शनिवार, 28 दिसंबर 2019

सुर की परिभाषा

 

समास की परिभाषा

समास:  दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द (अर्थपूर्ण शब्द) को समास कहते हैं। अर्थात जब कोई दो शब्द मिलकर एक ऐसे नये शब्द का निर्माण करें, जिसका कोई अर्थ हो, ऐसे नए शब्दों को ही समास कहा जाता है।
समास रचना में प्रायः दो पद अर्थात दो शब्द होते हैं,
जैसे – घुड़सवार = घोड़े का सवार;
पहले पद (शब्द) को पूर्वपद और दूसरे या आखिरी पद (शब्द) को उत्तरपद कहा जाता है। साथ ही समास-पद या समस्त-पद बनने पर दो शब्दों को विभक्त करने वाली विभक्तियाँ (ऐसे शब्द जो दो शब्दों को अलग करते हैं, जैसे – का, के, के द्वारा, को, के लिए, या, और, पर, से, में आदि) लुप्त अर्थात गायब हो जाते हैं।
जैसे – घुड़सवार = घोड़े का सवार; घोड़े (पूर्वपद) का (विभक्ति) सवार (उत्तरपद)
अब यहाँ नया समास शब्द “घुड़सवार” बनने पर विभक्ति “का” लुप्त हो गयी।

समास के भेद

समास के मुख्यतः छह (6) भेद होते हैं —
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरूष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वंद्व समास
6. बहुव्रीहि समास

पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण —
  • अव्ययीभाव समास में — पूर्वपद प्रधान होता है।
  • तत्पुरूष, कर्मधारय व द्विगु समास में — उत्तरपद प्रधान होता है।
  • द्वंद्व समास में — दोनों पद प्रधान होते हैं।
  • बहुव्रीहि समास में — दोनों ही पद अप्रधान होते हैं। ( अर्थात इसमें कोई तीसरा अर्थ प्रधान होता है )
1. अव्ययीभाव समास :— जिस समास का पूर्वपद (पहला पद) अव्यय तथा प्रधान हो (अव्ययव ऐसे शब्दों को कहा जाता है जिनमें लिंग, कारक, काल आदि के कारण भी कोई परिवर्तन न आये अर्थात ऐसे शब्द जो कभी परिवर्तित नहीं होते), ऐसे शब्द को अव्ययीभाव समास कहा जाता है।
पहचान : पहला पद (पहला शब्द) में “अनु, आ, प्रति, भर, यथा, यावत, हर” आदि का प्रयोग होता है।
जैसे –
पूर्व पद
(पहला शब्द)
उत्तर पद
(दूसरा शब्द)
समस्त पद
(पूरा शब्द)
समास विग्रह
प्रति+ दिन= प्रतिदिनप्रत्येक दिन
+ जन्म= आजन्मजन्म से लेकर
2. तत्पुरूष समास :— जिस समास में उत्तरपद (बाद का शब्द या आखिरी शब्द) प्रधान होता है तथा दोनों पदों (शब्दों) के बीच का कारक-चिह्न (का, को, के लिए, में, से आदि) लुप्त (गायब) हो जाता है, उसे तत्पुरूष समास कहते हैं;
जैसे –
राजा का कुमार = राजकुमार,
धर्म का ग्रंथ = धर्मग्रंथ,
रचना को करने वाला = रचनाकार

रविवार, 8 दिसंबर 2019

samanachi मालाची यादी

तांदूळ, रिफाइंड तेल, सरकी तेल, खोबरेल तेल, गूळ, ज्वारी, बाजरी, सर्व प्रकारच्या डाळी, कडधान्ये, हळद, भगर, पोहे, भडंग, रवा, आटा, मैदा, खोबरे, नारळी आदींचे दर स्थिर आहेत.
सध्या सण, उत्सवांना सुरुवात होत आहे. त्यामुळे विविध प्रकारचे गोड पदार्थ तयार करण्यासाठी खाद्यतेलांना मागणी वाढली आहे. त्यामुळे काही प्रमाणात तुटवडा निर्माण झाला आहे. मागणीच्या तुलनेत सोयाबीन तेलाच्या डब्यामागे २० रुपये, सूर्यफूल तेलाच्या डब्यामागे ३० रुपये, पाम तेलाच्या डब्यामागे ५० रुपयांची वाढ झाली आहे. शेंगदाण्याच्या दरात क्विंटलमागे १५० ते २०० रुपयांनी वाढ झाली. साबुदाण्याच्या दरात क्विंटलमागे २०० रुपयांनी घट झाली. बेसनच्या ५० किलोच्या दरात ५० रुपयांनी घट झाली. हरभरा डाळीच्या दरात क्विंटलमागे १०० रुपयांनी घट झाली आहे, अशी माहिती भुसार व्यापाऱ्यांनी दिली.
\Bवस्तूंचे दर \B
\Bखाद्यतेले (१५ किलो/लिटर)\B
शेंगदाणा तेल : ~ १७०० ते १८२०
रिफाइंड तेल : ~ १४५० ते १६५०
सरकी तेल : ~ ११८० ते १२६०
सोयाबीन तेल : ~ ११५० ते १३८०
पाम तेल : ~ १०३० ते ११९०
सूर्यफूल रिफाइंड तेल : ~ १२९० ते १३७०
वनस्पती तूप : ~ ९३० ते १२२०
खोबरेल तेल : ~ २६००
\Bशेंगदाणा (क्विंटलमध्ये)
\Bघुंगरू : ~ १००६० ते १०१५०
स्पॅनिश : ~ १०१५० ते १०२००
गुजरात जाडा : ~ ८००० ते ८५००
साबुदाणा : ~ ४५०० ते ७३००
बेसन (५० किलो) : ~ ३१०० ते ३४५०
मिरची
ब्याडगी नं. १ : ~ १७००० ते १७०७५
ब्याडगी नं. २ : ~ १५००० ते १६०००
खुडवा गुंटूर : ~ ५५०० ते ६०००
गुंटूर लाल : ~ १०,००० ते १२५००
तेजा : ~ १३००० ते १४०००

fly