय, ऐतिहासिक विकास, संदर्भसापेक्ष अर्थविकास और नाना शास्त्रों तथा विज्ञानों में प्रयुक्त विशिष्ट अर्थों के बौद्धिक और जागरूक शब्दार्थ संकलन का पुंजीकृत परिणाम है ।
प्रसिद्ध लेडो बर्मा रोड का एक भाग राज्य से होकर गुजरता है, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस सड़क ने चीन के लिये एक जीवन रेखा की भूमिका निभाई थी।
आर्किमिडीज की मृत्यु c 212 ई.पू. दूसरे पुनिक युद्ध के दौरान हुई जब रोमन सेनाओं ने जनरल मार्कस क्लाउडियस मार्सेलस के नेतृत्व में दो साल की घेराबंदी के बाद सेराक्यूस शहर पर कब्ज़ा कर लिया. प्लूटार्क के द्वारा दिए गए लोकप्रिय विवरण के अनुसार, आर्किमिडीज़ एक गणितीय चित्र पर विचार कर रहे थे, जब शहर पर कब्ज़ा किया गया.
विदर्भ युद्ध- मालविकामित्रम के अनुसार पुष्यमित्र के काल में लगभग १८४इ.पू.में विदर्भ युद्ध में पुष्यमित्र की विजय हुई और राज्य दो भागों में ब दिया गया। वर्षा नदी दोनों राज्यों कीं सीमा मान ली गई। दोनो भागों के नरेश ने पुष्यमित्र को अपना सम्राट मान लिया तथा इस राज्य का एक भाग माधवसेन को प्राप्त हुआ। पुष्यमित्र का प्रभाव क्षेत्र नर्मदा नदी के दक्षिण तक विस्तृत हो गया।
दाल खिचड़ी एक उड़िया व्यंजन है।
भूमि की सतह के नीचे सुरंग बनाकर उसके अन्दर रेल की पटरी बिछाकर जो रेलगाड़ी चलायी जाती है उसे भूमिगत रेल कहते हैं। इन्हें मेट्रो रेल, मेट्रो, सब-वे अथवा त्वरित रेल (रैपिड रेल) भी कहा जाता है।
"हे राजन्! सूर्य की परिक्रमा का मार्ग मानसोत्तर पर्वत पर इंक्यावन लाख योजन है। मेरु पर्वत के पूर्व की ओर इन्द्रपुरी है, दक्षिण की ओर यमपुरी है, पश्चिम की ओर वरुणपुरी है और उत्तर की ओर चन्द्रपुरी है। मेरु पर्वत के चारों ओर सूर्य परिक्रमा करते हैं इस लिये इन पुरियों में कभी दिन, कभी रात्रि, कभी मध्याह्न और कभी मध्यरात्रि होता है। सूर्य भगवान जिस पुरी में उदय होते हैं उसके ठीक सामने अस्त होते प्रतीत होते हैं। जिस पुरी में मध्याह्न होता है उसके ठीक सामने अर्ध रात्रि होती है।
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कालांतर में खोज इंजनों पर प्राथमिकता पाने की चाह व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा हेतु हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं के जालघर अहिस्ता अहिस्ता यूनीकोड का उपयोग करने लगे हैं। विंडोज़ एक्सपी जैसे उपयुक्त आपरेटिंग सिस्टम व फाँट डाउनलोड करने के झंझट से मुक्ति के अलावा उपयोग में सरलता ट्रू टाईप फाँट्स से दुराव व यूनीकोड की और बढ़ने के कारण बने हैं।
परमपावन ने अपनी मठवासीय शिक्षा छह वर्ष की अवस्था में प्रारंभ की। २३ वर्ष की अवस्था में वर्ष १९५९ के वार्षिक मोनलम ;प्रार्थनाद्ध उत्सव के दौरान उन्होंने जोखांग मंदिर, ल्हासा में अपनी फाइनल परीक्षा दी। उन्होंने यह परीक्षा ऑनर्स के साथ पास की और उन्हें सर्वोच्च गेशे डिग्री ल्हारम्पा ; बौध दर्शन में पी. एच. डी. प्रदान की गई।
अशोक ने लगभग 40 वर्षों तक शासन किया जिसके बाद लगभग 232 ईसापूर्व में उसकी मृत्यु हुई । उसके कई संतान तथा पत्नियां थीं पर उनके बारे में अधिक पता नहीं है । उसके पुत्र महेन्द्र तथा पुत्री संघमित्रा ने बौद्ध धर्म के प्रचार में योगदान दिया ।
विस्तृत लेख देवनागरी की वैज्ञानिकता देखें।
रामचरितमानस को तुलसीदास ने सात काण्डों में विभक्त किया है। इन सात काण्डों के नाम हैं - बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड। छन्दों की संख्या के अनुसार अयोध्याकाण्ड और सुन्दरकाण्ड क्रमशः सबसे बड़े और छोटे काण्ड हैं। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में हिंदी के अलंकारों का बहुत सुन्दर प्रयोग किया है विशेषकर अनुप्रास अलंकार का। रामचरितमानस पर प्रत्येक हिंदू की अनन्य आस्था है और इसे हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ माना जाता है।
सुव्रतः सुमुखः सूक्श्मः सुघोषः सुखदः सुह्ड़ित ।
दिक्सूचक द्वारा उत्तरी दिशा ज्ञात करने के पश्चात्‌ यानचालक का उत्तरी दिशा एवं उसके अभीष्ट मार्ग की दिशा के मध्य बननेवाले कोण को ज्ञात करने की आवश्यकता होती है। दिक्सूचक द्वारा ज्ञात की हुई किसी लक्ष्य की दिशा उसका दिक्मान कहलाती है। दिक्मान उसी प्रकार अंशों में प्रदर्शित किया जाता है, जिस प्रकार रेखागणित में कोण।
अनघो विजयो जेता विश्वयोनिः पुनर्वसुः ।।(१६)
          पूजा को साजु विरंचि रचैं तुलसी जे महातम जानि तिहारे। / ओक की लोक परी हरि लोक विलोकत गंग तरंग तिहारे।।(कवितावली-उत्तरकाण्ड १४५)
सन १००० से १३०० ई.तक मालवा परमार-शक्ति द्वारा शासित रहा। काफी समय तक उनकी राजधानी उज्जैन रही. इस काल में सीयक द्वितीय, मुंजदेव, भोजदेव, उदयादित्य, नरवर्मन जैसे महान शासकों ने साहित्य, कला एवं संस्कृति की अभूतपूर्व सेवा की.
किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अंतर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाषा कहते हैं। यह भाषा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण राज्य में सर्वत्र इस भाषा को महत्त्व प्राप्त रहता है।
तान तुक ताला है, विनोद के रसाला है,

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