मंगलवार, 7 मई 2013

1-500

इस क्षेत्र में पर्यटकों के लिए रोचक स्थान इस प्रकार हैं -
किसी स्थान के अक्षांश को मापने के लिए अब तक खगोलकीय अथवा त्रिभुजीकरण नाम की दो विधियाँ प्रयोग में लाई जाती रही हैं। किंतु इसकी ठीक-ठीक माप के लिए 1971 में श्री निरंकार सिंह ने भूघूर्णनमापी नामक यंत्र का आविष्कार किया है जिससे किसी स्थान के अक्षांश की माप केवल अंश (डिग्री) में ही नहीं अपितु कला (मिनट) में भी प्राप्त की जा सकती है।
यहाँ प्रस्तुत हैं गुजराती लिपि के व्यंजन उनके हिंदी-देवनागरी और आय पी ए बराबरी के साथ ।
काशी में तुलसीदासजी रामकथा कहने लगे। वहाँ उन्हें एक दिन एक प्रेत मिला, जिसने उन्हें हनुमान ‌जी का पता बतलाया। हनुमान ‌जी से मिलकर तुलसीदासजी ने उनसे श्रीरघुनाथजी का दर्शन कराने की प्रार्थना की। हनुमान्‌जीने कहा, 'तुम्हें चित्रकूट में रघुनाथजी दर्शन होंगें।' इस पर तुलसीदासजी चित्रकूट की ओर चल पड़े।
विज्ञान के परिप्रेक्ष्य से, पारितंत्र असतत ईकायाँ नहीं हैं जो केवल एक "सही" वर्गीकरण दृष्टिकोण का अधिकार पर पह्चाने जा सकतें हैं. टेन्सले द्वारा इस परिभाषा के साथ समझौते में ("मानसिक पृथकता") पारितंत्र का वर्णन या वर्गीकरण करने का प्रयत्न प्रामाणिक तर्क सहित वर्गीकरण में पर्यवेक्षक / विश्लेषक निवेश के बारे में स्पष्ट होना चाहिए.
यह एक प्रमुख हवाई अड्डा हैं |
2. ज्ञान की संभावना भी है या नहीं?
(3) किंतु कथानक का यह विस्तार अनियंत्रित नहीं होना चाहिए। उसमें एक ही कार्य होना चाहिए जो आदि मध्य अवसान से युक्त एवं स्वत: पूर्ण हो। समस्त उपाख्यान इसी प्रमुख कार्य के साथ संबंद्ध और इस प्रकार से गुंफित हों कि उनका परिणाम एक ही हो।
इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो की महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता । उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप चोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा समझे जाने वाली भाषा है ।
तिलक ने वेदों के इतिहास के बारे में एक पुस्तक लिखी जिसे काफ़ी सराहा जाता है। उन्होंने "आर्यों का आर्कटिक घर" नामक पुस्तक में खगोल शास्त्र के उद्धरण देकर साबित किया कि वेद आर्कटिक क्षेत्र में लिखे गए थे। इसके अलावा उन्होंने गीतारहस्य और जीवन का हिन्दू दर्शन नामक किताबें भी लिखी हैं।
पथुरियाघाट कोलकाता का एक क्षेत्र है। यह कोलकाता नगर निगम के अधीन आता है।
लखनऊ में हिन्दी एवं उर्दू, दोनों ही बोली जाती हैं, किंतु उर्दू को यहां सदियों से खास महत्त्व प्राप्त रहा है। जब दिल्ली खतरे में पड़ी तब बहुत से शायरों ने लखनऊ का रुख किया। तब उर्दू शायरी के दो ठिकाने हो गये- देहली और लखनऊ। जहां देहली सूफ़ी शायरी का केन्द्र बनी ,वहीं लखनऊ गज़ल विलासिता और इश्क-मुश्क का अभिप्राय बन गया।[२५][२५] जैसे नवाबों के काल में उर्दू खूब पनपी एवं भारत की तहजीब वाली भाषा के रूप में उभरी। यहां बहुत से हिन्दू कवि एवं मुस्लिम शायर हुए हैं,[२६] जैसे बृजनारायण चकबस्त[२६], ख्वाजा हैदर अली आतिश, विनय कुमार सरोज, आमिर मीनाई, मिर्ज़ा हादी रुसवा, नासिख, दयाशंकर कौल नसीम, मुसाहफ़ी, इनशा, सफ़ी लखनवी और मीर तकी "मीर"[२६] तो प्रसिद्ध ही हैं, जिन्होंने उर्दू शायरी तथा लखनवी भाषा को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।[२७] लखनऊ शिया संस्कृति के लिए विश्व के महान शहरों में से एक है। मीर अनीस और मिर्ज़ा दबीर उर्दू शिया गद्य में मर्सिया शैली के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। मर्सिया इमाम हुसैन की कर्बला के युद्ध में शहादत का बयान करता है,, जिसे मुहर्रमके अवसर पर गाया जाता है। काकोरी कांड के अभियुक्त प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने काकोरी में फांसी पर लटका दिया था, उर्दू शायरी से खासे प्रभावित थे, एवं बिस्मिल उपनाम से लिखते थे। कई निकटवर्ती कस्बों जैसे काकोरी, दरयाबाद, बाराबंकी, रुदौली एवं मलिहाबाद ने कई उर्दू शायरों को जन्म दिया है। इनमें से कुछ हैं मोहसिन काकोरवी, मजाज़[२८], खुमार बाराबंकवी एवं जोश मलिहाबादी। हाल ही में २००८ में १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की १५०वीं वर्षगांठ पर इस विषय पर एक उपन्यास का विमोचन किया गया था। इस विषय पर प्रथम अंग्रेज़ी उपन्यास रीकैल्सिट्रेशन, एक लखनऊ के निवासी ने ही लिखा था।
इस पुस्तकालय में पांडुलिपियों का महत्वपूर्ण संग्रह है। इसकी स्थापना 1700 ईसवी के आस-पास की गई थी। इस संग्रहालय में भारतीय और यूरोपीयन भाषाओं में लिखी हुई 44000 से ज्यादा ताम्रपत्र और कागज की पांडुलिपियां देखने को मिलती हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक पांडुलिपियां संस्कृत में लिखी हुई हैं। कुछ पांडुलिपियां तो बहुत ही दुर्लभ हैं। इनमें तमिल में लिखी औषधि विज्ञान की पांडुलिपियां भी शामिल हैं।
बांसबेरिया कोलकाता का एक क्षेत्र है। यह कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डवलपमेंट अथॉरिटी के अधीन आता है।
इन बंदोबस्तों में कृषकों के हितों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया था जिसके परिणामस्वरूप उनका दु:ख, अपमान एवं दारिद्रय् दिन प्रतिदिन बढ़ता गया। कई बार अंग्रेज शासकों ने भी इस ओर ध्यान दिलाया कि कृषकों की भूधृति की रक्षा की जाय एवं उनका लगान बंदोबस्त के समय तक निर्धारित कर दिया जाय। फिर भी कुछ नहीं किया गया। इसका कारण यह था कि अंग्रेज शासकों की धारणा थी कि जमींदारों के साथ व्यवहार में उदारता दिखाने पर जब वे संपन्न एवं संतुष्ट रहेंगे तो वे अपने आसामियों को नहीं सताएँगे जिसके फलस्वरूप वे भी खुशहाल रहेंगे। परंतु यह उनकी महान् भूल थी क्योंकि जमींदारों ने हमेशा ही अपने कर्तव्य के साथ विश्वासघात किया। अत: अंग्रेज शासक यह महसूस करने लगे कि इस भूल का सुधार किया जाए। फलस्वरूप उन्होंने कृषकों की दशा सुधारने के लिए भूमि संबंधी विधानों की व्यवस्था की। यह कदम जमींदारी प्रथा के अस्त की दिशा में प्रथम चरण कहा जा सकता है।
यह पूरा पंचकेदार का क्षेत्र कहलाता है। ऋषिकेश से श्रीनगर गढ़वाल होते हुए अलकनंदा के किनारे-किनारे यात्रा बढ़ती जाती है। रुद्रप्रयाग पहुंचने पर यदि ऊखीमठ का रास्ता लेना है तो अलकनंदा को छोडकर मंदाकिनी घाटी में प्रवेश करना होता है। यहां से मार्ग संकरा है। इसलिए चालक को गाड़ी चलाते हुए बहुत सावधानी बरतनी होती है। मार्ग अत्यंत लुभावना और सुंदर है। आगे बढ़ते हुए अगस्त्य मुनि नामक एक छोटा सा कस्बा है जहां से हिमालय की नंदाखाट चोटी के दर्शन होने लगते हैं।
स्कंदगुप्त ने मौर्यकाल में बनी सुदर्शन झील का जीर्णोद्धार भी करवाया ।
जी एस सिंघवी भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं।
सनंद एक बांग्ला पत्रिका है।
१७ मई, २००९: लिट्टे ने हार स्वीकारी।
आगरा का किला एक यूनेस्को घोषित विश्व धरोहर स्थल है, जो कि भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित है। इसे लाल किला भी कहा जाता है। इसके लगभग 2.5 कि.मी. उत्तर-पश्चिम में ही, विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताज महल स्थित है। इस किले को चहारदीवारी से घिरी प्रासाद (महल) नगरी कहना बेहतर होगा।
कार्यपालिका के तीन अंग हैं - राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रिमंडल। मंत्रिमंडल का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। मंत्रिमंडल के प्रत्येक मंत्री को संसद का सदस्य होना अनिवार्य है। कार्यपालिका, व्यवस्थापिका से नीचे होता है।
मंगल का अर्थ होता है शुभ, पावन, कुशल इत्यादि ।
१९८५ के अप्रैल में गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत हुई और बीस सालों में इस पर १२०० करोड़ रुपये खर्च हुए।[२] इस योजना की बदौलत गंगा के किनारे बसे शहरों और कारख़ानों में गंदे और जहरीले पानी को साफ़ करने के प्लांट लगाए गए। इनसे गंगा के पानी में थोड़ा सुधार ज़रूर हुआ लेकिन गंगा में गंदगी का गिरना बदस्तूर जारी रहा। अंत में यह समझा गया कि गंगा एक्शन प्लान असफल हो गाया। इस प्लान की सबसे बड़ी ख़ामी शायद ये थी कि उसमें गंगा के बहाव को बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। गंगा में ग्लेशियरों और झरनों से आने वाले पानी को तो कानपुर से पहले ही नहरों में निकाल लिया जाता है। ज़मीन का पानी गंगा की धारा बनाए रखता था लेकिन नंगे पहाड़ों से कट कर आने वाली मिट्टी ने गंगा की गहराई कम करके अब इस स्रोत को भी बंद कर दिया है। बनारस के 'स्वच्छ गंगा अभियान' के संचालक प्रोफ़ेसर वीरभद्र मिश्र इस बारे में चिंतित हैं और बताते हैं कि गंगा पर कितना दबाव है। उन्होंने कहा कि गंगा दुनिया की एकमात्र नदी है जिस पर चालीस करोड़ लोगों का अस्तित्व निर्भर है। इसलिए उस पर दबाव भी ज़्यादा है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि गंगा को बचाने के लिए सबसे पहले हिमालय के ग्लेशियरों को बचाना होगा।
जनप्रतिनिधित्व एक्ट 1951 के अनु 14,15 भी राष्ट्रपति,राज्यपाल को निर्वाचन अधिसूचना जारी करने का अधिकार निर्वाचन आयोग की सलाह के अनुरूप ही जारी करने का अधिकार देते है
जिले का मुख्यालय श्रावस्ती है ।
मैं आपसे हथियार रखने के लिए कहना पसंद करूंगा क्योंकि ये आपको अथवा मानवता को बचाने में बेकार हैं।आपको हेर हिटलर और सिगनोर मुसोलिनी को आमत्रित करना होगा कि उन्हें देशों से जो कुछ चाहिए आप उन्हें अपना अधिकार कहते हैं।यदि इन सज्जनों को अपने घर पर रहने का चयन करना है तब आपको उन्हें खाली करना होगा।यदि वे तुम्हें आसानी से रास्ता नहीं देते हैं तब आप अपने आपको , पुरूषों को महिलाओं को और बच्चों की बलि देने की अनुमति देंगे किंतु अपनी निष्ठा के प्रति झुकने से इंकार करेंगे।
सुमित्रानंदन पंत का कविता संग्रह
गुरुवायुर (मलयालम: ഗുരുവായൂർ)(जिसे गुरुवायूर भी लिखा जाता है और कभी-कभी गुरुवयुनकेरे के नाम से भी जाना जाता है) एक भीड़भाड़ युक्त तीर्थस्थल है भारत के केरल राज्य के थ्रिसुर जनपद के अंतर्गत आने वाली नगरपालिका है. यह थ्रिसुर नगर के उत्तरपश्चिम में 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता में भविष्य की अनिश्चितताओं को ध्‍यान में रखते हुए आईपीसीसी २१ वी सदी के अंत तक अक चेतावनी की परिकल्पना करती है , १९८०-१९९९ के मुकाबले [१] मॉडल का इस्तेमाल हाल के जलवायु परिवर्तन के कारणों (causes of recent climate change) की जांच करने के लिए भी किया गया है , इसके लिए मापे हुए परिवर्तनों की तुलना मॉडल के द्वारा बताये गए परिवर्तनों के साथ की जाती है
2003- युरोपिए संघ में शामिल होने के लिए एस्टोनिया में जनमत संग्रह। इसके बाद एस्टोनिया यूरोपीय संघ में शामिल हो गया।
निर्देशांक: 34.033_N_74.267_E_type:landmark_region:IN-XX एक्स्प्रेशन गलती: अनपेक्षित < ओपरेटर°एक्स्प्रेशन गलती: अनपेक्षित < ओपरेटर′एक्स्प्रेशन गलती: अनपेक्षित < ओपरेटर″एक्स्प्रेशन गलती: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "�" 74°16′01″E / एक्स्प्रेशन गलती: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "�", 74.267 कुपवाड़ा जम्मू एवं कश्मीर राज्य का एक नगर है। यह कुपवाड़ा जिला का केन्द्र भी है। बर्फ की सफेद चादर ओढे कुपवाड़ा जिला पीरपंचाल और शम्सबरी पर्वत के मध्य स्थित है। समुद्र तल से 5,300 मीटर ऊंचाई पर स्थित कुपवाड़ा जम्मू व कश्मीर राज्य का एक जिला है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी स्थान काफी प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। कुपवाड़ा जिले में कई पर्यटन स्थल जैसे मां काली भद्रकाली मंदिर, शारदा मंदिर, जेत्ती नाग शाह आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
अपने शुद्ध रूप में कैल्शियम चमकीले रंग का होता है। यह अपने अन्य साथी तत्वों के बजाय कम क्रियाशील होता है। जलाने पर इसमें से पीला और लाल धुआं उठता है। इसे आज भी कैल्शियम क्लोराइड से उसी प्रक्रिया से अलग किया जाता है जो सर हम्फ्री डैवी ने 1808 में इस्तेमाल की थी। कैल्शियम से जुड़े ही एक अन्य यौगिक , कैल्शियम काबरेनोट को कंक्रीट, सीमेंट, चूना इत्यादि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अन्य कैल्शियम कंपाउंड अयस्कों, कीटनाशक, डियोड्रेंट, खाद, कपड़ा उत्पादन, कॉस्मेटिक्स, लाइटिंग इत्यादि में इस्तेमाल किया जाता है। जीवित प्राणियों में कैल्शियम हड्डियों, दांतों और शरीर के अन्य हिस्सों में पाया जाता है। यह रक्त में भी होता है और शरीर की अंदरूनी देखभाल में इसकी विशेष भूमिका होती है।
"एक घोषणा के तहत हेलोट्स को आमंत्रित करते हुए कहा गया कि वे अपनी आबादी में से उन लोगों को ही चुने जो अपने आपको दुश्मन के खिलाफ सबसे अधिक जाने-पहचाने (प्रतिष्ठित) होने का दावा करते हैं, ताकि वे भी आजादी के हकदार हो सके; मकसद केवल उनकी जांच करनी थी, चूंकि यह सोच लिया गया था कि आजादी का दावा करने वाला सबसे पहला व्यक्ति ही सबसे ज्यादा साहसी बहादुर और सबसे योग्य विद्रोही मान लिया जाएगा. तदनुसार, लगभग दो हज़ार लोग चुने गए, जिन लोगों ने खुद को ताज पहनाया और नई आजादी का जश्न मनाते हुए, देवलयों की परिक्रमा करने लगे. हालांकि, स्पर्तियों ने , शीघ्र ही उनके साथ वही किया जो उन्हें करना था, और किसी ने यह नहीं जाना कि उनमें से कितने लोग नष्ट हो गए.
द मदर
• ऋतुपर्ण घोष
वेदव्यास-तुम लोग पाञ्चाल चले जाओ। वहाँ द्रुपद कन्या पाञ्चाली का स्वयंवर होने जा रहा है। वह कन्या तुम लोगों के सर्वथा योग्य है शिव जी ने उसे अगले जन्म में पाँच उत्तम पति प्राप्त होने का वरदान दिया था। वह देविस्वरूपा बालिका सब भाँति से तुम लोगों के योग्य ही है। तुम लोग वहाँ जा कर उसे प्राप्त करो।
Cultural places to visit include:
खंडों की प्रत्यास्थता के कारण शरीर अपनी उत्तलता (Convexity) पुन प्राप्त कर लेता है। इस प्रकार निश्वसन होता है। बहुत से जलवासी कीट रक्त या श्वासप्रणाली की जलश्वसनिकाओं द्वारा श्वसन करते हैं। जिन कीटों में श्वासप्रणाल का लोप होता है उनमें त्वचीय श्वसन होता है।
7. shriimatii= glorious one - city; su vibhaktaa mahaa pathaa= with well, devised, high, ways; mahaa purii= great, city; dasha cha dve= ten, and, two - twelve; yojanaani= yojana-s; aayataa= lengthy; triiNi [yojanaani] vistiirNaa= three [yojana-s,] in breadth.
इस नाम की मूल उत्पत्ति की जड़ें प्राचीन ईरानी पंथ, पारसी धर्म में मानी जाती हैं। आवेस्ता के एक दस्तावेज़ में इस बात का उल्लेख है "âterepâtahe ashaonô fravashîm ýazamaide", प्राचीन फ़ारसी में जिसका शाब्दिक अनुवाद है "पवित्र अटारे-पटा के फ़्रावशी की हम वंदना करते हैं"। अट्रोपटनों ने अट्रोपटन (वर्तमान ईरानी अज़रबैजान) क्षेत्र पर शासन किया। "अट्रोपटन" नाम स्वयं एक प्राचीन-ईरानी, संभवतः मीदन, का यूनानी ध्वन्यात्मक युग्म है, जिसका अर्थ है "पवित्र अग्नि द्वारा रक्षित"।
The infant mortality rate of 97 remains highest in India. In terms of infrastructure Orissa is impoverished with regards to railways, telecommunication, literacy and irrigation coverage. Only 20% of the road network is paved and more than half the population does not have access to bus facilities within two kilometres of their homes. In rural areas more than 65% of the population have no access to safe drinking water and around 96% do not have sanitation facilities. In these areas, over 82% of families do not have electricity and over 87% live in temporary houses.
सत्यवती यह महाभारत कथा की एक महत्वपुर्ण पात्र है। सत्यवती का विवाह हस्तिनापुर नरेश शान्तनु से हुआ था। वे विचित्रवीर्य और चित्रांगद नामक दो पुत्रो की माता थी। देवव्रत(भीष्म पितामह) उनके सौतेले पुत्र थे। श्री वेदव्यास भी उनके विवाह से पूर्व पाराशर मुनि से हुये पुत्र थे
इसको बनाने के लिए लोहे के उथले कढा़हों मे गन्ने के रस को भर कर उबाला जाता है। उबालते समय इसे लगातार हिलाया जाता है, और इसमे अशुद्धियां निकालने और इसके गुणों मे वृद्धि के लिए विभिन्न वस्तुएं मिलायी जाती हैं। समय के साथ रस का पानी उड़ जाता है और बचे हुए अर्ध ठोस गुड़ को साँचों मे डाल कर विभिन्न आकारों मे जमा दिया जाता है।
ब्रिटिश शासन द्वारा इस स्थान का उपयोग स्वाधीनता आंदोलन में दमनकारी नीतियों के तहत क्रांतिकारियों को भारत से अलग रखने के लिये किया जाता था। इसी कारण यह स्थान आंदोलनकारियों के बीच काला पानी के नाम से कुख्यात था। कैद के लिये पोर्ट ब्लेयर में एक अलग कारागार, सेल्यूलर जेल का निर्माण किया गया था जो ब्रिटिश इंडिया के लिये साइबेरिया की समान था।
उपन्यास, कहानी, व्यंग, नाटक, निबंध, आलोचना, संस्मरण इत्यादि गद्य की सभी प्रमुख एवं गौण विधाओं में नरेन्द्र कोहली ने अपनी विदग्धता का परिचय दिया है. मज़ा यह है कि प्रायः प्रत्येक विधा में वे अपने समकालीन, पूर्ववर्ती एवं परवर्ती, प्रायः सभी साहित्यकारों से आगे निकल जाते हैं.
20.
30. रोस्तोव
इसके अतिरिक्त कन्नौजी में अवधी की भाँति विवृति (Hiatus) की प्रवृत्ति भी पाई जाती है जिसका ब्रजभाषा में अभाव है। कन्नौजी के संज्ञा, सर्वनाम आदि वाक्यपदों में संधिराहित्य प्राय: मिलता है, किंतु ब्रजभाषा में वे पद संधिगत अवस्था में मिलते हैं। उदाहरण :
• ऋतुपर्ण घोष
इतिहास शब्द का प्रयोग विशेषत: दो अर्थों में किया जाता है। एक है प्राचीन अथवा विगत काल की घटनाएँ और दूसरा उन घटनाओं के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु , लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) का तात्पर्य है "यह निश्चय था"। ग्रीस के लोग इतिहास के लिए "हिस्तरी" (history) शब्द का प्रयोग करते थे। "हिस्तरी" का शाब्दिक अर्थ "बुनना" था। अनुमान होता है कि ज्ञात घटनाओं को व्यवस्थित ढंग से बुनकर ऐसा चित्र उपस्थित करने की कोशिश की जाती थी जो सार्थक और सुसंबद्ध हो।
नूडल पर आधारित व्यंजन जैसे थुक्पा, चाउमीन, थान्तुक?, फाख्तु?, ग्याथुक? और वॉनटन? सर्वसामान्य हैं । मःम, भाप से पके और सब्जियों से भरे पकौडि़याँ, सूप के साथ परोसा हुआ भैंस का माँस । भैंस अथवा सूअर का माँस । सुअर का माँस लोकप्रिय लघु आहार है । पहाड़ी लोगों के आहार में भैंस, सूअर, इत्यादि के माँस की मात्रा बहुत अधिक होती है । मदिरा पर राज्य उत्पाद शुल्क कम होने के कारण राज्य में बीयर?, विस्की?, रम? और ब्रांडी इत्यादि का सेवन किया जाता है ।
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फोन- 23274463
साथ ही यदि मुफ्त और खुला स्रोत सॉफ्टवेयर, इसके मालिकाना सॉफ्टवेयर के लिए समकक्ष हो जाता है, और मालिकाना सॉफ्टवेयर बनाने वाल राष्ट्र मालिकाना सॉफ्टवेयर खरीदना बंद कर देता है, और मुफ्त और खुले स्रोत सॉफ्टवेयर की ओर रुख कर लेता है, तो इस राष्ट्र का GDP (सकल घरेलू उत्पाद) कम हो जायेगा, हालांकि आर्थिक उत्पादन ओर जीवन स्तर में कोई कमी नहीं आएगी. न्यूजीलैंड के अर्थशास्त्री मरिलिन वारिंग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अवैतनिक कार्य में कारक के रूप में एक ठोस प्रयास किया जाता है तो यह अवैतनिक (और कुछ मामलों में, गुलाम) श्रम के अन्याय को नष्ट करने का प्रयास करेगा, और साथ ही लोकतंत्र के लिए आवश्यक राजनैतिक पारदर्शिता और जवाबदेही भी उपलब्ध कराएगा.
सिकन्दर के पिता का नाम फिलीप था। 329 ई. पू. में अपनी पिता की मृत्यु के उपरान्त वह सम्राट बना। वह बड़ा शूरवीर और प्रतापी सम्राट था। वह विश्वविजयी बनना चाहता था। सिकन्दर ने सबसे पहले ग्रीक राज्यों को जीता और फिर वह एशिया माइनर (आधुनिक तुर्की) की तरफ बढ़ा। उस क्षेत्र पर उस समय फ़ारस का शासन था। फ़ारसी साम्राज्य मिस्र से लेकर पश्चिमोत्तर भारत तक फैला था। फ़ारस के शाह दारा तृतीय को उसने तीन अलग-अलग युद्धों में पराजित किया। हँलांकि उसकी तथाकथित "विश्व-विजय" फ़ारस विजय से अधिक नहीं थी पर उसे शाह दारा के अलावा अन्य स्थानीय प्रांतपालों से भी युद्ध करना पड़ा था। मिस्र, बैक्ट्रिया, तथा आधुनिक ताज़िकिस्तान में स्थानीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। सिकन्दर भारतीय अभियान पर ३२७ ई. पू. में निकला। ३२६ ई. पू. में सिन्धु पार कर वह तक्षशिला पहुँचा।[१] वहाँ के राजा आम्भी ने उसकी अधिनता स्वीकार कर ली। पश्चिमोत्तर प्रदेश के अनेक राजाओं ने तक्षशिला की देखा देखी आत्म समर्पण कर दिया। वहाँ से पुरू के राज्य की तरफ बढ़ा जो झेलम और चेनाब नदी के बीच बसा हुआ था। युद्ध में पुरू पराजित हुआ परन्तु उसकी वीरता से प्रभावित होकर सिकन्दर ने उसे अपना मित्र बनाकर उसे उसका राज्य तथा कुछ नए इलाके दिए। यहाँ से वह व्यास नदी तक पहुँचा, परन्तु वहाँ से उसे वापस लौटना पड़ा। उसके सैनिक मगध के नन्द शासक की विशाल सेना का सामना करने को तैयार न थे। वापसी में उसे अनेक राज्यों (शिवि, क्षुद्रक, मालव इत्यादि) का भीषण प्रतिरोध सहना पड़ा। ३२५ ई. पू. में भारतभुमि छोड़कर सिकन्दर बेबीलोन चला गया।
Parivahan Bhawan
यह गुम सख्त तथा मलिनता लिए लाल रंग का होता है, जिस पर सफेद रंग के छींटे होते हैं। इसका उपयोग खरल बनाने तथा नीलम व माणिक्य को पीसने के काम आता है।
(3) मुक्तामुक्त - वह शस्त्र जो फेंककर या बिना फेंके दोनों प्रकार से प्रयोग किए जाते थे।
इस मंदिर का ध्वंस मुस्लिम मुगल शासक औरंगज़ेब ने करवाया था और इसके अधिकांश भाग को एक मस्जिद में बदल दिया। बाद में मंदिर को एक निकटस्थ स्थान पर पुनर्निर्माण करवाया गया।
काफी भटकने के पश्चात् यह परिवार शाहजहाँपुर आ गया। शाहजहाँपुर में एक अत्तार की दुकान पर मात्र तीन रुपये मासिक में नारायणलाल ने नौकरी करना शुरू कर दिया। भरे-पूरे परिवार का गुजारा न होता था। मोटे अनाज-बाजरा, ज्वार, सामा, कुकनी को राँधकर खाने पर भी काम न चलता था। फिर बथुआ या ऐसी कोई साग आदि थोड़े आटे में मिलाकर भूख शान्त करने का प्रयास किया गया। लेकिन दोनों बच्चों को रोटी बनाकर दी जाती किन्तु पति-पत्नी को आधे भूखे पेट ही गुजारा करना होता। ऊपर से कपड़े-लत्ते और मकान किराये की विकट समस्या अलग।
मल्लिकार्जुन एवं काशीविश्वनाथ मंदिर
श्रौत, गृह्य एवं धर्म सूत्रों के ही कल्प सूत्र कहते हैं। इनका वर्णन ऊपर किया जा चुका है।
अजमीढ़ साम्राज्य, उस समय तक के विश्व का शायद सबसे बड़ा साम्राज्य था । इसकी महानता का गुणगान यूनानी ग्रंथों में भी मिलता है । सन् 1971 में ईरान के शाह ने अजमीढ़ साम्राज्य स्थापिक होने के 2500 वर्ष पूरे होने के लिए एक विशेष आयोजन किया था । यह पर्सेपोलिस (तख्त-ए-जमशैद) तथा पसरगाडे के ऐतिहासिक स्थल पर आयोजित किया गया था जिसमें कई राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था और करोंड़ों रूपयों का खर्च आया था । उस समय ईरान के कुछ हिस्सों में अकाल पड़ा था और ईरानी जनता उस समय इतने पैसे दिखावट पर खर्च करने के विरूद्ध हो गई थी । यह प्रकरण भी ईरान की इस्लामिक क्रांति (1979) के सबसे प्रमुख कारणों में से एक था । [१]
यह महल मूल रूप से पुर्तगालियों द्वारा बनवाया गया और कोचीन के राजा वीर केरला वर्मा को भेंट किया गया था। बाद में डच का इस पर अधिकार हो गया। उन्होंने 1663 में किले की मरम्मत कराई और किले को नया रूप दिया। इस किले में कोचीन के कई राजाओं का राज्याभिषेक हुआ था। इस किले में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों से संबंधित पेंटिंग्‍स बनी हुई है।
त्रीणि सेनामुखान्येको गुल्म इत्यभिधीयते॥
अपनी समानधर्मा संस्थाओं से संबंधस्थापन, अहिंदीभाषी छात्रों को हिंदी पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति देना, हिंदी की आशुलिपि (शार्टहैंड) तथा टंकण (टाइप राइटिंग) की शिक्षा देना, लोकप्रिय विषयों पर समय-समय पर सुबोध व्याख्यानों का आयोजन करना, प्राचीन और सामयिक विद्वानों के तैलचित्र सभाभवन में स्थापित करना आदि सभा की अन्य प्रवृत्तियाँ हैं।
चिट्ठा (अंग्रेज़ी:ब्लॉग]]), बहुवचन: चिट्ठे (अंग्रेज़ी:ब्लॉग्स) एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है।[१] हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियाँ होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार (या ब्लॉगर) तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता (या ब्लॉगिंग) कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक इंटरैक्टिव प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।[२] अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं(आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं।
जुलाई 2007 के आँकड़ों के अनुसार पाकिस्तान की कुल जनसंख्या 16,93,00,000 (लगभग १७ करोड़) है, इस प्रकार मानव जनसंख्या के हिसाब से पाकिस्तान का स्थान विश्व में छठा है, यानि इसकी जनसँख्या ब्राजील से कम और रूस से अधिक है। यहाँ की जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने के कारण भविष्य में इसके तेजी से बढ़ने की संभावना है।
देवनमपिया टिस्सा (ईसापूर्व २५० इस्वी - ईसापूर्व २१० इस्वी) के संबंध राजा अशोक से थे जिसके कारण उस दौरान श्रीलंका में बौद्ध धर्म का आगमन और प्रसार हुआ । अशोक के पुत्र महेन्द्र (महेन्द), संघमित्र के साथ , बोधि वृक्ष अपने साथ जम्बूकोला (सम्बिलितुरै) लाया । यह समय थेरावाद बौद्ध धर्म तथा श्रीलंका दोनो के लिए महत्वपूर्ण है ।
अमरीकन कार्टून धारावाहिक द सिम्प्सन्स में अपु नहसपीमापेतिलोन के चरित्र का नाम राय के सम्मान में रखा गया था। राय और माधवी मुखर्जी पहले भारतीय फ़िल्म व्यक्तित्व थे जिनकी तस्वीर किसी विदेशी डाकटिकट (डोमिनिका देश) पर छपी। कई साहित्यिक कृतियों में राय की फ़िल्मों का हवाला दिया गया है — सॉल बेलो का उपन्यास हर्ज़ोग और जे. एम. कोटज़ी का यूथ (यौवन)। सलमान रशदी के बाल-उपन्यास हारुन एंड द सी ऑफ़ स्टोरीज़ (Harun and the Sea of Stories, हारुन और कहानियों का सागर) में दो मछलियों का नाम “गुपी” और “बाघा” है।
२०१० में चीन ने तियान्हे-१ए विकसित किया, जो विश्व का सबसे तेज़ सूपरकम्प्यूटर है, और वर्तमान में तियान्जिन के राष्ट्रीय सूपरकम्प्यूटिंग केन्द्र में रखा हुआ है। इस प्रणाली की तेल गवेषण के लिए भूकम्प-सम्बन्धी आँकड़ो, बायो-मेडिकल कम्प्यूटिंग और अन्तरिक्षयानों के अभिकल्प के लिए प्रयुक्त किए जाने की सम्भावना है। चीन के तियान्हे १ए के अतिरिक्त, चीन के पास नेबुले भी है और यह विश्व के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शीर्ष के दस सूपरकम्प्यूटरों में से एक है।
प्र प्रा अप सम् अनु अव निस् निर् दुस् दुर् वि आ नि सु अति अभि अधि अपि प्रति परि उप् उत्
फ़ारसी साहित्यकार ।
As of March 2007, only 61% of the wastewater in Santiago was treated [२], which increased up to 71% by the end of the same year, however, the Mapocho river, which crosses the city from the north-east to the south-west of the Central Valley, remains contaminated by household, agricultural and industrial sewage, and by upstream copper-mining waste (there are a number of copper mines in the Andes east of Santiago), being dumped unfiltered into the river.[३] Laws force industry and local governments to process all their wastewater, but are loosely enforced.[४] There are now a number of large wastewater processing and recycling plants under construction. There are ongoing plans to decontaminate the river[५] and make it navigable[६].
बाबा मलूकदास मूर्ति पूजा और आडंबरों के घोर विरोधी थे। उनका मानना था कि दूसरे व्यक्तियों की पीड़ा को जानना और उसे दूर करना ही सच्ची सेवा, सच्चा धर्म है। यही सच्चे संत व पीर की पहचान है। वह मोक्ष प्राप्ति का साधन भी दया भाव को ही मानते थे। वह कहा करते थे कि सेवा भाव के द्‌वारा नर और नारायण दोनों ही प्राप्त हो जाते हैं।
३. रूभ्मिनदेई- नेपाल के तराई में है ।
इम्पीरियल सिविल सर्विस नाम को सिविल सर्विस ऑफ इंडियाव में बदल दिया गया। किन्तु इंडियन सिविल सर्विस पद बना रहा।
लेकिन कर्ण गुरु परशुराम के श्राप के कारण ब्रह्मास्त्र चलाना भूल गया था, नहीं तो वह युद्ध में अर्जुन का वध करने के लिए अवश्य ही अपना ब्रह्मास्त्र चलाता, और अर्जुन भी अपने बचाव के लिए अपना ब्रह्मास्त्र चलाता, और पूरी पृथ्वी का विनाश हो जाता। इस प्रकार गुरु परशुराम ने कर्ण को श्राप देकर पृथ्वी का विनाश टाल दिया।
(३) संग्रही; और
4.संचित निधि की धन मात्रा का निर्धारण
अब न अगले वलवले हैं और न अरमानों की भीड़
4. श्रीमति कामिनी राय, कवयित्री;
गाँधी सप्ताह में एक दिन मौन धारण करते थे.उनका मानना था कि बोलने के परहेज से उन्हें आतंरिक शान्ति (inner peace) मिलाती है. उनपर यह प्रभाव हिंदू मौन सिद्धांत का है, (संस्कृत: - मौन) और शान्ति (संस्कृत: -शान्ति)वैसे दिनों में वे कागज पर लिखकर दूसरों के साथ संपर्क करते थे 37 वर्ष की आयु से साढ़े तीन वर्षों तक गांधी जी ने अख़बारों को पढ़ने से इंकार कर दिया जिसके जवाब में उनका कहना था कि जगत की आज जो स्थिर अवस्था है उसने उसे अपनी स्वयं की आंतरिक अशांति की तुलना में अधिक भ्रमित किया है।
पलाश, 12, विकास नगर, रोहतक
महाभारत चंद्रवंशियों के दो परिवारों कौरव और पाण्डव के बीच हुए युद्ध का वृत्तांत है। १०० कौरव भाइयों और पाँच पाण्डव भाइयों के बीच भूमि के लिए जो संघर्ष चला उससे अंतत: महाभारत युद्ध का सृजन हुआ। इस युद्ध की भारतीय और पश्चिमी विद्वानों द्वारा कई भिन्न भिन्न निर्धारित की गयी तिथियाँ निम्नलिखित हैं-
किसी बहस के दौरान अपनी बात को सीधे तौर पर प्रकट करने के लिए वक्ता इन शब्दों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं क्योंकि अनौपचारिक परिवेश में प्रयुक्त अधिकांश शब्द आमतौर पर जर्मेनिक होते हैं. अधिकांश लैटिन शब्दों का प्रयोग आमतौर पर औपचारिक भाषण अथवा लेखन में होता है, जैसे की एक अदालत अथवा एक विश्वकोश लेख.[तथ्य वांछित] हालाँकि अन्य लैटिन शब्द भी हैं जिनका उपयोग आमतौर पर सामान्य बोलचाल में किया जाता है और वे ज्यादा औपचारिक भी प्रतीत नहीं होते हैं; ये शब्द मुख्यता अवधारणाओं के लिए हैं जिनका कोई जर्मेनिक शब्द अब नहीं बचा है. सन्दर्भ से इनका तालमेल बेहतर होता है और कई मामलों में ये लैटिन भी प्रतीत नहीं होते हैं. उदहारण, ये सभी शब्द लैटिन हैं: पहाड़ , तराई , नदी , चाची , चाचा , चलना , उपयोग धक्का और रहना .
(3) पूर्वी शाखा।
इस्लाम के अनुसार ईश्वर ने धरती पर मनुष्य के मार्गदर्शन के लिये समय समय पर किसी व्यक्ति को अपना दूत बनाया। यह दूत भी मनुष्य जाति में से होते थे और ईश्वर की ओर लोगों को बुलाते थे। ईश्वर इन दूतों से विभिन्न रूपों से समपर्क रखते थे। इन को इस्लाम में नबी कहते हैं। जिन नबियों को ईश्वर ने स्वयं, शास्त्र या धर्म पुस्तकें प्रदान कीं उन्हें रसूल कहते हैं। मुहम्मद साहब भी इसी कड़ी का भाग थे। उनको जो धार्मिक पुस्तक प्रदान की गयी उसका नाम कुरान है। कुरान में ईश्वर के २५ अन्य नबियों का वर्णन है। स्वयं कुरान के अनुसार ईश्वर ने इन नबियों के अलावा धरती पर और भी कई नबी भेजे हैं जिनका वर्णन कुरान में नहीं है।
क्षत्रिय एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है शासन चलाने वाला।ये हिँदू वर्ण व्यवस्था की सबसे पहली और प्रमुख जाति है।हिँदी धर्म मेँ क्षत्रिय जाति को सबसे ऊँचा माना जाता है।हिँदू समाज व्यवस्था मेँ क्षत्रियोँ का काम देश पर शासन चलाना दिया गया है। क्षत्रिय लोग बल,बुद्दि विद्या तीनोँ मेँ परांगत रहते हैँ।।क्षत्रियोँ की वजह और कुर्बानियोँ के कारण आज हमारा देश भारत विश्व पटल पर सीना ताने खड़ा है। भगवान श्री राम जी का जन्म क्षत्रिय जाति मेँ हुआ था।
तिराना का मौसम भूमध्यीय है। औसत तापमान जनवरी में २°से से लेकर जुलाई और अगस्त में ३१°से के बीच होता है। जुलाई और अगस्त सर्वाधिक शुष्क महीने भी हैं और तब प्रत्येक महीने के दौरान वर्षण केवल ३ सेमी रहता है। सर्वाधिक आद्रता वाले महीने हैं नवंबर और दिसंबर जब वर्षण औसत १९ सेमी होता है। हिमापत बहुत कम ही होता है लेकिन तिराना में शून्य से कम तापमान दर्ज किए गए हैं।
(3) मुक्तामुक्त - वह शस्त्र जो फेंककर या बिना फेंके दोनों प्रकार से प्रयोग किए जाते थे।
इतालवी विकिपीडिया विकिपीडिया का इतालवी भाषा का अवतरण है, और इसपर लेखों कि कुल संख्या ५.५ लाख+ है (स्थिति १५ अप्रैल, २००९), जो इसे विकिपीडिया का छ्टा सबसे बड़ा संस्करण बनाता है।
नक्षत्र सूची अथर्ववेद, तैत्तिरीय संहिता, शतपथ ब्राह्मण और लगध के वेदाङ्ग ज्योतिष में मिलती है।
प्रथम विश्वयुद्ध (1914-1918) में जर्मनों ने 'बिग बर्था' नामक तोप बनाई, जिससे उन्होंने पेरिस पर 75 मील की दूरी से गोले बरसाना आरंभ किया। इस तोप में कोई नया सिद्धांत नहीं था। तोप केवल पर्याप्त बड़ी और पुष्ट थी। परंतु हवाई जहाजों तथा अन्य नवीन यंत्रों के आविष्कार से ऐसी तोपें अब लुप्तप्राय हो गई हैं।
स्वास्थ्य के नियम आधारभूत ब्रह्मांडीय एकता पर निर्भर है। ब्रह्मांड एक सक्रिय इकाई है, जहाँ प्रत्येक वस्तु निरन्तर परिवर्तित होती रहती है; कुछ भी अकारण और अकस्मात् नहीं होता, और प्रत्येक कार्य का प्रयोजन और उद्देश्य हुआ करता है। स्वास्थ्य को व्यक्ति के स्व और उसके परिवेश से तालमेल के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। विकृति या रोग होने का कारण व्यक्ति के स्व का ब्रह्मांड के नियमों से ताल-मेल न होना है।
अल्लाह · अल्लाह की एकरूपतामुहम्मद · इस्लाम के पैगम्बर
कराची मैं जदीद तामीरात के हामल ख़रीदारी मराकज़ की भी कमी नहीं जन मैं पारक टावरज़, दी फ़ोरम, मलीनीम माल और डोलमीन माल ख़सोसा काबल ज़िकर हैं। इस वकत ज़ेर तामीर इटरीम माल, जमीरा माल, आई टी टावर और डोलमीन सिटी माल भी तामीरात के स़ाहकार हैं।
राम अवतार: राम ने रावण का वध किया जो रामायण में वर्णित है।
मध्यकाल में हिन्दुओं का यह विश्वास था कि करमनासा के पानी के स्पर्श से पुण्य नष्ट हो जाता है। करमनासा और उसकी सहायक नदियां चंदौली जिले में है। नदी कैभूर पहाड़ियों से निकलकर मिर्जापुर जिले से होती हुई, पहले-पहल बनारस जिले में मझवार परगने से फतहपुर गांव से घूमती है। मझवार के दक्षिण-पूरबी हिस्से में करीब १० मील चलकर करमनासा गाजीपुर की सरहद बनाती हुई परगना नरवम को जिला शाहाबाद से अलग करती है। जिले को ककरैत में छोड़ती हुई फतेहपुर से ३४ मील पर चौंसा में वह गंगा से मिल जाती है। नौबतपुर में इस नदी पर पुल है और यहीं से ग्रैंड ट्रंक रोड और गया को रेलवे लाइन जाती है।
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थोड़ी देर बाद जब मधुसूदन कहीं से जल लेकर वापस आया तो वह बुरी तरह हैरान हो उठा क्योंकि उसकी पत्नी के पास उसकी ही शक्ल-सूरत का एक दूसरा व्यक्ति बैठा था। संगीता भी मधुसूदन को देखकर हैरान रह गई। वह दोनों में कोई अंतर नहीं कर पाई।
(७) एरागुडि- यह आन्ध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में स्थित है ।
ॐ भूर्भुव: स्वः । अग्निरृषि पवमानः पाञ्चजन्यः पुरोहितः । तमीमहे महागयं स्वाहा । इदम् अग्नये पवमानाय इदं न मम॥ -ऋ०९.६६.२०
१ - एक
क़ाज़ाक़स्तान (क़ाज़ाक़: Қазақстан / Qazaqstan, रूसी:Казахстан / Kazakhstán) यूरेशिया में स्थित एक देश है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। इसकी राजधानी है अल्माती (en:Almaty)। यहां की कज़ाख़ भाषा और रूसी भाषा मुख्य- और राजभाषाएँ हैं।
जन्म
अजंता, बाघ (Bagh) एलोरा और सित्तनवासल (Sittanavasal) के गुफा चित्र और मंदिरों में बने चित्र प्रकृति से प्रेम को प्रमाणित करते हैं.सबसे पहली और मध्यकालीन कला, हिन्दू, बौद्ध या जैन है. रंगे हुए आटे से बनी एक ताजा डिजाइन (रंगोली) आज भी कई भारतीय घरों (मुख्यातक दक्षिण भारतीय घरों) के दरवाज़े पर आम तौर पर बनी हुई देखी जा सकती है.
चेन्नई एवं आस-पास का क्षेत्र पहली सदी से ही महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक, सैनिक, एवं आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रहा है। यह दक्षिण भारत के बहुत से महत्त्वपूर्ण राजवंशों यथा, पल्लव, चोल, पांड्य, एवं विजयनगर इत्यादि का केन्द्र बिन्दु रहा है। मयलापुर शहर जो अब चेन्नई शहर का हिस्सा है, पल्लवों के जमाने में एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह हुआ करता था। आधुनिक काल में पुर्तगालियों ने १५२२ में यहाँ आने के बाद एक और बंदरगाह बनाया जिसे साओ तोमे कहा गया। पुर्तगालियों ने अपना बसेरा आज के चेन्नई के उत्तर में पुलीकट नामक स्थान पर बसाया और वहीं डच इस्ट इंडिया कंपनी की नींव रखी।
त्रिभिर्वर्षे: सदोत्थायी कृष्णद्वैपायनोमुनि:। महाभारतमाख्यानं कृतवादि मुदतमम् ।। आदिपर्व - (५६/५२)
चुनार, चतरा, चांगलांग, चूड़ाचाँदपुर, चोपन, चेन्नई,चंडीगढ, चंपारण, चाईबासा, चिकमंगलूर, चिपलून, चेन्नई (पहले मद्रास), छिंदवाड़ा, जबलपुर, जमशेदपुर, जलपाईगुड़ी, जलंधर, जलगाँव, जम्मू, जयनगर, जयपुर, जलगाँव, जशपुर, जामताड़ा, जैसलमेर, जोधपुर, जोवाई, जामनगर, झरिया, झारसुगड़ा, झाँसी, झुंझुनू, चिंचवड
(3) परवर्तीकाल ( 800 ई. से लेकर 1600 ई. या अब तक का आधुनिक काल )
वैज्ञानिकों के अनुसार इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक महापिंड के विस्फोट से हुई है। सूर्य एक औसत तारा है जिसके नौ मुख्य ग्रह हैं, उनमें से पृथ्वी भी एक है। इस ब्रह्मांड में हर एक तारा सूर्य सदृश है। बहुत-से तारे तो ऐसे हैं जिनके सामने अपना सूर्य रेणु (कण) के बराबर भी नहीं ठहरता है। जैसे सूर्य के ग्रह हैं और उन सबको मिलाकर हम सौर परिवार के नाम से पुकारते हैं, उसी प्रकार हरेक तारे का अपना अपना परिवार है। बहुत से लोग समझते हैं कि सूर्य स्थिर है, लेकिन संपूर्ण सौर परिवार भी स्थानीय नक्षत्र प्रणाली के अंतर्गत प्रति सेकेंड 13 मील की गति से घूम रहा है। स्थानीय नक्षत्र प्रणाली आकाश गंगा के अंतर्गत प्रति सेकेंड 200 मील की गति से चल रही है और संपूर्ण आकाश गंगा दूरस्थ बाह्य ज्योर्तिमालाओं के अंतर्गत प्रति सेकेंड 100 मील की गति से विभिन्न दिशाओं में घूम रही है।
तैलक्षौमे चिताधूमे मिथुने क्षौरकर्मणि ।
कार्यपालिका के तीन अंग हैं - राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रिमंडल। मंत्रिमंडल का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। मंत्रिमंडल के प्रत्येक मंत्री को संसद का सदस्य होना अनिवार्य है। कार्यपालिका, व्यवस्थापिका से नीचे होता है।
- सफदर हाशमी, अप्रैल 1983
इस कार्य में आर्किमिडीज़ अपरिमित श्रृंखलाओं का उपयोग करते हैं, और दर्शाते हैं कि एक नंबर को असंख्य संख्याओं में या असंख्य छोटे छोटे भागों में तोड़ कर कैसे आयतन या क्षेत्रफल का पता लगाया जा सकता है. आर्किमिडीज़ ने माना कि इस तरीके में औपचारिक कठोरता की कमी है, इसलिए उन्होंने परिणाम पाने के लिए पूर्णता की विधि (method of exhaustion) का भी प्रयोग किया. केटल समस्या की तरह, द मेथड ऑफ़ मेकेनिकल थ्योरम को एलेगज़ेनड्रिया में इरेटोस्थेनेज को लिखे गए के पत्र के रूप में लिखा गया.
जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है। हाइकु इसकी प्रमुख काव्य विधा हॅ।
यह सबसे प्राचीनतम राजवंश था । महाभारत तथा पुराणों के अनुसार जरासंध के पिता तथा चेदिराज वसु के पुत्र ब्रहद्रथ ने ब्रहद्रथ वंश की स्थापना की । इस वंश में दस राजा हुए जिसमें ब्रहद्रथ पुत्र जरासंध एवं प्रतापी सम्राट था । जरासंध ने काशी, कौशल, चेदि, मालवा, विदेह, अंग, वंग, कलिंग, कश्मीर और गांधार राजाओं को पराजित किया । मथुरा शासक कंस ने अपनी बहन की शादी जरासंध से की तथा ब्रहद्रथ वंश की राजधानी वशुमति या गिरिव्रज या राजगृह को बनाई । भगवान श्रीकृष्ण की सहायता से पाण्डव पुत्र भीम ने जरासंध को द्वन्द युद्ध में मार दिया । उसके बाद उसके पुत्र सहदेव को शासक बनाया गया । इस वंश का अन्तिम राजा रिपुन्जय था । रिपुन्जय को उसके दरबारी मंत्री पूलिक ने मारकर अपने पुत्र को राजा बना दिया । इसके बाद एक अन्य दरबारी ‘महीय’ ने पूलिक और उसके पुत्र की हत्या कर अपने पुत्र बिम्बिसार को गद्दी पर बैठाया । ईसा पूर्व ६०० में ब्रहद्रथ वंश को समाप्त कर एक नये राजवंश की स्थापना हुई । पुराणों के अनुसार मनु के पुत्र सुद्युम्न के पुत्र का ही नाम “गया" था ।
नागपुर से 55 किमी. दूर खेकरानाला में एक खूबसूरत बांध बना हुआ है। यहां के मनोरम और शांत वातावरण में सुकून के कुछ पल गुजारने के लोग आते रहते हैं। खेकरानाला का स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण पिकनिक के लिए भी बहुत अनुकूल माना जाता है।
राय ने दो नए फॉन्ट भी बनाए — “राय रोमन” और “राय बिज़ार”। राय रोमन को १९७० में एक अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पुरस्कार मिला। कोलकाता में राय एक कुशल चित्रकार माने जाते थे। राय अपनी पुस्तकों के चित्र और मुखपृष्ठ ख़ुद ही बनाते थे और फ़िल्मों के लिए प्रचार सामग्री की रचना भी ख़ुद ही करते थे।
-- ऋग्वेद 10।86।6।
जब इन्होंने धर्म का ह्रास होते देखा तो इन्होंने वेद का व्यास अर्थात विभाग कर दिया और वेदव्यास कहलाये। वेदों का विभाग कर उन्होंने अपने शिष्य सुमन्तु, जैमिनी, पैल और वैशम्पायन तथा पुत्र शुकदेव को उनका अध्ययन कराया तथा महाभारत का उपदेश दिया। आपकी इस अलौकिक प्रतिभा के कारण आपको भगवान् का अवतार माना जाता है।
भारतीय गणतन्त्र में टिहरी राज्य का विलय अगस्त १९४९ में हुआ और टिहरी को तत्कालीन संयुक्त प्रान्त (उ.प्र.) का एक जिला घोषित किया गया। १९६२ के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठ भूमि में सीमान्त क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से सन १९६० में तीन सीमान्त जिले उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ का गठन किया गया। एक नए राज्य के रुप में उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के फलस्वरुप (उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, २०००) उत्तराखण्ड की स्थापना ९ नवंबर २००० को हुई। इसलिए इस दिन को उत्तराखण्ड में स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
5. ऐसे व्यय जिन्हें भारत की संचित निधि पे भारित घोषित करना हो
मायावती (जन्म नामः मायावती नैना कुमारी), (जन्म १५ जनवरी, १९५६) एक भारत राजनीतिज्ञ है, और उत्तर प्रदेश की वर्तमान मुख्यमन्त्री है। वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता है। २००७ के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों मे इनकी पार्टी ने राज्य में पूर्ण बहुमत प्राप्त किया है और उसके बाद इन्होने मुख्यमंत्री का कार्यभार ग्रहण किया है। मायावती इससे पहले भी तीन बार छोटे कार्यकाल के लिए उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री रह चुकी हैं, १९९५ और १९९७ में, और भारतीय जनता पार्टी के समर्थन के साथ २००२ से २००३ तक। मायावती पहली दलित महिला हैं जो भारत के किसी राज्य की मुख्यमन्त्री बनीं हैं।[२].
Parking lot
पहला तरीका अधिक सुविधाजनक रहता है।
यद्यपि गांधीजी का स्वराज का सपना पूरी तरह से प्राप्त नहीं किया जा सका फिर भी उनके द्वारा स्थापित अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं ने इस दिशा में काफी प्रयास किये।
The entire park lies at an elevation of more than ३,५०० मी. (११,५०० फुट) above mean sea level.
वाचान्तर-राजभाषा सी-डैक द्वारा विकसित एक वाक से पाठ अनुवादक तन्त्र है। यह अंग्रेजी ध्वनि को इनपुट के तौर पर लेता है तथा हिन्दी पाठ में आउटपुट देता है। यह कार्य आन्तरिक रूप से दो चरणों में होता है, पहले वाक से पाठ इञ्जन अंग्रेजी ध्वनि को अंग्रेजी पाठ में बदलता है फिर मशीनी अनुवादक तन्त्र मन्त्र-राजभाषा उसका हिन्दी पाठ में अनुवाद करता है।
वेह माता पिता जो शिक्षा के किसी भी दीर्घकालिक लाभ कि उपेक्षा अल्पावधि में बच्चों से पैसा बनाने कि उम्मीद करते है, उन के कारणवश आर्थिक दबाव होता है बाल श्रम और गरीबी पर फिल्हाली अध्ययन यह दर्शाते है की जब गरीब परिवार बुनियादी जरूरतों की पूर्ति की एक निश्चित सीमा पहुँच जाए तो माता पिता अपने बच्चों को पाठशाला में दाखिल कर देते हैं एक बार दहलीज पार कर दी गई तो यह पाया गया है कि यह एक सच्चाई है, बावजूद इसके कि इस बीच इसी बाल श्रम के संभावित आर्थिक मूल्य में वृद्धि हुई है अन्य समान व्यवसायों (profession) के अपक्षा शिक्षकों को कम भुगतान मिलता है
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कूडियट्टम् में संस्कृत आधारित नाटकों का एक रंगमंच है, जहां भास के नाटक खेले जाते हैं। महान कूडियट्टम कलाकार और नाट्य शास्त्र के विद्वान स्वर्गीय नाट्याचार्य विदुषकरत्तनम पद्मश्री गुरू मणि माधव चक्यार ने कालिदास के नाटकों के मंचन की शुरूआत की। कालिदास को लोकप्रिय बनाने में दक्षिण भारतीय भाषाओं के फिल्मों का भी काफी योगदान है। कन्नड़ भाषा की फिल्मों कविरत्न कालिदास और महाकवि कालिदास ने कालिदास के जीवन को काफी लोकप्रिय बनाया। इन फिल्मों में स्पेशल इफेक्ट और संगीत का बखूबी उपयोग किया गया था। वी शांताराम ने शकुंतला पर आधारित फिल्म बनायी थी। ये फिल्म इतनी प्रभावशाली थी कि इसपर आधारित अनेक भाषाओं में कई फिल्में बनाई गई।
एक बर्तन में पनीर, मि‍ल्‍क पावडर, शक्कर, मलाई, आधा चम्‍मच इलायची पावडर का मि‍श्रण तैयार कर उसी हलकी आँच पर रख दें। उसके बाद १०-१५ मि‍नट तक मि‍श्रण के गाढ़ा होने तक हि‍लाते रहें। अब उसे डि‍श में ले लें।ठंडा होने पर उसे बरफी के आकार में काटें। बाद में बादाम के लंबे कटे बारीक टुकड़ों से इसे सजाएँ।
(1) पैमाने के आधार पर 1:50,000; 1:25,000 1:5,000; 1:1,000 सर्वेक्षण (इस प्रकार से बताए पैमाने का अर्थ है कि मानचित्र पर एक इकाई लंबी रेखा भूमि पर क्रमश: 50,000; 25,000; 5,000 1,000 इकाई लंबाई के बराबर होग),
Jo Juma'a Ko Sar Me Kanghi Karta He Allah Pak Use Farhato Nushahat Se Navazta He. www.smsgupshup.com/groups/CHAL _MADINA
पोरो प्रिज्म तथा रूफ प्रिज्म वाली दूरबीनें जो एब्बे-कोनिग रूफ प्रिज़्म का प्रयोग करती हैं, इन्हें डाई-इलेक्ट्रिक कोटिंग का प्रयोग नहीं करना पड़ता क्योंकि ये प्रिज्म सम्पूर्ण आतंरिक परावर्तन का प्रयोग करते हुए अति उच्च परावर्तनीयता प्राप्त कर लेते हैं.
राष्ट्र की आधे से अधिक आय कृषि से होती है। डैन्यूब नदी के मैदानों में मक्का, गेहूँ, जौ, राई आदि अनाजों के अतिरिक्त आलू, चुकंदर प्यास और सन भी उगाए जाते हैं। चुकंदर से चीनी बनाई जाती है। यहाँ अच्छे फल भी उगते हैं। अंगूर से एक विशिष्ट प्रकार की शराब टोके (Tokay) बनाई जाती है। मैदानों में चरागाह हैं जहाँ हिरण, सूअर और खरगोश आदि पशु पाले जाते हैं। पैप्ररीका (paprika) नामक मिर्च होती है। यहाँ के वनों में चौड़े पत्तेवाले पेड़, ओक, बीच, ऐश तथा चेस्टनट पाए जाते हैं।
बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ तक इतिहासकारों की यह मान्यता थी कि वैदिक सभ्यता भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता है । परन्तु सर दयाराम साहनी के नेतृत्व में १९२१ में जब हड़प्पा (पंजाब के मान्टगोमरी जिले में स्थित) की खुदाई हुई तब इस बात का पता चला कि भारत की सबसे पुरानी सभ्यता वैदिक नहीं वरन सिन्धु घाटी की सभ्यता है ।अगले साल अर्थात १९२२ में राखालदास बनर्जी के नेतृत्व में मोहनजोदड़ो ( सिन्ध के लरकाना जिले में स्थित ) की खुदाई हुई । हड़प्पा टीले के बारे में सबसे पहले चार्ल्स मैसन ने १९२६ में उल्लेख किया था । मोहनजोदड़ो को सिन्धी भाषा में मृतकों का टीला कहा जाता है । १९२२ में राखालदास बनर्जी ने और इसके बाद १९२२ से १९३० तक सर जॉन मार्शल के निर्देशन में यहां उत्खनन कार्य करवाया गया ।
साँचा:India topics
यह पार्क केरल में इस तरह का एकमात्र पार्क है। सांपों के लिए यहां तीन गर्त हैं। 15 शीशों का केस सांपों के लिए है और दो विशाल विशाल ग्लास हाउस किंग कोबरा के लिए यहां हैं। हर घंटे यहां सापों की प्रदर्शनी लगती है जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं। यह पार्क प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।
द्वारिका शब्द में द्वार का अर्थ है- साधन, उपाय या प्रवेश मार्ग। समुद्र व्यक्तित्व के गहरे तल- आत्म क्षेत्र को इंगित करता है। अतः आत्म क्षेत्र का प्रवेश द्वार है द्वारिका। इस क्षेत्र में चेतना का प्रवेश होने पर जीवन जीने का जैसा स्वरूप होगा, उसका निरूपण द्वारिका पर श्रीकृष्ण राज्य के रूप में किया गया है। इस क्षेत्र का परिचय हमें महाभारत में श्रीकृष्ण के लोकहितार्थ और धर्मस्थापनार्थ किए गए कार्यों द्वारा तथा गीता के अंतर्गत उनकी वाणी द्वारा कराया गया है। सारांश यह कि व्यक्ति भी संकल्प करे तो उसकी चेतना भी कृष्ण सम विकसित हो सकती है। श्रीकृष्ण जिनका नाम है , गोकुल जिनका धाम है! ऐसे श्री भग्वान को बरम्बार प्रनाम है !!!!
—बजट प्रक्रिया का ही भाग है केवल लोकसभा मे प्रस्तुत किया जाता है ये वे उपकरण है जो लोकसभा सदस्य कार्यपालिका पे नियंत्रण हेतु उपयोग लाते है ये अनुदानॉ मे कटौती कर सकते है इसके तीन प्रकार है
वर्धा नदी - भारत में मध्य प्रदेश राज्य के मध्य सतपुड़ा पर्वतश्रेणी से नागपुर नगर से 70 मील उत्तर-पश्चिम से निकलती है। मुख्यत: दक्षिण-पूर्व दिशा में यह महाराष्ट्र राज्य से होकर महाराष्ट्र-आंध्र प्रदेश सीमा पर, चाँदा जिले (महाराष्ट्र राज्य) के सिवनी स्थान पर, वेनगंगा नदी से मिलती है। इन दोनों के संगम के बाद नदी का नाम प्राणहिता हो जाता है, जो गोदावरी नदी की सहायक नदी है। वर्धा नदी की मुख्य सहायक नदी पेनगंगा है। यह नदी एक कपास उत्पादक क्षेत्र के मध्य से बहती है। वर्धा नदी की कुल लंबाई 290 मील है।
सत्रॉ का आयोजन राष्ट्रपति की विज्ञप्ति से होता है
अफ़ग़ानिस्तान चारों ओर से ज़मीन से घिरा हुआ है और इसकी सबसे बड़ी सीमा पूर्व की ओर पाकिस्तान से लगी है। इसे डूरंड रेखा भी कहते हैं। केन्द्रीय तथा उत्तरपूर्व की दिशा में पर्वतमालाएँ हैं जो उत्तरपूर्व में ताजिकिस्ताऩ स्थित हिन्दूकुश पर्वतों का विस्तार हैं। अक्सर तापमान का दैनिक अन्तरण अधिक होता है।
उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यान के ये एक महामार है। उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण के संक्रमण के तीन मुख्य कारण हैं - यौन द्वारा, रक्त द्वारा तथा माँ-शिशु संक्रमण द्वारा। राष्ट्रीय उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण नियंत्रण कार्यक्रम और [१] संयुक्त राष्ट्रसंघ उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण] दोनों ही यह मानते हैं कि भारत में ८० से ८५ प्रतिशत संक्रमण असुरक्षित विषमलिंगी/विषमलैंगिक यौन संबंधों से फैल रहा है[१]। माना जाता है कि सबसे पहले इस रोग का विषाणु: मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु, अफ्रीका के खास प्राजाति की बंदर में पाया गया और वहीं से ये पूरी दुनिया में फैला। अभी तक इसे लाइलाज माना जाता है लेकिन दुनिया भर में इसका इलाज पर शोधकार्य चल रहे हैं। १९८१ में उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण की खोज से अब तक इससे लगभग २ १/२ करोड़ लोग जान गंवा बैठे हैं।
राज्यपाल उन सभी विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग भी करता है जो राष्ट्रपति को मिलती है इसके अलावा वो इन अतिरिक्त शक्तियों का प्रयोग भी करता है
किसी भी समय पर संचिका का एक आकार होगा, आमतौर पर यह बाइटों में अभिव्यक्त किया जाता है, और यह दर्शाता है कि इस संचिका ने भंडार में कितनी जगह घेरी हुई है। अधिकतर आधुनिक प्रचालन प्रणालियों में यह आकार कोई भी अऋणात्मक पूर्णांक हो सकता है, लेकिन प्रणाली के अनुसार इसकी अधिकतम सीमा होगी। लेकिन संचिका की साधारण परिभाषा यह लाज़िमी नहीं ठहराती है कि उसके मौजूदा आकार का कोई वास्तविक अर्थ हो, सिवाय उस मामले में जब संचिका की सामग्री, एक दृढ संग्रह के समूह के अंदर की कुछ सामग्री हो।
कई बार टाइपकर्ता दशमलव चिह्न (.) के स्थान पर उससे मिलते जुलते चिह्न फुलस्टॉप () को टाइप कर देते हैं जो कि सर्वथा अशुद्ध है। इन दोनों का अन्तर देखना हो तो दोनों को किसी वर्ड प्रोसैसर में टाइप कर फॉण्ट साइज बहुत बड़ा करके देखें।
रविर्विरोचनः सूर्यः सविता रविलोचनः ।।(९४)
अध्याय १३ क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग
संविधान (constitution) , किसी संस्था को प्रचालित करने के लिये बनाया हुआ संहिता (दस्तावेज) है। यह प्रायः लिखित रूप में होता है। यह वह विधि है जो किसी राष्ट्र के शासन का आधार है; उसके चरित्र , संगठन , को निर्धारित करती है तथा उसके प्रयोग विधि को बताती है , यह राष्ट्र की परम विधि है तथा विशेष वैधानिक स्तिथि का उपभोग करती हैविशेष वैधानिक स्तिथि का लाभ - यह क़ानून सीधे जनता से अपनी सत्ता प्राप्त करता है
धूमकेतू के तीन मुख्य भाग होते है -
यह विभाजन किसी प्रवृत्ति की सापेक्षिक अधिकता को देखकर किया गया है।
हिन्दी लेखक
Bydgoszcz
ईस्ट इंडिया कम्पनी ने रॉबर्ट क्लाईव के नेतृत्व में सन १७५७ में प्लासी का युद्ध जीता। युद्ध के बाद हुई संधि में अंग्रेजों को बंगाल में कर मुक्त व्यापार का अधिकार मिल गया। सन १७६४ में बक्सर का युद्ध जीतने के बाद अंग्रेजों का बंगाल पर पूरी तरह से अधिकार हो गया। इन दो युद्धों में हुई जीत ने अंग्रेजों की ताकत को बहुत बढ़ा दिया, और उनकी सैन्य क्षमता को परम्परागत भारतीय सैन्य क्षमता से श्रेष्ठ सिद्ध कर दिया। कंपनी ने इसके बाद सारे भारत पर अपना प्रभाव फैलाना आरंभ कर दिया।
एक रजलोक होता है, एक देवता द्वारा छः मास तक2,057,152 योजन प्रति समय (लगभग. 2,047,540,985,856,000 किलोमीटर या 216.5 प्रकाश वर्ष). इसे १००० भार की लौह गेंद को छः मास मुक्त गति से स्वर्ग, इंद्र के गॄह से गिराया जाये, तो उससे तय हुई दूरी के बराबर भी माना जा सकता है। सात रज्जु = एक जगश्रेणी
चिंगड़ी माछेर कोफ्ता एक बंगाली व्यंजन है।
जोगेश्वरी, मुंबई का एक उप-क्षेत्र है। यह मुंबई उपनगरीय रेलवे का एक स्टेशन भी है।
येरावली- इसकी रचना जैन लेखक मेरुतुंग ने की थी । इसमें उज्जयिनी के शासकों की वंशावली है तथा पुष्यमित्र के बारे में उल्लेख किया गया है कि उसने ३६ वर्षों तक शासन किया था ।
पाँचवीं और छठी सदी में ब्रिटेन के द्वीपों पर उत्तर की ओर से एंगल और सेक्सन क़बीलों ने हमला किया था और उन्होंने केल्टिक भाषाएँ बोलने वाले स्थानीय लोगों को स्कॉटलैंड, आयरलैंड और वेल्स की ओर धकेल दिया था।
गोविन्दगुप्त का विद्रोह- यह स्कन्दगुप्त का छोटा चाचा था, जो मालवा के गवर्नर पद पर नियुक्‍त था । इसने स्कन्दगुप्त के विरुद्ध विद्रोह कर दिया । स्कन्दगुप्त ने इस विद्रोह का दमन किया ।
बुने हुए धागे (टेक्सराइज़्ड यार्न्स) एयर टेक्सराइजजिंग प्रक्रिया द्वारा बनाए जाते हैं (कभी कभी तस्लानिज़िंग (taslanizing) के रूप में संदर्भित किया जाता है), जो एकाधिक तंतु धागों को कते हुए धागों की कुछ विशेषताओं सहित एक साथ जोड़ती है.
एजेंसियाँ
राजस्थान में बांसवाड़ा से लगभग 14 किलोमीटर दूर तलवाड़ा ग्राम से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर ऊंची रौल श्रृखलाओं के नीचे सघन हरियाली की गोद में उमराई के छोटे से ग्राम में माताबाढ़ी में प्रतिष्ठित है मां त्रिपुरा सुंदरी। कहा जाता है कि मंदिर के आस-पास पहले कभी तीन दुर्ग थे। शक्तिपुरी, शिवपुरी तथा विष्णुपुरी नामक इन तीन पुरियों में स्थित होने के कारण देवी का नाम त्रिपुरा सुन्दरी पड़ा।
रसगुल्ला एक भारतीय मिठाई है।रसगुल्ला एक प्रकार का पकवान है जो छेना तथा चीनी से बनाया जाता है ।
विप्र सहकारी मुद्रणालय मर्यादित
एकीकरण एक दूसरा महत्वपूर्ण मसला है जहां अक्सर माना जाता है कि राष्ट्रीय भावनायें अक्सर यूरोपीय संघ के बृहत उद्देश्यों से टकराहट मोल लेती रहती है। विभिन्न राष्ट्रों के बीच समन्वय का लक्ष्य अक्सर राष्ट्रीय शक्तियों को यूरोपीय संघ में विलयित करने को बाध्य करता है जिसकी आलोचना अक्सर यूरोस्केपिस्ट लोगों द्वारा संप्रभुता खोने का डर दिखाकर की जाती रहती है।[४६] सन २००४ में राष्ट्रीय नेताओं एवं यूरोपीय संघ के अधिकारियों द्वारा एक साझा यूरोपीय संविधान पर सहमति बनायी गयी थी लेकिन इसे दो सदस्य राष्ट्रों के जनमत सर्वेक्षण में खारिज कर दिये जाने के कारण लागू नहीं किया गया क्योंकि उन्हें डर था कि अन्य देशों में भी इसे खारिज कर दिया जाएगा। बाद में अक्तूबर २००७ में लिस्बन समझौते के बाद एक नया संविधान बनाया गया जिसमें ज्यादातर पुराने नियमों एवं प्रावधानों को ही रखा गया।
संगणक पर, संचिकाओँ को बनाना, बदलना, बढ़ाना, छोटा करना, स्थानांतरित करना, और मिटाना संभव है। अधिकतर मामलों में, संगणक कार्यक्रमों को संगणक पर चला कर यह सब किया जाता है, पर ज़रूरत हो तो संगणक का प्रयोक्ता भी संचिकाओं में बदलाव कर सकता है। उदाहरण के लिए, माइक्रोसफ़्ट वर्ड की संचिकाएँ आमतौर पर प्रयोक्ता के निर्देशों के आधार पर माइक्रोसाफ़्ट वर्ड कार्यक्रम द्वारा बनाई जाती हैं, लेकिन प्रयोक्ता इन संचिकाओं को सीधे ही विंडोज़ एक्स्प्लोरर जैसे किसी संचिका प्रबंधक कार्यक्रम के जरिए भी हटा, मिटा या स्थानांतिरित कर सकता है।
तीसरी संगीति बुद्धनिर्वाण के 226 वर्ष पश्चात् सम्राट् अशोक के राज्यकाल में पाटलिपुत्र में हुई। इसकी अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्स ने की। यह सम्मेलन नौ मास तक चला और उसमें बुद्धवचनों को अंतिम स्वरूप दिया गया। इसी बीच मोग्गलिपुत्त तिस्स ने कथावत्यु की रचना की जिसमें 18 मिथ्यादृष्टि बौद्ध संश्दायों की मान्यताओं का निराकरण किया। इस रचना को भी अभिधम्मपिटक में सम्मिलित कर लिया गया। इस संगीति का उल्लेख चुल्लवग्ग में नहीं है और न तिब्बती या चीनी महायान संप्रदाय के सहित्य में।
त्रिंकोन्माली जिला श्रीलंका का जिला है।इस जिले का मुख्यालय ट्रिंकोमाली है इस जिले का कुल क्षेत्रफल 2,727 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले की जनसंख्या 395,000 (गणना वर्ष २००६ अनुसार) हैइस जिले के नाम का लघुरूप TRI है।
सन 629 में उसे एक स्वप्न में भारत जाने की प्रेरणा मिली। उसी समय तंग वंश और तुर्कों का युद्ध चल रहे थे। इस कार्ण राजा ने विदेश यात्राएं निषेध कर रखीं थीं। इसने कुछ बौद्ध रक्षकों से प्रार्थना करके लियांगज़ाउ और किंघाई प्रांत होते हुए तंग राज्य से पलायन किया। फ़िर इसने गोबी मरुस्थ होते हुए कुमुल, तियान शान पश्चिम दिशा में, हो कर तुर्फान पहुंचा। यह सन 630 की बात है। वहां के बौद्ध राजा ने इसे आगे की यात्रा हेतु सशस्त्र किया। उसने इसे कई परिचय हेतु पत्र भी दिये। फिर यह डाकुओं के साथ यांकी और थेरवाडा मठ होते हुएकुचा पहुंचा। वहां से पूर्वोत्तर होने से पहले आक्रु से गुजरा। फिर किर्घिस्तान के तियान शान दर्रे से होते हुए तोकमक, उज़्बेकिस्तान होकर महान खान से मिला। फिर वह पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में ताश्कंत में चे-शिह (वर्तमान राजधानी) पहुंचा। फिर और पश्चिम में मरुस्थल के बाद समरकंद पहुंचा, जो फारस के बादशाह के अधीन था। वहां वे बौद्ध खंडहरों में घूमे। उसने स्थानीय राजा को भी अपनी शिक्षाओं से प्रभावित किया। फिर और दक्षिण में इसने प्रसिद्ध पामीर पर्वतमाला को पार किया, और अमु दरिया और तर्मेज़ पहुंचा। वहां इसे हज़ार से अधिक बौद्ध बिक्षु मिले। वहां से कुण्डूज़ पहुंचा, और वहां के राजकुमार की अन्त्येष्टि देखी। वहीं उसकी मुलाकात भिक्षु धर्मसिंह से हुई। उसके बताने प[अर उसने बलख की यात्रा की, और वहां अनेकों बौद्ध स्थल देखे। इनमें खास था नव विहार, या नवबहार; जिसे पश्चिमतम बौद्ध मठ कहा गय। वहां उसे लगभग 3000 भिक्षु मिले, जिनमें प्रज्ञानाकर भी थे। यहीं इसने महत्वपूर्ण महाविभाष पाठ्य देखा, जिसे बाअद में चीनी में अनुवाद भी किया था। फ़िर दक्षिण में बामियान आये, जहां इसकी राजा से भेंट हुई और इसने दर थरवडा मठ और दो बड़े मठ भी देखे। फिर पूर्व में शिबर दर्रे को पार कर कापिसी पहुंचे, जो काबुल से साथ कि,मी, दूर है। यहां महायन के सौ मठ थे, और 6000 भिक्षु थे। यह गांधार प्रदेश था। इस यात्रा में इसे हिन्दू और जैन भी मिले। फिर यह जलालाबाद और लघमन आया। यहां आकर इसको सन्तोष हुआ कि वह भारत पहुंच गया है। यह सन 630 की बात है।
अधिकांश ग्रीष्मकालीन मॉनसूनों में प्रबल पश्चिमी घटक होते हैं और साथ ही विपुल मात्रा में प्रबल वर्षा की प्रवृत्ति भी होती है। इसका कारण ऊपर उठने वाली वायु में जल-वाष्प की प्रचुर मात्रा होती है। हालांकि इनकी तीव्रता और अवधि प्रत्येक वर्ष में समान नहीं होती है। इसके विपरीत शीतकालीन मॉनसूनों में प्रबल पूर्वी घटक होते हैं, साथ ही फैलने और उतर जाने तथा सूखा करने की प्रवृत्ति होती है। [७]
१२. थॉट पावर : इट्स कण्ट्रोल ऐण्ड कल्चर - १९०१
मुंबई भारतीय चलचित्र का जन्मस्थान है। [६४]—दादा साहेब फाल्के ने यहां मूक चलचित्र के द्वारा इस उद्योग की स्थापना की थी। इसके भाद ही यहां मराठी चलचित्र का भी श्रीगणेश हुआ था। तब आरंभिक बीसवीं शताब्दी में यहां सबसे पुरानी फिल्म प्रसारित हुयी थी।[६५] मुंबई में बड़ी संख्या में सिनेमा हॉल भी हैं, जो हिन्दी, मराठी और अंग्रेज़ी फिल्में दिखाते हैं। विश्व में सबसे बड़ा IMAX डोम रंगमंच भी मुंबई में वडाला में ही स्थित है।[६६]मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव[६७] और फिल्मफेयर पुरस्कार की वितरण कार्यक्रम सभा मुंबाई में ही आयोजित होती हैं।[६८] हालांकि मुंबई के ब्रिटिश काल में स्थापित अधिकांश रंगमंच समूह १९५० के बाद भंग हो चुके हैं, फिर भी मुंबई में एक समृद्ध रंगमंच संस्कृति विकसित हुयी हुई है। ये मराठी और अंग्रेज़ी, तीनों भाषाओं के अलावा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी विकसित है।[६९][७०]
श्री अशोक माहेश्वरी
चेक पश्चिमी स्लावोनिक समुदाय की हैं और एक दूसरे से अत्यंत मिलती जुलती हैं। चेक भाषा बोहीमिया और मोराविया प्रांतों में और स्लोवाक भाषा स्लोवाकिया नामक प्रांत में बोली जाती है।
अक्षरग्राम नेटवर्क की विविध सेवाएँ:-
चाणक्य का इरादा यूनानी क्षत्रपों तथा फ़ारसी और उनके सहयोगी सेनाओं की मदत से धनानंद पर धावा बोल देना था । इसके बाद भारत भर में जासूसों (गुप्तचर) का एक जाल सा बिछा दिया गया जिससे राजा के खिलाफ गद्दारी इत्यादि की गुप्त सूचना एकत्र करने में किया जाता था - यह भारत में शायद अभूतपूर्व था । एक बार ऐसा हो जाने के बाद उसने चन्द्रगुप्त को यूनानी क्षत्रपों को मार भगाने के लिए तैयार किया । इस कार्य में उसे गुप्तचरों के विस्तृत जाल से मदत मिली । मगध के आक्रमण में चाणक्य ने मगध में गृहयुद्ध को उकसाया । उसके गुप्तचरों ने नन्द के अधिकारियों को रिश्वत देकर उन्हे अपने पक्ष में कर लिया । इसके बाद नन्द शासक ने अपना पद छोड़ दिया और चाणक्य को विजयश्री प्राप्त हुई । नन्द को निर्वासित जीवन जीना पड़ा जिसके बाद उसका क्या हुआ ये अज्ञात है । चन्द्रगुप्त मौर्य ने जनता का विश्वास भी जीता और इसके साथ उसको सत्ता का अधिकार भी मिला ।
भारतीय जनता पार्टी ने नतृत्व में बहुप्रतीक्षित परिवर्तनों की शुरुआत करते हुए लालकृष्ण आडवाणी की जगह सुषमा स्वराज को लोकसभा में नया नेता प्रतिपक्ष बनाने की घोषणा की है.
इनके पिता ने जवानी में ही गृहस्थ का परित्याग कर संन्यास ग्रहण कर लिया था परंतु गुरु आदेश से उन्हें फिर से गृहस्थ-जीवन शुरु करना पड़ा। इस घटना को समाज ने मान्यता नहीं दी और इन्हें समाज से बहिष्कृत होना पड़ा। ज्ञानेश्वर के माता-पिता से यह अपमान सहन नहीं हुआ और बालक ज्ञानेश्वर के सिर से उनके माता-पिता का साया सदा के लिए उठ गया।
ग्रोरनरग्रेट- फिर ग्रोरनरग्रेट जिसे अल्पाइन का स्वर्ग कहते हैं की खूबसूरती जरूर निहारिए। सर्दियों में बर्फ से ढके रहने वाला यह ग्लेशियर गर्मियों में फूलों की घाटी में बदल जाता है। म्यूजिक लवर्स के लिए रिगी फोलकरोले का सफर बेहद यादगार रहेगा। हर जुलाई में यहाँ स्विज सरकार म्यूजिक प्ले करवाती है। जिसमें सात घंटे तक लगातार लाइव कांसर्ट होते हैं।
जयनगर मजिलपुर कोलकाता का एक क्षेत्र है। यह कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डवलपमेंट अथॉरिटी के अधीन आता है।
प्रथम समिति- उद्योग शिल्पों का निरीक्षण करता था ।
इतिहासविदों का मानना है कि झारखंड की विशिष्ट भू-स्थैतिक संरचना, अलग सांस्कृतिक पहचान इत्यादि को झारखंड क्षेत्र को मगध साम्राज्य से पहले से भी एक अलग इकाई के रूप में चिन्हित किया जाता रहा। किंवदंतियों के अनुसार तेरहवीं सदी में उड़ीसा के राजा जयसिंह देव को इस प्रदेश के लोग अपना राजा मानते थे। झारखंड के प्रारंभिक इतिहास में इस राजवंश की काफी प्रभावशाली भूमिका रही है। इससे पूर्व इस क्षेत्र में मुख्य रूप से कबिलाई सरदारों का बोलबाला रहा करता था लेकिन काफी क्षेत्रों में निरंकुशता एवं उनकी मनमानी की वजह से लोगों ने यहाँ से बाहर के रजवाड़ों से मदद की अपील की जिन्हें उस समय न्यायिक दृष्टि से काफी हद तक निष्पक्ष माना जाता था। इस तरह पहली बार इस क्षेत्र में बाहरी लोगों का हस्तक्षेप शुरु हुआ जब उड़ीसा एवं अन्य क्षेत्रों के राजाओं ने अपनी सेना के साथ यहाँ दखल देना शुरु किया। कुछ अच्छे कबिलाई सरदार जिनका काम अच्छा था एवं जिनका प्रजा से अच्छा संबंध था उनका प्रभाव इस क्षेत्र में बाद तक कायम रहा, जिनमें मुख्य रुप से बहुत से मुंडा सरदार थे और आज भी बहुत से ईलाकों में ये काफी प्रभावशाली हैं। (देखें: मुंडा मानकी प्रथा)। बाद में मुगल सल्तनत के दौरान झारखंड को कुकरा प्रदेश के नाम से जाना जाता था। 1765 के बाद यह ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन हो गया। ब्रिटिश दासता के अधीन यहाँ काफी अत्याचार हुए और अन्य प्रदेशों से आनेवाले लोगों का काफी दबदबा हो गया था। इस कालखंड में इस प्रदेश में ब्रिटिशों के खिलाफ बहुत से विद्रोह हुए जिसे आदिवासी विद्रोहों के नाम से सामूहिक रूप से जाना जाता है, इनमें से कुछ प्रमुख विद्रोह थे:-
पर सहज आनंद और गौरव का अनुभव किया महान उपन्यासकार अमृतलाल नागर ने, जिन्होंने न सिर्फ पीठ ठोंकी, वरन पहले उपन्यास की कमियाँ भी बताईं और खुले दिल से आगे बढ़ने का आर्शीवाद भी दिया :
रहा है
4. इनके निर्णय के खिलाफ अपील नहीं ला सकते हैआलोचनाएँ 1. ये नियमित अंतराल से काम नहीं करती है
अंततः गणेशजी को विवश होकर उकी बात माननी पड़ी। अपने भक्तों का मन रखने के लिए वे एक दुर्बल गाय का रूप धारण करके ऋषि गौतम के खेत में जाकर रहने लगे। गाय को फसल चरते देखकर ऋषि बड़ी नरमी के साथ हाथ में तृण लेकर उसे हाँकने के लिए लपके। उन तृणों का स्पर्श होते ही वह गाय वहीं मरकर गिर पड़ी। अब तो बड़ा हाहाकार मचा।
इसी समय मुकेश को राज कपूर के गानों से ख्याति मिल रही थी तो रफी शहीद, दुलारी, मेला तथा बैजू बावरा के गानों से लोकप्रिय हो रहे थे। सेट पर धूम्रपान करने की आदत की वजह से नौशाद ने तलत को नजरअंदाज करना शुरु किया पर दूसरे संगीतकार तलत से कुछ न कुछ गवाते रहे और पचास के दशक के पूर्वार्ध में तलत की आवाज गूंजती रही ।
ऋष्यमूक रामायणकाल के एक पर्वत का नाम है।
टाटा स्काई एक संयुक्त उद्यम है जिसमे ८०% भागीदारी टाटा समूह की है जबकि २०% हिस्सेदारी स्टार टीवी की है[२] | टाटा स्काई २००६ में शुरू की गयी और वर्तमान समय में इसमें १४० से भी ज्यादा चैनल उपलब्ध करता है | कंपनी प्रसारण के लिए ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कंपनी स्काई का बैंड इस्तेमाल करता है |
यमन (अरबी भाषा: اليَمَن अल-यमन), आधिकारिक तौर पर यमन गणराज्य (अरबी भाषा: الجمهورية اليمنية अल-जम्हूरिया अल-यमन) मध्यपूर्व एशिया का एक देश है, जो अरब प्रायद्वीप में दक्षिण पश्चिम में स्थित है। 2 करोड़ की वाली आबादी वाले देश यमन की सीमा उत्तर में सऊदी अरब, पश्चिम में लाल सागर, दक्षिण में अरब सागर और अदन की खाड़ी, और पूर्व में ओमान से मिलती है। यमन की भौगोलिक सीमा में लगभग 200 से ज्यादा द्वीप भी शामिल हैं, जिनमें सोकोत्रा द्वीप सबसे बड़ा है।
भगवान, राजकुमार और पितृदेश के लिए
यह उत्तरवर्ती (स्थानीय) ढांचा विशिष्ट रूप से बारह ज्योतिष घरों (astrological houses) में विभाजित किया गया है.इसके अलावा, ये ज्योतिष के विभिन्न पहलु (astrological aspects) ज्यामितीय/कोणीय और विभिन्न खगोलीय पिंडों और कोणों के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है.
== == जिला आँकड़े
आकाशवाणी संसाधन में वर्ष 2006-07 के दौरान लगभग 35.50 करोड़ रु. का राजस्‍व अर्जित किया गया है।
कड़ी शीर्षककृत्रिम बुद्धि का अर्थ संगणक में अर्पित बुद्धि है। मानव सोचने-विश्लेषण करने व याद रखने का काम भी अपने दिमाग के स्थान पर यन्त्र कम्प्यूटरसे कराना चाहता है।
भारत में इस्लाम का आगमन तो अरब व्यापारी ७वीं सदी में ही ले आये थे।[१७] लेकिन भारत में प्रारंभिक मुस्लिम सुल्तानों का आना १०वीं सदी में ही हुआ। अब तक आधिकारिक रूप से इन सुलतानों का इस्लामी खलीफाओं से कोई संबंध नहीं था। इसलिये इन सभी ने अपनी अपनी समझ के हिसाब से हिन्दू धर्म कि ओर अपना रवैया अपनाया। शुरु में कुछ मुस्लिम सुल्तानों ने हिन्दू धर्म कि कच्ची समझ के कारण उसे पुराने अरब के बहुदेववाद के साथ जोड़ा।[१८] १०वीं सदी तक दोनों धर्मों के अनुयायियों के बीच के सतही मतभेदों ने एक धार्मिक मनमुटाव की भावना थी। धीरे धीरे यह भावना लुप्त हो गयी।[१९] सूफी संतों और भक्ती आंदोलन ने इस मनमुटाव को दूर करने में बहुत अहम भूमिका निभाई।
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य भविष्य में होगा वह भविष्यत काल कहलाता है। जैसे -
तेरे अंदर भरा हुआ है
पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले, और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ।
संपादित ग्रंथों में हिंदी शब्दसागर, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, भ्रमरगीत सार [४], सूर, तुलसी जायसी ग्रंथावली उल्लेखनीय है।
आधुनिक समय में, "स्पार्टन" (स्पार्ती) विशेषण का प्रयोग सादगी, मितव्ययिता अथवा विलासिता एवं आराम से परहेज़ के अर्थ में किया जाता है. संक्षिप्त वाक्यांश लैकोनिक बोलचाल के शुद्ध एवं संक्षिप्त तरीके को जो स्पार्तियों का विशेष गुण था, का वर्णन करता है.
पहला हवाई बम ऑस्ट्रेलियाइयों द्वारा 1849 में वेनिस के घेरे में इस्तेमाल किया गया था. दो सौ मानव रहित गुब्बारे छोटे बमों को लादे हुए थे, वास्तव में कुछ वेनिस पर फूटे.[५]
प्रभाकर वर्धन के बड़े पुत्र राज्यवर्धन ने शीघ्र ही देवगुप्त पर आक्रमण करके उसे मार डाल्श ।
गांधी जी के दूसरे नंबर पर बैठे जवाहरलाल नेहरू की पार्टी के कुछ सदस्यों तथा कुछ अन्य राजनैतिक भारतीय दलों ने आलोचना की जो अंग्रेजों के पक्ष तथा विपक्ष दोनों में ही विश्‍वास रखते थे। कुछ का मानना था कि अपने जीवन काल में अथवा मौत के संघर्ष में अंग्रेजों का विरोध करना एक नश्वर कार्य है जबकि कुछ मानते थे कि गांधी जी पर्याप्त कोशिश नहीं कर रहे हैं। भारत छोड़ो इस संघर्ष का सर्वाधिक शक्तिशाली आंदोलन बन गया जिसमें व्यापक हिंसा और गिरफ्तारी हुई.[१४] पुलिस की गोलियों से हजारों की संख्‍या में स्वतंत्रता सैनानी या तो मारे गए या घायल हो गए और सैकड़ो अथवा हजारों सैनानी गिरफ्तार कर लिए गए। गांधी और उनके समर्थकों ने स्पष्ट कर दिया कि वह युद्ध के प्रयासों का समर्थन तब तक नहीं देंगे तब तक भारत को तत्‍ृकाल आजादी न दे दी जाए। .उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार भी यह आंदोलन बंद नहीं होगा यदि हिंसा के व्यक्तिगत कृत्यों को मूर्त रूप दिया जाता है तथा उन्होंने कहा कि उनके चारों ओर अराजकता का आदेश " " असली अराजकता से भी बुरा है . "उन्होंने सभी कांग्रेसियों और भारतीयों को अहिंसा (ahimsa), और करो या मरो ( " डू और डाय " ) के द्वारा अंतिम स्वतंत्रता के लिए अनुशासन बनाए रखने को कहा।
नवजात शिशुओं की आँख में सिल्वर नाइट्रेट की बूँदे डालने के निरोधक उपाय के कारण नेत्रस्राव बहुत घट गया है। सुजाक की चिकित्सा में पेनिसिलिन तथा सल्फोनेमाइड का प्रयोग आधुनिक है और सफल परिणाम देता है।
साँचा:छत्तीसगढ़ की जातियाँ/खाना
(2) सतसइयों में प्रमुख रूप से "दोहा" छंद का प्रयोग होता है; "दोहा" के साथ "सोरठा" और "बरवै" छंद का प्रयोग भी सतसईकार बीच बीच में कर देते हैं।
शेख हसीना बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं। उनके पिता,मां और तीन भाई १९७५ के स्वतंत्रता संग्राम में मारे गए थे। उस हादसे के बाद भी उन्हें राजनीतिक सफलता आसानी से नहीं मिली। उन्होंने ८० के दशक में बांग्लादेश में जनरल इरशाद के सैनिक शासन के ख़िलाफ़ जो मुहिम छिड़ी, उसके दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। जनरल इरशाद के बाद भी उन्हें जनरल की पत्नी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ख़ालिदा ज़िया से कड़ी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कड़वी और लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी।
यह मंदिर कुपवाड़ा जिले के भद्रकाली से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर है। मां काली भद्रकाली मंदिर ऊंचे पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर के आस-पास की जगह देवदार और चीड़ के वृक्षों से घिरी हुई है। यह मंदिर मां काली को समर्पित है। यह काफी पुराना मंदिर है जो कि अधिक बर्फबारी और वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। कश्मीरी पंडितों के निर्वासन के पश्चात् मंदिर में किसी प्रकार की कोई पूजा नहीं की गई। लेकिन स्थानीय मुसलमानों ने इस मंदिर की देखरेख की और कुछ समय के बाद मंदिर की मरम्मत करवाई। बाद में स्थानीय लोगों के सहयोग से मंदिर का पुर्नर्निमाण करवाया गया और मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया गया। मंदिर में भद्रकाली की एक प्रतिमा स्‍थापित है। चैत्र नवमी के दौरान मूर्ति की विशेष पूजा की जाती है। यह त्यौहार पूरे उत्तर भारत में राम नवमी के दौरान मनाया जाता है। देश के अलग-अलग राज्यों से काफी संख्या में लोग इस मेले में सम्मिलित होते हैं।
सन् 1860 के आस-पास, लंदन के एक खिलौना व्यापारी इसहाक स्प्राट ने बैडमिंटन बैटलडोर- एक नया खेल नामक एक पुस्तिका प्रकाशित की, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उसकी कोई प्रति नहीं बच पायी.[४]
1.
स्कन्द पुराण एक शतकोटि पुराण है। जिसमें शिव की महिमा का वर्णन किया है, उसके सारभूत अर्थ का व्यासजी ने स्कन्दपुराण में वर्णन किया है। स्कन्द पुराण इक्यासी हजार श्लोकों से युक्त है एवं सात खण्ड है। पहले खण्ड का नाम माहेश्वर खण्ड है, इसमें बारह हजार से कुछ कम श्लोक है। दूसरा वैष्णवखण्ड है, तीसरा ब्रह्मखण्ड है। चौथा काशीखण्ड एवं पांचवाँ अवन्तीखण्ड है फिर क्रमश: नागर खण्ड एवं प्रभास खण्ड है। [२]
हिन्दू धर्म में सूर्योपासनाके लिए प्रसिद्ध पर्व है छठ। मूलत: सूर्य षष्ठी व्रत होनेके कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व वर्षमें दो बार मनाया जाता है, किन्तु काल क्रम मे अब यह बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश वासियों तक ही सीमित रह गया है।
यहां विस्तृत दैनिक पूजा-अर्चनाएं होती हैं। यहां कई वार्षिक त्यौहार भी आयोजित होते हैं, जिनमें सहस्रों लोग भाग लेते हैं। इनमें सर्वाधिक महत्व का त्यौहार है, रथ यात्रा, जो आषाढ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को, तदनुसार लगभग जून या जुलाई माह में आयोजित होता है। इस उत्सव में तीनों मूर्तियों को अति भव्य और विशाल रथों में सुसज्जित होकर, यात्रा पर निकालते हैं। [१६]
'द इकोनोमिस्ट' के अनुसार 1977 में 255000 की संख्या के साथ फिजी मूल के नागरिक अल्पसंख्यक हो गये थे। 600000 की कुल जनसंख्या में से लगभग आधे नागरिक भारतीय मूल के थे, जबकि शेष चीनी, यूरोपीय और मिश्रित वंश के हैं।
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मक्की दौर के तेरह वर्ष बाद मदीने में मुसलमानों को एक केन्द्र प्राप्त ‎हो गया। जहाँ सारे ईमान लाने वालों को एकत्रित कर तीसरे दौर का ‎अवतीर्ण शुरू हुआ। यहाँ मुसलमानों का दो नए प्रकार के लोगों से परिचय ‎हुआ। प्रथम यहूदी जो यहाँ सदियों से आबाद थे और अपने धार्मिक विश्वास ‎के अनुसार अंतिम नबी (सल्ल.) की प्रतिक्षा कर रहे थे। किन्तु अंतिम नबी ‎‎(सल्ल.) को उन्होंने अपने अतिरिक्त दूसरी क़ौम में देखा तो उत्पात मचा ‎दिया। क़ुरआन में इस दौर में अहले किताब (ईश्वरीय ग्रंथों को मानने वाले ‎विषेश कर यहूदी तथा ईसाई) पर क़ुरआन में सख्त टिप्पणियाँ की गईं। इसी ‎युग में कुटाचारियों (मुनाफिक़ों) का एक गुट मुसलमानों में पैदा हो गया जो ‎मुसलमान होने का नाटक करते और विरोधियों से मिले रहते थे।
कुछ पाश्चात्य विद्वानों ने कौटिल्य के अस्तित्व पर ही प्रश्नवाचक चिह्न लगा दिया है। विन्टरनीज, जॉली और कीथ के मतानुसार कौटिल्य नाम प्रतीकात्मक है, जो कूटनीति का प्रतीक है। पांतजलि द्वारा अपने महाभाष्य में कौटिल्य का प्रसंग नहीं आने के कारण उनके मतों का समर्थन मिला है। जॉली ने तो यहाँ तक कह डाला है कि 'अर्थशास्त्र' किसी कौटिल्य नामक व्यक्ति की कृति नहीं है। यह किसी अन्य पंडित या आचार्य का रचित ग्रंथ है। शामाशास्त्री और गणपतिशास्त्री दोनों ने ही पाश्चात्य विचारकों के मत का खंडन किया है। दोनों का यह निश्चय मत है कि कौटिल्य का पूर्ण अस्तित्व था, भले ही उसके नामों में मतांतर पाया जाता हो। वस्तुतः इन तीनों पाश्चात्य विद्वानों के द्वारा कौटिल्य का अस्तित्व को नकारने के लिए जो बिंदु उठाए गए हैं, वे अनर्गल एवं महत्त्वहीन हैं। पाश्चात्य विद्वानों का यह कहना है कि कौटिल्य ने इस बात का कहीं उल्लेख नहीं किया है कि वह चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में अमात्य या मंत्री था, इसलिए उस 'अर्थशास्त्र' का लेखन नहीं माना जा सकता है। यह बचकाना तर्क है। कौटिल्य के कई संदर्भों से यह स्पष्ट हो चुका है कि उसने चन्द्रगुप्त मौर्य की सहायता से नंदवंश का नाश किया था और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
डा. भगवान्‌दास "कर्मण वर्ण, जन्म अभिकर्मण' सिद्धांत के प्रतिपादक थे। उनके मत से बिना कर्मण वर्णसिद्धांत को माने इस समय, वर्तमान अवस्था में, किसी भी दूसरे उपाय से हिंदू समाज का कल्याण नहीं हो सकता।
धर्मगुब धर्मक्ड़िद धर्मी सदसत्क्शर अक्शरम ।
पुराण कथा के अनुसार रोहिणी चंद्र की सत्ताईस पत्नियों में सबसे सुंदर, तेजस्वी, सुंदर वस्त्र धारण करने वाली है। ज्यों-ज्यों चंद्र रोहिणी के पास जाता है, त्यों-त्यों उसका रूप अधिक खिल उठता है। चंद्र के साथ एकाकार होकर छुप भी जाती है। रोहिणी के देवता ब्रह्माजी हैं। रोहिणी जातक सुंदर, शुभ्र, पति प्रेम, संपादन करने वाले, तेजस्वी, संवेदनशील, संवेदनाओं से जीते जा सकने वाले, सम्मोहक तथा सदा ही प्रगतिशील होते हैं।
स्नातक की शिक्षा समाप्त करने के पश्चात वो भारत सेवक संघ से जुड़ गये और देशसेवा का व्रत लेते हुये यहीं से अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की। शास्त्रीजी विशुद्ध गाँधीवादी थे जो सारा जीवन सादगी से रहे और गरीबों की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी को समर्पित किया। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी रही, और जेलों मे रहना पड़ा जिसमें 1921 का असहयोग आंदोलन और 1941 का सत्याग्रह आंदोलन सबसे प्रमुख है। उनके राजनैतिक दिग्दर्शकों में से श्री पुरुषोत्तमदास टंडन, पंडित गोविंदबल्लभ पंत, जवाहरलाल नेहरू इत्यादि प्रमुख हैं। 1929 में इलाहाबाद आने के बाद उन्होंने श्री टंडनजी के साथ भारत सेवक संघ के इलाहाबाद इकाई के सचिव के रूप में काम किया। यहीं उनकी नज़दीकी नेहरू से भी बढी। इसके बाद से उनका कद निरंतर बढता गया जिसकी परिणति नेहरू मंत्रिमंडल मे गृहमंत्री के तौर पर उनका शामिल होना था। इस पद पर वे 1951 तक बने रहे।
नेपाल मे पाँच मौसमी क्षेत्र है जो ऊंचाई के साथ कुछ मात्रा में मेल खाते हैं। उष्णकटिबन्धीय तथा उपोष्णकटिबन्धीय क्षेत्र १,२०० मीटर(३,९४० फि) से नीचे, शीतोष्णकटिबन्धीय क्षेत्र १,२०० लेकर २,४०० मीटर (३,९००–७,८७५ फि), ठण्डा क्षेत्र २,४०० से लेकर ३,६०० मीटर (७,८७५–११,८०० फि), उप-आर्कटिक क्षेत्र ३,६०० से लेकर ४,४०० मीटर (११,८००–१४,४०० फि), व आर्कटिक क्षेत्र ४,४०० मीटर(१४,४०० फिट)से ऊपर। नेपालमे पाँच ऋतुएं होती हैं: उष्म, मनसून, अटम, शिषिर व बसन्त। हिमालय मध्य एशिया से बहने वाली ठन्डी हवा को नेपाल के अन्दर जाने से रोकता है तथा मानसून की वायु का उत्तरी परिधिके रुप में पानी काम करताहै। नेपाल व बंगलादेशकी सीमा नहि जुडताहै फिरभी ये दोनों राष्ट्र २१ किलोमीटर (१३ मील) की एक सँकरी चिकेन्स् नेक (मुर्गे की गर्दन) कहे जाने वाले क्षेत्रसे अलग है । इस क्षेत्र को स्वतन्त्र-व्यापार क्षेत्र बनाने का प्रयास हो रहा है ।
सौर मंडल मे सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल मे एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। इन पिंडों मे आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों मे क्षुद्रग्रह, बर्फीली क्विपर पट्टी के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें, और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं।
वैशाली सालोभर जाया जा सकता है किंतु सितंबर से मार्च का समय सबसे उप्युक्त है । वैशाली अपने हस्‍तशिल्‍प के लिए विख्‍यात है। कार्तिक के महीने में लहनेवाले सोनपुर मेला से भी यादगार के तौर पर खरीददारी किया जा सकता है। यहाँ से हस्तशिल्‍प का सामान खरीदा जा सकता है। प्रसिद्ध मधुबनी कला की पेंटिंग भी खरीदी जा सकती है।
कल्चर म्यूजियम में विभिन्न जातियों के त्योहारों को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें दशहरा, दीपावली व इनका महत्व बताया गया है। 600 प्रजातियों व 8000 से ज्यादापक्षियों के संग्रह के साथ जुरोंग बर्ड पार्क एशिया-प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा पक्षी पार्क है। दक्षिणी ध्रुव का कृत्रिम वातावरण बनाकर यहाँ पेंग्विन पक्षी रखे गए हैं। 30 मीटर ऊँचा मानव निर्मित जलप्रपात व ऑल स्टार बर्ड शो जिसमें पक्षी टेलीफोन पर बात करते हैं, अन्य प्रमुख आकर्षण हैं।
प्रारंभ में कविता लेखन फिर उपन्यासकार के नाते विख्यात। १९३६ में फ़िल्म कारपोरेशन कलकत्ता में कार्य। विचार नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन संपादन। इसके बाद बम्बई में फ़िल्म कथा लेखन तथा दैनिक नवजीवन का संपादन। आकाशवाणी के कई केन्द्रों में कार्य। १९५७ से स्वतंत्र लेखन। 'चित्रलेखा' उपन्यास पर दो बार फ़िल्म निर्माण और भूले बिसरे चित्र पर साहित्य अकादमी पुरस्कार। पद्मभूषण तथा राज्यसभा की मानद सदस्यता प्राप्त।
भारत में अपने स्थायी विलय को ही मान्यता दी है । जम्मू कश्मीर के प्रमुख राजनैतिक दल भी * पाकिस्तान के धर्माधारित दो-राष्ट्र सिद्धान्त को नहीं मानते।
भारतीय परंपरा के अनुसार लिच्छवि क्षत्रिय वंशज थे, इसी कारण महापरिनिर्वाण के बाद लिच्छवि संघ ने बुद्ध के अवशेष में हिस्सा बँटाया था। उन लोगों ने उस अवशेष पर स्तूप का निर्माण किया था जो वैशाली की खुदाई से (1958 ई.) प्रकाश में आया है। बौद्ध तथा जैन धर्मों का क्षेत्र होने के कारण पालिसाहित्य में लिच्छवि जाति का विशेष वर्णन किया गया है। इसे अपार शक्तिशाली तथा उत्तम ढंग से संगठित संघ कहा गया है। बौद्ध धर्म की द्वितीय संगीति भी वैशाली में हुई थी।
मकबरा है Begumpura नामक इलाके से बाहर खड़ा है. समाधि एक संलग्न 300 गज की दूरी 500 गज की दूरी को मापने के द्वारा क्षेत्र के भीतर खड़ा है. आसपास के उच्च दीवार के बाहर पर कहा धनुषाकार recesses के साथ crenellated है. वहाँ अंतराल पर बुर्ज हैं, और recesses छोटे मीनारों के साथ ताज पहनाया pilasters से विभाजित कर रहे हैं. दक्षिणी दीवार के बीच एक सुंदर पोर्टल तह दरवाजे जो एक चल पीतल में पर्णसमूह पैटर्न के साथ शामिल किया गया है द्वारा बंद प्रवेश द्वार के कब्जे में है. संरचना एक षट्भुज और कोण के रूप में है मीनारों से अलंकृत कर रहे हैं [1]
ताओ धर्म में कई देवी-देवता हैं, और ये प्रेतात्माओं में भी विश्वास रखता है । ये एक बहुईश्वरवादी धर्म है । सर्वोच्च देवी और देवता यिन और यांग हैं । देवताओं की पूजा के लिये कर्मकाण्ड किये जाते हैं और पशुओं और अन्य चीज़ों की बलि दी जाती है । चीन से निकली ज़्यादातर चीज़ें, जैसे चीनी व्यंजन, चीनी रसायनविद्या, चीनी कुंग-फ़ू, फ़ेंग-शुई, चीनी दवाएँ, आदि किसी न किसी रूप से ताओ धर्म से सम्बन्धित रही हैं । क्योंकि ताओ धर्म एक संगठित धर्म नहीं है, इसलिये इसके अनुयायियों की संख्या पता करना मुश्किल है ।
गाँधी ने १९३० के अंत-अंत में विभाजन (partition) को लेकर इस्राइल के निर्माण के लिए फिलिस्तीन के विभाजन के प्रति भी अपनी अरुचि जाहिर की थी (partition of Palestine to create Israel). २६ अक्तूबर १९३८ (26 October) को उन्होंने हरिजन में कहा था:
5 राज्यों का नाम, क्षेत्र तथा सीमा केन्द्र कभी भी परिवर्तित कर सकता है [बिना राज्यों की सहमति से] [अनुच्छेद 3] अत: राज्य भारतीय संघ के अनिवार्य घटक नही हैं। केन्द्र संघ को पुर्ननिर्मित कर सकती है
When repairing a link, use pipe syntax so that the link does not contain the new qualifier.
इंटरनेट पर हिन्दी के साधन देखिये।
उपर्युक्त उपाय उन्हीं व्यक्तियों को करने चाहिए जिनके पहले ही से कई संतान हों।
(४) वृत्तिलक्षण, स्नातक व्रत;
जीव, अजीव, आस्रव, बन्ध, संवर, निर्जरा, मोक्ष, पुण्य, पाप।
इसी बीच उज्जैन में विद्रोह हो गया । उसे सम्राट ने निर्वासन से बुला विद्रोह को दबाने के लिए भेज दिया । हालाकि उसके सेनापतियों ने विद्रोह को दबा दिया पर उसकी पहचान गुप्त ही रखी गई क्योंकि मौर्यों द्वारा फैलाए गए गुप्तचर जाल से उसके बारे में पता चलने के बाद उसके भाई सुसीम द्वारा उसे मरवाए जाने का भय था । वह बौद्ध सन्यासियों के साथ रहा था । इसी दौरान उसे बौद्ध विधि-विधानों तथा शिक्षाओं का पता चला था । यहाँ पर एक सुन्दरी जिसका नाम देवी था से उसे प्रेम हो गया जिसे उसने स्वस्थ्य होने के बाद विवाह कर लिया ।
माता: महारानी वामादेवी
वक्ष के प्रत्येक खंड में एक जोड़ी टाँग होती है। प्रत्येक टाँग पाँच भागों में विभाजित रहती है। टाँग का निकटस्थ भाग, जो वक्ष से जुड़ा होता है, कक्षांग (कोक्स Coxa) कहलाता है। दूसरा छोटा सा भाग ऊरूकट (ट्राकेटर Trochanter), तीसरा लंबा और दृण भाग उर्विका (फ़ामर Femur), चौडा लम्बा पतला भाग जंघा (टिविया Tibia) ओर पाँचवा भाग गुल्फ (टार्सस Tarsus) कहलाता है जो दो से लेकर पाँच खण्डों में विभाजित हो सकता है। गुल्फ के अंतिम खंड में नखर (क्लाज़ Claws) तथा गद्दी (उपवर्हिका Pulvillus) जुड़ी होती है। और यह भाग गुल्फाग्र (प्रोटार्सस Pretarsus) कहलाता है। नखर प्राय एक जोड़ी होते हैं। गद्दियों को पलविलाइ (Pulvilli), एरोलिया (Arolia), एपीडिया (Empodia) आदि नाम दिए गए हैं। टाँगों में उपयोगितानुसार अनेक विशेषताएँ दृष्टिगोचर होती हैं। खेरिया (ग्रिलोटैल्पा Gryllotalpa) की टीवियां मिट्टी खोदने के लिए हैंगी के आकार की हो जाती हैं और इसके नीचे की ओर तीन खंडवाला गुल्फ जुड़ा होता है। फुदकनेवाले टिड्डों की पश्च टागों की ऊर्विका (फ़ीमर Femur) बहुत पुष्ट होती है। श्रमिक मधुमक्खियों की पश्च टाँगें पराग एकत्र करने के लिए उपयोगी होती हैं। इनमें गुल्फ में क्रमानुसार श्रेणीबद्ध बाल लगे होते हैं, जिनसे वे पराग एकत्र करते हैं, और जंघा के किनारे पर काँटे होते हैं, जो पराग को छत्ते तक ले जाने के लिए पराग डलिया का कार्य करते हैं। आखेटिपतंग की टाँगे गमन करने वाली होने के कारण ऊरूकूट दो भागों में विभाजित हो जाता है। जूँ की टाँगे बालों को पकड़ने के लिए बनी होने के कारण गुल्फ में केवल एक ही खंड होता है तथा उसमें एक ही नखर लगा होता है। बाल को पकड़े रहने के लिए नखर विशेष आकृति का होता है। जलवासी कीटों की टांगे तैरने के लिए बनी होती हैं। इनमें लम्बे बाल होते हैं, जो पतवार का काम करते हैं। बद्धहस्त (मैंटिस Mantis) की अगली टाँगे शिकार को पकड़ने के लिए होती हैं। इसका कक्षांग (कोक्सा Coaxa) बहुत लंबा, ऊर्विका और जंघा काँटेदार होती है। खाते समय वह इसी से शिकार को पकड़े रहता हैं। घरेलू मक्खी के गुल्फ में नखर, उपबर्हिकाएँ और बाल होते हैं, जिनके कारण इनका अधोमुख चलाना सम्भव होता है।
सुखसागर के अनुससार भगवान के निम्न अवतार हैं -
उत्तरी आयरलैंड में प्रमुख धार्मिक समूह एक अखिल आयरलैंड के आधार पर आयोजित हैं.हालांकि कट्टर और अंगरेज़ी समग्र बहुमत में हैं,[१४८]आयरलैंड का रोमन कैथोलिक चर्च सबसे बड़ा एकल चर्च है.आयरलैंड में पुरोहित चर्च, स्कॉट्लैंड के चर्च से धर्मशास्त्र और इतिहास के संदर्भ में निकटता से जुड़ा हुआ है, दूसरा सबसे बड़ा चर्च है जिसके बाद आयरलैंड का चर्च (अंगरेज़ी) है जो उन्नीसवीं सदी में विस्थापित हुआ था.
मेहताब बाग, यमुना के ताजमहल से विपरीत दूसरे किनारे पर है।
भारत का संविधान भारत को एक सार्वभौमिक, समाजवादी गणराज्य की उपाधि देता है । भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसका द्विसदनात्मक संसद वेस्टमिन्स्टर शैली के संसदीय प्रणाली द्वारा संचालित है । इसके शासन में तीन मुख्य अंग हैं: न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका ।
१९९५ – नामदेव कांबळे – 'राघव वेल'
23 अगस्त, 1945 को जापान की दोमेई खबर संस्था ने दुनिया को खबर दी, कि 18 अगस्त के दिन, नेताजी का हवाई जहाज ताइवान की भूमि पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और उस दुर्घटना में बुरी तरह से घायल होकर नेताजी ने अस्पताल में अंतिम साँस ले ली थी।
कपिलदेव भारत के सफलतम हरफनमॉला खिलाड़ी हैं। कपिलदेव और उनके आँकङे इस बात के प्रमाण हैं।
जापानी शब्छ संगीतात्मक स्वराघात के हैं। स्वराघात के हैं। स्वराघात के प्रकार बहुत कम हैं। चार मात्रावाले शब्दों में निम्नलिखित केवल चार प्रकार के भेद हैं।
7.
पूर्व एशिया पहुँचकर सुभाषबाबू ने सर्वप्रथम, वयोवृद्ध क्रांतिकारी रासबिहारी बोस से भारतीय स्वतंत्रता परिषद का नेतृत्व सँभाला। सिंगापुर के फरेर पार्क में रासबिहारी बोस ने भारतीय स्वतंत्रता परिषद का नेतृत्व सुभाषबाबू को सौंप दिया।
मीर शेर अली ने जिन्हें आश्रय दिया, उनमें मुल्ला अब्दुर्रहमान जामी थे, जो इस युग के सबसे बड़े कवि थे। यह खुरासान के जाम नामक ग्राम में सन् 1414 ई. में पैदा हुए थे। इन्होंने तीन दीवान ग़ज़लों के प्रस्तुत किए हैं, जिनमें बहुत से हाफिज़ के ढंग पर हैं। निज़ामी के खमसा की चाल पर हप्त औरंग नामक सात मसनवियाँ इन्होंने लिखी हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के विषय हैं जिसमें सदाचार, तसव्वुफ, प्रेम आदि पर तर्क वितर्क है। गद्य में इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में से "नफ़हातुल्उंस" है, जिसमें मान्य सूफियों के वृत्त संगृहीत हैं। तसव्वुफ की महत्वपूर्ण पुस्तकों में से यह एक है। जामी की एक अन्य पुस्तक बहरिस्ताँ है, जो शेख सादी के गुलिस्ताँ के ढंग पर लिखी गई है। इन्होंने अरबी व्याकरण पर "शरहे जामी" नामक पुस्तक भी लिखी है।
River Hooghly and Kolkata, 1945
बेतुकी कविता का साहित्यिक नाम उलटवासी है। यह हास्य और मनोरंजन के लिए लिखी जाती हैं। आम तौर पर इनका कोई अर्थ नहीं होता है लेकिन शब्द संयोजन रोचक होने के कारण बच्चे इन्हें काफ़ी जल्दी याद कर लेते हैं। हिंदी में इनका जनक अमीर खुसरों को माना जा सकता है। बाद में बंगाल में उलटवासियों का काफ़ी प्रचलन रहा। बहुत से प्रसिद्ध शिशुगीत उलटवासी पद्धति में लिखे गए हैं। फ़िल्मी गीतों में भी उलटवासियों का सुंदर प्रयोग हुआ है।
यह शब्द 'उष्णकटिबंधीय' दोनों भूगोलिक रूपों को सूचित करता है, जो अनन्य रूप से ग्लोब के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रो में पाये जाते है, और समुद्री हवा, उष्णकटिबंधीय हवा समूहों में बनती है.'चक्रवात' शब्द प्रकृति से तूफानी चक्रवात को सूचित करता है, जो उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तरावरत और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त घूमते है. स्थान और शक्ति के आधार पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातो को अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे तूफान, आँधी, उष्णकटिबंधीय तूफान, चक्रवाती तूफ़ान, उष्णकटिबंधीय दबाव, या केवल चक्रवात.}सामान्यतया , एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात को अटलांटिक बेसिन और प्रशांत महासागर में तूफान (एक प्राचीन सेंट्रल अमेरिकन हवा के देवता, हुराकां, के नाम पर) कहा जाता है .[३६]
युधिष्ठिर महाभारत में पांच पाण्डवों में बडे भाई थे। युधिष्ठिर वे धर्मराज के पुत्र थे (यमराज) भाला चलाने मे निपुण थे कभी मिथ्या नही बोलते थे उनके पिता ने यक्ष बन कर सरोवर पे उनकी परीक्षा भी ली थी
पुरातन काल से ही यह प्रदेश आदिवासी जनजातियों का गृहक्षेत्र रहा है। किसी किसी जिले में तो जनजातिय आबादी ही बहुसंख्यक आबादी है। झारखंड में 32 जनजातिय समूहों का निवास है जिसमें असुर, बैगा, बंजारा, भथुड़ी, बेदिया, बिंझिया, बिरहोर, बिरिजिया, चेरो, चिक-बराईक, गोंड, गोराईत, हो, करमाली, खैरवार, खोंड, किसान, कोरा, कोरवा, लोहरा, महली, मलपहाड़िया, मुंडा, ओरांव, पहाड़िया, सांथाल, सौरिया-पहाड़िया, सावर, भूमिज, कोल एवम कंवर शामिल हैं।
उर्दू और हिंदी भी लिपि भेद के कारण मूलरूप से एक होते हुए भी अलग अलग भाषाएं बनी हुई हैं। यदि उर्दू भाषा की वैकल्पिक लिपि के रूप में नागरी को अपना लें, तो उर्दू को लोकप्रिय बनाने में बड़ी सहायता मिलेगी। महाराष्ट्र के भूतपूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री अलीयावर जंग ने कहा था, "मेरा मत है कि उर्दू साहित्यकार को अपनी लिपि चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन देवनागरी लिपि को देश में जोड़लिपि के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए।"
[[चित्र:Bangkok Baiyoke Tower.jpg|thumb|right|upright|The Baiyoke Tower II
इसकी स्थापना १९७५ में वेलुपिल्लई प्रभाकरण द्वारा हुई थी । उस समय कई तमिल युवा श्रीलंका सरकार की नीतियों से क्षुब्ध थे जो देश के तमिलों के प्रति उदासीन सी थी । प्रभाकरन ने ऐसे युवाओं का विश्वास जीत लिया और इस संस्था का गठन किया । उस समय वे छोटे छोटे अधिकारियों पर हमला करते थे, जैसे पुलिसकर्मियों या छोटे नेताओं पर । जाफ़ना के मेयर (महापौर) अल्फ्रेड डुरैयप्पा की हत्या उस समय उनके द्वारा अंजाम दी जाने वाली पहली बड़ी वारदात थी।
कोशिकाओं को मजबूत बनाना, रक्त वाहिक की भित्तियों को शक्तिशाली बनाना, संक्रमण की रोकथाम और रोग से जल्दी मुक्ति पाने की शक्ति प्रदान करना।
दसवीं डिग्री के ब्लैक बेल्ट (जुडैन ) और उससे ऊपर के दर्जे के लिए कोई औपचारिक आवश्यकता नहीं है. कोडोकन के अध्यक्ष, वर्तमान में कानो जिगोरो का पोता युकिमित्सु कानो (कानो युकिमित्सु ), पदोन्नति के लिए व्यक्तियों का निर्धारण करते हैं. कोडोकन द्वारा इस रैंक के लिए केवल पंद्रह व्यक्तियों को पदोन्नत किया गया है. 6 जनवरी 2006 को 10वें डैन के लिए एक साथ तीन व्यक्तियों को पदोन्नत किया गया: तोशिरो दाइगो, इचिरो अबे, और योशिमी ओसावा. अब तक एक ही समय प्रदान की गई सबसे ज्यादा पदोन्नति है और 22 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है. अब तक किसी को भी 10वें डैन से ऊंचे रैंक पर पदोन्नत नहीं किया गया है, लेकिन:
शहर में सार्वजनिक यातायात के उपलब्ध साधनों में सिटी बस सेवा, टैक्सी, साइकिल रिक्शा, ऑटोरिक्शा, टेम्पो एवं सीएनजी बसें हैं। सीएनजी को हाल ही में प्रदूषण पर नियंत्रण रखने हेतु आरंभ किया गया है। नगर बस सेवा को लखनऊ महानगर परिवहन सेवा संचालित करता है। यह उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की एक इकाई है। [१६] शहर के हज़रतगंज चौराहे से चार राजमार्ग निकलते हैं: राष्ट्रीय राजमार्ग २४ – दिल्ली को, राष्ट्रीय राजमार्ग २५ – झांसी और मध्य प्रदेश को, राष्ट्रीय राजमार्ग ५६ – वाराणसी को एवं राष्ट्रीय राजमार्ग २८ मोकामा, बिहार को। प्रमुख बस टर्मिनस में आलमबाग का डॉ.भीमराव अम्बेडकर बस टर्मिनस आता है। इसके अलावा अन्य प्रमुख बस टर्मिनस केसरबाग, चारबाग आते थे, जिनमें से चारबाग का बस टर्मिनस, जो चारबाग रेलवे स्टेशन के ठीक सामने था, नगर बस डिपो बना कर स्थानांतरित कर दिया गया है। यह रेलवे स्टेशन के सामने की भीड़ एवं कंजेशन को नियंत्रित करने हेतु किया गया है।
त्यौहार का अर्थ होता है पर्व या उत्सव.
जिले का मुख्यालय गाजीपुर है ।
जिला प्रशासनिक रूप से तीन तहसीलों हरिद्वार, रुड़की, और लस्कर और छः विकास खण्डों भगवानपुर, रुड़की, नर्सान, भद्रबाद, लस्कर, और खानपुर में बँटा हुआ है। 'हरीश रावत' हरिद्वार लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद, और 'मदन कौशिक' हरिद्वार नगर से उत्तराखंड विधानसभा सदस्य हैं।
स्थापित होते ही सभा ने यह लक्ष्य किया कि प्राचीन विद्वानों के हस्तलेख नगरों और देहातों में लोगों के बेठनों में बँधे बँधे नष्ट हो रहे हैं। अतः सन् १९०० से सभा ने अन्वेषकों को गाँव-गाँव और नगर-नगर में घर-घर भेजकर इस बात का पता लगाना आरंभ किया कि किनके यहाँ कौन-कौन से ग्रंथ उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश में तो यह कार्य अब तक बहुत विस्तृत और व्यापक रूप से हो रहा है। इसके अतिरिक्त पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी यह कार्य हुआ है। इस खोज की त्रैवार्षिक रिपोर्ट भी सभा प्रकाशित करती है। सन् १९५५ तक की खोज का संक्षिप्त विवरण भी दो भागों में सभा ने प्रकाशित किया है। इस योजना के परिणामस्वरूप ही हिंदी साहित्य का व्यवस्थित इतिहास तैयार हो सका है और अनेक अज्ञात लेखक तथा ज्ञात लेखकां की अनेक अज्ञात कृतियाँ प्रकाश में आई हैं।
प्रधानमन्त्री के कार्य
Sallallahu alayhi vasallam
इस पुस्तक में मुख्य: तीन बातें बताई गई हैं-
मुलैतिवु जिला श्रीलंका का जिला है।इस जिले का मुख्यालय मुलाइतिवु है इस जिले का कुल क्षेत्रफल 2,617 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले की जनसंख्या 145,000 (गणना वर्ष २००६ अनुसार) हैइस जिले के नाम का लघुरूप MUL है।
रामायण-महाभारत-काल में भी कन्नड बोली जाती थी, तो भी ईसा के पूर्व कन्नड का कोई लिखित रूप नहीं मिलता। प्रारंभिक कन्नड का लिखित रूप शिलालेखों में मिलता है। इन शिलालेखों में हल्मिडि नामक स्थान से प्राप्त शिलालेख सबसे प्राचीन है, जिसका रचनाकाल 450 ई. है। सातवीं शताब्दी में लिखे गए शिलालेखों में बादामि और श्रवण बेलगोल के शिलालेख महत्वपूर्ण हैं। प्राय: आठवीं शताब्दी के पूर्व के शिलालेखों में गद्य का ही प्रयोग हुआ है और उसके बाद के शिलालेखों में काव्यलक्षणों से युक्त पद्य के उत्तम नमूने प्राप्त होते हैं। इन शिलालेखों की भाषा जहाँ सुगठित तथा प्रौढ़ है वहाँ उसपर संस्कृत का गहरा प्रभाव दिखाई देता है। इस प्रकार यद्यपि आठवी शताब्दी तक के शिलालेखों के आधार पर कन्नड में गद्य-पद्य-रचना का प्रमाण मिलता है तो भी कन्नड के उपलब्ध सर्वप्रथम ग्रंथ का नाम "कविराजमार्ग" के उपरांत कन्नड में ग्रंथनिर्माण का कार्य उत्तरोत्तर बढ़ा और भाषा निरंतर विकसित होती गई। कन्नड भाषा के विकासक्रम की चार अवस्थाएँ मानी गई हैं जो इस प्रकार है :
हिन्दी और इसकी बोलियाँ उत्तर एवँ मध्य भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं । भारत और अन्य देशों में में ६० करोड़ से अधिक लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की अधिकतर और नेपाल की कुछ जनता हिन्दी बोलती है।
इनके जन्म की १२५वीं वर्षगांठ पर इनके ऊपर एक अलाभ जालस्थल आरंभ किया गया है। इसका संपर्क अधोलिखित काड़ियों मॆं दिया गया है।[१] इसमें इनके जीवन के बारे में विस्तृत ब्यौरा, डाउनलोड हेतु ऑडियो व वीडियो उपलब्ध हैं। यहां उनके द्वारा रचित १९२४ का दुर्लभ पाठ्य भी उपलब्ध है। यह जालस्थल २८ मई, २००७ को आरंभ हुआ था।
गोपाचल पर्वत ग्वालियर के किले के अंचल में , प्राचीन कलात्मक जैन मूर्ति समूह का अद्वितीय स्थान है। यहाँ पर हजारों विशाल दि. जैन मूर्तियाँ सं. 1398 से सं. 1536 के मध्य पर्वत को तराशकर बनाई गई हैं। इन विशाल मूर्तियों का निर्माण तोमरवंशी राजा वीरमदेव, डूँगरसिंह व कीर्तिसिंह के काल में हुआ। अपभ्रंश के महाकवि पं. रइधू के सान्निध्य में इनकी प्रतिष्ठा हुई।
रामनवमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है.
दो ऐसी असीमित समांतर पट्टिकाओं (plates) की कल्पना करें जिनके बीच में एक द्रव पदार्थ रखा हुआ है (देखें चित्र)। मान लीजिए पट्टिका abcd अपने ही समतल (plane) में, दाहिनी दिशा में, एक स्थिर वेग (constant velocity) v से आगे बढ़ रही है, जिसे चित्र में तीर द्वारा दिखाया गया है, तथा पट्टिका a'b'c'd' अपनी स्थिर अवस्था में है। तात्पर्य यह है कि पट्टिका abcd का सापेक्ष वेग व है। ऐसी अवस्था में यह कहा जाता है कि द्रव पदार्थ पूरा का पूरा वेग v से तीर द्वारा प्रदर्शित दिशा में गतिमान है। यदि द्रव का प्रवाह धारारेखी गति (streamline motion) से हो रहे हो, तो द्रव की वह परत जो स्थिर पट्टिका a'b'c'd' के संपर्क में है, अचल अवस्था में रहती है, जबकि अन्य दूसरी परतों का प्रवाह सतह के समांतर होता रहता है। लेकिन इन परतों का वेग, जैसे-जैसे हम ऊपर की ओर आते हैं, धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है। अंतिम परत, जो पट्टिका abcd के संपर्क में होती है, उसका वेग v ही होता है। अब हम द्रव में किसी क्षैतिज समतल (horizontal plane) पर ध्यान देंगे। इस समतल के अणुओं को इसके ठीक ऊपरवाली परत के अणुओं द्वारा त्वरण (acceleration) मिलता है, क्योंकि ऊपरवाली परत के अणुओं का वेग इस समतल के अणुओं के वेग से ज्यादा होतो है, जबकि क्षैतिज समतल के ठीक नीचे की परत के अणुओं द्वारा क्षैतिज समतल के अणुओं की गति में मंदन लाया जाता है। इसी प्रकार द्रव की प्रत्येक परत अपने ठीक ऊपरवाली परत पर एक स्पर्शरेखीय पश्च बल (tangential backward force) डालती है, जिसके कारण इन दोनों परतों के बीच की सापेक्ष गति नष्ट होती है। परिणामस्वरूप यदि हमें द्रव की समांतर परतों के बीच सापेक्ष गति रखनी हो, तो यह अत्यावश्यक है कि एक बाहरी बल (external force) को इस पश्चकर्षण (backward drag) पर हावी (overcome) होना चाहिए। यदि बाहरी बल नहीं होगा, तो कुछ समय के बाद द्रव की विभिन्न परतों के बीच सापेक्ष गति समाप्त हो जाएगी। किसी द्रव का वह गुण जिसके सामर्थ्य की बदौलत, द्रव अपनी विभिन्न परतों के बीच की सापेक्ष गति का विरोध करता है, द्रव की श्यानता, अथवा आंतरिक घर्षण (Internal friction), कहलाता है। यह गुण, जो एक द्रव से दूसरे द्रव में केवल डिग्री या कोटि में ही अंतर रखता है, हर एक तरल का एक अंतर्निहित गुणधर्म है।
जिंदादिल लोगों के लिए औली बहुत ही आदर्श स्थान है। यहां पर बर्फ गाडी़ और स्लेज आदि की व्यवस्था नहीं है। यहां पर केवल स्किंग और केवल स्किंग की जा सकती है। इसके अलावा यहां पर अनेक सुन्दर दृश्यों का आनंद भी लिया जा सकता है। नंदा देवी के पीछे सूर्योदय देखना एक बहुत ही सुखद अनुभव है। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान यहां से 41 किमी. दूर है। इसके अलावा बर्फ गिरना और रात में खुले आकाश को देखना मन को प्रसन्न कर देता है। शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर औली एक बहुत ही बेहतरीन पर्यटक स्थल है।
भगवान भगहानन्दी वनमाली हलायुधः ।
धन बिल मे ना तो राज्य सभा संशोधन कर सकती है न अस्वीकार
प्रत्यक्ष-मनोयोगपूर्वक इंद्रियों द्वारा विषयों का अनुभव प्राप्त करने को प्रत्यक्ष कहते हैं। इसके द्वारा रोगी के शरीर के अंग प्रत्यंग में होनेवाले विभिन्न शब्दों (ध्वनियों) की परीक्षा कर उनके स्वाभाविक या अस्वाभाविक होने का ज्ञान श्रोत्रेंद्रिय द्वारा करना चाहिए। वर्ण, आकृति, लंबाई, चौड़ाई आदि प्रमाण तथा छाया आदि का ज्ञान नेत्रों द्वारा, गंधों का ज्ञान ्घ्रााणेंद्रिय तथा शीत, उष्ण, रूक्ष, स्निग्ध एवं नाड़ी आदि के स्पंदन आदि भावों का ज्ञान स्पर्शेंद्रिय द्वारा प्राप्त करना चाहिए। रोगी के शरीरगत रस की परीक्षा स्वयं अपनी जीभ से करना उचित न होने के कारण, उसके शरीर या उससे निकले स्वेद, मूत्र, रक्त, पूय आदि में चींटी लगना या न लगना, मक्खियों का आना और न आना, कौए या कुत्ते आदि द्वारा खाना या न खाना, प्रत्यक्ष देखकर उनके स्वरूप का अनुमान किया जा सकता है।
चन्द्रगुप्त एक महान प्रतापी सम्राट था । उसने अपने साम्राज्य का और विस्तार किया ।
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शुरू में उपभोक्ता भी कीमत[उद्धरण वांछित] के कारण ब्लू-रे को अपनाने में धीमे थे. 2009 तक, 85% दुकानें ब्लू-रे डिस्क बेच रहीं थीं. ब्लू-रे डिस्क का लाभ लेने के लिए एक हाई-डेफिनिशन टीवी और उचित कनेक्शन केबल की भी आवश्यकता है. कुछ विश्लेषकों का सुझाव है कि DVD को प्रतिस्थापित करने में सबसे बड़ी बाधा, इसमें संस्थापित बेस की वजह से है; उपभोक्ताओं की एक बड़ी संख्या DVD से संतुष्ट है.[३२] DVD इसलिए सफल हुआ क्योंकि इसने VHS का एक आकर्षक विकल्प पेश किया. इसके अतिरिक्त, ब्लू-रे प्लेयर को पार्श्वगामी-संगतता के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसने पुराने DVD को चलने की अनुमति दी चूंकि मीडिया शारीरिक रूप से समरूप था; यह विनाइल से CD में बदलाव और टेप से DVD में बदलाव से भिन्न था, जिसमें शारीरिक मध्यम में पूर्ण परिवर्तन शामिल था.
चित्रकला और वास्तुकला के लिए योगदान विशेष रूप से समृद्ध रहा है. मोज़न कला, अर्ली नीदरलैंडीश,[९२]फ्लेमिश पुनर्जागरण और बैरक पेंटिंग[९३] और रोमनेस्क, गोथिक, पुनर्जागरण और बैरक वास्तुकला[९४] के प्रमुख उदाहरण, कला के इतिहास में मील के पत्थर रहे हैं. जहां निचले देशों में 15वीं सदी की कला में जैन वैन आइक और रोजिअर वन डेर वेडेन के धार्मिक चित्रों का प्रभुत्व रहा, वहीं 16वीं सदी शैलियों के एक व्यापक पैनल द्वारा परिभाषित हुई, जैसे पीटर ब्रौयल की लैंडस्केप पेंटिंग और लाम्बर्ट लोम्बार्ड की प्राचीन वस्तुओं की प्रस्तुति.[९५] हालांकि पीटर पॉल रूबेंस और एंथनी वैन डिक की बैरक शैली दक्षिणी नीदरलैंड में आरंभिक 17वीं सदी में फली-फूली,[९६] लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे इसका पतन होता गया.[९७][९८] उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के दौरान, कई मौलिक रोमांटिक अभिव्यन्जनावादी और अतियथार्थवादी बेल्जियन चित्रकार उभरे, जिनमें शामिल थे जेम्स एन्सर, कोंस्टैन्ट पेर्मेक, पॉल डेलवौक्स और रेने मेग्रिट. कला के क्षेत्र में अग्रगामी CoBrA आंदोलन 1950 में उभरा, जबकि मूर्तिकार पानामरेंको समकालीन कला में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बने रहे.[९९][१००] बहुआयामी कलाकार जैन फेबर और चित्रकार ल्यूक टैमंस समकालीन कला परिदृश्य पर अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अन्य व्यक्ति हैं. वास्तुकला में बेल्जियम का योगदान उन्नीसवीं और बीसवीं सदी में भी जारी रहा, जिसमें विक्टर होर्टा और हेनरी वैन डे वेल्डे के कार्य भी शामिल हैं, जो आर्ट नोव्यू शैली के प्रमुख प्रणेता थे.[१०१][१०२]
मध्यकालीन बिहार के स्त्रोतों में अभिलेख, नुहानी राज्य के स्रोत, विभिन्‍न राजाओं एवं जमींदारों के राजनीतिक जीवन एवं अन्य सत्ताओं से उनके संघर्ष, यात्रियों द्वारा दिये गये विवरण इत्यादि महत्वपूर्ण हैं ।
सैन्य व्यवस्था- सैन्य व्यवस्था छः समितियों में विभक्‍त सैन्य विभाग द्वारा निर्दिष्ट थी । प्रत्येक समिति में पाँच सैन्य विशेषज्ञ होते थे ।
1560 Aug 21 · 1598 Mar ७ · 1652 Apr 8 · 1654 Aug 12 · 1699 Sep 23 · 1७15 May 3 · 1७24 May 22 · 1७66 Feb 9 · 1७७8 Jun 24 · 1७80 Oct 2७ · 1806 Jun 16 · 1816 Nov 19 · 1820 Sep ७ · 1824 Jun 26 · 1842 Jul 8 · 1851 Jul 28 · 1853 Nov 30 · 185७ Mar 25 · 1858 Sep ७ · 1860 Jul 18  · 1865 Apr 25 · 186७ Aug 29 · 1868 Aug 18 · 1869 Aug ७ · 18७0 Dec 22 · 18७1 Dec 12 · 18७4 Apr 16 · 18७5 Apr 6 · 18७8 Jul 29 · 1882 May 1७  · 1883 May 6  · 1885 Sep 8  · 1886 Aug 29  · 188७ Aug 19  · 1889 Jan 1 · 1889 Dec 22  · 1893 Apr 16  · 1896 Aug 9  · 1898 Jan 22  · 1900 May 28 · 1901 May 18 · 1903 Sep 21 · 1904 Sep 9 · 1905 Aug 30 · 190७ Jan 14 · 1908 Jan 3 · 1908 Dec 23 · 1909 Jun 1७ · 1910 May 9 · 1911 Apr 28 · 1912 Apr 1७ · 1912 Oct 10 · 1914 Aug 21 · 1916 Feb 3 · 1918 Jun 8 · 1919 May 29 · 1921 Oct 1 · 1922 Sep 21 · 1923 Sep 10 · 1925 Jan 24 · 1926 Jan 14 · 192७ Jun 29 · 1928 May 19 · 1929 May 9 · 1930 Apr 28 · 1930 Oct 21 · 1932 Aug 31 · 1934 Feb 14 · 1936 Jun 19 · 193७ Jun 8 · 1938 May 29 · 1939 Oct 12 · 1940 Oct 1 · 1941 Sep 21 · 1943 Feb 4 · 1944 Jan 25 · 1944 Jul 20 · 1945 Jul 9 · 194७ May 20 · 1948 Nov 1 · 1950 Sep 12 · 1952 Feb 25 · 1954 Jun 30 · 1955 Jun 20 · 1956 Jun 8 · 195७ Oct 23 · 1958 Oct 12 · 1959 Oct 2 · 1961 Feb 15 · 1962 Feb 5 · 1963 Jul 20 · 1965 May 30 · 1966 Nov 12 · 196७ Nov 2 · 1968 Sep 22 · 19७0 Mar ७ · 19७2 Jul 10 · 19७3 Jun 30 · 19७4 Jun 20 · 19७6 Oct 23 · 19७७ Oct 12 · 19७9 Feb 26 · 1980 Feb 16 · 1981 Jul 31 · 1983 Jun 11 · 1984 Nov 22 · 1985 Nov 12 · 1986 Oct 3 · 198७ Mar 29 · 1988 Mar 18 · 1990 Jul 22 · 1991 Jul 11 · 1992 Jun 30 · 1994 Nov 3 · 1995 Oct 24 · 199७ Mar 9 · 1998 Feb 26 · 1999 Aug 11 · 2001 Jun 21 · 2002 Dec 4 · 2003 Nov 23 · 2005 Apr 8 · 2006 Mar 29 · 2008 Aug 1 · 2009 Jul 22
(2) पुरूषों द्वारा लेटैक्स कंडोम के प्रयोग से छूत का भय कम हो जाता है अगर सही प्रयोग किया जाए। ध्यान रखें, हमेशा सम्भोग के समय उसका उपयोग करें। महिलाओं के कंडोम उतने प्रभावशाली नहीं हैं जितने पुरूषों के यदि पुरूष न उपयोग करे तो स्त्री को अवश्य करना चाहिए।
==इन्हें भस्म्
गाँधी राज विरोधी (anti statist) उस रूप में थे जहाँ उनका दृष्टिकोण उस भारत का हैं जो कि किसी सरकार के अधीन न हो.[८४] उनका विचार था कि एक देश में सच्चे स्वशासन (self rule) का अर्थ है कि प्रत्यक व्यक्ति ख़ुद पर शासन करता हैं तथा कोई ऐसा राज्य नही जो लोगों पर कानून लागु कर सके.[८५][८६] कुछ मौकों पर उन्होंने स्वयं को एक दार्शनिक अराजकतावादी कहा है (philosophical anarchist).[८७] उनके अर्थ में एक स्वतंत्र भारत का अस्तित्व उन हजारों छोटे छोटे आत्मनिर्भर समुदायों से है (संभवतः टालस्टोय का विचार) जो बिना दूसरो के अड़चन बने ख़ुद पर राज्य करते हैं.इसका यह मतलब नही था कि ब्रिटिशों द्वारा स्थापित प्रशाशनिक ढांचे को भारतियों को स्थानांतरित कर देना जिसके लिए उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को इंगलिस्तान बनाना है.[८८] ब्रिटिश ढंग के संसदीय तंत्र पर कोई विश्वास न होने के कारण वे भारत में आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी को भंग कर प्रत्यक्ष लोकतंत्र (direct democracy) प्रणाली को [८९] स्थापित करना चाहते थे.[९०]
क्षेत्ररक्षण पक्ष की और से की गई त्रुटियों के कारण बल्लेबाजी पक्ष को जो रन प्राप्त होते हैं वे अतिरिक्त (extras)कहलाते हैं.(ऑस्ट्रेलिया में "सनड्रिज" कहलाते हैं).यह चार प्रकार से प्राप्त किये जा सकते हैं:
इस बात के प्रमाण हैं कि वैदिक काल में यह प्रथा समाज के चारों वर्णों में प्रचलित थी और यह विवाह का प्रारूप था। रामायण और महाभारतकाल में भी यह प्रथा राजन्य वर्ग में प्रचलित थी।
चेन्नई तमिल चलचित्र उद्योग, जिसे कॉलीवुड भी कहते हैं, का आधार शहर है। यह उद्योग कोडमबक्कम में स्थित है, जहां अधिकांश फिल्म स्टूडियों हैं। [४०] इस उद्योग के द्वारा आजकल १५० से अधिक फिल्में वार्षिक बनायी जाती हैं[४१] और इनके साउण्डट्रैक के एल्बम भी शहर को संगीतमय करते हैं। इस उद्योग से जुड़े कुछ व्यक्तियों के नामों में इलैयाराजा, के बालाचंदर, शिवाजी गणेशन, एम जी रामचंद्रन, रजनीकांत, कमल हसन, मणि रत्नम और एस शंकर हैं।
सातवाहन प्राचीन भारत का एक राजवंश था । इसने ईसापूर्व २३० से लेकर तीसरी सदी (ईसा के बाद) तक केन्द्रीय दक्षिण भारत पर राज किया । यह मौर्य वंश के पतन के बाद शक्तिशाली हुआ था । इनका जिक्र ८वीं सदी ईसापूर्व में मिलता है पर अशोक की मृत्यु (सन् २३२ ईसापूर्व) के बाद सातवाहनों ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था ।
दक्षिण बिहार के गया जिले में स्थित बराबर नामक तीन गुफाओं की दीवारों पर अशोक के लेख उत्कीर्ण प्राप्त हुए हैं । इन सभी की भाषा प्राकृत तथा ब्राह्मी लिपि में है । केवल दो अभिलेखों शाहवाजगढ़ी तथा मान सेहरा की लिपि ब्राह्मी न होकर खरोष्ठी है । यह लिपि दायीं से बायीं और लिखी जाती है ।
भारत की राजधानी नयी दिल्ली में 29 अक्टूबर 2005 को तीन विस्फोट किये गये जिसमें 60 से अधिक लोग मारे गए और कम से कम 200 अन्य लोग घायल हो गए. विस्फोटों में 2005 में भारत में विस्फोटों से घातक हमलों में मारे गये लोगों की संख्या सर्वाधिक रही.उसके बाद 13 सितम्बर 2008 को 5 बम विस्फोट किये गये.
बाद में सुभाषबाबू यूरोप में विठ्ठल भाई पटेल से मिले। विठ्ठल भाई पटेल के साथ सुभाषबाबू ने पटेल-बोस विश्लेषण प्रसिद्ध किया, जिस में उन दोनों ने गाँधीजी के नेतृत्व की बहुत गहरी निंदा की। बाद में विठ्ठल भाई पटेल बीमार पड गए, तब सुभाषबाबू ने उनकी बहुत सेवा की। मगर विठ्ठल भाई पटेल का निधन हो गया।
श्री सत्य साईं विमानक्षेत्र आंध्र प्रदेश स्थित हवाईअड्डा है।
बीटा कैरोटीन का मामला यद्रिच्चिक नैदानिक परीक्षणों के महत्त्व का एक उदाहरण देता है.आहार और सीरम के स्तरों पर अध्ययन करने वाले महामारी विज्ञानीयों के अनुसार विटामिन A के पूर्ववर्ती बीटा कैरोटीन के उच्च स्तर, एक सुरक्षात्मक प्रभाव से, सम्बंधित हैं जो कैंसर के जोखिम को कम करते हैं.यह प्रभाव विशेष रूप से फेफड़ों के कैंसर में अधिक प्रबल है.इस परिकल्पना के आधार पर 1980 और 1990 के दशकों के दौरान फ़िनलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका में कई नैदानिक परीक्षण एक श्रृंखला में किए गए.
1593–1698  Mombassa (Mombasa)
The नागोर्नो-काराबाख गणराज्य (NKR) [१] (साँचा:Lang-hy Lernayin Gharabaghi Hanrapetut’yun) or Artsakh Republic[१], प्राय: जिसे नागोर्नो-काराबाख या अर्त्साख कहते हैं, एक डि फैक्टो स्वतँत्र गणराज्य है, जो कि दक्षिण कॉकेशस के [[नागोर्नो-काराबाख[[]] क्षेत्र में स्थित है । यहाँ आधिकारिक रूप से अजरबैजान का हिस्सा है, यहाँ की राजधानी बाकू के 270 किलोमीटर (170 मील ) पश्चिम में, जिसका अर्मेनिया से निकटवर्ती सीमा है ।
वर्तमान में यह मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। यह खूबसूरत नक्कासीदार मंदिर कमला टॉवर के विपरीत महेश्वरी मोहाल में स्थित है। मंदिर में ताम्रचीनी और कांच की सुंदर सजावट की गई है।
प्रथम शताब्दी ई. के मध्य से, ईसाइयत ने अलेक्सांद्रिया में जड़ें जमा ली क्योंकि इसे भी एक स्वीकार्य पंथ के रूप में देखा जाने लगा. तथापि, यह एक विरोधी धर्म था जिसका रुझान बुतपरस्ती में धर्मान्तरित लोगों को जीतने की ओर था और इसने लोकप्रिय धार्मिक परंपराओं को चुनौती दी. इसके परिणामस्वरूप ईसाई धर्म में धर्मान्तरित लोगों का उत्पीड़न शुरू हो गया जो 303 ई. में डायोक्लीटियन के महान मार्जन में परिणत हुआ, पर अंततः ईसाई धर्म को सफलता प्राप्त हुई.[६४] 391 ई. में ईसाई सम्राट थियोडोसिअस ने एक विधेयक पेश किया जिसने मूर्तिपूजक संस्कारों को प्रतिबंधित और मंदिरों को बंद कर दिया.[६५] अलेक्सांद्रिया, मूर्तिपूजन-विरोधी महान दंगों का केंद्र बन गया जहां सार्वजनिक और निजी धार्मिक प्रतीकों को नष्ट कर दिया.[६६] परिणामस्वरूप, मिस्र की मूर्तिपूजक संस्कृति में लगातार गिरावट आती गई. जबकि देशी आबादी ने अपनी भाषा बोलना जारी रखा, हेअरोग्लिफिक लेखन को पढ़ने की क्षमता, मिस्र के मंदिर के पुजारियों और पुजारिनों की भूमिका के क्षीण होने के साथ-साथ धीरे-धीरे लुप्त हो गई. खुद मंदिरों को कभी-कभी चर्च में बदल दिया गया या रेगिस्तान में छोड़ दिया गया.[६७]
2. यह भावी वर्ष के व्यय के लिये राजस्व उगाहने का वर्णन करता है
ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है, और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। बहरामपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख, और कटक का बाराबती किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं।
दक्षिण की तरफ बराबर-बराबर दो मंदिर है। एक दुर्वासाजी का और दूसरा मन्दिर त्रिविक्रमजी को टीकमजी कहते है। इनका मन्दिर भी सजा-धजा है। मूर्ति बड़ी लुभावनी है।और कपड़े-गहने कीमती है।त्रिविक्रमजी के मन्दिर के बाद प्रधुम्नजी के दर्शन करते हुए यात्री इन कुशेश्वर भगवान के मन्दिर में जाते है। मन्दिर में एक बहुत बड़ा तहखाना है। इसी में शिव का लिंग है और पार्वती की मूर्ति है।
पश्तो तथा उर्दू में तालेबान (طالبان) का शाब्दिक अर्थ ज्ञानार्थी अथवा छात्र होता है। तालेबान शब्द अरबी तालिब का बहुवचन है, इसका अरबी बहुवचन होगा तुलाब, पर हिन्द-ईरानी बहुवचन जो प्रचलित है वह है तालिबान । हिन्दी में इसका एकवचन (तालिब) तथा बहुवचन दोनों प्रयुक्त होते हैं। पाकिस्तान तथा अफ़ग़ानिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को इसकी सदस्यता मिलती थी। तालेबान आन्दोलन को सिर्फ तीन देशों का समर्थन प्राप्त हुआ - पाकिस्तान, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमारात ।
यह प्राचीन नगर काठमांडु से 30 किमी. पूर्व अर्निको राजमार्ग काठमांडु-कोदारी राजमार्ग के एक ओर बसा है। यहां से पूर्व में कयरेलुंग और पश्चिम में हिमालचुली श्रृंखलाओं के खूबसूरत दृश्यों का आनंद उठाया जा सकता है।
शेरशाह के प्रशासनिक सुधार में महत्वपूर्ण स्थानों पर मजबूत किलों का निर्माण शामिल था । बिहार में रोहतास का किला निर्माण कर सुरेमान करारानी को बिहार का सुल्तान नियुक्‍त किया ।
आहार बनाम दीर्घायु तथा पश्चिमी रोगों के पोषक पर सबसे बड़ा अध्ययन चीनी परियोजना थी; यह एक "2,400 से अधिक काउंटी के उनके 880 मिलियन (96%) नागरिकों पर विभिन्न प्रकार के कैंसर से मृत्यु दर का सर्वेक्षण" था, इसका संयोजन विभिन्न मृत्यु दरों और अनेक प्रकार के आहार, जीवन शैली और पर्यावरणीय विशेषताओं के साथ संबंध के अध्ययन के साथ किया गया, यह अध्ययन चीन के 65 अधिकांशतः ग्रामीण काउंटियों में संयुक्त रूप से कोर्नेल विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और प्रिवेंटिव मेडिसिन की चीनी अकादमी द्वारा 20 वर्षों तक किया गया. चीन अध्ययन में भोजन में मांसाहार की मात्रा तथा पश्चिम में मौत के प्रमुख कारणों के बीच एक मजबूत खुराक-अनुक्रिया संबंध पाया गया है; पश्चिम में मृत्यु के कारण हृदय रोग, मधुमेह, और कैंसर हैं.
दान (जैन दृष्टि से) जैन ग्रंथों में पात्र, सम और अन्वय के भेद से दान के चार प्रकार बताए गए हैं। पात्रों को दिया हुआ दान पात्र, दीनदुखियों को दिया हुआ दान करुणा, सहधार्मिकों को कराया हुआ प्रीतिभोज आदि सम, तथा अपनी धनसंपत्ति को किसी उत्तराधिकारी को सौंप देने को अन्वय दान कहा है। दोनों में आहार दान, औषधदान, मुनियों को धार्मिक उपकरणों का दान तथा उनके ठहरने के लिए वसतिदान को मुख्य बताया गया है। ज्ञानदान और अभयदान को भी श्रेष्ठ दानों में गिना गया है।
18.4.1978
धारवाड़, कर्नाटक- 1
मैं तुमसे प्यार करता हूँ.
ब्रिटिश सशस्त्र सेनाओं को यूनाइटेड किंगडम और उसके विदेशी क्षेत्रों की रक्षा करने का आदेश है, यूनाइटेड किंगडम की वैश्विक सुरक्षा हितों को बढ़ावा दिया, और अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों का समर्थन किया.वे NATO में सक्रिय और नियमित रूप से, मित्र देशों की रैपिड रिएक्शन वाहिनी सहित, साथ ही पांच विद्युत रक्षा व्यवस्था, RIMPAC, और अन्य विश्वव्यापी गठबंधन आपरेशन में भाग लेते हैं.विदेशों में सिपाहियों की चौकियाँ और सुविधाएँ उदगम द्वीप, बेलीज, ब्रुनेई, कनाडा, डिएगो गार्सिया, फ़ॉकलैंड द्वीप, जर्मनी, गिब्राल्टर, केन्या, साइप्रस, और कतर पर बनाया रखा है.[६७]
शुंग वंश के अन्तिम शासक देवभूति के मन्त्रि वसुदेव ने उसकी हत्या कर सत्ता प्राप्त कर कण्व वंश की स्थापना की। कण्व वंश ने ७५इ.पू. से ३०इ.पू. तक शासन किया। वसुदेव पाटलिपुत्र के कण्व वंश का प्रवर्तक था। वैदिक धर्म एवं संस्कृति संरक्षण की जो परम्परा शुंगो ने प्रारम्भ की थी। उसे कण्व वंश ने जारी रखा। इस वंश का अन्तिम सम्राट सुशमी कण्य अत्यन्त अयोग्य और दुर्बल था।और मगध क्षेत्र संकुचित होने लगा। कण्व वंश का साम्राज्य बिहार,पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सीमित हो गया और अनेक प्रान्तों ने अपने को स्वतन्त्र घोषित कर दिया तत्पश्चात उसका पुत्र नारायण और अन्त में सुशमी जिसे सातवाहन वंश के प्रवर्तक सिमुक ने पदच्युत कर दिया था। इस वंश के चार राजाओं ने ७५इ.पू.से ३०इ.पू.तक शासन किया।
हृदयेश एक हिन्दी लेखक है।
बुद्ध ईश्वर की सत्ता नहीं मानते क्योंकि दुनिया प्रतीत्यसमुत्पाद के नियम पर चलती है । पर अन्य जगह बुद्ध ने सर्वोच्च सत्य को अवर्णनीय कहा है । कुछ देवताओं की सत्ता मानी गयी है, पर वो ज़्यादा शक्तिशाली नहीं हैं ।
यह हिन्दुओं का धार्मिक स्थल है, जिसके गुम्बद पर सोने तथा चाँदी का आवरण है।
...श्री ब्रह्मणो द्वितीयपरार्ध्दे श्री श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशति तमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गते ब्रह्मवर्तैकदेशे पुण्यप्रदेशे बौध्दावतारे वर्तमाने यथानाम संवत्सरे (२०५५ सन् १९९८) महामांगल्यप्रदे मासोत्तमे कार्तिकमासे कृष्णपक्षे चतुर्थी तिथियौ दिनांक दिवस (वार) समय शुभयोगे ....
उन्नीसवीं सदी में पहला डायनासोर जीवाश्म मिलने के बाद से डायनासोर के टंगे कंकाल दुनिया भर के संग्रहालयों में प्रमुख आकर्षण बन गए हैं। डायनासोर दुनियाभर में संस्कृति का एक हिस्सा बन गये हैं और लगातार इनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। दुनिया की कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबें डायनासोर पर आधारित हैं, साथ ही जुरासिक पार्क जैसी फिल्मों ने इन्हें पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनसे जुड़ी नई खोजों को नियमित रूप से मीडिया द्वारा कवर किया जाता है।
जब 1498 ई. में वास्को दी गामा ने उत्तमाशा द्वीप यानी केप ऑव गुड होप द्वारा भारतयात्रा के लिए नया समुद्री मार्ग खोज निकाला, तब संसार के इतिहास में एक क्रांतिकारी मार्ग खुला। अब यूरोपीय देशों का भारत तथा पूर्वी द्वीपों से प्रत्यक्ष संपर्क हो गया। स्वभावत: सुदृढ़ नाविक शक्ति के कारण इस मार्ग पर सर्वप्रथम पुर्तगाल का एकाधिकार स्थापित हुआ; किंतु, शीघ्र ही पहले हालैंड और बाद में इंग्लैंड ने पुर्तगाल की राह में गतिरोध पैदा कर दिया।
हालाँकि हरियाणा अब पंजाब का एक हिस्सा नहीं है पर यह एक लंबे समय तक ब्रिटिश भारत मे पंजाब प्रान्त का एक भाग रहा है, और इसके इतिहास में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
चीन के बड़े नगरों में भूमिगत रेलमार्ग हैं। शंघाई, जिसके पास विश्व के सबसे बड़े मेट्रों मार्गों में से एक है, में विश्व की सबसे तीव्रगामि रेलगाड़ी भी है, जो नगर केन्द्र को पुडोंग अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से जोड़ती है। यह रेलसेवा पारम्परिक रेलमार्ग पर आधारित न होकर चुम्बकीय शक्ति का उपयोग कर चलती है जिसे मैगलेव कहा जाता है।
इधर पण्डितोंने और कोई उपाय न देख श्रीमधुसूदन सरस्वतीजी को उस पुस्तक को देखनेकी प्रेरणा की। श्रीमधुसूदन सरस्वतीजीने उसे देखकर बड़ी प्रसन्नता प्रकट की और उस पर यह सम्मति लिख दी-
प्रक्षेपित कर उपयोग में लाया जाने वाला अस्त्र। इसका प्रयोग दूर स्थित लक्ष्य को बेधने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से विस्फोटकों को हजारों किलोमीटर दूर के लक्ष्य तक पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार सुदूर स्थित दुश्मन के ठिकाने भी कुछ ही समय में नष्ट किए जा सकते हैं। प्रक्षेपास्त्र रासायनिक विस्फोटकों से लेकर परमाणु बम तक का वहन और प्रयोग कर सकता है।
पूर्वोक्त कारणों के प्रकारांतर से अन्य भेद भी होते हैं; यथा
भारतीय संस्कृति विश्व के इतिहास में कई दृष्टियों से विशेष महत्त्व रखती है।
सेंट थॉमस माउंट तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई का एक क्षेत्र है। यहां चेन्नई उपनगरीय रेलवे का एक स्टेशन है।
13वीं शताब्दी में शस्त्रों की शक्ति में भी उन्नति हुई। अंग्रेजों का लंबा धनुष (लांग बो) इतना शक्तिशाली होता था कि उससे चलाया बाण साधारण कवचों को भेद देता था। यह धनुष छह फुट लंबा होता था और इसका छह फुट का बाण 250 गज तक सुगमता से मार कर सकता था। इसी प्रकार स्विट्ज़रलैंड का 'हैलबर्ड कुल्हाड़ा' था। इसका दस्ता आठ फुट का था और कुल्हाड़े के साथ-साथ इसमें बरछी और सवार को खींचकर गिराने के काम का एक टेढ़ा काँटा भी होता था । दक्ष लड़ाका इसकी चोट से अच्छे कवच को भी काट सकता था।
कई साल पहले हिटलर ने माईन काम्फ नामक अपना आत्मचरित्र लिखा था। इस किताब में उन्होने भारत और भारतीय लोगों की बुराई की थी। इस विषय पर सुभाषबाबू ने हिटलर से अपनी नाराजी व्यक्त की। हिटलर ने अपने किये पर माँफी माँगी और माईन काम्फ की अगली आवृत्ती से वह परिच्छेद निकालने का वचन दिया।
प्रतिरोध समस्या मांग है कि एक नए सिरे से प्रयास करने के लिए एंटीबायोटिक रोगजनक बैक्टीरिया के खिलाफ प्रभावी एजेंटों वर्तमान एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोधी बनाया जाना चाहते हैं. एक उद्देश्य की दिशा में यह संभव रणनीतियों के एस स्थानीयकरण का बिओअक्तिवे पादप रसायन[उद्धरण वांछित] तर्कसंगत है पौधों पदार्थ है एक लगभग असीमित सुरभित स्य्न्ठेसिज़े करने की क्षमता करने के लिए, जिनमें से अधिकांश एस उनके ऑक्सीजन एवजी डेरिवेटिव जैसे टनीन या एस फेनेल हैं अनेक गौण चयापचयी होते हैं, जिनमे से कम से कम 12,000 अलग-थलग कर दिए गये हैं - अनुमान के अनुसार यह संख्या कुल का 10% से भी कम है. मिक्रूर्गानिस्म द्वारा सेवा के रूप में संयंत्र के खिलाफ रक्षा तंत्र, और हेर्बिभोरे कई मामलों में, इन पदार्थों के कीट प्रेदातिओं है, कई जीवाणुरोधी गतिविधि के होने मसालों और जड़ी बूटियों का प्रयोग किया जाता है जिसके द्वारा मनुष्य उन औषधीय यौगिकों सहित उपयोगी उपज मौसम खाना है.[५४][५५][५६]
बुद्धदेव भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्रान्त के मुख्यमंत्री हैं (2004)
भारत के पूरे भूभाग को अपने क्षेत्र में लेने पर यह कार्यक्रम कुल मिलाकर राष्‍ट्र की सांस्‍कृतिक पहचान और नैतिकता का प्रतिनिधि बन गया है। विपणन प्रभाग
भूरे रंग में एशियान और हरे रंग में वियतनाम
विख्यात 51 शक्तिपीठों में से एक मुख्यालय स्थित शक्तिपीठ मां चंद्रिका देवी मंदिर में नौ देवियों के मंदिर बनवाने का संकल्प लिया गया है। यह मंदिर महोबा में स्थित है। मंदिर समिति ने निर्माण कार्य शुरू करा अगली नवरात्रि तक यहां भगवती के सभी नौ स्वरूप स्थापित करने की योजना बनायी है।
प्रथम अध्याय में गौतम ऋषि (उद्दालक) एवं गर्ग ऋषि के प्रपौत्र चित्र के संवादों द्वारा 'ब्रह्मज्ञान' के लिए किये जाने वाले अग्निहोत्र तथा उसकी फलश्रुति पर प्रकाश डाला गया है। जब मृत्यु के उपरान्त साधक ब्रह्मलोक पहुंचता हैं, तो उसका सामना अप्सराओं और एक विचित्र पंलग (पर्यंक) पर बैठे ब्रह्माजी से होता है। वह उनसे बातें करता है। इस वार्तालाप को 'पर्यंक-विद्या' भी कहते हैं। गर्ग ऋषि के प्रपौत्र, महर्षि चित्र, यज्ञ करने का निश्चय करके अरुण के पुत्र महात्मा उद्दालक (गौतम) को प्रधान ऋत्विक के रूप में आमन्त्रित करते हैं, परन्तु मुनि उद्दालक स्वयं न जाकर अपने पुत्र श्वेतकेतु को यज्ञ सम्पन्न कराने के लिए भेज देते हैं। श्वेतकेतु अपने पिता की आज्ञानुसार वहां पहुंचकर एक ऊंचे आसन पर विराजमान होते हैं। तब चित्र उससे प्रश्न करता है-'हे गौतमकुमार! इस लोक में कोई ऐसा आवरणयुक्त स्थान है, जहां तुम मुझे ले जाकर रख सकते हो या फिर उसमें भी कोई ऐसा सर्वथा पृथक् और विलक्षण आवरण से शून्य पद है, जिसको जानकर तुम उसी लोक में मुझे प्रतिष्ठित कर सकते हो?'
कामधेनु गौ का चमत्कार देखकर विश्वामित्र ने उस गौ को वशिष्ठ जी माँगा पर वशिष्ठ जी बोले राजन! यह गौ मेरा जीवन है और इसे मैं किसी भी कीमत पर किसी को नहीं दे सकता।
इतनी विस्तृत सभ्यता होने के बावजूद भी इसकी उत्पत्ति को लेकर आज भी विद्वानों में मतैक्य का अभाव है ।इसकी सबसे बड़ी बजह यह है कि हड़प्पा संस्कृति के जितने भी स्थलों की अब तक खुदाई हुई है वहां सभ्यता के विकास अनुक्रम का चिन्ह स्पष्ट नही मिलता है अर्थात इस सभ्यता के अवशेष जहां कहीं भी मिले हैं अपनी पूर्ण विकसित अवस्था में ही मिले हैं ।
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने सी-डैक पुणे के तकनीकी सहयोग से ई-महाशब्दकोश का निर्माण किया है। इस योजना के अंतर्गत शुरुआती दौर में प्रशासनिक शब्द संग्रह को देवनागरी यूनिकोड में प्रस्तुत किया गया है। इसमें आप अँग्रेजी का हिंदी पर्याय तथा हिंदी शब्दों का वाक्य में अतिरिक्त प्रयोग देख सकते है। इसकी विशेषता यह भी है कि आप हिंदी शब्दों का उच्चारण भी सुन सकते है। यह एक बहुउपयोगी शब्दकोश है। इसमें आप अन्य शब्द जोड सकते है। इसे अधिक उन्नत करने में आपका सहयोग अपेक्षित है।
Great Eastern hotel, old
लॉर्ड कॉर्नवालिस फोर्ट विलियम प्रेसिडेंसी के गवर्नर जनरल रहे थे।
साँचा:DutchCapitalCities साँचा:List of European capitals by region
उत्तर भाग में बयासी अध्याय सम्मिलित हैं।[३] इस भाग में महर्षि वसिष्ठ और ऋषि मान्धाता की व्याख्या प्राप्त होती है। यहां वेदों के छह अंगों का विश्लेषण है। ये अंग हैं- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरूक्त, छंद और ज्योतिष।
उसे यह फ़िक्र है हरदम तर्ज़-ए-ज़फ़ा (अन्याय) क्या हैहमें यह शौक है देखें सितम की इंतहा क्या हैदहर (दुनिया) से क्यों ख़फ़ा रहें,चर्ख (आसमान) से क्यों ग़िला करेंसारा जहां अदु (दुश्मन) सही, आओ मुक़ाबला करें ।
अनु 368 के अंतर्गत प्रस्तावित बिल जो कि संविधान के एक या अधिक प्रस्तावॉ को संशोधित करना चाहता है संशोधन बिल कहलाता है यह किसी भी संसद सदन मे बिना राष्ट्रपति की स्वीकृति के लाया जा सकता है इस विधेयक को सदन द्वारा कुल उपस्थित सदस्यॉ की 2/3 संख्या तथा सदन के कुल बहुमत द्वारा ही पास किया जायेगा दूसरा सदन भी इसे इसी प्रकार पारित करेगा किंतु इस विधेयक को सदनॉ के पृथक सम्मेलन मे पारित किया जायेगा गतिरोध आने की दशा मे जैसा कि सामान्य विधेयक की स्थिति मे होता है सदनॉ की संयुक्त बैठक नही बुलायी जायेगी 24 वे संविधान संशोधन 1971 के बाद से यह अनिवार्य कर दिया गया है कि राष्ट्रपति इस बिल को अपनी स्वीकृति दे ही दे
सविंधान के प्रस्तावना के अनुसार भारत एक सम्प्रुभतासम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणराज्य है.
आलप्पुषा | एर्ण्णाकुल़म | इड्डुक्कि | कण्णूर | कासरगोड | कोल्लम | कोट्टयम | कोषिक्कोड | मलप्पुरम | पालाक्काड | पत्तनमत्तिट्टा | तिरुअनन्तपुरम | त्रिश्शूर | वयनाड
साँचा:US state insignia The word California originally referred to the entire region composed of the current U.S. state of California, plus all or parts of Nevada, Utah, Arizona, and Wyoming, and the Mexican peninsula now known as Baja California.
संविधान मंत्रियों की श्रेणी निर्धारित नही करता यह निर्धारण अंग्रेजी प्रथा के आधार पर किया गया है
इस युग में पद्य की बड़ उन्नति हुई किंतु आडंबर अधिक बढ़ गया। कसीदों में विशेषकर क्लिष्टता तथा दुरूह कल्पनाएँ दृष्टिगोचर होती हैं। कसीदा कहनेवाले कवियों में खाक़ानी का नाम ही काफी है, जिसकी मृत्यु सन् 494 हि. में हुई। इसके कसीदों में ओज तथा तड़क भड़क बहुत है पर साथ ही साथ क्लिष्टता तथा कल्पना का आडंबर भी अधिक है। इसकी प्रसिद्ध रचना "तुहफतुल्एराकीन" है। खाकानी के सिवा इस युग के प्रसिद्ध कसीदगी कवि अनवरी, मुइज्जी तथा फारयाबी हैं। इसी समय उमर खय्याम भी हुए जिनकी रुवाइयाँ प्रसिद्ध हैं और जिनका अनुवाद प्राय: सभी भाषाओं में हो चुका है। उमर खय्याम कवि नहीं, प्रत्यत ज्योतिषी तथा गणितज्ञ था जो कभी कभी कविता कर लेता था। नासिर खुसरो इस युग का प्रसिद्ध साहित्यकार था, जिसने गद्य पद्य दोनों लिखा है और अच्छा लिखा है। धर्म की दृष्टि से यह इसमाइली था, जो शीओं की एक शाखा है। इसने अपनी साहित्यिक शक्ति को अपने धार्मिक विचारों का प्रचार करने में विशेष लगाया। पद्य में इसका दीवान रूशनाईनामा तथा सआदतनामा प्रसिद्ध हैं। गद्य में जादुल्मुसाफ़िरीन तथा सफरनामा ने विशेष प्रसिद्धि प्राप्त की। सेल्जुकी युग की प्रमुख विशेषता सूफी ढंग की कविता का उत्कर्ष है। सूफी कवियों में फरीदुद्दीन अत्तार का विशिष्ट स्थान है, जिनका उल्लेख गद्य लेखकों में पहले किया जा चुका है। उनकी पद्य रचनाओं में मंतिकुल्तैर, इसरारनामा, मुसीबतनामा, इलाहीनामा आदि हैं। य सन् 627 ह. के लगभग मुगलों द्वारा मारे गए। इस युग के ख्यातिलब्ध कवि निजामी गंजवी हैं, जिन्होंने सिकंदरनामा नामक प्रस्तुत की है। इसमें सिकंदर की कल्पित तथा अवास्तविक कहानियाँ हैं। इन्होंने पाँच मसनवियाँ खम्सा के नाम से लिखी हैं जिनके नाम मख़जनुल् इसरार, खुसरू व शीरीं, लैली व मजनूं, हफ्तपैकर या बहरामनामा हैं। निजाँमी को कहानियों को पद्यबद्ध करने में बड़ी निपुणता प्राप्त थी। इन्होंने अनेक प्रकार की नई नई उपमाओं आदि का प्रयोग किया है। निजामी का परवर्ती काल के कवियों पर विशेष प्रभाव पड़ा, जिन्होंने इनके समर्थन में रचनाएँ कीं। निजामी की मृत्यु सन् 1203 ई. में हुई।
यूरोपीय संघ भूरे और फ़िनलैंड हरे रंग में
स्थान-स्थान में गाने-बजाने का तथा पदाकन्दा नाटक का भी प्रबंध रहता है। श्री दाऊजी ने द्वारका से आकर, वसन्त ऋतु के दो मास व्रज में बिताकर जो वनविहार किया था तथा उस समय यमुनाजी को खींचा था, यह परिक्रमा उसी की स्मृति है। मथुरा
विश्व पर्यटन संगठन (World Tourism Organization) के अनुसार निम्न १० देशों ने २००७ के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर सबसे अधिक खर्च किया है.एक पंक्ति में पांचवें साल के लिए, जर्मन पर्यटक सबसे ज्यादा खर्च करते हैं [१]Dresdner बैंक (Dresdner Bank) अध्ययन[९] का पूर्वानुमान है कि २००८ के लिए जर्मनी और यूरोप के लोग सबसे ज्यादा खर्च करने वाले रहेंगे क्योंकि अन्य गंतव्यों के पक्ष में यु एस के लिए अधिक मांग के साथ अमेरिकी डॉलर के विपरीत यूरो अधिक शक्तिशाली है.[१०]
इन बारह मासों के नाम आकाशमण्डल के नक्षत्रों में से १२ नक्षत्रों के नामों पर रखे गये हैं। जिस मास जो नक्षत्र आकाश में प्राय: रात्रि के आरम्भ से अन्त तक दिखाई देता है या कह सकते हैं कि जिस मास की पूर्णमासी को चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी के नाम पर उस मास का नाम रखा गया है। चित्रा नक्षत्र के नाम पर चैत्र मास (मार्च-अप्रैल), विशाखा नक्षत्र के नाम पर वैशाख मास (अप्रैल-मई), ज्येष्ठा नक्षत्र के नाम पर ज्येष्ठ मास (मई-जून), आषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर आषाढ़ मास (जून-जुलाई), श्रवण नक्षत्र के नाम पर श्रावण मास (जुलाई-अगस्त), भाद्रपद (भाद्रा) नक्षत्र के नाम पर भाद्रपद मास (अगस्त-सितम्बर), अश्विनी के नाम पर आश्विन मास (सितम्बर-अक्तूबर), कृत्तिका के नाम पर कार्तिक मास (अक्तूबर-नवम्बर), मृगशीर्ष के नाम पर मार्गशीर्ष (नवम्बर-दिसम्बर), पुष्य के नाम पर पौष (दिसम्बर-जनवरी), मघा के नाम पर माघ (जनवरी-फरवरी) तथा फाल्गुनी नक्षत्र के नाम पर फाल्गुन मास (फरवरी-मार्च) का नामकरण हुआ है।
उदाहरण :
ये आजादी के बाद की पंजाबी की सबसे उल्लेखनीए साहित्यकार मानी जाती हैं। इनका लेखन जीवन के उहापोह को समझने और उसके यथार्थ को उकेरने की एक ईमानदार कोशिश है। इनकी रचनाओं में न केवल नारी का संघर्ष और उसके प्रति समाज का असंगत दृष्टिकोण रेखांकित होता है बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विकृतियों और सत्ता के गलियारों में व्याप्त बेहया भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक जोरदार मुहीम भी नजर आती है। पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाइयाँ लड़ी है। इन्होंने दिल्ली में सार्क एकैडमी ऑफ आर्ट ऐंड कल्चर बनाया है। जहाँ आर्ट गैलरी भद्र जनों के साथ-साथ समाज के गरीब तबकों, झुग्गी के बच्चों और स्त्रियों के लिए भी खुली हैं।
पाण्डवों ने अपनी सेना का पड़ाव समन्त्र पंचक तीर्थ पास डाला और कौरवों ने उत्तम और समतल स्थान देखकर अपना पड़ाव डाला। उस संग्राम में हाथी, घोड़े और रथों की कोई गणना नहीं थी। पितामह भीष्म की सलाह पर दोनों दलों ने एकत्र होकर युद्ध के कुछ नियम बनाये। उनके बनाये हुए नियम निम्नलिखित हैं-
2. मलिक मुहम्मद जायसी - पद्मावत
One of the first empires in what is now Niger was the Songhai Empire. During recent centuries, the nomadic Tuareg formed large confederations, pushed southward, and, siding with various Hausa states, clashed with the Fulani Empire of Sokoto, which had gained control of much of the Hausa territory in the late 18th century.
इस्लाम एवं अन्य धर्म
मुद्रा स्फीति दर मुद्रा स्फीति,मूल्य सूचकांक की वृद्धि की दर, को मापने का तरीका है।
 यह एक क्रिकेट से संबंधित आधार है। आप इस लेख के भागो एंव उप-भागों को बढ़ा कर विकिपीडिया की मदद कर सकते हैं।
अब आचार्य शंकर ऐसे महासागर बन गए, जिसमें अद्वैतवाद, शुद्धाद्वैतवाद, विशिष्टा द्वैतवाद, निर्गुण ब्रह्म ज्ञान के साथ सगुण साकार की •ाक्ति की धाराएँ एक साथ हिलोरें लेने लगीं। उन्होंने अनु•ाव किया कि ज्ञान की अद्वैत •ाूमि पर जो परमात्मा निर्गुण निराकार ब्रह्म है, वही द्वैत की •ाूमि पर सगुण साकार है। उन्होंने निर्गुण और सगुण दोनों का समर्थन करके निर्गुण तक पहुँचने के लिए सगुण की उपासना को अपरिहार्य सीÞढी माना। ज्ञान और •ाक्ति की मिलन •ाूमि पर यह •ाी अनु•ाव किया कि अद्वैत ज्ञान ही स•ाी साधनाओं की परम उपलब्धि है। उन्होंने ‘ब्रह्मं सत्यं जगन्मिथ्या’ का उद्घोष •ाी किया और शिव, पार्वती, गणेश, विष्णु आदि के •ाक्तिरसपूर्ण स्तोत्र •ाी रचे, ‘सौन्दर्य लहरी’, ‘विवेक चूड़ामणि’ जैसे श्रेष्ठतम ग्रंथों की रचना की। प्रस्थान त्रयी के भष्य •ाी लिखे। अपने अकाट्य तर्कों से शैव-शाक्त-वैष्णवों का द्वंद्व समाप्त किया और पंचदेवोपासना का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने आसेतु हिमालय संपूर्ण भरत की यात्रा की और चार मठों की स्थापना करके पूरे देश को सांस्कृतिक, धार्मिक, दार्शनिक, आध्यात्मिक तथा •ाौगोलिक एकता के अविच्छिन्न सूत्र में बाँध दिया। उन्होंने समस्त मानव जाति को जीवन्मुक्ति का एक सूत्र दिया-
ऑटोमोबाइल फ्रेंच भाषा के माध्यम से, यूनानी भाषा के ऑटो [स्व] और मोबिलिस [चालित ] के संयोजन (Greek language)द्वारा आता है ;जिसका अर्थ है एक वाहन (vehicle)जो स्वयं चलता है, बजाय खींचे जाने के या एक अलग जानवर या किसी अन्य वाहन द्वारा धक्का दिए जाने से .ये विकल्प नाम गाड़ी की उत्पति लैटिन शब्द carrus या carrum [वाहन चक्र]से हुई , या मध्य अंग्रेज़ी (Middle English)शब्द carre ['गाड़ी (cart)'](जो पौराणिक उत्तर फ्रांसीसी , और karros; फ्ऱांस देश का (Gallic)एक वैगन (wagon).[२][३] माना जाता है.
प्रगति का केंद्र है। यह शरीर का मध्यभाग होने के कारण प्रगति के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इस भाग में तीन खण्ड होते हैं, जो अग्रवक्ष (प्रोथोरेक्स Prothorax), मध्यवक्ष (मेसोथोरैक्स Mesothorax) और पश्चवक्ष (मेटाथोरेक्स Metathorax) कहलाते हैं। भिन्न-भिन्न समुदाय के कीटों के तीन खण्डों में अत्यधिक भेद पाया जाता है। फुदकने वाले कीटों का अग्रवक्ष सबसे अधिक विकसित होता है, किंतु मध्यवक्ष और पश्चवक्ष का आकार पक्षों की परिस्थिति पर निर्भर करता है। जब दोनों पक्षों का आकार लगभग एक-सा होता है तब दोनों वक्षों का आकार भी एक-सा पाया जाता है। द्विपक्षों में केवल एक ही जोड़ी अर्थात्‌ अग्रपक्ष ही होते हैं। इस कारण मध्यपक्ष सबसे अधिक बड़ा होता है। पक्षविहीन कीटों में प्रत्येक खंड का पृष्ठीय भाग सरल तथा अविभाजित रहता है पक्षवाले खंडों का पृष्ठीय भाग लाक्षणिक रूप से तीन भागों में विभाजित रहता है, जो एक दूसरे के पीछे क्रम से जुड़े रहते हैं और प्रग्वरूथ (प्रिस्क्यूटम Prescutum), वरूथ (स्क्यूटम Scutum) तथा वरूथिका (स्क्यूटैलम Scutalum) कहलाते हैं वरूथिका के पीछे की ओर पश्चवरूथिका (पोस्ट स्क्यूटैलम Post-Scutalum) भी जुडी रहती है। जो अंतखंडीय झिल्ली के कड़े होने से बन जाती है। इन सब भागों में वरूथिका ही प्राय सबसे मुख्य होती है। दोनो ओर के पार्श्वक भी दो दो भागों में विभाजित रहता है। अग्रभाग उदरोस्थि (एपिस्टर्नम Episternum) और पश्चभाग पार्श्वकखंड (एपिमीराँन Epimeron) कहलाता है। प्रतिपृष्ठ में बेसिस्टर्नम (Basisternum) और फर्कास्टर्नम (Fursasternum) नामक दो भाग होते हैं। फर्कास्टर्नम के पीछे की ओर अंतखंडीय झिल्ली कड़ी होकर स्पाइनास्टर्नम (Spinasternum) बनकर जुड़ जाती है।
बदायूं भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है।
९८ - अट्ठानबे
मो- ९८११७७४१०६
आधुनिक युग में बंगला साहित्य का उत्थान उन्नीसवीं सदी के मध्य से शुरु हुआ। इसमें राजा राम मोहन राय, ईशवर चन्द्र विद्यासागर, परिचन्द्र मित्रा, माईकल मदसूदन दत्त, बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय (बांग्ला বঙ্কিমচন্দ্র চট্টোপাধ্যায় बॉङ्‌किम्‌चॉन्द्रो चॉट्टोपाद्धै‍‍‍य्‌), रवीन्द्र नाथ टेगोर ने अग्रणी भूमिका निभायी। इसके पहले बंगाल के साहित्यकार बंगला की जगह संस्कृत या अंग्रेजी में लिखना पसन्द करते थे। बंगला साहित्य में जनमानस तक पैंठ बनाने वालों मे शायद बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय पहले साहित्यकार थे।
पुराने समय मे कोस का प्रयोग किया जाता था ।
अपर्णा सेन (बांग्ला: অপর্ণা সেন ओपॉर्णा शेन) हिन्दी एवं बांगला सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं।
यह अफ्रीका के पूर्वी तटीय भाग में स्थित प्रमुख मैदान हैं ।
यह किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रायोजनों में प्रयोग होती है । उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है ।
5वीं, 6वीं, और 7वीं सदी में सिला का प्रभुत्व धीरे-धीरे कोरियाई प्रायद्वीप को पार करने लगा. सिला पहले बगल गया महासंघ कब्जा कर लिया. 660 तक, सिला ने बैक्जे को और बाद में गोगुरियो को जीतने के लिए, चीन के तांग राजवंश के साथ गठबंधन किया. चीनी सेना को पीछे धकेलने के बाद, सिला ने आंशिक रूप से प्रायद्वीप को एकीकृत किया, और एक ऐसी अवधि शुरू हुई जिसे अक्सर एकीकृत सिला कहा जाता है.
ग्रीक गद्य का आविर्भाव संसार के अन्य साहित्यों की ही भाँति पद्य के पीछे हुआ। ईसा पूर्व पाँचवीं शताब्दी के मध्य में ग्रीक गद्य तथा पद्य के क्षेत्र एक दूसरे से अलग होने लगे और बहुत से विचारों का अभिव्यंजन गद्य के माध्यम से होने लगा। कलात्मक गद्य के निर्माण में प्रसिद्ध ग्रीक इतिहासकारों, हेरोदोतस, थ्युसिदीइदिज तथा जेनोफोन ग्रीक दार्शनिकों जैसे हेराक्लीतस, अफलातून और अरस्तू तथा ग्रीक वाग्मियों तथा वाक्शास्त्रियों (रेटोरिशियनों) का काफी हाथ रहा। शास्त्रियों में मुख्य स्थान सोफिस्तां का था जो एथेंस में वक्ताओं का प्रशिक्षण करते थे और अपने काव्य तथा संगीतमय गद्यभाषणों से असत्य के ऊपर सत्य का मुलम्मा लगाकर लोगों को मुग्ध किया करते थे। इनके अनिष्टकारी प्रभावों का विरोध अफलातून ने मुक्तकंठ से किया और उनके पश्चात् अरस्तू ने इस शास्त्र का वैज्ञानिक विवेचन कर गद्य की विभिन्न शैलियों पर ऐसा प्रकाश डाला कि उनका विवेचन आज तक प्रमाणिक माना जाता है। अफलातून तथा उनके शिष्य अरस्तू दार्शनिक होने के साथ ही साहित्यसमीक्षक भी थे। दोनों की प्रतिभा बहुमुखी थी। परंतु प्लेटो की गद्यशैली साहित्यिक है और उसमें यथास्थान कवित्व का सुंदर पुट है अरस्तू का गद्य नीरस वैज्ञानिक का है जिसमें कलापक्ष गौण है विचारपक्ष मुख्य। यूरोप का समीक्षा साहित्य शताब्दियों तक अरस्तू के काव्यशास्त्र (पोइटिक्स) को बाइबिल के समान ही पुनीत समझता रहा। अरस्तू के शिष्य थियोफ्रेस्त्रस अपनी गद्यरचना "कैरेक्टर्स" के लिये प्रसिद्ध हैं।
मूलतः ब्रिटिश लोगों ने इसका स्वामित्व और नियंत्रण किया। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे, जिन्होंने 1950 में अपने संपादक के पद से इस्तीफा दे दिया। भारत की स्वतंत्रता के बाद इस समाचार पत्र के स्वामित्व को डालमिया के प्रसिद्द औद्योगिक परिवार को दे दिया गया। बाद में उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन के द्वारा इसे नियंत्रण में ले लिया गया.
1. सभी निर्वाचनॉ का पर्यवेक्षण ,नियंत्रण,आयोजन करवाना
The lowest point is the Niger River, with an elevation of 200 metres (722 ft). The highest point is Monts Bagzane at 2,022 metres (6,634 ft).
दतिया उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। दोनों राज्यों के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसों की व्यवस्था है। झांसी, ग्वालियर, मथुरा, डबरा, आगरा, ओरक्षा आदि शहरों से यहां के लिए राज्य परिवहन निगम की नियमित बसें चलती रहती हैं।
मैं ने भी स्वीकार किया कि एक अहिंसक राज्य में भी पुलिस बल की जरूरत अनिवार्य हो सकती है। पुलिस रैंकों का गठन अहिंसा में विश्‍वास रखने वालों से किया जाएगा। लोग उनकी हर संभव मदद करेंगे और आपसी सहयोग के माध्यम से वे किसी भी उपद्रव का आसानी से सामना कर लेंगे ...श्रम और पूंजी तथा हड़तालों के बीव हिंसक झगड़े बहुत कम होंगे और अहिंसक राज्यों में तो बहुत कम होंगे क्योंकि अहिंसक समाज की बाहुलता का प्रभाव समाज में प्रमुख तत्वों का सम्मान करने के लिए महान होगा। इसी प्रकार साम्प्रदायिक अव्यवस्था के लिए कोई जगह नहीं होगी;;;;;;
साड़ियों के अलावा जरदोजी का काम भी यहां चालू हो चुका है। ये बनारस की अपनी अलग परम्परा नहीं है परन्तु अब लोगों ने बनारसी साड़ी में भी जरदोजी का काम करना प्रारम्भ कर दिया है। बनारस में बनारसी साड़ी तथा वस्र के अलावा अन्य साड़ी, सूट के कपड़े, ड्रेस मैटीरियल्स, पर्दा, कुशन कवर आदि में भी अधिकांशतः मुस्लिम सम्प्रदाय के लोग (कलाकार) लगे हुए हैं। जरदोजी बहुत ही कलात्मक तथा धैर्य का काम है। इसकी बारीकी को समझने के लिए यह जरुरी है कि इसे कम उम्र से ही सीखा जाए। फलतः जरदोजी के पेशे में बच्चे तथा औरतें भी लगे हुए हैं।
कुछ और शक्ति पीठ मंदिर कहे जाते हैं:-
मुंबई ज्यादातर आतंकवादी संगठनों का सबसे पसंदीदा लक्ष्य रहा है, मुख्य रूप से कश्मीर की अलगाववादी ताकतों का. पिछले कुछ वर्षों में जिन हमलों की शृंखलाओं को अंजाम दिया गया उनमें जुलाई 2006 में लोकल ट्रेनों में हुए विस्फोट और बिल्कुल हाल में 26 नवम्बर 2008 को हुए अभूतपूर्व हमले शामिल हैं जहां दो मुख्य होटलों और दक्षिण मुंबई में स्थित एक इमारत पर कब्जा कर लिया गया था.
3.
साक्षरता -56.9%
इतिहास और राजस्व प्रमाणों के अनुसार दिल्ली के बादशाह, शाहजहाँ, ने सरवट (SARVAT) नाम के परगना को अपने एक सरदार सैयद मुजफ़्फ़र खान को जागीर में दिया था जहाँ पर 1633 में उसने और उसके बाद उसके बेटे मुनव्वर लश्कर खान ने मुजफ़्फ़र नगर नाम का यह शहर बसाया।
अप्रैल वर्ष का चौथा महीना है।
Sri Seewoosagur Ramgoolam Statue
ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को एक मराठी परिवार में हुआ था। उनकी दो बहनें मिथिला एवं मोलिना हैं।
कितने मोरचे
निर्वाचन आयोग विधायिका निर्मित विधि का उल्लघँन नहीं कर सकता है और न ही ये स्वेच्छापूर्ण कार्य कर सकता है उसके निर्णय न्यायिक पुनरीक्षण के पात्र होते है
पुणे शहर भारत का सबसे तेज विकसित होने वाला शहर है। पुणे कि जनसंख्या बडी तेजी से बढ रही है। सन १९९१ कि जनगणना के अनुसार पुणे कि जनसंख्या ११ लाख थी। सन २००१ के अनुसार २५ लाख हुई। अब २०११ के अनुसार जनसंख्या ५० लाख के उपर जाने कि संभावना है। पुणे शहर मे सॉफ्टवेयर व वाहननिर्मिती के व्यवसायो के निरंतर विकास से नोकरी की तलाश मे भारत के अन्य प्रांत के लोगो यहाँ बसते आए है। 2003 से यहाँ निर्माण-क्षेत्र के काफी तेजी आई है।
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इस्लाम एवं अन्य धर्म
उत्तर प्रदेश के कन्नौज, औरैया, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, हरदोई, शाहजहांपुर, कानपुर, पीलीभीत जिलों के ग्रामीणांचल में बहुतायत से बोली जाती है। कन्नौजी भाषा/ कनउजी, पश्चमी हिन्दी के अन्तर्गत आती हॅ।
२००३ में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस द्वारा आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण मे जिसमे अब तक के दस सबसे मशहूर गानो का चयन करने के लिए दुनिया भर से लगभग ७,००० गीतों को चुना गया था, और बीबीसी के अनुसार, १५५ देशों/द्वीप के लोगों ने इसमे मतदान किया था, वंदे मातरम् शीर्ष के १० गानो में दूसरे स्थान पर था। [४]
वाराणसी हिन्दुओं एवं बौद्धों के अलावा जैन धर्म के अवलंबियों के लिये भी पवित तीर्थ है। इसे २३वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ का जन्मस्थान माना जाता है।[७५] वाराणसी पर इस्लाम संस्कृति ने भी अपना प्रभाव डाला है। हिन्दू-मुस्लिम समुदायों में तनाव की स्थिति कुछ हद तक बहुत समय से बनी हुई है।
गद्यसाहित्य की विकासमान परंपरा उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्ध से अग्रसर हुई। इसके प्रवर्तक आधुनिक युग के प्रवर्तक और पथप्रदर्शक भारतेंदु हरिश्चंद्र थे जिन्होंने साहित्य का समकालीन जीवन से घनिष्ठ संबंध स्थापित किया। यह संक्रांति और नवजागरण का युग था। अँगरेजों की कूटनीतिक चालों और आर्थिक शोषण से जनता संत्रस्त और क्षुब्ध थी। समाज का एक वर्ग पाश्चात्य संस्कारों से आक्रांत हो रहा था तो दूसरा वर्ग रूढ़ियों में जकड़ा हुआ था। इसी समय नई शिक्षा का आरंभ हुआ और सामाजिक सुधार के आंदोलन चले। नवीन ज्ञान विज्ञान के प्रभाव से नवशिक्षितों में जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण विकसित हुआ जो अतीत की अपेक्षा वर्तमान और भविष्य की ओर विशेष उन्मुख था। सामाजिक विकास में उत्पन्न आस्था और जाग्रत समुदायचेतना ने भारतीयों में जीवन के प्रति नया उत्साह उत्पन्न किया। भारतेंदु के समकालीन साहित्य में विशेषत: गद्यसाहित्य में तत्कालीन वैचारिक और भौतिक परिवेश की विभिन्न अवस्थाओं की स्पष्ट और जीवंत अभिव्यक्ति हुई। इस युग की नवीन रचनाएँ देशभक्ति और समाजसुधार की भावना से परिपूर्ण हैं। अनेक नई परिस्थितियों की टकराहट से राजनीतिक और सामाजिक व्यंग की प्रवृत्ति भी उद्बुद्ध हुई। इस समय के गद्य में बोलचाल की सजीवता हैं। लेखकों के व्यक्तित्व से संपृक्त होने के कारण उसमें पर्याप्त रोचकता आ गई है। सबसे अधिक निबंध लिखे गए जो व्यक्तिप्रधान और विचारप्रधान तथा वर्णनात्मक भी थे। अनेक शैलियों में कथासाहित्य भी लिखा गया, अधिकतर शिक्षाप्रधान। पर यथार्थवादी दृष्टि और नए शिल्प की विशिष्टता श्रीनिवासदास के "परीक्षागुरु' में ही है। देवकीनंदन का तिलस्मी उपन्यास 'चंद्रकांता' इसी समय प्रकाशित हुआ। पर्याप्त परिमाण में नाटकों और सामाजिक प्रहसनों की रचना हुई। भारतेंदु, प्रतापनारायण, श्री निवासदास, आदि प्रमुख नाटककार हैं। साथ ही भक्ति और शृंगार की बहुत सी सरस कविताएँ भी निर्मित हुई। पर जिन कविताओं में सामाजिक भावों की अभिव्यक्ति हुई वे ही नए युग की सृजनशीलता का आरंभिक आभास देती हैं। खड़ी बोली के छिटफुट प्रयोगों को छोड़ शेष कविताएँ ब्रजभाषा में लिखी गई। वास्तव में नया युग इस समय के गद्य में ही अधिक प्रतिफलित हो सका।
प्रथम सहस्राबि के आरंभ में ही होयसाल वंश का क्षेत्र में पुनरोद्भव हुआ। इसी समय होयसाल साहित्य पनपा साथ ही अनुपम कन्नड़ संगीत और होयसाल स्थापत्य शैली के मंदिर आदि बने। [२४][२५][२६][२७] होयसाल साम्राज्य ने अपने शासन के विस्तार के तहत आधुनिक आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के छोटे भागों को विलय किया। १४वीं शताब्दी के आरंभ में हरिहर और बुक्का राय ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की जिसकी राजधानी होसनपट्ट (बाद में विजयनगर) आधुनिक बेल्लारी जिले में तुंगभद्रा नदी के तट पर बसायी। इस साम्राज्य ने अगली दो शताब्दियों में मुस्लिम शासकों के दक्षिण भारत में विस्तार पर रोक लगाये रखी।[२८][२९]
लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं।
कुवैत (अरबी: دولة الكويت‎, दवालात अल-कुवैती) पश्चिम एशिया में स्थित एक संप्रभु अरब अमीरात है, जिसकी सीमा उत्तर में सउदी अरब और उत्तर और पश्चिम में इराक से मिलती है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक की अधिकतम दूरी 200 किमी (120 मील) और पूर्व से लेकर पश्चिम तक की दूरी 170 किमी (110 मील) है। कुवैत एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है 'पानी के करीब एक महल'। करीबन 30 लाख की जनसंख्या वाले इस संवैधानिक राजशाही वाले देश में संसदीय व्यवस्था वाली सरकार है। कुवैत नगर देश की आर्थिक और राजनीतिक राजधानी है। कुवैत में अनेक द्वीप भी शामिल हैं, जिसमें इराक की सीमा से लगा बुमियान सबसे बड़ा है।
वहां लगा एक बोर्ड, जिसपर वहां का इतिहास लिखा है
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अशोक के स्तम्भ लेख
विधायिका शब्द की तात्पर्य एवं उत्पत्ति विधान अर्थात् 'विधि द्वारा निश्चित है' से हुई है। यह शब्द विधि बनाने वाली सरकारी इकाई के लिये प्रयोग में आता है।
सदनॉ द्वारा पारित माना जायेगा राज्य सभा द्वारा सुझाया कोई भी संशोधन लोक सभा की इच्छा पे निर्भर करेगा कि वो स्वीकार करे
चेन्नई दक्षिण भारत के प्रवेशद्वार की भांति प्रतीत होता है, जिसमें अन्ना अन्तर्राष्ट्रीय टर्मिनल एवं कामराज अन्तर्देशीय टार्मिनल सहित चेन्नई अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत का तीसरा व्यस्ततम विमानक्षेत्र है। [५८][५९] चेन्नई शहर दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व , यूरोप एवं उत्तरी अमरीका के प्रधान बिन्दुओं पर ३० से अधिक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय विमान सेवाओं से जुड़ा हुआ है। यह विमानक्षेत्र देश का दूसरा व्यस्ततम कार्गो टर्मिनस है। वर्तमान विमानक्षेत्र में अधिक आधुनिकीकरण और विस्तार कार्य प्रगति पर हैं। इसके अलावा श्रीपेरंबुदूर में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट लगभग २००० करोड़ रु. की लागत से बनना तय हुआ है।[६०] शहर में दो प्रधान सागरपत्तन (बंदरगाह) हैं, चेन्नई पोर्ट जो सबसे बडे कृत्रिम बंदरगाहों में एक है, तथा एन्नोर पोर्ट। चेन्नई पोर्ट बंगाल की खाड़ी में सबसे बड़ा बंदरगाह और भारत का दूसरा सबसे बड़ा सागरीय-व्यापार केन्द्र है, जहां ऑटोमोबाइल, मोटरसाइकिल, सामान्य औद्योगिक माल और अन्य थोक खनिज की आवाजाही होती है। [६१]मुम्बई के बाद भारत का यही सबसे बड़ा पत्तन है। इस कृत्रिम बन्दरगाह में जलयानों के लंगर डालने के लिए कंक्रीट की मोटी दीवारें सागर में खड़ी करके एक साथ दर्जनों जलयानों के ठहराने योग्य पोताश्रय बना लिया गया है। दक्षिणी भारत का सारा दक्षिण-पूर्वी भाग (तमिलनाडु, दक्षिणी आन्ध्रप्रदेश तथा कर्नाटक राज्य) इसकी पृष्ठभूमि है। यहाँ मुख्य निर्यात मूँगफली और इसका तेल, तम्बाकू, प्याज, कहवा, अबरख, मैंगनीज, चाय, मसाला, तेलहन, चमड़ा, नारियल इत्यादि हैं तथा आयात में कोयला, पेट्रोलियम, धातु, मशीनरी, लकड़ी, कागज, मोटर-साइकिल, रसायन, चावल और खाद्यान्न, लम्बे रेशे वाली कपास, रासायनिक पदार्थ, प्रमुख हैं। एक छोटा बंदरगाह रोयापुरम में भी है, जो स्थानीय मछुआरों और जलपोतों द्वारा प्रयोग होता है। पूर्वी तट पर चेन्नई की महत्त्वपूर्ण स्थिति ने प्राकृतिक सुविधा के अभाव में भी कृत्रिम व्यवस्था द्वारा एक पत्तन का विकास पाया है। एक बन्दरगाह होने के कारण कोलकाता, विशाखापट्टनम, कोलम्बों, रंगून, पोर्ट ब्लेयर आदि स्थानों से समुद्री मार्ग द्वारा सम्बद्ध है।
जब १८-दिन का युद्ध समाप्त हो जाता है, तो श्रीकृष्ण, अर्जुन को उसके रथ से नीचे उतर जाने के लिए कहते हैं। जब अर्जुन उतर जाता है तो वे उसे कुछ दूरी पर ले जाते हैं। तब वे हनुमानजी को रथ के ध्वज से उतर आने का संकेत करते हैं। जैसे ही श्री हनुमान उस रथ से उतरते हैं, अर्जुन के रथ के अश्व जीवित ही जल जाते हैं और रथ में विस्फोट हो जाता है। यह देखकर अर्जुन दहल उठता है। तब श्रीकृष्ण उसे बताते हैं की पितामह भीष्म, गुरु द्रोण, कर्ण, और अश्वत्थामा के धातक अस्त्रों के कारण अर्जुन के रथ में यह विस्फोट हुआ है। यह अब तक इसलिए सुरक्षित था क्योंकि उस पर स्वयं उनकी कृपा थी और श्री हनुमान की शक्ति थी जो रथ अब तक इन विनाशकारी अस्त्रों के प्रभाव को सहन किए हुए था।
फ्लोरिडा में ऐमट्रैक की सेवा चलती है: सैनफोर्ड, ग्रेटर ऑरलैंडो में ऐमट्रैक ऑटो ट्रेन का दक्षिणी टर्मिनस है जो लॅरटन, वर्जीनिया, दक्षिण वाशिंगंटन, डीसी से आरंभ होती है. सन्सेट लिमिटेड, का पूर्वी टर्मिनस भी ऑरलैंडो है, जो पूरे दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका में नई ऑरलियंस, ह्यूस्टन, और सैन एंटोनियो द्वारा होती हुई लॉस एंजिल्स के पश्चिमी टर्मिनस के लिए यात्रा करती है. फ्लोरिडा में दो अतिरिक्त ऐमट्रैक रेल सेवा उपलब्ध है (सिल्वर स्टार और सिल्वर मिट्योर), जो न्यूयॉर्क शहर और मियामी के बीच संचालित है.
सत्रहवें दिन के युद्ध में आखिरकार वह घड़ी आ ही गई, जब कर्ण और अर्जुन आमने-सामने आ गए। इस शानदार संग्राम में दोनों ही बराबर थे। कर्ण को उसके गुरू परशुराम द्वारा विजय नामक धनुष भेंट स्वरूप दिया गया था, जिसका प्रतिरूप स्वयं विश्वकर्मा ने बनाया था। दुर्योधन के निवेदन पर पांडवों के मामा शल्य कर्ण के सारथी बनने के लिए तैयार हुए। दरसल अर्जुन के सारथी स्वयं श्रीकृष्ण थे, और कर्ण किसी भी मामले में अर्जुन से कम ना हो इसके लिए शल्य से सारथी बनने का निवेदन किया गया, क्योंकि उनके अंदर वे सभी गुण थे जो एक योग्य सारथी में होने चाहिए।
भाषा-साम्राज्य के अंतर्गत भी शब्दों की सीमा में अक्षरों की जो आचार सहिता अथवा उनका अनुशासनगत संविधान है, उसे ही हम वर्तनी की संज्ञा दे सकते हैं।....वर्तनी भाषा का वर्तमान है। वर्तनी भाषा का अनुशासित आवर्तन है, वर्तनी शब्दों का संस्कारिता पद विन्यास है। वर्तनी अतीत और भविष्य के मध्य का सेतु सूत्र है। यह अक्षर संस्थान और वर्ण क्रम विन्यास है। [५]
ए-32, अशोक नगर, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश
नागपुर का स्थान २१°०६' उत्तर अक्षांश, ७९° ०३' पूर्व रेखांश है।
वेद व्यास से सुनकर भगवान गणेश महभारत लिखते हुए
विस्तृत लेख - हिंदी स्वरविज्ञान
इसके बाद पह्लवों का शासन आया जिनके बारे में अधिक जानकारी उपल्ब्ध नहीं है । तत्पश्चात शकों का शासन आया । शक लोग मध्य एशिया के निवासी थे जिन्हें यू-ची नामक कबीले ने उनके मूल निवास से खदेड़ दिया गया था । इसके बाद वे भारत आए । इसके बाद यू-ची जनजाति के लोग भी भारत आ गए क्योंकि चीन की महान दीवार के बनने के बाद मध्य एशिया की परिस्थिति उनके अनूकूल नहीं थी । ये कुषाण कहलाए । कनिष्क इस वंश का सबसे प्रतापी राजा था । कनिष्क ने ७८ ईसवी से १०१ ईस्वी तक राज किया ।
चरम उदग्र शिखर (अंग्रेजी: Ultra Prominent Peak), या संक्षिप्त में केवल चरम उन शिखरों का एक वर्गीकरण है जिनकी स्थलाकृतिक उदग्रता (मोटे अर्थों में ऊँचाई) 1,500 मीटर (4,921 फुट) या उससे अधिक है। विश्व में ऐसी लगभग 1,524 चोटियों हैं। उदग्रता के अनुसार विश्व के पहले तीन सबसे प्रसिद्ध चरम उदग्र शिखर हैं, एवरेस्ट पर्वत, अकांकागुआ और मैककिनले पर्वत। मैटरहॉर्न और आइजर जैसी कुछ प्रसिद्ध चोटियों, चरम उदग्र शिखर नहीं हैं क्योंकि वे ऊँचे पहाड़ों से दर्रों के द्वारा जुड़ी हैं, और इसलिए इन्हें पर्याप्त स्थलाकृतिक उदग्रता हासिल नहीं है।
यह निर्णय ब्रह्मचर्य (Brahmacharya) के दर्शन से पुरी तरह प्रभावित था आध्यात्मिक और व्यवहारिक शुद्धता बड़े पैमाने पर ब्रह्मचर्य और वैराग्यवाद (asceticism) से जुदा होता है.गाँधी ने ब्रह्मचर्य को भगवान् के करीब आने और अपने को पहचानने का प्राथमिक आधार के रूप में देखा था अपनी आत्मकथा में वे अपनी बचपन की दुल्हन कस्तूरबा (Kasturba) के साथ अपनी कामेच्छा और इर्ष्या के संघर्षो को बतातें हैं उन्होंने महसूस किया कि यह उनका व्यक्तिगत दायित्व है की उन्हें ब्रह्मचर्य रहना है ताकि वे बजाय हवस के प्रेम को सिख पायें गाँधी के लिए, ब्रह्मचर्य का अर्थ था "इन्द्रियों के अंतर्गत विचारों, शब्द और कर्म पर नियंत्रण".[३१]
भारत की प्राचीन विचारधारा के अनुसार भूमि सार्वजनिक संपत्ति थी, इसलिये यह व्यक्ति की संपत्ति नहीं हो सकती थी। भूमि भी वायु, जल एवं प्रकाश की तरह प्रकृतिदत्त उपहार मानी जाती थी। महर्षि जैमिनि के मतानुसार "राजा भूमि का समर्पण नहीं कर सकता था क्योंकि यह उसकी संपत्ति नहीं वरन् मानव समाज की सम्मिलित संपत्ति है। इसलिये इसपर सबका समान रूप से अधिकार है"। मनु का भी स्पष्ट कथन है कि "ऋषियों के मतानुसार भूमिस्वामित्व का प्रथम अधिकार उसे है जिसने जंगल काटकर उसे साफ किया था जोता" (मनुस्मृति, 8, 237,239)। अतएव प्राचीन भारत के काफी बड़े भाग में भूमि पर ग्राम के प्रधान का निर्वाचन ग्रामसमुदाय करता था तथा उसकी नियुक्ति राज्य की सम्मति से होती थी। राज्य उसे भूमिकर न देने पर हटा सकता था, यद्यपि यह पद वंशानुगत था तथा इसकी प्राप्ति के लिये जनमत तथा राज्यस्वीकृति आवश्यक थी। अतएव वर्तमान समय के जमींदारों से, जो निर्वाचित नहीं होते वे भिन्न थे।
अपने प्रतिद्वंद्वी पंद्रह सेकण्ड तक जमीन पर गिराए रखने पर युको अंक प्राप्त होता है. यदि नीचे गिराए रखने की तकनीक का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को पहले ही एक वाजा-अरी मिल चुका है, तो दो वाजा-अरी के जरिए इप्पोन (वाजा-अरी-अवसेते-इप्पोन ) अंक प्राप्त करने के लिए उसे अपने प्रतिद्वंद्वी को केवल बीस सेकण्ड तक जमीन पर गिराए रखने की जरूरत है. एक इप्पोन या एक वाजा-अरी अंक की आवश्यकताओं के अभाव के साथ प्रतिद्वंद्वी को जमीन पर पटकने के लिए एक युको अंक प्राप्त हो सकता है. तथाकथित "स्किलफुल टेकडाउंस" अर्थात् "कुशलतापूर्वक जमीन पर गिराने" की भी इजाजत दी जाती है (जैसे - फ़्लाइंग आर्म-बार) लेकिन इसके लिए कोई अंक प्राप्त नहीं होता है.
बौद्ध धर्म सम्राट अशोक के प्रसार के समय मालदीव में आया और 12 वीं शताब्दी AD तक मालदीव के लोगों का प्रमुख धर्म बना रहा. प्राचीन मालदीव राजाओं ने बौद्ध धर्म को बढ़ावा दिया और पहला मालदीव लेखन और कलात्मक उपलब्धियां विकसित मूर्तिकला और वास्तुकला के रूप में इसी अवधि से हैं. इस्द्हू लोमफानू (Lōmāfānu) अभी तक की मालदीवज पर पाए जाने वाली सबसे पुरानी ताम्र पत्तर पुस्तक है. यह किताब 1194 AD(AH 590) में सिरी फेन्नाधीत्था महा रडून (दहिनी कलामिन्जा) के शासनकाल के दौरान लिखी गई थी, इसकी पहली पत्तर को छोड़ कर बाकी दिवेही अकुरु के एवेला के रूप में है. ऐसा कहा जाता है कि तुसितेस माकरी, मालदीव पौराणिक कथाओं में युद्ध के परमेश्वर, किसी भी नेता को पकड़ लेते थे जिसने ताज पहने हुए गलत तरीके के काम किए होते थे.
सीरिया की 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है और 10 प्रतिशत ईसाई । मुस्लिमों में 74 प्रतिशत सुन्नी हैं ।
में होने वाली एक हिंदू विवाह समारोह
भारतीय स्कूल ऑफ बिजनेस फाइनेंशियल टाइम्स की वार्षिक एमबीए 2010 की रैंकिंग के अनुसार सर्वोच्च स्थान के 100 ग्लोबल बी-स्कूलों के बीच में 12वें स्थान पर है.[३]
अन्य प्रमुख संस्थान
गुप्त राजवंश या गुप्त वंश प्राचीन भारत के प्रमुख राजवंशों में से एक था। इसे भारत का एक स्वर्ण युग माना जाता है।
प्रारम्भ से ही रैदास बहुत परोपकारी तथा दयालु थे और दूसरों की सहायता करना उनका स्वभाव बन गया था। साधु-सन्तों की सहायता करने में उनको विशेष आनन्द मिलता था। वे उन्हें प्राय: मूल्य लिये बिना जूते भेंट कर दिया करते थे। उनके स्वभाव के कारण उनके माता-पिता उनसे अप्रसन्न रहते थे। कुछ समय बाद उन्होंने रैदास तथा उनकी पत्नी को अपने घर से अलग कर दिया। रैदास पड़ोस में ही अपने लिए एक अलग झोपड़ी बनाकर तत्परता से अपने व्यवसाय का काम करते थे और शेष समय ईश्वर-भजन तथा साधु-सन्तों के सत्संग में व्यतीत करते थे।
विश्व का सबसे ऊंचा गोल्फकोर्स भी यहीं है। सर्दियों में जब यहां बर्फ की मोटी चादर बिछी होती है तब यह स्थान हिमक्रीडा और स्कीइंग के शौकीन लोगों के लिए तो जैसे स्वर्ग बन जाता है। यहां चलने वाली गंडोला केबल कार द्वारा बर्फीली ऊंचाइयों तक पहुंचना रोमांचक लगता है। ढलानों पर लगे चीड या देवदार के पेडों पर बर्फलदी दिखती है। तमाम पर्यटक बर्फ पर स्कीइंग का आनंद लेते हैं तो बहुत से स्लेजिंग करके ही संतुष्ट हो लेते हैं। यहां पर्यटक चाहें तो स्कीइंग कोर्स भी कर सकते हैं। हर वर्ष होने वाले विंटर गेम्स के समय यहां विदेशी सैलानी भी बडी तादाद में आते हैं।
इस स्थान के आसपास बहुत से धार्मिक स्थल हैं। विश्वनाथ मंदिर, कणप्पा मंदिर, मणिकणिका मंदिर, सूर्यनारायण मंदिर, भरद्वाज तीर्थम, कृष्णदेवार्या मंडप, श्री सुकब्रह्माश्रमम, वैय्यालिंगाकोण (सहस्त्र लिंगों की घाटी), पर्वत पर स्थित दुर्गम मंदिर और दक्षिण काली मंदिर इनमें से प्रमुख हैं।[४] यहां का समीपस्थ हवाई अड्डा तिरुपति विमानक्षेत्र है, जो यहाँ से बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मद्रास-विजयवाड़ा रेलवे लाइन पर स्थित गुंटूर व चेन्नई से भी इस स्थान पर आसानी से पहुँचा जा सकता है। विजयवाड़ा से तिरुपति जाने वाली लगभग सभी रेलगाड़ियां कालहस्ती पर अवश्य रुकती हैं। आंध्र प्रदेश परिवहन की बस सेवा तिरुपति से छोटे अंतराल पर इस स्थान के लिए उपलब्ध है।
ग्रेटर चेन्नई पुलिस विभाग तमिल नाडु पुलिस का ही एक अनुभाग है, जो शहर में कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख में संलग्न है। शहर की पुलिस के अध्यक्ष पुलिस आयुक्त, चेन्नई हैं और प्रशासनिक नियंत्रण राज्य गृह मंत्रालय के पास है। इस विभाग में ३६ उप-भाग और १२१ पुलिस-स्टेशन है। शहर खा यातायात चेन्नई सिटी ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियंत्रित होता है। महानगर के उपनगर चेन्नई मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अधीन आते हैं, एवं बाहरी जेले कांचीपुरम एवं तिरुवल्लुर पुलिस विभागों के अन्तर्गत्त हैं।
कांग्रेस का वर्चस्व इससे समाप्तप्राय हो गया लेकिन धन की ताकत से कांग्रेस ने कई राज्यों में शासन सत्ता हथिया ली।
ज्ञानकोशों के भी इतने अधिक प्रकार और पद्धतियाँ हैं जिनकी चर्चा का यहाँ अवसर नहीं है । चरितकोश, कथाकोश इतिहासकोश, ऐतिहासिक कालकोश, जीवनचरितकोश पुराख्यानकोश, पौराणिक- ख्यातपुरुषकोश आदि आदि प्रकार के विविध नामरूपात्मक ज्ञानकोशों की बहुत सी विधाएँ विकसित और प्रचलित हो चुकी हैं । यहाँ प्रसंगतः ज्ञानकोशों का संकेतात्मक नामनिर्देश मात्र कर दिया जा रहा है । हम इस प्रसंग को यहीं समाप्त करते हैं और शब्दर्थकोश से संबंद्ध प्रकृत विषय की चर्चा पर लौट आते हैं ।
प्लक्षद्वीप अपने ही परिमाण वाले इक्षुरस के सागर से घिरा हुआ है।
2.9.2 जिन तत्सम शब्दों में तीन व्यंजनों के संयोग की स्थिति में एक द्‍‌वित्वमूलक व्यंजन लुप्त हो गया है उसे न लिखने की छूट है। जैसे :– अर्द्‌ध > अर्ध, तत्‍त्व > तत्व आदि।
लेकिन इसके प्रमुख प्रभाव उस समय देखने को मिले जब उन्हें अशांति फैलाने के लिए पुलिस ने गिरफ्तार किया और उन्हें प्रांत छोड़ने के लिए आदेश दिया गया। हजारों की तादाद में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए ओर जेल, पुलिस स्टेशन एवं अदालतों के बाहर रैलियां निकालकर गांधी जी को बिना शर्त रिहा करने की मांग की। गांधी जी ने जमींदारों के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन और हड़तालों को का नेतृत्व किया जिन्होंने अंग्रेजी सरकार के मार्गदर्शन में उस क्षेत्र के गरीब किसानों को अधिक क्षतिपूर्ति मंजूर करने तथा खेती पर नियंत्रण , राजस्व में बढोतरी को रद्द करना तथा इसे संग्रहित करने वाले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस संघर्ष के दौरान ही, गांधी जी को जनता ने बापू पिता और महात्मा (महान आत्मा) के नाम से संबोधित किया। खेड़ा में सरदार पटेल ने अंग्रेजों के साथ विचार विमर्श के लिए किसानों का नेतृत्व किया जिसमें अंग्रेजों ने राजस्व संग्रहण से मुक्ति देकर सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप , गांधी की ख्याति देश भर में फैल गई।
इतिहास के पन्नों पर आर्मीनिया का आकार कई बार बदला है। आज का आर्मीनिया अपने पुराने आकार का बहुत ही छोटा स्वरूप है। ८० ई.पू. में आर्मेनिया राजशाही के अंतर्गत वर्तमान तुर्की का कुछ भू-भाग, सीरिया, लेबनान, ईरान, इराक, अज़रबैजान और वर्तमान आर्मीनिया के भू-भाग सम्मिलित थे। १९२० से लेकर १९९१ तक आर्मीनिया एक साम्यवादी देश था। यह सोवियत संघ का एक सदस्य था। आज आर्मीनिया की तुर्की और अज़रबैजान से लगती सीमा संघर्ष की वजह से बंद रहती हैं। नागोर्नो-काराबाख पर आधिपत्य को लेकर १९९२ में आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच लड़ाई हुई थी जो १९९४ तक चली थी। आज इस जमीन पर आर्मीनिया का अधिकार है लेकिन अजरबैजान अभी भी जमीन पर अपना अधिकार बताता है।
इस्लाम की आलोचनाइस्लामोफोबिया
जुडो के लिए विकसित दर्शन और परवर्ती प्रशिक्षण अन्य आधुनिक जापानी मार्शल आर्ट के मॉडल बन गए जिनका विकास पारंपरिक स्कूलों (कोर्यु ) से हुआ था. जुडो के विश्वव्यापी प्रसार के फलस्वरूप साम्बो, बार्तित्सु, और ब्राजीलियाई जिउ-जित्सु जैसी कई उपशाखाओं का विकास हो गया है जिसका विकास मित्सुयो माएदा द्वारा 1914 में ब्राज़ील में जुडो के लाए जाने के बाद हुआ था. जुडो के अभ्यासकर्ताओं या पेशेवरों को जुडोका कहा जाता है.
संचिका प्रबंधक कार्यक्रम सुविधादायक कार्यक्रम होते हैं जिनके जरिए संचिकाओं व फ़ोल्डरों को हिलाया, बनाया, मिटाया या पुनर्नामित किया जा सकता है, पर ये वास्तव में आपको संचिका की सामग्री को पढ़ने या सामग्री जोड़ने नहीं देते हैं। हर संगणक प्रणाली अपनी मूल संचिका प्रणाली के लिए कम से कम एक संचिका प्रबंधक प्रदान करता है। विंडोज़ में सबसे अधिक प्रयुक्त संचिका प्रबंधक कार्यक्रम विंडोज़ एक्स्प्लोरर है, और मैक में यह फ़ाइंडर है। लिनक्स में नॉटिलस, कॉङ्क्वरर जैसे कई संचिका प्रबंधक हैं।
केदार घाट के पास केदारेश्‍वर मंदिर है। यह मंदिर 17वीं श्‍ाताब्‍दी में औरंगजेब के कहर से बच गया था। इसी के समीप गौरी कुण्‍ड है। इसी को आदि मणिकार्णिका या मूल मणिकार्णिका कहा जाता है।
चिरोटी • मसाला दोसा • रोटी • भरवां कोलोकेशिया साग • धारवाड़ पेड़ा • गोकाक • सारु • मज्जिगे हुली • केम्पन्ना • सज्जिगे • बजील • सांभर • येन्ने • पैडी करी • सोप्पू पाल्या • उस्ली • झोल्का • पंडी करी • कोली करी • बेम्ब्ला करी • तालिपट्टू • मैसूर पाक • ओबट्टू • कर्दंतु • शैविगे पायस • कूटु • रागी मन्नी • जोडा मुद्दे
बीसवी सदी के प्रारम्भ मे आधुनिक शिक्षा के प्रसार और विश्वपटल पर बदलती राजनीतिक परिस्थितियो के चलते भारत मे एक बौद्धिक आन्दोलन का सूत्रपात हुआ जिसने सामाजिक और राजनीतिक स्तरो पर अनेक परिवर्तनों एवम आन्दोलनो की नीव रखी। १८८५ मे काँग्रेस पार्टी की स्थापना ने स्वतन्त्रता आन्दोलन को एक औपचारिक स्वरूप दिया। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में एक लम्बे समय तक स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये विशाल अहिंसावादी संघर्ष चला, जिसका नेतृत्‍व महात्मा गांधी, जो कि आधिकारिक रुप से आधुनिक भारत के राष्ट्रपिता से संबोधित किये जाते हैं, ने किया। इसके साथ-साथ चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर आदि के नेतृत्‍व मे चले क्रांतिकारी संघर्ष के फलस्वरुप १५ अगस्त, १९४७ भारत ने अंग्रेजी शासन से पूर्णतः स्वतंत्रता प्राप्त की। तदुपरान्त २६ जनवरी, १९५० को भारत एक गणराज्य बना।
लाक्षागृह का वर्णन महाभारत में आता है। यह एक भवन था जिसे दुर्योधन ने पांडवों के विरुद्ध एक षड्यंत्र के तहत उनके ठहरने के लिए बनाया था। इसे लाख से निर्मित किया गया था ताकि पांडव जब इस घर में रहने आएं तो चुपके से इसमें आग लगा कर उन्हें मारा जा सके। यह वार्णावत (वर्तमान बरनावा) नामक स्थान में बनाया गया था। पर पांडवों को यह बात पता चल गई थी। वे सकुशल इस भवन से बच निकले थे।
6. सुदामाचरित
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नीचे इस प्रतियोगिता की विजेता महिलाओं की सूची दी गई है।
जैसे शरीर एवं आत्मा पृथक नहीं हैं तथा आत्म के उद्देश्य की पूर्ति के लिए शरीर कार्य करता है उसी प्रकार ब्रह्म या ईश्वर से पृथक चित् एवं अचित् तत्त्व का कोई अस्तित्व नहीं हैं वे ब्रह्म या ईश्वर का शरीर हैं तथा ब्रह्म या ईश्वर उनकी आत्मा सदृश्य हैं।
नानक देव । अंगद देव । अमर दास । राम दास । अर्जुन देव । हरगोबिन्द सिंह । हर राय । हर किशन सिंह । तेग बहादुर सिंह । गोबिंद सिंह
बांग्लादेश को छः उपक्षेत्रों में बांटा गया है जिनका नाम उन राज्यों की राजधानियों के नाम पर रखा गया है।
इन भूमि सुधार अधिनियमों के बनने पर भी जमींदारी प्रथा की बुराइयाँ विद्यमान रहीं, यद्यपि काफी हद तक जमींदारों को पंगु बना दिया गया था। इन जमींदारों को नेह डिग्री जी ‘ब्रिटिश सरकार की अतिलालित संतान (Spoilt child)’ कहा करते थे। वे भूतकालीन सामंतवादी प्रथा के प्रतीक थे जो कि आधुनिक परिस्थतियों के बिल्कुल प्रतिकूल हो गई थी। इसलिए इंडियन नेशनल कांग्रेस ने कई बार इस बात की घोषणा की कि जमींदारी उन्मूलन को कांग्रेस के कार्यक्रम में प्रमुख स्थान देना चाहिए। एक किसान कांफ्रेंस तारीख 27,28 अप्रैल सन् 1935 ई0 को सरदार पटेल के सभापतित्व में इलाहाबाद में हुई थी। उसने जमींदारी उन्मूलन को प्रस्ताव पास करके इस ओर एक प्रमुख कदम उठाया इस प्रस्ताव में यह घोषणा की गई थी कि ‘ग्रामकल्याण के दृष्टिकोण से वर्तमान जमींदारी प्रथा बिल्कुल विपरीत है। यह प्रथा ब्रिटिश शासन के आगमन में लाई गई और इससे ग्रामीण जीवन पूर्णतया तहस नहस हो गया है’। परंतु सन् 1939 ई0 में द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू हो जाने के कारण भूमि सुधार का सारा कार्यक्रम रूक गया।
भारत के दो आधिकारिक नाम हैं हिन्दी में भारत और अंग्रेज़ी में इण्डिया (India)। इण्डिया नाम की उत्पत्ति सिन्धु नदी के अंग्रेजी नाम "इण्डस" से हुई है। भारत नाम, एक प्राचीन हिन्दू सम्राट भरत जो कि मनु के वंशज ऋषभदेव के ज्येष्ठ पुत्र थे तथा जिनकी कथा भागवत पुराण में है, के नाम से लिया गया है। भारत (भा + रत) शब्द का मतलब है आन्तरिक प्रकाश या विदेक-रूपी प्रकाश मे लीन। एक तीसरा नाम हिन्दुस्तान भी है जिसका अर्थ हिन्द(हिन्दू) की भूमि होता है जो कि प्राचीन काल ऋषियों द्वारा दिया गया था। प्राचीन काल में यह कम प्रयुक्त होता था तथा कालान्तर में अधिक प्रचलित हुआ विशेषकर अरब/ईरान में। भारत में यह नाम मुगल काल से अधिक प्रचलित हुआ यद्यपि इसका समकालीन उपयोग कम और प्रायः उत्तरी भारत के लिए होता है। इसके अतिरिक्त भारतवर्ष को वैदिक काल से आर्यावर्त "जम्बूद्वीप" और "अजनाभदेश" के नाम से भी जाना जाता रहा है। बहुत पहले यह देश सोने की चिड़िया जाना जाता था।[२]
किन्तु हम सभी धर्म और आधुनिक विज्ञान के तकनीकों तथा उनके समस्त प्रमाणों और उपलब्धियों के आधार पर निर्विवाद रुप से अच्छी तरह से ये जानते हैं कि ना ही ऐसा कभी हमारे भूतकाल में सम्भव हो पाया है और ना ही भविष्य में ऐसा कुछ होने की कोई प्रबल सम्भावना दिखायी दे रही है। जबकि आधुनिक विज्ञान वर्तमान में भी मात्र यूनवर्स शब्द पर ही अपना सम्पूर्ण ध्यान केन्द्रीत करते हुए इसके गूढ़ रहस्यों को सुलझाने के लिए अनवरत प्रयत्नशील है। किन्तु अब तक किए गये सम्पूर्ण आधुनिक वैज्ञानिक खोजों का अगर सरल रुप से भी अवलोकन किया जाए तो स्वतः ही स्पष्ट होता है कि ये खोजें भी यूनवर्स शब्द के समान ही अनन्त और निराकार सिद्ध हो रही हैं, जिनकी ना तो कोई सीमा है और ना ही कोई आकार।
(ख) आधुनिक कोशकार के द्वार संगृहीत शब्दों और अर्थों के आधार का प्रामाण्य भई अपेक्षित होता है । प्राचीन कोशकार इसके लिये बाध्य नहीं था । वह स्वत: प्रमाण समझा जाता था । पूर्व तंत्रों या ग्रंथों का समाहार करते हुए यदाकदा इतना भी कह देना उसके लिये बहुधा पर्याप्त हो जाता था । पर आधुनिक कोशों में ऐसे शब्दों के संबंध में जिनका साहित्य व्यवहार में प्रयोग नहीं मिलता, यह बताना भी आवश्यक हो जाता है कि अमुक शब्द या अर्थ कोशीय मात्र हैं ।
फ़िनलैंड, (फ़िनिश: Suomen tasavalta सुओमेन तासावाल्ता या Suomi सुओमी) आधिकारिक तौर पर फ़िनलैंड गणराज्य उत्तरी यूरोप के फेनोस्केनेडियन क्षेत्र में स्थित एक नॉर्डिक देश है। इसकी सीमा पश्चिम में स्वीडन, पूर्व में रूस और उत्तर में नॉर्वे स्थित है, जबकि फिनलैंड खाड़ी के पार दक्षिण में एस्टोनिया स्थित है। देश की राजधानी हेलसिंकी है।
अपने राजनीतिज्ञ पुत्र की हवाई दुर्घटना में निधन के उपरांत इसने अपने पायलट पुत्र को देश रूपी का सारथी बना दिया जिन्हें राजनीति का नाममात्र का भी अनुभव नहीं था।
जानपद अथवा असैनिक अभियांत्रिकी (सिविल इंजीनियरिंग) के अंतर्गत अग्रलिखित विषय है : सड़कें, रेल, नौतरण मार्ग, सामुद्र अभियांत्रिकी, बाँध, अपक्षरणनिरोध, बाढ़ नियंत्रण, नौनिवेश, पत्तन, जलवाहिकी, जलविद्युत्शक्ति, जलविज्ञान, सिंचाई, भूमिसुधार, नदीनियंत्रण, नगरपालिका अभियांत्रिकी, स्थावर संपदा, मूल्यांकन, शिल्पाभियांत्रिकी (वास्तुकला), पूर्वनिर्मित भवन, ध्वनिविज्ञान, संवातन, नगर तथा ग्राम परियोजना, जलसंग्रहण और वितरण, जलोत्सारण, महापवहन, कूड़े-कचड़े का अपवहन, सांरचनिक अभियांत्रिकी, पुल, कंक्रीट, जाएत्विक संरचनाएँ, पूर्वप्रतिबलित कंक्रीट (प्रिस्ट्रेस्ड कंक्रीट), नींव, संजान (वेल्डिंग), भूसर्वेक्षण, सामुद्रपरीक्षण, फ़ोटोग्राफीय सर्वेक्षण (फ़ोटोग्राफ़िक सर्वेयिंग), परिवहन, भूविज्ञान, द्रवयांत्रिकी, प्रतिकृति, विश्लेषण, मृदायांत्रिकी (सॉयल इंजीनियरिंग), जलस्रावी स्तरों में चिकनी मिट्टी प्रविष्ट करना, शैलपूरित बाँध, मृत्तिका बाँध, पूरण (भरना, ग्राउटिंग) की रीतियाँ, जलाशयों में जल रिसाव (सीपेज) के अध्ययन के लिए विकिरणशील समस्थानिकों (आइसोटोप्स) का प्रयोग, अवसाद के घनत्व के लिए गामा किरणों का प्रयोग।
उनके उत्तराधिकारियों ने, मध्य एशियाई देश के कम यादों के साथ जिसके लिए उन्होंने इंतज़ार किया, उपमहाद्वीप की संस्कृति का एक कम जानिबदार दृश्य लिया, और काफी आत्मसत बने, उन्होंने कई उपमहाद्वीप के लक्षण और प्रथा को अवशोषित किया.भारत की इतिहास में अन्य की तुलना में मुग़ल काल ने भारतीय, ईरानी और मध्य एशिया के कलात्मक, बौद्धिक और साहित्यिक परंपरा का एक और अधिक उपयोगी का सम्मिश्रण देखा.मुग़लों को जीवन की अच्छी बातों का स्वाद था- खूबसूरती से कलात्मक डिजाइन और आनंद और सांस्कृतिक गतिविधियों की प्रशंसा के लिए.मुग़ल जितना देते थे उतना उधर लेते थे; भारतीय उपमहाद्वीप के दोनों हिन्दू और मुस्लिम परंपराएँ उनकी संस्कृति और अदालत शैली व्याख्या पर भारी प्रभाव थे.फिर भी, वे उपमहाद्वीप के समाजों और संस्कृति के लिए कई उल्लेखनीय बदलाव लाए, जिसमें शामिल हैं:
उसी समय यूनानी यात्री मेगास्थनीज़ भारत आया । उसने अशोक के राज्य तथा उसकी राजधानी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) का वर्णन किया है । इस दौरान कला का भी विकास हुआ ।
मां सस मोह सजै बन बीन, नवीन बजै सह मोस समा। 'मार लतानि बनावति सारि, रिसाति वनाबनि ताल रमा ॥
अनुसंधान भविष्य के वैकल्पिक ईंधन के रूपों में शामिल करती है विकास , फुएल सेल्स (fuel cells),होमो गेनिओउस चार्ज कोम्प्रेस्सिओं इग्निशन (HCCI) (Homogeneous Charge Compression Ignition (HCCI)),स्टर्लिंग इंजन (stirling engine) [४०],और यहाँ तक की स्तोरेड उर्जा कोम्प्रेस्सेद हवा की या तरल नाइट्रोजन (liquid nitrogen) भी इस्तेमाल किया .
उधर का सपना/ उधर ही छोड आए/ हमेशा के वास्ते/ मुंह मोड आए/
मायापुर इस्कॉन मे नरसिंह देव का मन्दिर हे। यह मन्दिर नदिया जिला , पश्चिम बंगाल में स्थित है।
ब्रह्माण्ड शब्द और इसके उपशब्दों पर हिन्दी भाषा (प्रस्तुत खोज में हिन्दी भाषा को भारत की समस्त भाषाओं के प्रतिनिधि के रुप प्रस्तुत में किया जा रहा है) के व्याकरण के दृष्तिकोंण से अगर थोड़ा सा भी ध्यान दिया जाए तो स्वतः ही स्पष्ट हो जात्ता है कि वास्तव में ये सभी अलंकृत उपशब्द, ब्रह्माण्ड शब्द को अलंकृत ना करके एक अन्य भाषा अंग्रेजी, के शब्द यूनवर्स को अलंकृत करते हैं। क्योंकि ब्रह्माण्ड शब्द का हिन्दी व्याकरण के आधार पर जो अर्थ स्पष्ट होकर आता है, उससे तो कदापि स्पष्ट नहीं होता कि ये अलंकृत उपशब्द वास्तव में ब्रह्माण्ड शब्द के ही उपशब्द हैं।
1 नवंबर 2006 से आधिकारिक रूप से इस शहर का नाम बदलकर बेंगळूरु कर दिया गया है ।
महराजा हाता, कतिरा, आरा (बिहार) 802301
ऑस्ट्रेलिया, सरकारी तौर पर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल दक्षिणी गोलार्द्ध के महाद्वीप के अर्न्तगत एक देश है जो दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप भी है और दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप भी,[६] जिसमे तस्मानिया और कई अन्य द्वीप हिंद और प्रशांत महासागर में है.N4 ऑस्ट्रेलिया एकमात्र ऐसी जगह है जिसे एक ही साथ महाद्वीप, एक राष्ट्र और एक द्वीप माना जाता है.पड़ोसी देश उत्तर में इंडोनेशिया, पूर्वी तिमोर और पापुआ न्यू गिनी, उत्तर पूर्व में सोलोमन द्वीप, वानुअतु और न्यू कैलेडोनिया और दक्षिणपूर्व में न्यूजीलैंड है.
(५) हिंदू समाज का पुनर्निमाण तथा सुधार (जिसके अंतर्गत अस्पृश्यता की भावना को दूर करना, पिछड़ी जातियों का उद्धार, उनका कल्याण आदि शामिल है)।
रायपुरबा- यह भी बिहार राज्य के चम्पारण जिले में स्थित है ।
रासायनिक अभियांत्रिकी में चीनी मिट्टी संबंधी अभियांत्रिकी, दहन, विद्युत्‌ रसायन, गैस अभियांत्रिकी, जाएत्वीय तथा पेट्रोलियम अभियांत्रिकी, उपकरण तथा स्वयंचल नियंत्रण, चूर्णन, मिश्रण तथा विलगन, प्रसृति (डिफ़्यूज़न) विद्या, रासायनिक यंत्रों का आकल्पन तथा निर्माण, विद्युत्‌ रसायन हैं।
बीएए के कई अभिप्राय हैं।
उत्तर में अल्पाईन वनस्पति पाई जाती है तो दक्षिण में शीतोष्ण। दक्षिण में सिन्धु नदी में मगरमच्छ पाए जाते हैं । सिन्धु नदी में अन्धी डॉल्फ़िन भी पाई जाती हैं।
उत्तर कोरिया, आधिकारिक रूप से कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य (हंगुल: 조선 민주주의 인민 공화국, हांजा:朝鲜民主主义人民共和国) पूर्वी एशिया में कोरिया प्रायद्वीप के उत्तर में बसा हुआ देश है। देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर प्योंगयांग है। कोरिया प्रायद्वीप के 38 वां समानांतर पर बनाया गया कोरियाई सैन्यविहीन क्षेत्र उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच विभाजन रेखा के रूप में कार्य करता है। अमनोक नदी और तुमेन नदी उत्तर कोरिया और चीन के बीच सीमा का निर्धारण करती है, वहीं धुर उत्तर-पूर्वी छोर पर तुमेन नदी की एक शाखा रूस के साथ सीमा बनती है।
विदेश सेवा प्रभाग ने नए प्रसारण गृह में नए व्‍यवस्‍था स्‍थापित होने से डिजिटल प्रसारण आरंभ किया है। अधिक से अधिक श्रोताओं को आकर्षित करने के लिए सभी आधुनिक उपकरण और उपस्‍कर उपयोग किए जा रहे हैं। आकाशवाणी द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय प्रसारण को स्‍थापित करने का कार्य अमेरिका, कनाडा, पश्चिम और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में किया जाता है ताकि इंटरनेट पर आकाशवाणी सेवाओं का लाभ उठाया जा सके, यहां डीटीएच के माध्‍यम से 24 घण्‍टे विदेश सेवा प्रभाग की उर्दू सेवाओं को प्राप्‍त किया जा सकता है। राष्‍ट्रीय चैनल
सर्वज्ञ हिन्दी चिट्ठाकारों का ब्लॉगिंग एवं कम्प्यूटिंग विकी है जिस पर हिन्दी सम्बंधी सभी प्रकार की तकनीकी जानकारी दी गई है। विकी पर हिन्दी टाइपिंग एवं ब्लॉगिंग सम्बंधी ढेरों उपयोगी लेख मौजूद हैं। सर्वज्ञ का संचालन पहले रमण कौल के हाथों में था, उसके बाद से यह जिम्मेदारी श्रीश बेंजवाल निभा रहे हैं।
हिन्दू संस्कारों का इतिहास
१८८१ में स्वामी दयानंद ने गोकरुणानिधि नामक पुस्तक प्रकाशित की जो कि गोरक्षा आंदोलन को स्थापित करने में प्रमुख भूमिका निभाने का श्रेय भी लेती है। इस पुस्तक में उन्होंने सभी समुदाय के लोगों को अपने प्रतिनिधि सहित गोकृष्यादि रक्षा समिति की सदस्यता लेने को कहा है जिसका उद्देश्य पशु व कृषि की रक्षा है। आधुनिक पर्यावरणवादियों के समान यहाँ विचार व्यक्ति किए गए हैं। इस पुस्तक में समीक्षा, नियम व उपनियम हैं, तथा प्रमुखतः पशुओं को न मार कर उनका पालन करने में होने वाले लाभ वर्णित किए गए हैं।
श्रद्धा कर्दम ऋषि एवं देवहूति की तृतीय कन्या थी। श्रद्धा का विवाह अंगिरा ऋषि के साथ हुआ था। अंगिरा और श्रद्धा से सिनीबाला, कुहु, राका एवं अनुमति नामक पुत्रियाँ तथा तथ्य और वृहस्पति नामक पुत्र हुये।
सांख्य · योग · न्याय · वैशेषिक · पूर्व मीमांसा · वेदांत (अद्वैत · विशिष्ट अद्वैत · द्वैत · अचिंत्य भेद अभेद)
'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें। राम, कृष्ण, नारायण आदि विष्णु के सहस्रनाम को कंठ का भूषण बनाएँ। भगवान विष्णु का स्मरण कर प्रार्थना करें कि- हे त्रिलोकीनाथ! मेरी लाज आपके हाथ है, अत: मुझे इस प्रण को पूरा करने की शक्ति प्रदान करना। एकादशी व्रत करने की इच्छा रखने वाले मनुष्य को दशमी के दिन से कुछ अनिवार्य नियमों का पालन करना पड़ेगा। इस दिन मांस, प्याज, मसूर की दाल आदि का निषेध वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
इन बहुश: प्रकाशित ग्रंथों के अतिरिक्त कामशास्त्र की अनेक अप्रकाशित रचनाएँ उपलब्ध हैं -
7 चौल,
नगर में अनुशासन बनाये रखने के लिए तथा अपराधों पर नियन्त्रण रखने हेतु पुलिस व्यवस्था थी जिसे रक्षित कहा जाता था ।
3 राजनैतिक दलॉ का पंजीकरण करता है
दुरौली गांव रामगढ़ के उत्तर-पूर्व से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बहुत ही खूबसूरत स्थान है। दुरौली गांव में दो प्राचीन मंदिर है।
स्वदेश दीपक (१९४२ -) एक लोकप्रिय भारतीय नाटककार, उपन्यासकार और लघु कहानी लेखक है । उन्होंने १५ से भी अधिक प्रकाशित पुस्तके लिखी हैं। स्वदेश दीपक हिंदी साहित्यिक परिदृश्य पर १९६० के दशक के मध्य से सक्रिय है। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की थी। छब्बीस साल उन्होंने अम्बाला के गांधी मेमोरियल कालेज मे अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया । उन्हें संगीत नाटक अकादमी सम्मान (२००४) से सम्मानिय किया गया। वे २ जून २००६ को, सुबह की सैर के लिए निकले और आज तक वापस नही आए।
1925 में गोपिनाथ साहा नामक एक क्रांतिकारी कोलकाता के पुलिस अधिक्षक चार्लस टेगार्ट को मारना चाहता था। उसने गलती से अर्नेस्ट डे नामक एक व्यापारी को मार डाला। इसके लिए उसे फॉंसी की सजा दी गयी। गोपिनाथ को फॉंसी होने के बाद सुभाषबाबू जोर से रोये। उन्होने गोपिनाथ का शव मॉंगकर उसका अंत्यसंस्कार किया। इससे अंग्रेज़ सरकार ने यह निष्कर्ष किया कि सुभाषबाबू ज्वलंत क्रांतिकारकों से न ही संबंध रखते हैं, बल्कि वे ही उन क्रांतिकारकों का स्फूर्तीस्थान हैं। इसी बहाने अंग्रेज़ सरकार ने सुभाषबाबू को गिरफतार किया और बिना कोई मुकदमा चलाए, उन्हें अनिश्चित कालखंड के लिए म्यानमार के मंडाले कारागृह में बंदी बनाया।
तृतीय समिति- जनगणना ।
जाफ़ना जिला श्रीलंका का जिला है।इस जिले का मुख्यालय जाफना है इस जिले का कुल क्षेत्रफल 1,025 वर्ग किलोमीटर है। इस जिले की जनसंख्या 595,000 (गणना वर्ष २००६ अनुसार) हैइस जिले के नाम का लघुरूप JAF है।
ये ऐसे न्यायिक उपकरण है जिनका लक्ष्य जनहित प्राप्त करना है इनका ल्क्ष्य तीव्र तथा सस्ता न्याय एक आम आदमी को दिलवाना तथा कार्यपालिका विधायिका को उनके संवैधानिक कार्य करवाने हेतु किया जाता है
किंगफिशर के पास एक लम्बी, चाकू-जैसी चोंच होती है. चोंच आम तौर पर लम्बी होती है और मछलियों का शिकार करने वाली प्रजातियों में कहीं अधिक संकुचित होती हैं, और जो प्रजातियाँ जमीन से शिकार करती हैं उनकी चोंच अपेक्षाकृत छोटी और अधिक चौड़ी होती हैं. सबसे बड़ी और सबसे असामान्य चोंच फावड़े जैसी चोंच वाली कूकाकुरा की होती है, जिसका उपयोग शिकार की खोज में जंगली जमीन में खोदने के लिए किया जाता है. आम तौर पर इनके पैर छोटे होते हैं, हालांकि जमीन पर पलने वाली प्रजातियों के पास लंबे टारसी होते हैं. अधिकांश प्रजातियों के पास चार पैर की उंगलियाँ होती हैं, जिनमें से तीन आगे की और नुकीली होती हैं.
निर्वाण स्थान

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